अशुद्ध जल को शुद्ध करने की घरेलू विधियाँ Show अनेक प्रकार के घुलित एवं अघुलित कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थों तथा अनेक प्रकार के कीटाणुओं की उपस्थिति के कारण जल अशुद्ध अथवा दूषित हो जाता है। इस प्रकार के जल का सेवन स्वास्थ्य को कुप्रभावित करता है तथा अनेक रोगों की उत्पत्ति का कारण बन सकता है। अतः इन अशुद्धियों को दूर कर शुद्ध जल प्राप्त करना अत्यन्त आवश्यक है। इस प्रकार जनसाधारण के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जल के शुद्धिकरण की घरेलू विधियों का ज्ञान और भी महत्त्वपूर्ण है। घरेलू विधियों द्वारा जल को शुद्ध करने के विभिन्न उपायों को निम्नलिखित तीन वर्गों में रखा जा सकता है (क) भौतिक विधियाँ, (क) भौतिक विधियाँ: (1) जल को उबालकर शुद्ध करना: अतः अधिक-से-अधिक पीने वाले तथा खाना
पकाने के लिए पानी, को ही इस विधि द्वारा शुद्ध किया जा सकता है। (ख) यान्त्रिक विधियाँ: (1) चार घड़ों की विधि: (2) आधुनिक
निस्यन्दक अथवा फिल्टर द्वारा जल का शुद्धीकरण: (ग) रासायनिक विधियाँ: (1) अवक्षेपक द्वारा: (2) कीटाणुनाशक पदार्थों द्वारा:
(i) पोटैशियम परमैंगनेट: (ii) तूतिया अथवा कॉपर सल्फेट: (iii) आयोडीन: (iv) ब्लीचिंग पाउडर: (v) क्लोरीन: अशुद्ध जल को शुद्ध करने की कौन सी विधियां हैं?उत्तर: अशुद्ध जल को शुद्ध करने की तीन भौतिक विधियाँ हैं-उबालना, आसवन तथा अल्ट्रा-वॉयलेट किरणों का प्रभाव।।
जल को शुद्ध करने की सबसे अच्छी विधि कौन सी है?पानी को शुद्ध करने के दो सबसे अच्छे तरीके क्लोरीनीकरण तथा पानी को उबालना है।
जल को शुद्ध करने की रासायनिक विधि क्या है?क्लोरीनेशन (Chlorination). बलोरीनेशन के जरिये भी पानी साफ किया जाता है । विभिन्न नगरों एवं सरकारी उपक्रमों में जलापूर्ति के दौरान यह प्रक्रिया अपनाई जाती है ।. इससे पानी शुद्ध होने के साथ उसके रंग और सुगंध में भी परिवर्तन आ जाता है । यह पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है ।. अशुद्ध पानी का इलाज कैसे किया जाता है?(1) उबालना - पानी को उबालकर शुद्ध करने की विधि बहुत पुरानी है, लेकिन यह सबसे किफायती और सुरक्षित विधि है, जिससे पानी में मौजूद कीटाणु पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। (2) आसवन - आसवन यानी डिस्टीलेशन की प्रक्रिया के दौरान उबलते हुए पानी की भाप को एकत्रित किया जाता है।
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