तिनका पड़ने पर कवि की क्या दशा हुई? - tinaka padane par kavi kee kya dasha huee?

दूसरी तरफ़ कबीर जी प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कहते हैं कि जब आप किसी भी मार्ग पर चलते है तब अपने पैरों के निचे आने वाले तिनके की निंदा मत कीजिए क्योंकि अगर वह आपकी आँखों में कैसे भी चला गया तो बहुत ही भयानक दर्द का कारण बन सकता है।अर्थात्‌ अभिमान से परिपूर्ण व्यक्ति को चाहिए की किसी को भी अपने से कमज़ोर व छोटा न समझे क्योंकि जब समय बदलता है तो एक तिनका भी बहुत भारी विपदा दे सकता है।

समानता –
दोनों ही कविश्रेष्ठ ने घंमड ना करने की शिक्षा ही है।
इस शिक्षा को देने के लिए दोनों ने एक छोटे व कमजोर तिनके का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

अंतर –
दोनों ने एक ही बात कही है परन्तु उनकी कहानी के आशय में अंतर है। उपाध्याय जी ने स्वयं को सम्बोधित किया है जबकि कबीरदास जी ने तिनके को सम्बोधित किया है।
अर्थात दोनों के अनुसार हमें कभी भी दूसरे को छोटा व कमजोर समझकर उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए क्योंकि कोई नहीं जानता समय की स्थिति कैसी हो कि वो तिनका उसकी पीड़ा का कारण बन जाए।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. इस कविता को कवि ने ‘मैं’ से आरंभ किया है- ‘मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ’। कवि का यह ‘मैं’ कविता पढ़ने वाले व्यक्ति से भी जुड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़ने वाला व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में ‘मैं’ की जगह ‘वह’ या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों में बदलाव की जाएगा। कविता में ‘मैं’ के स्थान पर ‘वह’ या कोई नाम लिखकर वाक्यों के बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए।

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए-
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी,
तब ‘समझ’ ने यों मुझे ताने दिए।

इन पंक्तियों में ऐंठ’ और ‘समझ’ शब्दों का प्रयोग सजीव प्राणी की भाँति हुआ है। कल्पना कीजिए, यदि ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ किसी नाटक में दो पात्र होते तो उनको अभिनय कैसा होता?

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3. नीचे दी गई कबीर की पंक्तियों में तिनका शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है। इनके अलग-अलग अर्थों की जानकारी प्राप्त करें।
उठा बबूला प्रेम का, तिनका उड़ा अकास।
तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनके पास॥

उत्तर- उठा बगुला प्रेम का “-यह हमारा निर्मल मन एक बगुले के समान है जिसमें प्रेम के रंग भरते ही आत्मा एकदम से आज़ाद हो जाती है | मन का निर्मल होना और आत्मा का आज़ाद हो जाना एक ही प्रकार की गतिविधि है |मन में प्रेम जागृत होते ही समस्त मनोकामनाएं समाप्त हो जाती है। यह तिनका (आत्मा)शून्य में जाकर तिनके (परमात्मा )से मिल जाती है -“तिनका तिनके से मिला “|आत्मा के परमात्मा से मिलन का अर्थ यही है कि जो जिसका अंश था वह उसके पास ही पहुँच गया |इस प्रकार कबीर अंत में कहते है कि यह आत्मा ,परमात्मा के पास पहुँच ही गयी |”तिन का तिन के पास “-अर्थात यह आत्मा जिसका अंश है उस परमात्मा के पास पहुँच ही गई |कबीर के अनुसार यह सब प्रेम के कारण ही संभव हुआ है |अतः सबसे प्रेम करते रहें | कबीर के लिए सबसे प्रेम करना ही एक मात्र परमात्मा की प्रार्थना है |

भाषा की बात

किसी ढब से निकलना’ का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से’ जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे-धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धर्म से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। ‘धम से’, ‘छप से’ इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रियों को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए-

आँख में तिनका पड़ते ही घमंडी की आँखे दर्द से लाल हो गई। उसने अनेकों प्रयत्न किए, सब लोगों की मदद ली। किसी ने कपड़े की सहायता से उसे निकालने का प्रयत्न किया परन्तु सब बेकार ही सिद्ध हुआ। वो दर्द से कराह रहा था पर कुछ कर नहीं पा रहा था। उसका घंमड दूर हो गया।

NCERT Solutions for Class 7th:  पाठ - 11  पाठ - 13 एक तिनका (कविता) हिंदी वसंत भाग - II

- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

पृष्ठ संख्या: 100

प्रश्न अभ्यास

कविता से

1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।

(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा -
(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी -
(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी -
(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया -

उत्तर

(क) एक दिन जब मैं अपनी छत की मुंडेर पर खड़ा था।
(ख) आँख में तिनका चले जाने के कारण आँख लाल होकर दुखने लगी।
(ग) बेचारी ऐंठ दबे पावों भागी।
(घ) किसी तरीके से आँख से तिनका निकाला गया।

2. 'एक तिनका' कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड नहीं करने का संदेश मिलता है?

उत्तर

'एक तिनका' कविता में कवि ने उस दिन की घटना की चर्चा की है जब उसे अपने ऊपर घमंड हो गया और वह अपने को श्रेष्ठ समझने लगा। तभी एक तिनका उसके आँख में घुस गया जिससे उसकी आँखे लाल हो गयीं। बड़े प्रयास करने पर जब तिनका निकला तब लेखक को समझ आई की उसके घमंड को चूर करने के लिए तिनका है। इससे घटना से यह संदेश मिलता है की हमें घमंड नही करना चाहिए।

3. आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई?

उत्तर

आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की आँखे लाल हो गयीं और दर्द करने लगीं। वह बैचैन हो उठा और कराहने लगा।

4. घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया?

उत्तर

घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने कपड़े की मूँठ बनाकर उसकी आँख पर लगाकर तिनका निकालने का प्रयास किया।

5. 'एक तिनका' कविता में घमंडी को उसकी 'समझ' ने चेतावनी दी -
ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है बहुत तेरे लिए।
इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है -
तिनका कबहूँ न निंदिए, पाँव तले जो होय।
कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय।।

• इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।

उत्तर

तिनके का प्रयोग दोनों काव्यांश में उदहारण देने के लिए किया गया है। यह समानता है।
पहले काव्यांश में कवि हरिऔधजी जी ने हमें घमंड न करने की सीख दी है तथा दूसरे काव्यांश में कबीरजी ने हमें किसी को भी तुच्छ न समझने की सीख दी है। यह दोनों में अंतर है।

पृष्ठ संख्या: 101

भाषा की बात

1. 'किसी ढब से निकलना' का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। 'ढब से' जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे - धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धम से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। 'धम से', 'छप से', इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं।
उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए - 


छप से, टप से, थर्र से, फुर्र से, सन् से 


क) मेढ़क पानी में......कूद गया।
ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद......चू गई।
ग) शोर होते ही चिड़िया......उड़ी।
घ) ठंडी हवा.......गुजरी, मैं ठंड में..... काँप गया।

उत्तर

क) मेढ़क पानी में छप से कूद गया।
ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद टप से चू गई।
ग) शोर होते ही चिड़िया फुर्र से उड़ी।
घ) ठंडी हवा सन् से गुजरी, मैं ठंड में थर्र से काँप गया।


पाठ में वापिस जाएँ

तिनका आँख में गिरने से कवि की क्या दशा हुई?

आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई ? घमंडी की आँख में तिनका पड़ने पर उसकी आँख लाल होकर दुखने लगी। वह बेचैन हो गया और उसका सारा ऐंठ समाप्त हो गया।

तिनका पड़ने से कवि पर क्या प्रभाव पडा?

किसी तरीके से तिनका निकाल लिया गया। ऐसे में कवि का घमंड चूर-चूर हो गया। उसकी बुद्धि ने भी उसे ताने दिए कि तू ऐसे ही घमंड करता था तेरे घमंड को चूर करने हेतु एक तिनका ही बहुत है। इस कविता से यह संदेश मिलता है कि हमें घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि कई बार छोटी से छोटी वस्तु या प्राणी भी घमंड चूर-चूर करने में सफल हो जाता है।

कविता एक तिनका में कवि की समझ ने कवि को क्या चेतावनी दी?

एक तिनका' कविता में घमंडी को उसकी 'समझ' ने चेतावनी दी- ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,एक तिनका है बहुत तेरे लिए। इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है-तिनका कबहूँ न निंदिए, पाँव तले जो होय|कबहूँ उड़ि आँखिन - Hindi (हिंदी) इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर?

एक तिनका कविता का मूल भाव क्या है?

एक तिनका कविता का भावार्थ: एक तिनका पंक्ति में कवि हरिऔध जी ने तिनका निकल जाने के बाद अपनी हालत का वर्णन किया है। वो इन पंक्तियों में कहते हैं कि जैसे-तैसे उनकी आँखों से तिनका निकल गया। इसके बाद उन्हें मन में एक ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही तोड़ दिया।