संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है? - sanskrt divas kyon manaaya jaata hai?

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Published: August 21, 2021 04:54 AM

World Sanskrit Day 2021क्यों मनाया जाता है विश्व संस्कृत दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है? - sanskrt divas kyon manaaya jaata hai?

    नई दिल्ली : विश्व संस्कृत दिवस हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन 22 अगस्त को मनाया जाता है। इस साल भी यह पूर्णिमा के दिन 22 अगस्त यानी रविवार के दिन मनाया जाएगा। विश्व संस्कृत दिवस को विश्वसंस्कृतदिनम के नाम से भी जाना जाता है। तो चलिए आज विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें आपको बताते है….. 

    संस्कृत दिवस मनाने का उद्देश्य 

    संस्कृत दिवस मनाने का एक खास उद्देश्य है। पुरे विश्व में संस्कृत भाषा का संरक्षण करना और इसे बढ़ावा देना है। आपको बता दें कि संस्कृत भाष को उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित किया गया था।आपके जानकारी के लिए बता दें की संस्कृत एक बेहद व्यापक भाषा है। इसमें 102 अरब, 78 करोड़, 75 लाख शब्दों की सबसे बड़ी शब्दावली है। इस भाषा को संजोये रखने लके लिए और इसका विस्तार करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। 

     

    संस्कृत दिवस मनाने की वजह 

    जिस दिन को हम खास दिन या विशेष दिन के तोर पर मनाते है, इसके पीछे कई सारी वजहें भी होती है। आपको बताएं दें कि संस्कृत यह भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, इस भाषा का महत्व बनाये रखने के लिए और इसे बढ़ावा देने के लिए हर साल सावन माह की पूर्णिमा को यह दिन विश्व संस्कृत दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जैसा की हम सब जानते है, संस्कृत भाषा को देव वाणी मतलब भगवान की भाषा कहां जाता है। 

    संस्कृत दिवस का महत्व 

    जिस दिन को विश्व स्तर पर मनाया जाता है, उसका महत्व भी होता है। विश्व संस्कृत दिवस भारत के सबसे प्राचीन भाषा यानी संस्कृत के बारें में जागरूकता लाने के लिए और और इसे बढ़ावा देने के लिए साथ ही इसे पुनर्जीवत करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन पर खास तोर से संस्कृत भाषा को जानने और समझने के महत्व को बढ़ाता है। आपको बता दें कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है साथ ही भारत में बोली जाने वाली सबसे पुरानी भाषा है।  

    संस्कृत दिवस का इतिहास 

    आपको बता दें कि विश्व संस्कृत दिवस सब पहले 1969 में मनाया गया था। यह दिन भारत के सबसे प्राचीन भाषा यानि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए इसके महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह भाषा हमारे देश की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। हम सब जानते है म की हमारे हिन्दू संस्कृति में पूजा पाठ में भी संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाता है। ऐसा मन जाता है की संस्कृत भाषा की उत्पत्ति भारत में लगभग 3500 साल पहले हुई थी।  

    संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है? - sanskrt divas kyon manaaya jaata hai?

    12 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया गया। हर साल श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर इस दिवस का आयोजन किया जाता है। संस्कृत को दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक होने का गौरव प्राप्त है। इसे देवताओं की भाषा भी कहा जाता है। दुनिया की सबसे शुरुआती भाषाओं में से एक होने का गौरव प्राप्त करने वाली यह भाषा भारतीय इतिहास के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके बारे में लोगों को और अधिक जागरूक करने के मकसद से हर साल विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

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    विश्व संस्कृत दिवस का इतिहास

    ऐसा माना जाता है कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति भारत में करीब 3500 वर्ष पहले हुई थी। साल 1969 में पहली बार संस्कृत दिवस का आयोजन किया गया था। इस दिवस का उद्देश्य संस्कृत के पुनरुद्धार के बारे में जागरूकता फैलाना और उसे बढ़ावा देना है। इस दिवस पर भारतीय इतिहास और संस्कृति में संस्कृत के स्थान को स्वीकार किया जाता है। 

    विश्व संस्कृत दिवस का मकसद

    संस्कृत भाषा के पुनरुत्थान और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इस दिन संस्कृत भाषा पर ध्यान केंद्रित करते हुए के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने और उसकी सराहना करने के लिए और भाषा के महत्व के बारे में बात करने के लिए आमतौर पर पूरे दिन कई सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।

    विश्व संस्कृत दिवस का महत्व

    सावन माह की पूर्णिमा यानि श्रावणी पूर्णिमा के दिन पड़ने वाले राखी त्यौहार के साथ विश्व संस्कृत दिवस को भी पूरे देश में मनाया जाता है। आज भी हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों और प्रथाओं में संस्कृत भाषा का प्रमुख स्थान है। घरों में पूजा-पाठ और मंत्रोच्चारण संस्कृत भाषा में ही किया जाता है। 

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    संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है? - sanskrt divas kyon manaaya jaata hai?

    भारत में संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है?

    World Sanskrit Day 2022 'विश्व संस्कृत दिवस' को संस्कृत में 'विश्वसंस्कृतदिनम्' भी कहा जाता है। इस दिवस को विश्व में संस्कृत भाषा के पुनरूद्धार एवं उपयोग को प्रेरित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसे मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 1969 में हुई थी।

    संस्कृत दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है?

    World Sanskrit Day: आज 12 अगस्त, 2022 की तारीख काफी खास है। आज के दिन को विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हर साल श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर इस दिवस का आयोजन किया जाता हैसंस्कृत को दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक होने का गौरव प्राप्त है

    संस्कृत के अन्य दो नाम कौन कौन से हैं?

    यह प्रथम तीन वेदों से भिन्न तथा गृह्य और सामाजिक कार्यकलापों से संबंधित है। संस्कृत भाषा के दो रूप माने जाते हैं वैदिक या छांदस और लौकिक। चार वेद संहिताओं की भाषा ही वैदिक या छांदस कहलाती है। इसके बाद के ग्रंथों को लौकिक कहा गया है।

    संस्कृत दिवस कैसे मनाया जाता है?

    संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा पर इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन से प्राचीन काल के भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था। पौष माह की पूर्णिमा से श्रावण माह की चतुर्दशी तक अध्ययन बंद रहता था और फिर अगले दिन श्रावण पूर्णिमा से पौष पूर्णिमा तक अध्ययन चलता था।