कुंती Show Page 10 Page 11 Image from NCERT book प्रश्न / उत्तर प्रश्न-1 राजा शूरसेन कौन थे? उत्तर- यदुवंश के प्रसिद्ध राजा शूरसेन श्रीकृष्ण के पितामह थे। प्रश्न-2 राजा शूरसेन की कन्या का क्या नाम था? उत्तर- राजा शूरसेन की कन्या का नाम पृथा था। प्रश्न-3कुंतीभोज कौन थे? उत्तर - राजा शूरसेन के फुफेरे भाई का नाम कुंतीभोज था। प्रश्न-4 राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को क्या वचन दिया था? उत्तर - राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को वचन दिया था कि उनकी जो पहली संतान होगी, उसे कुंतीभोज को गोद दे देंगें। प्रश्न-5 कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम क्या पड़ गया? उत्तर - कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम कुंती पड़ गया। प्रश्न-6 कुंती ने बचपन में कौन से ऋषि की सेवा की? उत्तर - कुंती ने बचपन में ऋषि दुर्वासा की सेवा की। प्रश्न-7ऋषि दुर्वासा कुंती से क्यों प्रसन्न थे? उत्तर - ऋषि दुर्वासा कुंती से उनके सेवा-सुश्रूषा से प्रसन्न थे। प्रश्न-8 ऋषि दुर्वासा ने कुंती को कौन सा वरदान दिया? उत्तर - ऋषि दुर्वासा ने कुंती को वरदान दिया कि वह जिस भी देवता का ध्यान करेंगी, वह उनको अपने ही समान एक तेजस्वी पुत्र प्रदान करेंगें। प्रश्न-9कर्णकौनथे? उत्तर - कुंती ने सूर्य के संयोग से सूर्य के समान तेजस्वी और सुंदर बालक को जन्म दिया जो आगे चलकर कर्ण के नाम से विख्यात हुए। प्रश्न-10 कर्ण के शरीर पर जन्म से क्या था? उत्तर - जन्म से ही कर्ण के कानों में सोने के कुंडल और उनके छाती पर एक प्राकृतिक कवच था। प्रश्न-11अधिरथ कौन था? उत्तर - अधिरथ एक सारथी था। प्रश्न-12 अधिरथ को पेटी में क्या मिला? उत्तर - अधिरथ को पेटी में सोता हुआ सुंदर सा बच्चा मिला। प्रश्न-13पेटी में बालक को देख कर अधिरथ की क्या प्रतिक्रिया थी? उत्तर - अधिरथ निःसंतान था इसलिए बालक को पाकर बहुत प्रसन्न हुआ। प्रश्न-14कर्ण का पालन पोषण कहाँ हुआ? उत्तर - कर्ण का पालन पोषण अधिरथ नाम के एक सारथी के यहाँ हुआ। प्रश्न-15कुंती का विवाह किसके साथ हुआ? उत्तर - कुंती का विवाह हस्तिनापुर के राजा पांडु के साथ हुआ। प्रश्न-16राजा पांडु का दूसरा विवाह किसके साथ हुआ? उत्तर - राजा पांडु का दूसरा विवाह मद्रराज की कन्या माद्री के साथ हुआ। प्रश्न-17ऋषि दम्पति ने राजा पांडु को क्यों शाप दिया? उत्तर - राजा पाण्डु का बाण गलती से ऋषि दम्पति को लग गया था इसलिए उन्होंने पांडु को शाप दिया। प्रश्न-18पाण्डु ने पितामह भीष्म तथा विदुर को राज्य का भार क्यों सौंप दिया? उत्तर - पाण्डु ऋषि दम्पति के शाप से बहुत दुखी थे इसलिए अपनी भूल से खिन्न होकर नगर को लौट गए और पितामह भीष्म तथा विदुर को राज्य का भार सौंप कर अपनी पत्नियों के साथ वन में चले गए। प्रश्न-19पाँच पांडवों का जन्म कैसे हुआ? उत्तर - कुंती और माद्री ने देवताओं के अनुग्रह से पाँच पांडवों को जन्म दिया। प्रश्न-20 किसनेकिससे कहा? “कुंतीभोज - कन्ये तुम किसी भी देवता का ध्यान करोगी, तो वह अपने ही समान एक तेजस्वी पुत्र प्रदान करेगा।” ऋषि दुर्वासा ने कुंती से कहा। दुर्वासा से कुंती को क्या वरदान मिला?कुंती को महर्षि दुर्वासा ने एक वरदान दिया था जिसमें कुंती किसी भी देवता का आवाहन कर सकती थी और उन देवताओं से संतान प्राप्त कर सकती थी। पाण्डु एवं कुंती ने इस वरदान का प्रयोग किया एवं धर्मराज, वायु एवं इंद्र देवता का आवाहन किया।
दुर्वासा ऋषि कुंती से क्यों प्रसन्न हुए थे उन्होंने प्रसन्न होकर उसे क्या वरदान दिया?अंत में ऋषि प्रसन्न हुए। जाने से पहले, उन्होंने कुंती को अथर्ववेद मंत्र सिखाकर पुरस्कृत किया। यह एक महिला को उनके द्वारा बच्चे पैदा करने के लिए अपनी पसंद के किसी भी देवता का आह्वान करने में सक्षम बनाता है। यही कारण था कि कुंती को ऋषि ने वरदान दिया था।
दुर्वासा ऋषि ने कुंती को कौन सा मंत्र दिया था?दुर्वासा के मंत्र के चलते मेरा आना व्यर्थ नहीं जा सकता, मैं तुम्हे अत्यंत पराक्रमी, दानशील पुत्र देता हूं. यह बोलकर सूर्यदेव अंतर्ध्यान हो गए. कुछ ही दिन बाद अविवाहित कुंती गर्भवती हो गईं.
कुंती किसकी पुत्री थी ऋषि दुर्वासा ने कुंती को क्या वरदान दिया था?Answer: सुरसेन कुंती के पिता थे।
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