धारा 107 16 का मतलब क्या होता है? - dhaara 107 16 ka matalab kya hota hai?

कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए बनाई गई धारा 107/16 पुलिस वालों के लिए मुफिद साबित होती होगी। जबकि आम लोगों के लिए यह मुसीबत भरी है। चुनाव में पुलिस लक्ष्य पूरा करने के लिए धड़ल्ले से इसका गलत इस्तेमाल कर रही। आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक सैकड़ों लोगों को पुलिस ने शांति भंग की आशंका की इस धारा में पाबंद किया है। ऐसे में लोग जमानत के लिए उपजिलाधिकारी न्यायालय का चक्कर लगा रहे हैं।

खैराबाद अतरारी मुहल्ला निवासी नगर पंचायत वलीदपुर के कुछ ऐसे प्रतिष्ठित साड़ी व्यवसायियों को पाबंद किया गया है। पाबंद साड़ी कारोबारी ने बताया कि उन्हे अपने व्यवसाय से फुर्सत ही नहीं मिलती कि वो दुनियादारी में समय गवांए या फिर किसी से लड़ाई-झगड़ा करें। नाम न छापने की शर्त पर कुछ बुनकरों ने बताया कि उन्होंने जीवन में कभी किसी से कोई विवाद तक नहीं किया, लेकिन उनको चालान इस धारा में कर दिया गया है। अब पुलिस कर्मचारी पाबंद किए गए लोगों के घर पर जमानत कराने की नोटिस पहुंचा रही है। तो लोगों को पता चला रहा है कि वो बवाली है, राह चलते वो बवाल करते है।

सीओ राजकुमार का कहना है कि धारा 107 / 16 चुनाव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए संभावित लोगों पर लगाई जाती है । जो लोग निरुद्घ किए गए है, उनके द्वारा चुनाव में अशांति फैलाने का अंदेशा रहा होगा। इस धारा में निरुद्घ करने के लिए कोई मानक नही तय होता। वैसे यदि कोई गलत निरुद्घ किया गया है तो शिकायत मिलने पर उसकी जांच कर निरुद्घ करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

धारा 107 16 में क्या होता है?

सीओ राजकुमार का कहना है कि धारा 107 / 16 चुनाव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए संभावित लोगों पर लगाई जाती है । जो लोग निरुद्घ किए गए है, उनके द्वारा चुनाव में अशांति फैलाने का अंदेशा रहा होगा। इस धारा में निरुद्घ करने के लिए कोई मानक नही तय होता

धारा 107 116 में क्या सजा है?

गुंडे-बदमाशों के अतिक्रमण तोड़ने के बाद अब पुलिस और प्रशासन इन पर सख्ती के लिए दिवाली बाद नई कार्रवाई शुरू करेगा। इसके तहत इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 107 और 116 के तहत प्रकरण बनाए जाएंगे और इन्हें एसडीएम कोर्ट में पेश कर 50 हजार और इससे अधिक राशि के बाउंडओवर कराए जाएंगे। बाउंडओवर तोड़ने वालों को सीधे जेल भेजा जाएगा।

धारा 107 116 में जमानत कैसे मिलती है?

धारा 107/116 की कार्यवाई में नोटिस सुनाये जाने के उपरान्त समय रीति से 116 धारा के अन्तर्गत आगे सुनवाई होती है। यदि पक्षकार इस बीच शान्तिभंग करते है तो फिर मजिस्ट्रेट 116(3) बंधपत्र निष्पादित करने का आदेश पारित कर जमानत दाखिल करने का आदेश कर सकता है।

धारा 107 में क्या सजा है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 107 (किसी बात का दुष्प्रेरण करना) भारतीय दंड संहिता की धारा 107 में दुष्प्रेरण के अपराध के बारे में समझाया है, दुष्प्रेरण का शाब्दिक अर्थ है, किसी व्यक्ति को कोई कार्य करने के लिए, और यदि वह व्यक्ति कोई कार्य कर रहा है, तो उसे वह कार्य करने से रोकने के लिए उकसाना या प्रेरित करना होता है।