सद्भावना दिवस क्या है- हर साल 20 अगस्त को राष्ट्रीय सद्भावना दिवस (Sadbhavana diwas 2022) मनाया जाता है। यह दिन राजीव गांधी के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। इस दिन देश भर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य अपने पूर्व नेता स्वर्गीयराजीव गांधी को श्रद्धांजलि देकर उनकी फोटो पर माल्यार्पण करके तथा दीप जलाकर उन्हें याद करते हैं। और दिल्ली में स्थित राजीव गांधी की समाधी स्थल वीरभूमि में जाकर राजीव गांधी का परिवार, मित्र, रिश्तेदार और कांग्रेस पार्टी के मुख्य लोग वहां इकट्ठे होकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। Show
क्यों मनाया जाता है- राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था और राजीव गांधी की मृत्यु के एक वर्ष बाद सन् 1992 में इसी दिन राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की गई थी। ज्ञात हो कि 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदुर में लिट्टे द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट में राजीव गांधी की हत्या की गई थी। अत: 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर प्रतिवर्ष इस दिन को उनकी याद में मनाया जाता है। कैसे मनाए यह दिन- इस दिन के आयोजन का उद्देश्य राजीव गांधी के द्वारा किए गए उनके अविस्मरणीय प्रयास, राष्ट्र प्रगति के कार्य तथा उनके द्वारा किए गए अन्य अभूतपूर्व योगदान को याद करना है। साथ ही राष्ट्र प्रगति के लिए उनके जुनून और योगदान को पूरा करने के लिए सद्भावना दिवस मनाया जाता है। भारत एक विकसित देश बनें और भारत विकास ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, ऐसा राजीव जी चाहते थे और उनका मानना भी था। राजीव गांधी एक युवा नेता थे। उन्होंने देश के विकास के लिए युवा शक्ति को सबसे ऊपर रखा था। राजीव गांधी के भाषण के दौरान जो वे देश के विकास के लिए उत्साही और प्रेरणादायक शब्द कहते थे, वे आज भी सुनने तथा उनकी जयंती पर उनके भाषण को याद किया जाता है। राजीव गांधी के कार्य, उनकी छवि, उनके उत्साही भाषण और प्रेरणादायक शब्द आज भी देश के युवाओं को प्रेरित करते हैं। राजीव गांधी द्वारा कही गई एक बात- 'भारत एक पुराना देश है, लेकिन यह एक नया राष्ट्र है। जैसे युवा अपने जीवन में नया कार्य करने के लिए बैचेन रहते है, वैसे ही भारत देश है, जो तेजी से जल्दी विकास चाहता है। मैं एक जवान हूं और मेरा भी एक सपना है। मैं चाहता हूं कि भारत देश आत्मनिर्भर बने, उसे किसी पर निर्भर न होना पड़े। वह एक शक्तिशाली, स्वतंत्र देश बनकर दुनिया के सामने आए। मानवता में भारत देश सबसे आगे रहे।' राजीव गांधी के इन बातों को आज हमें साबित करने की जरूरत है। खास तौर पर सद्भावना दिवस के मौके पर कांग्रेस पार्टी के सदस्य तथा देशवासी यह प्रतिज्ञा लेते है कि 'देश का हर एक नागरिक भारत के संविधान की रक्षा करते हुए, सभी धर्मों के बीच की बढ़ रही दूरियों को कम
करने के लिए प्रयासरत रहेगा और साथ ही जाति, क्षेत्र, धर्म, भाषा आदि को न देखते हुए, इंसानियत को सबसे ऊपर रख कर एक-दूसरे से समान प्यार करेगा।' आज के दिन देश की एकता-अखंडता को बरकरार रखने के उद्देश्य से सभी सरकारी कार्यालयों में सौहार्द्र बनाए रखने का संकल्प लिया जाता है तथा भारतीय संविधान के तहत देश में कानून का सम्मान रखते हुए सभी को सम्मानजनक जीवन यापन करने का अधिकार देने की प्रेरणा दी जाती है और इसका संकल्प लिया जाता है। इस दिन देश में सभी राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है तथा हरियाली, पर्यावरण और प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया जाता है। इस दिन पेड़-पौधे, वृक्षारोपण करके हरियाली, प्रकृति और पर्यावरण के प्रति आभार प्रकट करते हुए उसकी सुरक्षा करके सद्भावना दिवस मनाते हैं। राष्ट्रीय सद्भावना दिवस मनाने का मुख्य विचार हिंसा को समाप्त करके देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखना है। अत: बदलते दौर में इस बात को और अधिक प्राथमिकता और संकल्प के साथ मनाना चाहिए तथा उन संकल्पों को अमल में भी लाना चाहिए। Rajiv Gandhi
सद्भावना दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष '20 अगस्त' को मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' तथा 'राजीव गाँधी अक्षय ऊर्जा दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण दिवस भारत के दिवंगत भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की स्मृति में मनाया जाता है। राजीव गाँधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिये अच्छी भावना रखना था। भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिये यह दिवस हर साल '20 अगस्त' को काँग्रेस पार्टी द्वारा केक काटकर मनाया जाता है।[1] महत्त्वराजीव गाँधी की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 'सद्भावना दिवस' मनाया जाता है, जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनके द्वारा देश के लिये किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों के द्वारा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साफतौर पर देखा जा सकता है। उनकी वर्षगाँठ पर देश के विकास के लिये दिये गये उनके भाषणों के उत्साहयुक्त और प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते हैं। उनका कहा गया एक-एक शब्द बहुत प्रेरणादायी होता था, जो देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के लिये आज भी प्ररित करता है। सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा"मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करुँगा। और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त कर दूँगा।"[1] समारोह आयोजनसद्भावना दिवस के अवसर पर भारत के अलग-अलग राज्यों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। इस दिन को लोग पौधे लगाकर, हरियाली को संरक्षित करके, प्राकृतिक सुंदरता को बचाकर, पर्यावरण की सुरक्षा करके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करके मनाते हैं। महत्त्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दे के बारे लोगों को जागरुक करने के लिये इसको पूरी खुशी के साथ मनाया जाता है। फूलों और पुष्पमाला से राजीव गाँधी की प्रतिमा को सजाने के द्वारा भारत में पारिवारिक सदस्यों और करीबी सहभागी, मित्र, राजनीतिक नेता और काँग्रेस द्वारा सद्भावना दिवस को मनाया जाता है। राजीव गाँधी के 'वीरभूमि स्मारक' को लोगों द्वारा सम्मान दिया जाता है। वीरभूमि[2] पर पुष्पमाला के द्वारा राजीव गाँधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी जाती है। राष्ट्रीय प्रगति के उनके जुनून को पूरा करने के लिये ये दिन मनाया जाता है।[3][1] 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ताविभिन्न क्षेत्रों में प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को जानने के लिये 'राजीव गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' वितरित किया जाता है। यह पुरस्कार हर वर्ष राजीव गांधी के जन्मदिन पर 20 अगस्त को आयोजित एक समारोह में दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और तीन लाख रुपए की धनराशि दी जाती है।[4] 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ताओं के नाम निम्नलिखित हैं- 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय पुरस्कार' प्राप्त व्यक्ति
राजीव गाँधीराजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को मुंबई में हुआ था। उनकी जयंती को देश में 'सद्भावना दिवस' और 'अक्षय ऊर्जा दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। वर्ष 1991 के आम चुनाव के प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिट्टे आतंकियों ने बम विस्फोट से उनकी हत्या कर दी थी। राजीव गांधी इन्दिरा गाँधी के पुत्र, जवाहरलाल नेहरू के पौत्र और भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे। वर्ष 1984 में इन्दिरा गाँधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गाँधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही। 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में राजीव गाँधी की मौत हो गई। राजीव गाँधी का विवाह एन्टोनिया मैनो से हुआ, जो उस समय इटली की नागरिक थीं। विवाहोपरान्त उनकी पत्नी ने नाम बदलकर सोनिया गाँधी कर लिया। उनकी शादी 1968 में हुई, जिसके बाद वे भारत में रहने लगीं। राजीव गाँधी व सोनिया गाँधी की दो संतान हैं- राहुल गाँधी तथा प्रियंका गाँधी। राजीव गाँधी की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी और वे एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। आपातकाल के उपरान्त जब इन्दिरा गाँधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए थे, परंतु 1980 में अपने छोटे भाई संजय गाँधी की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा गाँधी को सहयोग देने के लिए 1982 में वे राजनीति में आ गए थे। वे अमेठी से लोक सभा का चुनाव जीतकर सांसद बने और 31 अक्टूबर, 1984 को सिक्ख आतंकवादियों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।[5] पन्ने की प्रगति अवस्था
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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सद्भावना दिन कब मनाया जाता है?Sadbhavana Diwas 2022, Rajiv Gandhi Anniversary 2022: हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस (Harmony Day) के रूप में मनाया जाता है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर सद्भावना दिवस (Sadbhavana Diwas 2022) मनाया जाता है. इस साल उनकी 78वीं जयंती है.
20 अगस्त को क्या मनाया जाता है?इसका सही उत्तर है 'सदभावना दिवस। ' 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री 'राजीव गांधी' की जयंती है। सदभावना दिवस 20 अगस्त को भारतीय विकास में उनके प्रयासों की सराहना करने के लिए मनाया जाता है।
सद्भावना दिवस का उद्देश्य क्या है?भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के जन्मदिवस की वर्षगांठ को प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को 'सद्भावना दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 'सद्भावना दिवस' का उद्देश्य सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के सभी लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता और साम्प्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देना है।
सद्भावना दिवस 2022 पूरे भारत में किसकी जयंती के अवसर पर 20 अगस्त 2022 को मनाया गया भारत के पूर्व प्रधान मंत्री पीएम?राजीव गांधी के जन्म दिन के अवसर पर 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। सद्भावना दिवस पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के द्वारा विशेष आयोजन होता है। देश भर में पार्टी सदस्य अपने पूर्व नेता राजीव गांधी को श्रद्धांजली देते है, उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते है.
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