इंटरनेशनल लिटरेसी डे २०२२: विश्व स्तर पर हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (World Literacy Day) मनाया जाता है इसकी शुरुआत यूनेस्को द्वारा वर्ष 1966 में की गई थी जिसके बाद 8 सितंबर 1966 को इसे पहली बार मनाया गया। भारत और कई देशों में शिक्षा
हर नागरिक का मौलिक अधिकार है ऐसे में सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना इस दिन का खास उद्देश्य हो सकता है। भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘सर्व शिक्षा अभियान‘ इस दिशा में एक सराहनीय कदम है। ऐसा व्यक्ति जो किसी व्यक्तिगत भाषा को पढ़ने और लिखने में सक्षम होता है उसे
‘साक्षर’ माना जाता है। हालांकि भारत में अपना नाम लिख और पढ़ लेना ही साक्षरता की कैटेगरी में गिना जाने लगता है। 1965 में तेहरान (ईराक) में आयोजित निरक्षरता के उन्मूलन पर शिक्षा मंत्रियों के एक विश्व सम्मेलन में प्रतिवर्ष 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाने की सिफारिश की गई थी। जिसे सितम्बर 1966 में यूनेस्को के 73वें सत्र में एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने अपना लिया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा 26 अक्टूबर 1966 को इसके 14वें आम सम्मेलन में प्रतिवर्ष
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर मनाए जाने की घोषणा की गई। इससे पहले तेहरान की सिफारिश के अनुसरण में कई सदस्य राज्यों ने 08 सितंबर 1966 को पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2003-2012 की अवधि को साक्षरता दशक के रूप में घोषित किया गया है। विश्व साक्षरता दिवस मनाने का मुख्य
उद्देश्य लोगों को साक्षर होने की ओर प्रेरित करना और हर किसी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करना तथा साक्षरता का प्रसार कर दुनिया के सभी लोगों को साक्षर बनाना है। इसके आलावा लोगों को सम्मान और मानव अधिकार के रूप में साक्षरता के महत्व को समझाना और व्यस्क शिक्षा और साक्षरता दर को बढ़ावा देना भी इसका मकसद है। 21वीं सदी में लोग आज भी शिक्षा से वंचित है, UNESCO के अनुसार विश्व स्तर पर लगभग 77.1 करोड़ युवा व्यस्कों में आज भी साक्षरता कौशल की कमी है और 25 करोड़ बच्चे बुनियादी साक्षरता कौशल हासिल करने में विफल हो रहे हैं। साक्षरता संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों और सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र के 2030 एजेंडे में से एक है। Saksharta Divas Ki Shubhkamnayeअंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022 की थीम (International Literacy Day Theme)दुनिया भर में साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु हर साल UNESCO द्वारा एक नया विषय (Theme) घोषित किया जाता है, इस साल साक्षरता दिवस 2022 की थीम “ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेसेस” (Transforming Literacy Learning Spaces) है। तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021 की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” थी। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की पिछले 10 सालों की थीम
यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है वर्ल्ड लिटरेसी डे?विश्व साक्षरता दिवस पर दुनिया भर के स्कूल, कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों में साक्षरता के महत्व पर समर्पित यह दिवस विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन शिक्षा और साक्षरता को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं और गांव, शहरों में झुग्गी झोपड़ियों आदि में जाकर गरीब और निरक्षर लोगों और उनके बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस मौके पर यूनेस्को इंटरनेशनल लिटरेसी प्राइस सेरेमनी का आयोजन कर पुरस्कार वितरित करता है। साक्षरता का महत्व क्या है?साक्षरता लोगो को सशक्त और उन्हें समाज में पूरी तरह से भाग लेने में सक्षम बनाने के साथ ही उनकी आजीविका में सुधार करने में भी योगदान देती है। साक्षरता बेहतर जीवन जीने का एक महत्वपूर्ण जरिया हो सकता है। साक्षरता हर व्यक्ति का अधिकार है साक्षरता ना केवल एक आम व्यक्ति को सम्मान दिलाती है बल्कि उसे आत्मनिर्भर बनाने का काम भी करती है। इसके साथ ही आप अपने अधिकारों को जान पाते हैं और अन्याय, ठगी जैसी घटनाओं का शिकार होने से भी बचे रहते हैं। राष्ट्र और जग के उत्थान के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों का साक्षर होना बेहद आवश्यक है, निरक्षरता मानव के विकास के लिए ही नहीं बल्कि इस दुनिया और उसके राष्ट्र के लिए भी एक अभिशाप से कम नहीं है। यह भी पढ़े: शिक्षा और शिक्षक का महत्व भारत में साक्षरत दर कितनी है?2011 में भारत सरकार के अधिकारिक जनगणना के अनुसार भारत की कुल साक्षरता दर 74.04% है। भारत का केरल राज्य 93% साक्षरता दर के साथ पहले स्थान पर है। तो वहीं बिहार 61.80% के साथ सबसे कम साक्षरता दर वाला राज्य है। जानकारी के अनुसार फ़िनलैंड दुनिया का सबसे साक्षर देश है, तो वहीं नार्वे दुसरे, आइसलैंड तीसरे, डेनमार्क चौथे और स्वीडेन पांचवे स्थान पर हैं। 👇 इस जानकारी को शेयर करें 👇 साक्षरता दिवस 2022 की थीम क्या है?इस वर्ष साक्षरता दिवस 2022 की थीम "ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस (Transforming Literacy Learning Spaces)" है. ठीक इसी तरह, साल 2021 की थीम “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” विषय पर थी.
साक्षरता दिवस का मतलब क्या है?इसका अर्थ होता है शिक्षित होना. दुनियाभर की आबादी तक, हर देश, हर समाज, हर गांव, हर समुदाय तक लोगों को शिक्षित बनाना इस दिन को मनाने का उद्देश्य है. जितना ज्यादा लोग शिक्षा ग्रहण करेंगे, उतना ही बेहतर भविष्य उस परिवेश का होगा. यूनेस्को (UNESCO) ने पहली बार 7 नवंबर, 1965 को विश्व साक्षरता दिवस मनाने का फैसला किया।
साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। साक्षरता दिवस समाज में शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से दुनिया भर में मनाया जाता है। भारत में भी विश्व साक्षरता दिवस को महत्वपूर्ण दिन के तौर पर मनाते हैं। सर्व शिक्षा अभियान के जरिए साक्षरता की दिशा में भारत सराहनीय कार्य कर रहा है।
साक्षरता का महत्व क्या है?साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ना-लिखना या शिक्षित होना ही नहीं है बल्कि सफलता और जीने के लिए भी साक्षरता बेहद महत्वपूर्ण है। यह लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हुए सामाजिक विकास का आधार स्तंभ बन सकती है।
|