वाइट गोल्ड की पहचान क्या है? - vait gold kee pahachaan kya hai?

व्हाइट गोल्ड के बारे में कितना जानते हैं आप?

नई दिल्ली (जेएनएन)। त्यौहारी सीजन के दौरान सोने और चांदी की खरीदारी तेज हो जाती है। आम तौर पर शादी विवाह और निवेश के लिहाज से यलो गोल्ड की मांग ज्यादा रहती है, लेकिन क्या आप जानते हैं बाजार में व्हाइड गोल्ड भी बिकता है। सुनने में यह बात भले ही आपको अटपटी लगे लेकिन यह सच है कि व्हाइट गोल्ड को लेकर भी दुनियाभर के बाजारों में अच्छी खासी मांग रहती है और यह यलो गोल्ड से भी महंगा होता है। हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको व्हाइट गोल्ड के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

क्या होता है व्हाइट गोल्ड:
सोने को पीली धातु कहा जाता है। ऐसे में व्हाइट गोल्ड में पैलैडियम, प्लैटिनम, चांदी या निकेल के साथ रोहडियम कोटिंग की जाती है। इस तरह के व्हाइट मेटल को सोने में मिलाने से उसका रंग सफेद रंग हो जाता है। इसमें प्लैटिनम के मिलाने से इसमें ग्रे रंग आ जाता है। वहीं रोहडियम मिलाने से यह सफेद रंग का हो जाता है। इसमें प्लैटिनम मिले होने के कारण यह रोहडियम की तुलना में ज्यादा महंगा होता है। बाजार में अधिकांश व्हाइट गोल्ड में निकेल मिलाया जाता है। व्हाइट गोल्ड और प्लैटिनम देखने में एक जैसे लगते हैं।

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बाजार में कौन कौन सी चीजें व्हाइट गोल्ड में हैं उपलब्ध-
बाजार में व्हाइट गोल्ड की कई चीजें मिलती हैं। इनमें साधारण या फिर हीरे लगी चूड़ियां, अंगूठी, चेन, पैंडेंट, ब्रेसलेट आदि उपलब्ध है। व्हाइट गोल्ड और डायमंड की रीसेल वेल्यू यलो गोल्ड की तुलना में अधिक होती है। इसके विपरीत व्हाइट गोल्ड की चैन या अन्य आभूषण पहनने से पहली नजर में वेस्टर्न आभूषण का लुक नजर आता है।

क्या है व्हाइट गोल्ड के फायदे:

  • यह प्लैटिनम से ज्यादा किफायती होता है
  • मौजूदा समय में यह प्लैटिनम से ज्यादा लोकप्रिय है
  • इसमें पैलैडियम, चांदी या निकेल के साथ रोहडियम कोटिंग करने से यह पीले सोने से ज्यादा मजबूत और ड्यूरेबल (टिकाऊ) होता है। साथ ही इसपर स्क्रैच लगने की संभावना बेहद कम होती है।

क्या हैं व्हाइट गोल्ड के नुकसान-

  • समय के साथ-साथ इसका रंग और चमक फीकी पड़ जाती है। इसलिए इसकी रोहडियम प्लेटिंग को रिप्लेस किया जाता है। हालांकि इसकी प्रक्रिया बहुत ही सस्ती होती है। अधिकांश ज्वैलर्स यह फ्री में भी कर देते हैं।
  • इसे निकेल के साथ मिलाकर बनाया जाता है। इससे कई लोगों को स्किन एलर्जी भी हो सकती है।
  • नियमित रूप से इसकी क्लीनिंग और पॉलिशिंग जरूरी होती है।

Edited By: Surbhi Jain

प्राचीन काल से ही शुद्ध सोने (24K सोने) का खनन धरती से किया जाता रहा है. शुद्ध सोना चमकीले पीले रंग का होता है और यह बहुत नरम होता है। शुद्ध सोने के लचीलेपन के कारण, गहनों में शुद्ध सोने के साथ कुछ मजबूत और अधिक टिकाऊ मिश्र धातुओं का उपयोग किया जाता है. जिससे शुद्ध सोने के आसानी से आकार और मोड़ खो देने कि प्रवत्ति को रोका जाता है| 

सोने को शुरू से ही विनिमय का एक तरीका माना जाता रहा है| और लोग इसे सेविंग्स के रूप में भी use करते हैं|

सोना विभिन्न carat और रंग रूपों में आता है. सोने का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला रंग सफेद और पीला होता है। जैसा कि इन दो प्रकार के सोने का सवाल है, तो इसे हम निम्न तरह से समझ सकते हैं

पीला सोना या सोना - एक कीमती धातु है जो प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है। यह एक बहुत ही नरम धातु है और अपने शुद्धतम रूप में इसे आसानी से किसी भी आकार में ढाला जा सकता है| यही कारण है कि आभूषणों में इस्तेमाल होने वाले सोने को कठोर मिश्र धातु के साथ मिश्रित करने की आवश्यकता होती है। ये सोने को अधिक टिकाऊ बनाने में तथा इसके आकार को बनाए रखने में मदद करता है.
हम अक्सर पीले सोने को शुद्ध मानते हैं और यह होता भी है , पर इसका उपयोग जब rings बनाने में किया जाता है तो इसमें इस्तेमाल किये  जाने वाले शुद्ध  पीले सोने के साथ जस्ता और तांबे जैसी धातुओं का भी उपयोग किया जाता है| अतः रिंग्स बनने के बात यह एक शुद्ध सोना न होकर एक मिश्र धातु होती है जिसमे सोने कि शुद्धता को अलग से मापा जा सकता है.

अन्य सोने के रंगों की तरह, कैरेट की मात्रा जितनी अधिक होगी, वास्तविक सोने की मात्रा उतनी ही अधिक होगी, लेकिन गहने का टुकड़ा उतना ही कम टिकाऊ होगा। इसलिए, 18K या 14K सोने का उपयोग शादी और सगाई की अंगूठी के लिए किया जाता है। यह न केवल एक सुंदर सुनहरा रंग देता है बल्कि इसे डेली use  के लिए स्टेबल भी बनाता है.

भारत में पीले सोने की अंगूठी  का प्रचलन काफी पुराने टाइम से है. पीला सोना ऐतिहासिक रूप से शादी और सगाई की अंगूठी के लिए सबसे लोकप्रिय धातु है. यह आधुनिक और विंटेज-प्रेरित शैलियों के लिए एक सुंदर विकल्प है.

सफेद सोना प्रकृति में नहीं पाया जाता है, यह बस पीले सोने का एक मिश्र धातु है। सफेद सोना बनाने के लिए, शुद्ध सोने को पैलेडियम, तांबा, चांदी, मैंगनीज, जस्ता या निकल जैसी धातुओं के साथ मिलाया जाता है। तैयार उत्पाद को रोडियम के साथ लेपित किया जाता है, रोडियम सफेद सोने पर  चमक और चमक पैदा करने के लिए  जाना जाता है।
नकारात्मक पक्ष में, सफेद सोना जिसमें निकल होता है, संवेदनशील त्वचा वाले कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है। यदि आपके पास एक निकल एलर्जी है और आप सफेद सोना पहनना चाहते हैं, तो आपको निकल-मुक्त मिश्र धातु से बने गहने चुनने की आवश्यकता होगी।

सफेद सोना vs पीला सोना स्थायित्व
सफेद सोना और पीला सोना मिश्रित धातु होने के कारण ये अपने शुद्ध रूप की तुलना में अधिक कठोर और टिकाऊ होते हैं. क्योंकि सफ़ेद सोने में मिश्रा धातुओं का प्रयोग  ज्यादा होने के कारण यह पीले सोने की तुलना में थोड़ा सख्त और अधिक टिकाऊ होता है। पीले सोने को खरोंच का खतरा होता है और सफेद सोने के विपरीत आकार भी खो सकता है. सफेद सोने में Rhodium चढ़ाना कठिन होने के साथ ही धातु में मजबूती के अतिरिक्त लेप को जोड़ती है| अगर आप अपने पीले सोने से  खरोंच को हटाने के लिए पॉलिश करते हैं तो यह ध्यान देना आवश्यक है यह कुछ सोने को भी पोलिश कर दता है और आपके पीले सोने की वस्तु पतली हो सकती है.

वैसे तो सफ़ेद गोल्ड येलो गोल्ड की तुलना में ज्यादा कठोर होता है पर स्क्रैच लगने का खतरा इसमें भी होता है| समय के साथ रोडियाम प्लेटिंग बंद होने पर पीली-सफेद धातु दिखना शुरू हो जाती है. हालांकि, इसमें ख़राब होने वाला पार्ट रोडियम कोटिंग होती है तो आप अपने गहने को फिर से चमकाने के लिए रोडियम कोटिंग करा सकते हैं| हालाँकि, इस बात पर गौर करें कि यहाँ आपके सफेद सोने के गहनों को चमकदार बनाए रखने के लिए कुछ extra लागत लगती  रहेगी .

यदि आपकी एक सक्रिय जीवन शैली है, तो आपके लिए सफेद सोना पीले सोने बेहतर होगा. बेशक, यह केवल उन गहनों पर ही लागू होता है जो कि एक्सपोज्ड होते हैं, जैसे कि रिंग्स। झुमके या पेंडेंट जैसे गहनों में इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।
कुछ लोग सफ़ेद सोने को प्लेटिनम के विकल्प के रूप में भी देखते हैं क्योंकि, प्लेटिनम सफ़ेद सोने कि तुलना में काफी महँगा होता है. हालाँकि, durability और मेंटेनेंस में प्लेटिनम सफ़ेद सोने से बहुत आगे है. इसलिए आप इसे एक अच्छे इन्वेस्टमेंट के रूप  में भी देख सकते हैं.

सफेद सोना vs पीला सोना मूल्य 
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि पीले सोने का दाम सफ़ेद सोने कि तुलना में अलग होता है जबकि वास्तविक्ता यह नहीं है सफेद सोने और पीले सोने दोनों में सोने के कैरट का मूल्य समान  होता है. अगर अंतर होता है तो मिश्र धातु में सोने की मात्रा का होता है. 24K या 22K कि तुलना में 18K पीले या सफ़ेद सोने की कीमत हमेशा कम होगी.  rhodium प्लेटिंग होने के कारण दुकानदार आपसे पीले सोने की तुलना में सफ़ेद सोने का दाम ज्यादा ले सकता है.

व्हाइट गोल्ड बनाम येलो गोल्ड और स्किन टोन
बहुत से लोग गहने खरीदते समय अपने स्किन टोन को नजरअंदाज कर देते हैं. कुछ धातु आपकी त्वचा के  टोन से मैच करती हैं और वह काफी ब्राइट दिखती हैं जबकि कुछ इसे सुस्त दिखा सकती है. सफ़ेद सोने के गहने किसी भी स्किन टोन के साथ मैच कर जाते हैं. यदि आप यह सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं कि कौन सी धातु आपकी त्वचा के खिलाफ है, तो आपको इसकी जांच करनी चाहिए और उपयुक्त धातु का चुनाव करना चाहिए।

सफेद सोने को भी पीले सोने के समान हॉल मार्क के साथ पहचाना जाता है तथा इसकी शुद्धता भी कैरट में मापी जाती है|

पीला सोना  vs सफेद सोना और हीरे
अगर आप सोने में हीरा जड़वाने कि सोच रहें है और आपको समझ नहीं आ रहा है कि आपके लिए कौन सा सोना बेहतर होगा तो आपको बता दें कि दोनों ही स्थायित्व और कीमत के मामले में समान विनिर्देश (specification) प्रदान करते हैं. दोनों में जो मुख्य अंतर है वह है रंग का अतः आपको या तय करना है कि आपके हीरे के लिए कौन सा रंग बेहतर सूट करता है, और आपको अपने हीरे के रंग ग्रेड पर विचार करना चाहिए.

मुझे क्या चुनना चाहिए? सफ़ेद या फिर पीला सोना 
आप को जो लगता है आपके लिए वही सही होगा, कहने का मतलब, अगर आप को लगता है की आप पर पीला सोना अच्छा लगेगा तो पीला अगर सफ़ेद तो फिर सफ़ेद सोना ही आपकी प्राथिमिकता होनी चाहिए. वैसे तो इन दोनों में  ज्यादा अंतर नहीं है पर फिर भी स्थायित्व के मामले में सफ़ेद सोना पीले  सोने से ऊपर है. इनमे मुख्य और स्पष्ट अंतर दोनों के रंग का है. वैसे ये दोनों ही कभी भी भी फैशन से बाहर नहीं  होंगे क्यों कि दोनों ही क्लासिक और कालातीत रंग हैं.

सारांश

  • आभूषणों में सफ़ेद सोने कीतुलना में पीले सोने को ज्यादा पसंद किया जाता है 
  • पीले और सफेद सोने में अलग-अलग धातुओं के मिश्रण होते हैं
  • पीला सोना सफेद सोने की तुलना में अधिक सुन्दर और उत्कृष्ट दिखता है।
  • पीले सोने को सफेद सोने की तुलना में कम रखरखाव की आवश्यकता होती है।
  • हीरे के आभूषणों के लिए सफ़ेद सोना पीले सोने से बेहतर होता है 
  • पीले सोने और सफ़ेद सोने की कीमतों में अंतर होता है 

वाइट गोल्ड कैसे पहचाने?

14k व्हाइट गोल्ड के लिए, ये करीब 14 g/ml होगी। 18k पीले सोने की औसतन डेंसिटी 15.2 से 15.9 g/ml के बीच में होती है। 18K व्हाइट गोल्ड की डेंसिटी 14.7 से 16.9 g/ml होती है। गोल्ड के किसी भी 22K पीस की डेंसिटी करीब 17.7 से 17.8 g/ml होती है।

वाइट गोल्ड कौन सा होता है?

क्या होता है व्हाइट गोल्ड: सोने को पीली धातु कहा जाता है। ऐसे में व्हाइट गोल्ड में पैलैडियम, प्लैटिनम, चांदी या निकेल के साथ रोहडियम कोटिंग की जाती है। इस तरह के व्हाइट मेटल को सोने में मिलाने से उसका रंग सफेद रंग हो जाता है। इसमें प्लैटिनम के मिलाने से इसमें ग्रे रंग आ जाता है।

सफेद सोना कितना शुद्ध होता है?

यह 99.9 प्रतिशत शुद्ध माना जाता है और चमकीला पीला रंग लिए होता है। 24K से अधिक 25K या 26K का सोना नहीं होता

गोल्ड और प्लैटिनम में क्या फर्क है?

अंतर यही है कि सोना की तुलना में प्लेटिनम 30 गुना कम तक पाया जाता है. कम पाए जाने की वजह से इसकी मांग बहुत ज्यादा है. अभी मार्केट में इसकी कीमत 1.090.14 डॉलर प्रति ट्रॉय आउंस पर चल रहा है. दनिया में सबसे ज्यादा प्लेटिनम साउथ अफ्रीका और रूस से सप्लाई होता है.