झारखंड में सबसे ज्यादा कौन सा खनिज पाया जाता है? - jhaarakhand mein sabase jyaada kaun sa khanij paaya jaata hai?

रांची,जासं। प्रचुर खनिज संपदाओं और विस्तृत वन्य प्रदेश से भरपूर झारखंड पूरे देश का सबसे अमीर राज्यों में से एक है। इस क्षेत्र में कोयला, लौह अयस्क, अभ्रक, बॉक्साइट और चूना पत्थर और तांबा, क्रोमेट, एस्बेस्टस, क्यानाइट, चाइना क्ले, मैंगनीज, डोलोमाइट, यूरेनियम आदि के असीम भंडार हैं। विकास के अवसरों को बढ़ाने और इसके प्रक्रिया को सरल बनाने में परेशानियों को कम करने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते एसोचैम के झारखंड इकाई के द्वारा झारखंड पर नॉलेज मैनेजमेंट वर्चुअल मीट: द न्यूक्लियस ऑफ माइनिंग हब एलाइड इंडस्ट्रीज पर प्रभाव का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में एसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक भरत जायसवाल ने सत्र का परिचय कराया। विषय की गूढ़ता पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। इस मौके पर ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक नवनाथ लक्ष्मण खलाटे ने कहा कि झारखंड एक ऐसा राज्य है जो दुनिया के सबसे अमीर खनिज क्षेत्रों में से एक है, जहां 40 प्रतिशत खनिज और 29 प्रतिशत कोयले का भंडार है। झारखंड ने खनन के क्षेत्र में तेजी से छलांग लगाई है। इसके फलस्वरूप लाखों लोगों के लिए रोजगार का सृजन हो रहा है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था में भी इसका बड़ा योगदान रहा है। राष्ट्रीय खनिज भंडार का उपयोग सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। भारत सरकार को प्राकृतिक संसाधनों के सही दोहन हेतु कारगर कदम उठाने चाहिए।

झारखंड में सबसे ज्यादा कौन सा खनिज पाया जाता है? - jhaarakhand mein sabase jyaada kaun sa khanij paaya jaata hai?

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एचईसी के पूर्व सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि खनन भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। आज खनन के लिए प्रौद्योगिकी को सम्पन्न बनाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि दो से तीन फीसद खदानें भूमिगत हैं, जिनमें से अधिकांश बंद हैं, उन्हें अपग्रेड करके तकनीक के सहारे फिर से पुनः हम आरंभ कर सकते हैं। वहीं एचईसी लिमिटेड के निदेशक डॉ राणा सुभाष चक्रवर्ती ने राष्ट्र के प्रति एचईसी के योगदान की ओर इशारा करते हुए कहा कि खनन भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्र और विकास का आधार है और फिर भी हमें इस दिशा में और अधिक अन्वेषण करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि खनन के मामले में झारखंड की नीतियां ठीक नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोयला ही 2045-2050 तक देश मे बिजली की जरूरत को पूरा करेगा।

झारखण्ड की धरती सही अर्थों में भूगर्भा और रत्नगर्भा है। इस धरा ने अपने अन्दर न जाने कौन-कौनसे बहुमूल्य खनिज सम्पदाओं के विपुल भण्डार को संजोये रखा है। इस नवनिर्मित प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार ही यहां से प्राप्त खनिज सम्पदा एवं उस पर आधारित उद्योग धन्धे हैं। लोहरदगा, धनबाद, झरिया, सिन्दरी, कुमारधबी, रामगढ़, टाटी सिल्वै, नोआ मण्डी आदि अनेक शहर खनिज सम्पदाओं के ढ़ेर पर बने एवं विकसित हैं। भारत के खनिज सम्पदा के कुल उत्पादन का ४०% हिस्सा झारखण्ड से ही प्राप्त किया जाता है। यह प्रदेश देश का ५८% अबरख, ३०% कायनाइट, ३३% ताम्बा, ३३% कोयला, ३२% बा�क्साइट तथा २३% के आसपास लोहा उत्पादित करता है।

इन खनिज सम्पदाओं के अलावा इस धरती के गर्भ में क्रोमियम, मैंगनीज, चीनी मिट्टी, फायर क्ले, चूना पत्थर, बेराइट, डोलेमाइट, ऐसबेस्टस, यूरेनियम, गंधक, सोना और टंगस्टन भी पाए जाते हैं।

झारखण्ड के खनिज सम्पदा और उनके उत्पादन क्षेत्र का विवरण नीचे टेबल में दिया गया है :

क्रम सं.

खनिज सम्पदा का नाम

उत्पादन क्षेत्र

१.

ताम्बा

घाटशिला, राखा

२.

अबरख

कोडरमा, झुमरी तिलैया

३.

कायनाइट

लिप्साबुरु, रावखरसावाँ

४.

बॉक्साइट

लोहरदगा, राँची

५.

यूरेनियम

जादुगोड़ा

६.

कोयला

झरिया, चन्द्रपुरा

७.

ग्रेफाइट

डालटेनगंज

८.

लौह अयस्क

सिंहभूम, डालटेनगंज

९.

मैंगनीज

गुआ, नोवामुंडी

१०.

सोना

दक्षिण छोटानागपुर

११.

चांदी

हजारीबाग, पलामू

१२.

एसबेस्टस

राँची, सिंहभूम

१३.

चीनी मिट्टी

राँची, संथाल परगना

१४.

रॉक फास्फेट

राँची, धनबाद

१५.

चूना पत्थर

दामोदर घाटी, संथाल परगना

१६.

डोलोमाइट

चाईबासा, पलामू

१७.

बेनेडियम

सिंहभूम

१८.

टंगस्टन

हजारीबाग, सिंहभूम

१९.

शीशा

बारागुंडा, टांडा

२०.

टीन

संथाल परगना, हजारीबाग

२१.

फेल्सपार

सिंहभूम

२२.

क्रोमियम

सरायकेला, जोनूटानु

खनिज सम्पदा का झारखण्ड में भण्डारण

क्रम सं.

खनिज का नाम

भारत में स्थान

प्रमुख क्षेत्र जहां खनिज सम्पदा उपलब्ध है

१.

ताम्बा

प्रथम

घाटशिला, राखा

२.

अभ्रख

प्रथम

कोडरमा, झुमरी तिलैया

३.

कायनाइट

प्रथम

लिप्साबुरु, राजखरसावाँ

४.

बॉक्साइट

प्रथम

लोहरदगा, राँची

५.

यूरेनियम

प्रथम

जादुगोड़ा

६.

कोयला

प्रथम

झरिया, चन्द्रपुरा

७.

ग्रेफाइट

द्वितीय

डालटेनगंज

८.

लौह अयस्क

तृतीय

सिंहभूम, डालटेनगंज

९.

मैंगनीज

सातवां

गुआ, नोवामुंडी

अन्य खनिज एवं उनके क्षेत्र

क्रम सं.

खनिज सम्पदा का नाम

झारखण्ड में उत्पादन क्षेत्र

१.

सोना

दक्षिण छोटानागपुर

२.

चांदी

हजारीबाग, पलामू

३.

एसबेस्ट्

रांची, सिंहभूम

४.

चीनी मिट्टी

रांची, संथान परगना

५.

रॉक फास्फेट

रांची, धनबाद

६.

चूना पत्थर

दामोदर घाटी, संथाल परगना

७.

डोलोमाइट

चाईबासा, पलामू

८.

बेनेडियम

सिंहभूम

९.

टंगस्टन

हजारीबाग, सिंहभूम

१०.

शीशा

बारागुंडा, टांडा

११.

टीन

संथाल परगना, हजारीबाग

१२.

फेल्सपार

सिंहभूम

१३.

क्रोमियम

सरायकेला, जोनूटानु

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झारखंड में सबसे अधिक कौन सा खनिज पाया जाता है?

कोयला : झारखंड कोयले के उत्पादन एवं भंडारण दोनों ही क्षेत्र में देख का अग्रणी राज्य है । देश के कोयले के उत्पादन का लगभग 33 प्रतिशत भाग झारखंड से निकला जाता है ।

झारखंड राज्य का सबसे बड़ा खनन क्षेत्र कौन सा है?

➤पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित नोवामुंडी की खान एशिया की सबसे बड़ी लोहे की खान है। इन खानों से उच्च कोटि का हेमेटाइट वर्ग का लौह अयस्क उत्पादित किया जाता है। ➤हेमेटाइट वर्ग के लौह अयस्क में लोहे के अंश 60% से 68 %तक होता है। ➤झारखण्ड में उपलब्ध लौह अयस्कों में 99% भाग हेमेटाइट वर्ग का लौह अयस्कों का है।

झारखंड में कौन कौन से खनिज पाया जाता है?

खनिज संपदाओं से भरपूर झारखंड पूरे देश का सबसे अमीर राज्यों में से एक है। इस क्षेत्र में कोयला लौह अयस्क अभ्रक बॉक्साइट और चूना पत्थर और तांबा क्रोमेट एस्बेस्टस क्यानाइट चाइना क्ले मैंगनीज डोलोमाइट यूरेनियम आदि के असीम भंडार हैं।

झारखंड में कौन कौन से खनिज संपदा है ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है?

झारखण्ड का मुख्य खनिज भंडार इस प्रकार है :-.
कोयला :- 76712 मिलियन टन.
हेमेटाइट (लौह अयस्क) :- 4036 मिलियन टन.
मैग्नेटइट (लौह अयस्क) :- 1026 मिलियन टन.
ताम्र अयस्क :- 226 मिलियन टन.
चूना पत्थर :- 746 मिलियन टन.
बाॅक्साइड :- 118 मिलियन टन.
कायनाइट :- 5.7 मिलियन टन.
चाइनाक्ले :- 190.14 मिलियन टन.