गला दबाने से क्या होता है - gala dabaane se kya hota hai

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मेडिकल जांच कराने पर सामने आया फांसी से नहीं गला घोंटने से हुई थी महिला की मौत, आरोपी गिरफ्तार

गोराघाट थाना पुलिस ने करीब छह महीने पूर्व हुए महिला के अंधे कत्ल के मामले का पर्दाफाश कर दिया है। महिला की हत्या उसी के पति ने प|ी के हिस्से की आठ बीघा जमीन अपने नाम न कराने को लेकर की थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया।

जानकारी के अनुसार 25 दिसंबर 2017 को ग्राम गोरा निवासी नंदकिशोर (20) पुत्र रमेश रावत ने पुलिस को बताया था कि दोपहर 12.30 बजे वह अपने घर पर ही था। तभी भाभी भावना (22) प|ी हरकिशन रावत ने अपने मकान के पीछे वाले कमरे में लोहे की कुंदी से रस्सी का फंदा लगाकर फांसी लगा ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को निगरानी में लिया। मृतिका की शादी तीन साल पहले हुई थी और उसका डेढ़ साल का बच्चा भी है। घटना दिनांक को जब भावना की मौत खबर मायके पक्ष के लोगों को लगी तो ग्राम धमदौली जिला शिवपुरी से चाचा नरेंद्र व चाची जिला अस्पताल पहुंच गई। मायके पक्ष के लोगों ने तब खूब शोरगुल किया था। पुलिस ने अपनी ही निगरानी में दाह संस्कार कराया। मायके पक्ष के लोगों ने एक आवेदन भी पुलिस को दिया था। मायके पक्ष के चाचा नरेंद्र का कहना था कि जब मृतिका भावना दो साल की थी तभी बीमारी के चलते माता पिता की मौत हो गई थी। उसके दो चाचाओं ने उसे पाल पोषकर बड़ा किया और तीन साल पहले ही उसकी शादी की थी। मृतिका के नाम गांव में ही आठ बीघा जमीन है। उस जमीन को अपने नाम कराने के लिए पति हरकिशन रावत दबाव बनाता था। यही नहीं घटना दिनांक से पांच दिन पूर्व खुद चाचा ससुराल से भावना को लेने गया तो नंद, पति व देवर ने गाली गलौच कर भगा दिया था।

8 बीघा जमीन अपने नाम कराने के लिए प|ी पर दबाव बना रहा था युवक, जब नहीं मानी तो गला घोंटकर फांसी पर लटका दिया
फांसी लगाने पर जीभ निकल आती है बाहर, लेकिन इसमें ऐसा नहीं कुछ नहीं था
एसपी मयंक अवस्थी ने बताया कि मृतिका भावना का पीएम कराया गया तो उस पीएम में मृतिका द्वारा खुद फांसी लगाना सामने आया। लेकिन कुछ बिंदु ऐसे थे जो कि संदेह के घेरे में थे। थाना प्रभारी रिपुदमन ने बताया कि महिला के गले पर चोट के दो निशान थे। इसके अलावा रस्सी से रगड़ने के निशान बन गए थे। आमतौर पर कोई फांसी लगाता है तो जीभ बाहर निकल आती है और मलमूत्र भी बाहर आ जाता है। लेकिन इसमें ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया। संदेह बढ़ने पर पुलिस ने पीएम रिपोर्ट की जांच के आधार पर मेडिकल जांच के लिए भेजा। वहां से स्पष्ट हुआ कि मृतिका की मौत गला घोंटने से हुई। इसके बाद फांसी पर लटकाया गया। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने आरोपी पति हरकिशन पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया। शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी पति को खजूरी रोड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में हत्या करना कबूलाा। एसपी ने मामले का खुलासा करने पर गोराघाट टीम को पांच हजार रु का इनाम देने की घोषणा की है।

प|ी की हत्या का आरोपी हरकिशुन रावत।

गला घोंटना

गला दबाने से क्या होता है - gala dabaane se kya hota hai

गर्दन पर बल लगाना तब तक जब तक किसी भी व्यक्ति को बेहोशी या उसकी मृत्यु न हो जाए, इस क्रिया को गला दबाना कहते हैं। गर्दन दबने से मृत्यु होने की वजह दिमाग में बड़ी ह्य्पोक्सिक स्थिति के कारण होती है। गला घुटना सबसे ज्यादा घातक किसी हिंसा के कारण या दुर्घटना में भी हो जाती है। गला २ प्रकार से दबाया जा सकता है- हाथो से या फर किसी भी संयुक्ताक्षर की मदद से| गला घोटना एक कामुक श्वासावरोध क्रिया है जो की घातक हो सकती है, परिमित हो सकती है और बाधित भी हो सकती है। गला घोटने से मृत्यु श्वसन मार्ग में अवरोध की वजह से होती है। यह तकनीक बहुत सी मुक़ाबले के खेलो में और आत्मरक्षा के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह ३ प्रकार की होती है.

3 संबंधों: मृत्यु, मूर्च्छा, श्वासावरोध।

मृत्यु

मानव खोपड़ी मौत के लिए एक सार्वभौमिक प्रतीक है। किसी प्राणी के जीवन के अन्त को मृत्यु कहते हैं। मृत्यु सामान्यतः दुर्घटना, चोट, बीमारी, कुपोषण के परिणामस्वरूप होती है। आँख "अनन्त जीवन के लिए प्राचीन मिस्र के प्रतीक है।" वे और कई अन्य संस्कृतियों के बाद से एक पोर्टल के रूप में एक जीवन के बाद में जैविक मौत देखी है। .

नई!!: गला घोंटना और मृत्यु · और देखें »

मूर्च्छा

मूर्च्छा (syncope) या बेहोशी मानव शरीर की वह स्थिति है जिसमें उसकी चैतन्य शक्ति और मांसपेशियो की शक्ति समाप्त हो जाती है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर में किसी बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण बहुत ज्यादा रक्तस्राव होता है; किसी प्रकार के शॉक से अचानक हृदय पर दबाव पड़ता है, तापमान कम हो जाता है, शरीर को झटका लगता है या कोई अचानक गिर जाए तो भी बेहोशी की स्थिति होती है। बेहोशी कभी-कभी किसी बीमारी के कारण भी हो जाती है। बेहोशी के लक्षण में चेहरे एवम होंठो पर अस्वाभाविक पीलापन उत्पन्न हो जाता है। शरीर की त्वचा ठंडी एवम चिपचिपी हो जाती है। बेचैनी और थकावट महसूस होना बेहोशी से पहले आम बात है। सर का चकराना, दृष्टि भ्रम होना यह सब लक्षण बेहोशी के होते हैं। .

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श्वासावरोध

श्वासावरोध अथवा दम घुटना(Asphyxia) शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी है, जो कि असामान्य तरीके से सांस लेने के कारण होता है। श्वासावरोध सामान्यीकृत हाइपोक्सिया (generalised hypoxia), का कारण बनता है, जो मुख्य रूप से ऊतकों और अंगों को प्रभावित करता है। कई परिस्थितियाँ श्वासावरोध पैदा कर सकती हैं, जो कि एक व्यक्ति की समय की एक विस्तारित अवधि के लिए साँस लेने के माध्यम से पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए अक्षमता की विशेषता दर्शाती हैं। श्वासावरोध कोमा या मौत का कारण बन सकता है। .

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गला कैसे दबाया जाता है?

गर्दन पर बल लगाना तब तक जब तक किसी भी व्यक्ति को बेहोशी या उसकी मृत्यु न हो जाए, इस क्रिया को गला दबाना कहते हैं

गला में क्या होता है?

मनुष्यों व कुछ अन्य जीवों में गला गर्दन के आगे के हिस्से को कहते हैं। मनुष्यों के गले में कई अंग होते हैं, जैसे - स्वरग्रंथि, श्वासनली, ग्रासनाल और कंठच्छद।