वैश्वीकरण के परिणाम:रोजगार के बेहतर अवसर: वैश्वीकरण के कारण आर्थिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ी हैं। रोजगार के नये-नये अवसरों का सृजन हुआ है। कई नये आर्थिक केंद्रों का विकास तो वैश्वीकरण के बाद ही हुआ है, जैसे गुड़गांव, चंडीगढ़, पुणे, हैदराबाद, नोएडा, आदि। Show जीवनशैली में बदलाव: वैश्वीकरण ने लोगों की जीवनशैली को पूरी तरह बदल दिया है। 1990 के पहले अधिकतर लोग दो जोड़ी पैंट शर्ट में गुजर बसर कर लेते थे। ज्यादातर स्कूली छात्रों के पास स्कूल ड्रेस के अलावा गिने चुने ही ड्रेस होते थे। आज अधिकतर छात्रों के पास स्कूल के लिए अलग ड्रेस, खेलने के लिए अलग ड्रेस, बाजार जाने के लिए अलग ड्रेस और पार्टी के लिये अलग ड्रेस होते हैं। पहले लोग स्नैक्स के नाम पर तला हुआ पापड़ या घर में बनी आलू की चिप्स खाते थे। अब तो अलग-अलग फ्लेवर के चिप्स पैकेट में मिलते हैं। विकास के असमान लाभ: वैश्वीकरण ने आर्थिक असमानता को और भी तेजी से बढ़ाया है। एक ओर तो किसी बड़ी कम्पनी का मैनेजर लाखों रुपये का वेतन पाता है, वहीं दूसरी ओर दिहाड़ी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलती है। आज भी आबादी के एक बड़े हिस्से के लिये दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो जाता है। विकसित देशों द्वारा गलत तरीकों का इस्तेमाल: विकसित देश एक तरफ तो ट्रेड बैरियर कम करने की वकालत करते हैं वहीं अपने देश में ट्रेड बैरियर का इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका जैसे देश अपने किसानों को भारी अनुदान देते हैं। विकासशील देशों को इससे हानि ही होती है। सारांश:वैश्वीकरण सदियों से होता आया है और आगे भी होता रहेगा। यह एक यथार्थ है जिससे हम मुँह नहीं मोड़ सकते। वैश्वीकरण से नुकसान के साथ साथ फायदे भी हुए हैं। यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वैश्वीकरण से फायदे अधिक हुए हैं। अब दुनिया के बड़े देशों को ऐसी नीतियाँ बनानी होंगी ताकि वैश्वीकरण का लाभ आम आदमी तक पहुँचे। जब हर वर्ग का आदमी एक सही स्तर की जीवनशैली जीने लगेगा तभी वैश्वीकरण सही मायने में सफल कहलाएगा। दिवस 1: भारत में युवाओं पर वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द) उत्तर दृष्टिकोण
वैश्वीकरण एक सीमाहीन दुनिया की परिकल्पना करता है या दुनिया को एक वैश्विक गाँव के रूप में देखता है। वैश्वीकरण विभिन्न देशों के लोगों, कंपनियों और सरकारों के बीच वार्ता, एकता एवं परस्पर निर्भरता की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। इसमें राजनीतिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक अभिव्यक्ति शामिल है। वैश्वीकरण का समाज पर सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों परिणाम देखे जाते हैं। वैश्वीकरण का प्रभाव अत्यधिक व्यापक है। वैश्वीकरण का प्रभाव युवाओं में तीव्र परिवर्तन एवं अनिश्चितता लाने हेतु उत्तरदायी है। इस प्रकार वैश्वीकरण न केवल युवाओं के बीच आर्थिक अवसर प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक परिवर्तनों हेतु भी उत्तरदायी है। सकारात्मक प्रभाव
नकारात्मक प्रभाव
युवाओं पर वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिये उन्हें शिक्षा, कौशल विकास और रोज़गार, उद्यमिता, स्वास्थ्य तथा स्वस्थ जीवनशैली आदि में अपनी पूरी क्षमता हासिल करने हेतु सशक्त बनाया जाना चाहिये। राष्ट्रीय युवा नीति-2014 (एनवाईपी-2014) ने सामाजिक मूल्यों, सामुदायिक जुड़ाव, राजनीति और शासन में भागीदारी, युवा जुड़ाव, समावेश व सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उन्नति पर ज़ोर दिया। वैश्वीकरण का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?वैश्वीकरण का भारतीय उद्योग पर प्रभाव।
जिसके कारण कई विदेशी कंपनियों ने भारत में निवेश किया, वो अपने साथ नई तकनीक लाई जिससे भारतीय उद्योगों को भी लाभ हुआ। वैश्वीकरण के कारण विशेष रूप से फार्मास्युटिकल, सूचना प्रौद्योगिकी, रसायन, परिधान, चमड़ा, कृषि, विनिर्माण आदि जैसे क्षेत्रों को लाभ हुआ।
वैश्वीकरण क्या है अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?वैश्वीकरण ने विश्व बाजार में अर्थव्यवस्थाओं के बीच अन्योन्याश्रय और प्रतिस्पर्धा तेज कर दी है। यह वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार और पूंजी की आवाजाही के संबंध में अंतर निर्भरता में परिलक्षित होता है। परिणामस्वरूप घरेलू आर्थिक विकास पूरी तरह से घरेलू नीतियों और बाजार की स्थितियों से निर्धारित नहीं होते हैं।
वैश्वीकरण का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा स्पष्ट कीजिए?वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप भारतीय समाज ने पश्चिमी समाज तथा संस्कृतियों के कुछ बातों को आत्मसात् किया है, जैसे- महिलाओं की स्वतंत्रता हेतु पहल, रूढ़िवादी तत्त्वों का विरोध। शिक्षा की अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँच सुनिश्चित हुई है। शहरीकरण, जनजागरूकता, संसाधनों की पहुँच में वृद्धि हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्वीकरण का क्या महत्व है?यह प्रक्रिया आर्थिक, तकनीकी, सामाजिक और राजनीतिक ताकतों का एक संयोजन है। वैश्वीकरण का उपयोग अक्सर आर्थिक वैश्वीकरण के सन्दर्भ में किया जाता है, अर्थात व्यापार, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, पूँजी प्रवाह, प्रवास और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का अन्तरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में एकीकरण।
वैश्वीकरण क्या है इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?Answer: वैश्वीकरण एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें दुनिया के सभी देश एक-दूसरे से आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक रूप से जुड़े हुए हैं। इस प्रक्रिया में सभी संभव स्तरों पर वैश्विक संचार बढ़ता है तथा विश्व में एकरूपता और क्षेत्रीयता दोनों की प्रवृत्ति बढ़ती है।
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