नई दिल्ली. 13 फरवरी को हर साल विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day 2022) मनाया जाता है। दुनिया भर में सूचना के आदान-प्रदान और लोगों को शिक्षित करने में रेडियो की खास भूमिका रही है। इसकी मदद से युवाओं को उन विषयों की चर्चा में शामिल करने के लिए किया गया जो उनको प्रभावित करते हैं। साथ ही प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान लोगों की कीमती जानों को बचाने में मदद की। रेडियो पत्रकारों के लिए उत्तम साधन था जिससे दुनियाभर की ख़बरों को लोगों से साझा करते थे। Show
रेडियो दुनिया भर में विविध दर्शकों से संवाद करने का एक अद्भुत माध्यम है। विश्व स्तर पर, रेडियो अभी भी सबसे अधिक खपत वाले माध्यमों में से एक है। यह लोकतंत्र को मजबूत करने और अन्यायपूर्ण प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाने में एक प्रमुख शक्ति के रूप में कार्य करता है। इस दिन की शुरुआत के पीछे मुख्य उद्देश्य विभिन्न समुदायों की सेवा के लिए रेडियो स्टेशनों को बढ़ावा देना और विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को बिना किसी डर के अपनी चिंताओं और दृष्टिकोणों को उठाने की अनुमति देना था। विश्व रेडियो दिवस 2022 थीमविश्व रेडियो दिवस 2022 का विषय “रेडियो और ट्रस्ट” के रूप में चुना गया है क्योंकि लोग अब इंटरनेट और सोशल मीडिया नेटवर्क में विश्वास नहीं रखते और इसमें गिरावट आई है। लोगों द्वारा रेडियो को सबसे भरोसेमंद समाचार स्रोतों में से एक के रूप में देखा जा रहा है। क्यों मनाया जाता है यह दिवस?13 फरवरी 1945 को संयुक्त राष्ट्र रेडियो से पहली बार प्रसारण हुआ था। रेडियो की इन अहमियतों को देखते हुए हर साल रेडियो दिवस मनाया जाता है। औपचारिक रूप से पहला विश्व रेडियो दिवस 2012 में मनाया गया। दरअसल आज संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ भी है। इसी दिन वर्ष 1946 में इसकी शुरुआत हुई थी। इसका इतिहासस्पेन रेडियो अकैडमी ने 2010 में पहली बार रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस घोषित किया गया। वहीं 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के तौर पर यूनेस्को की घोषणा को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 14 जनवरी, 2013 को मंजूरी दी। Last Updated on 13 February 2022, 12:30 PM IST: World Radio Day 2022: रेडियो के महत्व को बताने के उद्देश्य से विश्व भर में हर साल ‘विश्व रेडियो दिवस’ मनाया जाता है. इस वर्ष के लिए निर्धारित की गयी थीम ‘न्यू वर्ल्ड, न्यू रेडियो’ है. World Radio Day 2022: विश्व स्तर पर 13 फरवरी को ‘विश्व रेडियो दिवस’ मनाया जाता है. इस बार के लिए थीम (Theme) रखी गयी है ‘New World, New Radio.’ यानी नई दुनिया, नया रेडियो. इस दिन को मनाये जाने की शुरुआत (Beginning) वर्ष 2011 में की गयी थी. दरअसल रेडियो ही एक ऐसा जनसंचार (Mass Communication) का माध्यम है, जिसके ज़रिये असंख्य लोगों तक संदेशों को पहुंचाया जाता रहा है. खासकर गावं, कस्बों और ऐसी जगहों पर रहने वाले लोगों तक, जहां संचार का कोई और माध्यम पहुंचना आसान नहीं है.
विश्व रेडियो दिवस का इतिहास (History of World Radio Day)Table of Contents
फरवरी 13 को विश्व रेडियो दिवस मनाये जाने के लिए स्पेन रेडियो अकैडमी ने 2010 में पहली बार प्रस्ताव रखा था. इसके बाद वर्ष 2011 में यूनेस्को के सदस्य राज्यों द्वारा इसे घोषित किया गया और 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसे अपनाया गया था. इसके बाद यूनेस्को ने पहली बार 13 फरवरी 2012 को विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) के रूप में इस दिन को मनाया था. तब से विश्वभर में इसी दिन विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा. दरअसल 13 फ़रवरी को संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ भी है. इसी दिन वर्ष 1946 में इसकी शुरूआत हुई थी. ऐसे मनाया जाता है World Radio Dayहर साल यूनेस्को दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर रेडियो दिवस के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता है. साथ ही इस दिन संचार के माध्यम के तौर पर रेडियो की अहमियत के बारे में चर्चा की जाती है और जागरूकता फैलाई जाती है. इस बात की जानकारी भी दी जाती है कि रेडियो एक ऐसी सेवा है जिसके जरिए न केवल रेडियो फ्रीक्वेंसी से बात की जा सकती है. बल्कि आपदा के समय जब संचार के अन्य माध्यम ठप हो जाएं तो प्रभावितों की मदद भी की जा सकती है. विश्व रेडियो दिवस 2022 थीम (Theme for 20222 of World Radio Day)विश्व रेडियो दिवस 2022 का विषय “रेडियो और ट्रस्ट” के रूप में चुना गया है क्योंकि लोग अब इंटरनेट और सोशल मीडिया नेटवर्क में विश्वास नहीं रखते और इसमें गिरावट आई है। लोगों द्वारा रेडियो को सबसे भरोसेमंद समाचार स्रोतों में से एक के रूप में देखा जा रहा है। World Radio Day 2022 पर रेडियो के बारे में कुछ ख़ास बातें
रेडियो सुनने के लिए घर पर आते थे सैकड़ों लोगभारतीय सेना का हिस्सा रहे बोडाकी गांव के राजवीर फौजी ने बताया कि आजादी के बाद उनके दादा फूला प्रधान गांव के मुखिया चुने गए। जब वह दोबारा प्रधान चुने गए तो सरकार से उन्हें रेडियो मिला। रेडियो सुनने के लिए घर के बाहर सुबह से शाम तक सैकड़ो लोग बैठे रहते थे। ■ Also Read: विश्व कैंसर दिवस: सत भक्ति को अपनाएं और कैंसर को हमेशा के लिए अलविदा कहें क्या है इस दिन का महत्व (Importance of Radio Day)विश्व रेडियो दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व को बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाना है।यह निर्णयकर्ताओं को रेडियो के माध्यम से सूचनाओं की स्थापना और जानकारी प्रदान करने, नेटवर्किंग बढ़ाने और प्रसारकों के बीच एक प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। रोज पहुंचते हैं 300 से अधिक पत्रआकाशवाणी, रायपुर के वरिष्ठ उद्घोषक श्याम वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेडियो श्रोता की संख्या देश के अन्य राज्यों से कहीं ज्यादा है। यही कारण है कि रोज 300 से अधिक पत्र मिलते हैं। इसके अलावा आकाशवाणी को मोबाइल के संदेश प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में श्रोता सबसे ज्यादा फरमाइश वाले गाने सुनने के लिए पत्र लिखते हैं। साथ ही अपना सुझाव भी कार्यक्रम में देते हैं। वर्मा बताते हैं कि आज रेडियो में मोबाइल एप आ जाने की वजह से युवा रेडियो पर समाचार, गीत, विभिन्न क्षेत्र की जानकारी आदि सुनने के लिए काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। विश्व रेडियो दिवस 2022 का थीम क्या है?हालाँकि, बाद में इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2012 में एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में अपनाया गया था। विश्व रेडियो दिवस 2022 का विषय "रेडियो और विश्वास" है।
रेडियो दिवस की स्थापना कब हुई थी?साल 1946 में सयुक्त राष्ट्र ने 13 फरवरी के दिन संयुक्त राष्ट्र रेडियो की स्थापना की थी इसिलिए हर साल 13 फरवरी के दिन ही इसे मनाने का निर्णय भी लिया गया.
विश्व रेडियो दिवस पहली बार कब मनाया गया?विश्व रेडियो दिवस की शुरुआत साल 2011 में की गई थी। साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने के लिए पहली बार प्रस्ताव दिया था। साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की।
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