मनुष्य का दिमाग कैसे काम करता है - manushy ka dimaag kaise kaam karata hai

वैज्ञानिक आए दिन कोई न कोई रिसर्च करते रहते हैं. हाल ही में कुछ वैज्ञानिकों ने दिमाग और उसकी कोशिकाओं को लेकर एक नई खोज की है. इंसानी दिमाग में याददाश्त कैसे बनती है और जरूरत पड़ने पर दोबारा हम उस चीज को कैसे याद करते हैं, इस विधि का वैज्ञानिकों ने पता लगाने का दावा किया है. सीडर-सिनाई के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दो प्रकार की मस्तिष्क कोशिकाओं की खोज की है. यह कोशिकाएं निरंतर मानव अनुभव को अलग-अलग खंडों में विभाजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिन्हें बाद में याद किया जा सकता है. यह खोज डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग जैसे स्मृति विकारों (मेमोरी लॉस) के लिए नोवेल ट्रीटमेंट के विकास की दिशा में एक नया रास्ता प्रदान करती है.

कैसे बनती हैं असंख्य यादें
कभी सोच कर देखिए, बड़े होने तक हम असंख्य यादें बनाते हैं, फिर भी हम उनमें से कई यादों को बहुत स्पष्ट रूप से याद रखते हैं... लेकिन कैसे? हाल के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दो प्रकार की मस्तिष्क कोशिकाओं की खोज की है जो निरंतर मानव अनुभव को अलग-अलग खंडों में विभाजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इन्हीं की मदद से हम चीजों को याद रखते हैं. अध्ययन के वरिष्ठ लेखक रुतिशौसर ने कहा, "मेमोरी लॉस से पीड़ित किसी व्यक्ति की हम कोई सहायता की इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि हमें पता नहीं है कि मेमोरी सिस्टम काम कैसे करता है."

बीस मरीजों पर किया गया अध्ययन
मानव अनुभव निरंतर है, लेकिन लोगों के व्यवहार के अवलोकन के आधार पर मनोवैज्ञानिकों का मानना ​​​​था कि यादें मस्तिष्क द्वारा अलग-अलग घटनाओं में विभाजित होती हैं. बीस मरीजों के दिमाग का निरंतर अध्ययन करने के बाद धीरे धीरे इस बात का पता चला. जब ऐसे मरीजों को फिल्म दिखायी गयी तो उनके दिमाग के अंदर होने वाली गतिविधियों को सेंसर के जरिए दर्ज किया गया. इसी माध्यम से पता चला कि दिमाग के अंदर यादे कहां पर रखी होती हैं और वे किस तरीके से दोबारा बाहर आती हैं.

दो सीमाओं में बंटा इंसानी दिमाग
दरअसल इस काम को पूरा करने के लिए दिमाग के अंदर दो सीमाओं के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान होता है. इसे और समझ में आने लायक बनाते हुए शोध दल ने स्पष्ट किया है कि कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में संकलित आंकड़ों के दिखाने के पहले वे कंप्यूटर के रैम में आते हैं. उसके बाद ही कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाला उन आंकड़ों को देख अथवा उनका इस्तेमाल कर पाता है. ठीक उसी प्रकार इंसानी दिमाग के अंदर भी दो सीमाओं के आपसी संवाद से याददाश्त का भंडारण होता है और जरूरत पड़ने पर वे दोबारा याद आ जाते हैं.

क्या आप जानते हैं कि मानव मस्तिष्क में कितनी अद्भुत शक्तियां और असीमित क्षमताएं मौजूद हैं। शायद नहीं जानते होंगे खैर कोई बात नहीं। इस लेख में हमने human brain के powers और capabilities के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

मनुष्य का दिमाग कैसे काम करता है - manushy ka dimaag kaise kaam karata hai
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Table of Contents

  • Human Brain power in Hindi – मानव मस्तिष्क की शक्तियां
    • मनुष्य का दिमाग कितने जीबी का होता है?
      • इंसान के दिमाग में कितनी शक्ति होती है?
      • इंसान का दिमाग कैसे काम करता है?
        • मानव मस्तिष्क की क्षमताएं कितनी होती है?
          • इंसान का दिमाग कितने परसेंट काम करता है?
  • power of human brain in hindi- YouTube video

Human Brain power in Hindi – मानव मस्तिष्क की शक्तियां

हम इंसान शुरू शुरू में इस धरती पर आएं थे तो‌ हम बिल्कुल एक जानवर की जैसे थे। डरे हुए, सहमे हुए, कमजोर जानवर। हमारे पास ना खाने के लिए भोजन था, ना पहनने के लिए कपड़े थे और ना रहने के लिए घर। लेकिन आज देखिए वक्त कितना बदल चुका है। आज हम जानवर से एक खुबसूरत इंसान में बदल चुके हैं। हमारे पास पहनने के लिए इतने डिजाइन के कपड़े है। खाने के लिए इतनी बेहतरीन चीजें हैं और रहने के लिए ऐसे ऐसे घर है। जिसे देखकर देवताओं की भी आंखें चौंधिया रही होंगी। तो आखिर इतना बड़ा बदलाव हुआ कैसे। किसने किया यह सब। आइए आज जानने की कोशिश करते हैं।

हमारे शरीर के सबसे ऊपरी हिस्से में एक छोटा सा अंग है। लगभग सौ अरब न्यूरॉन्स से मिल कर बनी हुई यह अद्भुत चीज।कुदरत की सबसे शक्तिशाली और जटिल रचना है। यह अपने आप में यह एक ऐसी रहस्यमय दुनिया है। जिसे आज तक कोई भी इंसान पूरी तरह समझ नहीं सका है। जी हां हम बात कर रहे हैं ह्यूमन ब्रेन यानी मानव मस्तिष्क की। ये गगन को छुती हुई इमारतें, ये हवा में उड़ते हुए विमान और आपके हाथ में मौजूद यह चमत्कारी डिवाइस। यह सब इसी ब्रेन का कमाल है।

मनुष्य का दिमाग कितने जीबी का होता है?

। Human brain बिल्कुल आज के जमाने के कंप्यूटर के जैसे काम करता है लेकिन एक कंप्यूटर के मुकाबले हमारे दिमाग की मेमोरी पावर बहुत ज्यादा होती है। होती हैं। एक अमेरिकी मैगजीन में छपे एक लेख के अनुसार, मानव मस्तिष्क की मेमोरी क्षमता लगभग 2.5 पेटाबाइट के बराबर होती है। एक पेटाबाइट ” (PB) 1024 टेराबाइट्स या एक मिलियन गीगाबाइट के बराबर होता है। इसके अनुसार मानव मस्तिष्क में 2.5 मिलियन जीबी (GB) डिजिटल मेमोरी के बराबर स्टोर करने की क्षमता होती है। अर्थात हमारे दिमाग की मेमोरी क्षमता शशंअसीमित होती है। जो कभी भी फुल नहीं हो सकती।

इंसान के दिमाग में कितनी शक्ति होती है?

दोस्तों हमारा दिमाग इतना स्मार्ट और इंटेलिजेंट है कि दुनिया की कोई भी कंप्यूटर इसकी बराबरी नहीं कर सकती। आपने सुना होगा कि हमारे बॉडी में पांच सेंसेस यानी पांच इंद्रियां होती है लेकिन आपको बता दूं कि हमारे बाडी में इन पांचों सेंसेस के अलावा और भी कई सेंसेस होती है। जैसे सिक्स सेंस। कहा जाता है कि हमारे सिक्स सेंस के भीतर अनगिनत अद्भुत और अलौकिक शक्तियां विद्यमान हैं। यदि उन शक्तियों को जागृत कर लिया जाए तो कई चमत्कारी सिद्धियां हासिल की जा सकती है। जैसे- किसी के दिमाग को पढ़ लेना, किसी को सम्मोहित कर लेना या भूत या भविष्य में घटने वाली घटनाओं को स्पष्ट देख लेना। आपने चेतन और अवचेतन के बारे में तो सुना ही होगा। चेतन मन हमारे दैनिक जीवन के 10% सतही कायों को अंजाम देता है। परंतु हमारा अवचेतन मन हमारे शरीर के भीतर होने वाली 90% गतिविधियों को संचालित करता है। यह हमारे जीवन में होने वाली तमाम घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। यह एक ऐसा खजाना है जिसमें हमारे जीवन की सभी समस्योओं का हल छुपा हुआ है। हम जिस चीज की कल्पना करते हैं। यह उसे हकीकत में बदल देता है। इसकी मदद से हम दौलत, शोहरत, सम्मान, आत्मविश्वास, सुख, शांति सब कुछ हासिल कर सकते हैं। यह हमारे ब्रेन की एक ऐसी अनोखी शक्ति है। जिसकी मदद से हम हर असम्भव काम को सम्भव कर सकते हैं।

इंसान का दिमाग कैसे काम करता है?

हमारा ब्रेन इन सेसेंस के द्वारा नालेज और इन्फोर्मेशन कलेक्ट करता रहता है और अपने मेमोरी यानी मांइंड में सेव करता रहता है। फिर फ्यूचर में जब कभी भी हमें किसी इंफोर्मेशन की जरूरत पड़ती है तो यह सेकेंडों के भीतर खोल कर सामने रख देता है। एक रिसर्च से पता चला है कि हमारा दिमाग 432 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलता है। तो अब आप सोच सकते हैं कि हमारा दिमाग कितनी तेजी से रिएक्ट करता है। इसके अलावा हमारे दिमाग में आटोमेटिक रूप से सोचने-समझने और सीखने की क्षमता मौजूद होती है। एक स्वस्थ और विकसित दिमाग खुद से कोई भी निर्णय लेने के लिए पूरी तरह सक्षम है। बशर्ते इसकी मेमोरी यानी मन के अंदर सही नालेज और इन्फोर्मेशन डाली जाए। यदि आप अपने मन में गलत इंफोर्मेशन डालेंगे या गलत चीजें सिखाएंगे तो यह गलत निर्णय भी ले सकता है। यानी आप इसको जैसे यूज करेंगे। यह रिजल्ट भी वैसे ही देगा।

मानव मस्तिष्क की क्षमताएं कितनी होती है?

वैसे तो हमारा ब्रेन प्रकृति का ही एक अंग है परंतु यह प्रकृति की एकमात्र ऐसी रचना है। जिसमें प्रकृति को भी प्रभावित करने की क्षमता होती है। इसका मतलब समझे आप। इसका मतलब है कि हमारा ब्रेन इतना शक्तिशाली है कि यह ईश्वर द्वारा की गई किसी भी रचना को अपने हिसाब से विकसित कर सकता है और विध्वंस भी कर सकता है। आज इंसानी दिमाग ने टेक्नोलॉजी और सांइस के द्वारा ऐसी-ऐसी असाधारण रचनाएं कर डाली है। जो इस तथ्य को साबित भी करती हैं ये मोबाइल, टीवी, इंटरनेट, राकेट और मेडिकल साइंस सहित अब तक इंसान ने जितने भी छोटे बड़े अविष्कार किए हैं। वह सब हमारे इसी इंसानी दिमाग का कमाल है।

इंसान का दिमाग कितने परसेंट काम करता है?

वैज्ञानिक कहते हैं कि इंसान अभी तक अपने ब्रेन का केवल 20% हिस्सा ही यूज कर पाया है। 20% हिस्से का मतलब है कि जितनी हमारे ब्रेन की क्षमता है। इसके भीतर जितनी संभावनाएं हैं। उसका केवल 20% ही हम युज करते हैं। एक साधारण इंसान तो अपने ब्रेन का केवल 10% हिस्सा ही यूज कर पाता है। एक साधारण और असाधारण इंसान में बस इतना ही फर्क होता है कि साधारण इंसान केवल अपने और अपने परिवार की जरूरतों और इच्छाओं की पूर्ति के लिए सही अपने ब्रेन को यूज करता है। जिसके लिए 10% ही काफी है। और एक असाधारण इंसान किसी महान उद्देश्य के अपने ब्रेन को यूज करता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह अपने ब्रेन पावर को पुरे फोकस के साथ सही और निश्चित दिशा में यूज करता है। इसलिए वह नई नई चीजों की खोज कर पाता है या नई नई चीजों की रचना कर पाता है।

उदाहरण के तौर पर अभी इस दुनिया में जितने भी बड़े-बड़े कवि, लेखक, गीतकार, संगीतकार, चित्रकार, कलाकार और खिलाड़ी हैं। जिन्होंने अपने अपने फील्ड में सफलता और उपलब्धि के शिखर को छुआ है। हमारा मानना है कि ये लोग भी जरूर अपने ब्रेन को 20% तक यूज करते होंगे। इसके अलावा हमारे इतिहास में स्वामी विवेकानंद, रामानुजन, लियोनार्दो दा विंची, निकोला टेस्ला, न्यूटन, एडिसन और स्टीफेन हाकिंग जैसे हजारों महापुरुषों की गाथाएं लिखी हुई है। जिन्होंने अपने ब्रेन का 20% से लेकर 50% तक हिस्सा यूज किया था। तो अब यहां पर एक सवाल और भी उठता है कि क्या हम अपने ब्रेन को इससे ‍ full potential तक‌ यानी 100% तक use कर सकते हैं? और यदि कर सकते हैं तो हम अपने दिमाग का 100% उपयोग कैसे करें। हमने इन दोनों सवालों के जबाव ढुंढने के लिए अपने स्तर पर स्टडी और रिसर्च शुरू कर दिया है और संभवतः अगले पोस्ट में हम इन दोनों सवालों का जवाब जरूर देंगे। यदि आप इस विषय पर अपने विचार या प्रतिक्रिया व्यक्त करना चाहते है तो कृपया नीचे कमेंट जरुर करें। धन्यवाद 🙏

दिमाग कमजोर कैसे होता है?

-रोजाना के खानपान में विटामिन बी 1 और बी 2 की कमी दिमाग की सेहत पर असर डालती है। वैसे तो उम्र भी इसकी एक वजह हो सकती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि बढ़ती उम्र के साथ भूलने की बीमारी हो ही या याद्दाश्त कमजोर हो जाए। दिमाग की कोशिकाएं ही मेमोरी के लिए जिम्मेदार होती हैं। इसके उम्र के साथ कमजोर होने से यह स्थिति पैदा होती है।

दिमाग का भोजन क्या है?

इसके लिए डाइट में चुकंदर को जरूर शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे ब्रोकली, पत्ता गोभी का सेवन जरूर करें। इनमें विटामिन-के पाया जाता है, जिसे दिमाग हमेशा स्वस्थ और जवां रहता है।

मेरा दिमाग कैसे काम करता है?

दिमाग के कई हिस्से होते हैं और हर हिस्से का काम अलग अलग होता है. जैसे यादाश्त, चलने, बोलने, सोचने का काम अलग अलग हिस्से से होते हैं. ये दिमाग पहले सिग्नल लेता है और फिर उस हिस्से को भेजता है और फिर दिमाग उस पर रिएक्शन करने का आदेश देता है, फिर बॉडी पार्ट इस पर रिएक्ट करता है.

ऐसा कौन सा मंत्र है जिससे दिमाग तेज होता है?

रोजाना सुबह स्‍नान करने के बाद बुध के मंत्र ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का पाठ करें। यह मंत्र कम से कम 108 बार जपें तो आपको तेज दिमाग की प्राप्ति होगी। इस मंत्र को जपने से आपको बुध ग्रह की कृपा प्राप्‍त होगी और अपने तेज दिमाग की वजह से आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी।