Show Owl Vastu Tips (Photo Credit: social media) नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र (vastu shastra) में इंसानों से लेकर पशुओं तक सबका जिक्र किया गया है. शास्त्र में उल्लू (Owl) का भी खास महत्व है. वैसे तो उल्लू का नाम लेना ही अशुभ माना जाता है. यूं तो उल्लू (owl signs) को माता लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, फिर भी वास्तु मान्यताओं में कभी किसी जगह पर इसे शुभ माना जाता है तो कही उल्लू की मौजूदगी आपके लिए अशुभ संकेत साबित हो सकते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू आपके जीवन में क्या प्रभाव डालता है? तो, चलिए आपको वास्तु शास्त्र के अनुसार उल्लू को लेकर हमारे जीवन में पड़ने वाले प्रभाव (owl signs as per vastu shastra) के बारे में बताते हैं. यह भी पढ़े : Lucky Gemstones: ये 3 रत्न हैं बेहद चमत्कारी, पहनते ही बरसता है पैसा और निकल पड़ती है तरक्की की गाड़ी उल्लू को लेकर शुभ मान्यताएं उल्लू को लेकर ये माना जाता है कि किसी असाध्य रोग से ग्रसित इंसान अगर उल्लू से स्पर्श हो जाता है, तो वो उस गंभीर बीमारी से ठीक हो जाता है. अगर उल्लू सुबह के समय पूर्व दिशा की ओर दिखाई दे या उसकी आवाज सुनाई दे तो ये धन प्राप्ति के संकेत हो सकते हैं. उल्लू यूं तो आसानी से नजर नहीं आता है. मगर उल्लू से कभी आपकी नजरें मिल जाएं तो समझ लीजिए की बेहिसाब धन की प्राप्ति (owl entering house is good or bad) होने वाली है. यह भी पढ़े : Money Plant Negative Effects: घर में बरक्कत के लिए मनीप्लांट लगाने जा रहे हैं तो हो जाएं सतर्क, ये 5 गलतियां कहीं बढ़ा न दें जेप का बोझ उल्लू को लेकर अशुभ मानयताएं अगर उल्लू किसी की छत पर बैठकर आवाज देने लगे तो ये बेहद ही अशुभ संकेत माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि किसी की छत पर उल्लू के बैठने से उस घर के किसी सदस्य की मौत की ओर इशारा होता है. उल्लू को अपनी दाहिनी तरफ देखना या बोलना हमेशा अशुभ माना जाता है. इसलिए, जब भी उल्लू की आवाज सुनाई दे तो इसे अशुभ संकेतों में (is seeing an owl a sign of good luck) माना जाता है. संबंधित लेखFirst Published : 16 May 2022, 02:42:32 PM For all the Latest Religion News, Dharm News, Download News Nation Android and iOS Mobile Apps.कई बार बहुत अधिक मेहनत के बाद भी घर में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, कहा जाता है कि, इसके पीछे कई बार वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु दोष होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, घर में वास्तु दोष होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं, बहुत सी चीजे ऐसी होती है, जिन्हें घर में रखने से भी घर में वास्तुदोष उत्पन्न होता है। युद्ध और लड़ाई वाली सीनरी * कैक्टस और अन्य कांटेदार पौधे * घर में नटराज की स्टेच्यू या मूर्ति * डूबती हुई नाव या जहाज की तस्वीर * कबाड़ कर देता है जीवन का कबाड़ा * पानी का झरना या झरने की तस्वीर * फटे पुराने
वस्त्र * खुली अलमारी *
देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र इसके अलावा देवी-देवताओं के चित्रों से घर को नहीं सजाना चाहिए। उनके चित्र या मूर्ति की संख्या और स्थान निश्चित होते हैं। कुछ लोग ढेर सारी मूर्तियां इकट्ठी कर लेते हैं। एक ही देवी या देवता की 3-3 मूर्तियां और चित्र होते हैं, जो कि वास्तुदोष निर्मित करते हैं। इसके अलावा पूजा में चढ़े हुए और मुरझाए हुए फूल घर में नहीं रखें इनसे अशुभ फल मिलता है। अगर बुरी नजर या ताकत से बचने के लिए नींबू-मिर्च लग रखें है, तो हर रविवार को उन्हें हटा दें और नए लगा दें। * टूटी फूटी कुर्सी और टेबल * टूटी-फूटी वस्तुएं * मकड़ी का जाला कुछ लोग उनको हटाने से डरते हैं, क्योंकि इससे किसी के घर को तोड़ने का आभास होता है, लेकिन मकड़ी जाला रहने के लिए नहीं शिकारी को फंसाने के लिए बनाती है। अत: माना जाता है कि, यह जाला होना तो अनुचित ही है। * घर की छत * पर्स या तिजोरी पर्स में चाबियां या किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तुएं न रखें। पर्स में भगवान के चित्र रख सकते हैं। इसी तरह तिजोरी में रुपयों के अलावा आप सोना, चांदी या जेवरात ही रख सकते हैं। चैक बुक, पास बुक, पैसे के लेन-देन संबंधी कागजात, पूंजी निवेश संबंधी कागजात भी रख सकते हैं। पूजा की सुपारी, श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र आदि भी रख सकते हैं। * प्लास्टिक का सामान * प्लास्टिक की अधिकता से घर में नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण तो होता ही है, यह स्वास्थ के लिए भी हानिकारक है। लगातार प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना या प्लास्टिक की प्लेट में भोजन करने से हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जिस तरह पितल या तांबे के ग्लास से पानी पीने से उसके तत्व हमारे शरीर में जाते हैं, उसी तरह प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से उसमें मौजूद विशाक्त तत्व हमारे शरीर में पहुंचते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि, प्लास्टिक कैंसर का भी कारण बन सकता है। * प्लास्टिक मूल रूप से विषैला या हानिप्रद नहीं होता। परन्तु प्लास्टिक के थैले या अन्य वस्तुओं को रंग और रंजक, धातुओं और अन्य तमाम प्रकार के अकार्बनिक रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है। * हानिकारक वस्तुएं ऐसे कई वस्तुएं हैं, जो हमारे आसपास रहती है, जैसे यहां वहां घर में बिखरी ढेर सारी दवाइयां, एसिड की बोतल, टाइलेट क्लिनर शोप, फिनॉयल, जहरीले रसायन, कीटनाशक, मच्छर मारने की दवा, एंटीबॉयोटिक दवा, अधिक बल्ब,
एयर फ्रेशनर, अग्निशामक, नॉन स्टिक पॉट आदि। * पत्थर, नग या नगिना * बहुत बड़ी और भयानक मुर्तिया * चील, कौए, उल्लू, शेर – चीता और गिद्ध की तस्वीर अंत में कुछ खास वास्तु टिप्स…. * घर की खिड़की या दरवाजे से नकारात्मक वस्तुएं दिखाई देती हैं, जैसे सूखा पेड़, फैक्टरी की चिमनी से निकलता हुआ धुआं आदि। ऐसे दृश्यों से बचने के लिए खिड़कियों पर पर्दा डाल दें। * घर के मुख्य द्वार के सामने या पास में बिजली का खंभा या ट्रांसफॉर्मर लगा है तो, इससे नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होगा। इससे घर के सदस्यों को अपने कार्यों में हर जगह रुकावट और असफलता का सामना करना पड़ेगा। घर के आसपास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। घर के आस-पास कोई गंदा नाला, गंदा तालाब, श्मशान घाट या कब्रिस्तान नहीं होना चाहिए। इससे भी वातावरण में बहुत अधिक फर्क पड़ता है। * घर के प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए और प्रवेश द्वार सदैव साफ रखना चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती है। यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं जिससे कि बाहर का कचरा अंदर न आ सके। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है। * पुराने भवन के भीतर कमरों की दीवारों पर सीलन पैदा होने से बनी भद्दी आकृतियां भी नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं। घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ न हो। यदि कहीं से थोड़ा-सा भी प्लास्टर उखड़ जाए, तो तुरंत उसे दुरुस्त करवाएं। घर को कलर करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेंट एक-सा हो। शेड एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन शेड्स का तालमेल ठीक होना चाहिए। * घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में अंधेरा न रखें तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्ब न लगाएं। घर में तुलसी का पौधा रहता है, तो कई प्रकार के वास्तु दोष दूर रहते हैं। तुलसी के पौधे के पास रोज शाम को दीपक भी लगाना चाहिए ! ये भी पढ़ें- आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली है उत्तराखंड का जोशीमठ
उल्लू की मूर्ति रखने से क्या होता है?अगर आप घर में उल्लू की तस्वीर या सिम्बल को रखना चाहते है तो उसे किसी भी कमरे में रख सकते है। जिस जगह आप उल्लू की तस्वीर को रखेंगे उस जगह आपको पॉजिटिव एनर्जी फील होगी। घर में उल्लू की तस्वीर या सिम्बल लगाने से घर में बुरी नजर का संकट नहीं रहता है और घर में खुशहाली आती है तथा रिश्ते मजबूत बनते है।
क्या उल्लू को घर में रख सकते हैं?उल्लू के पंख आम तौर पर जंगलों में गिरे हुए प्राप्त होते हैं। आम तौर पर धारणा है कि उल्लू का घर में पालना नहीं चाहिए। उल्लू रात्रि में दिखाई देने वाला पक्षी है और इसका प्रमुख भोजन चूहा होता है। मान्यता यह है कि उल्लू को किसी भी संकट का पूर्वानुमान हो जाता है, इसलिए इसे 'अपशकुन' का प्रतीक भी माना गया है।
उल्लू को घर में रखने से क्या लाभ होता है?शकुन शास्त्र के अनुसार, उल्लू का दिखना कई जगह शुभ माना जाता है तो कई जगह अशुभ माना जाता है। जैसे, अगर आप किसी यात्रा पर जा रहे हैं और रास्ते में उल्लू दिख जाए तो यह धन प्राप्ति का संकेत होता है। वहीं अगर उल्लू घर आ जाए तो यह हानिकारक माना जाता है, इससे घर की उन्नति रुक जाती है।
उल्लू की कीमत क्या है?- आमतौर पर 300 से 500 रुपए में मिलने वाले उल्लू का दाम दीपावली के वक्त 20 गुना बढ़ जाता है। दीपावली के समय उल्लू की कीमत दो से छह हजार रुपए की हो जाती है। - उल्लू के वजन, आकार, रंग, पंख के फैलाव के आधार पर उसका दाम तय किया जाता है। लाल चोंच और शरीर पर सितारा धब्बे वाले उल्लू का रेट 15 हजार रुपए से अधिक होता है।
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