Practicing the Class 10 Hindi Kshitij Chapter 4 MCQ with Answers aids students to learn all the fundamental concepts and prepare effectively for the exams. MCQ of आत्मकथ्य Class 10 with Answers are prepared based on the latest exam pattern & CBSE guidelines. Show x Here are the links available online for Free Download of Class 10 Hindi आत्मकथ्य MCQ Multiple Choice Questions with Answers PDF. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्तThese Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 सवैया और कवित्त. प्रश्न-अभ्यास x (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. कवि की प्रेमिका अतीव सुंदरी थी। उसके गाल इतने लाल, मतवाले और मनोरम थे कि प्रेममयी भोर वेला भी अपनी मधुर लालिमा उसके गालों से लिया करती थी। आशय यह है कि कवि की प्रेमिका का मुख-सौंदर्य ऊषाकालीन लालिमा से भी बढ़कर था। प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्राकृतिक उपमान-छायावादी कवि प्रकृति के उपमानों के माध्यम से बात करते हैं। इस कविता में भी मधुप, पत्तियाँ, नीलिमा, चाँदनी रात आदि प्राकृतिक उपमानों का प्रयोग किया गया है। प्रश्न 7. यहाँ चंद्र की तुलना राधा से की गई है, किंतु चंद्र की तुलना में राधा को अधिक उज्ज्वल बताया गया है। चंद्र राधा का प्रतिबिंब मात्र है। अतः व्यतिरेक अलंकार है। “व्यतिरेक-अलंकार-जहाँ प्रस्तुत (उपमेय) की तुलना अप्रस्तुत (उपमान) से की जाती है, किंतु उपमेय, उपमान से अपेक्षाकृत हीन हो तो व्यतिरेक अलंकार होता है। प्रश्न 8. गंभीर और मर्यादित–प्रसाद जी गंभीर और मर्यादित कवि थे। वे अपने जीवन की एक-एक बात को साहित्य-संसार में प्रचारित नहीं करना चाहते थे। वे निजी जीवन की दुर्बलताओं, भूलों और प्रेम-क्रीड़ाओं को निजी जीवन तक ही सीमित रखना चाहते थे। वे कविता में निजी अनुभूति को नहीं, समाज के दुख-दर्द को स्थान देना चाहते थे। वे कहते भी हैं छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ? क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता में मौन रहूँ? प्रश्न 9.
प्रश्न 10. फूलों ने अपनी कलियाँ बंद कर ली हैं, फूलों और पौधों के ऊपर ओस बिंदु चंद्र की किरणों में झिलमिला रहे हैं। संपूर्ण प्रकृति चंद्रिका की चादर ओढ़े हुए बिल्कुल शांत दिखाई दे रही है–प्रकृति के सौंदर्य को निहारते-निहारते कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला। आँखें खुली तो चंद्र की किरणें फीकी पड़ती हुई दिखाई दीं और उषा ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया। पाठेतर सक्रियता प्रश्न 1.
प्रश्न 2. हम ग्लोबल वार्मिंग के प्रति लोगों को जागरूक कर सकते हैं। साथ ही यथा संभव पेड़-लगाकर अपने कर्तव्य का पालन कर सकते हैं। इस बारे में लोगों में जागरूकता फैलानी होगी। जब तक जन चेतना सामूहिक रूप से नहीं जागेगी तब तक समाधान नहीं होगा। अतः स्वयं से ही शुरू करें और दूसरों को प्रेरित करें। ऐसा हम सब मिलकर कर सकते हैं। थके पथिक की पंथ में कौन सा अलंकार है?उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की। सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की? अलंकारों का उल्लेख कीजिए। व्यतिरेक - जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की?उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की। सीवन की उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कथा की? छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ? क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ?
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