शीत युद्ध में भारत की क्या भूमिका थी? - sheet yuddh mein bhaarat kee kya bhoomika thee?

शीत युद्ध के दौरान भारत की क्या भूमिका थी?

शीत युद्ध के दौरान भारत ने तटस्थ बनकर अपनी भूमिका निभाई। भारत की विदेश नीति गुटनिरपेक्ष नीति रही। भारत की नीति नकारात्मक नही थीभारत शीत युद्ध के कारण दो गुटों के बीच में तनाव को कम करने के लिए किसी तरह की सक्रिय भूमिका निभाने के पक्ष में था । गुटनिरपेक्षता की नीति भारत के लिए हितकारी रही ।

शीत युद्ध पर भारत का दृष्टिकोण क्या था?

शीत युद्ध की अवधि में भारत ने सोवियत संघ को पश्चिमी आधिपत्य के विरुद्ध एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में देखा था। USSR के विघटन के बाद भारत अमेरिका की एकध्रुवीयता के विरुद्ध रूस और चीन (और ब्राज़ील एवं दक्षिण अफ्रीका) के साथ एक समूह में आगे बढ़ा।

शीत युद्ध का अर्थ क्या है?

शीत युद्ध (Cold War) क्या है? शीत युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ एवं उसके आश्रित देशों (पूर्वी यूरोपीय देश) और संयुक्त राज्य अमेरिका एवं उसके सहयोगी देशों (पश्चिमी यूरोपीय देश) के बीच भू-राजनीतिक तनाव की अवधि (1945-1991) को कहा जाता है।

शीत युद्ध के परिणाम क्या है?

शीत युद्ध (Cold War) का परिणाम यह हुआ कि विश्व मे दो गुटो का निर्माण हो गया एक नाटो (NATO) ,वारसा (VARSA) जहा नाटो अमेरिका का गट था वही वारसा रूस का था और इन दोनों गुटों ने विश्व को अपने अपने गुटो में मिलाना शुरू कर दिया जिस कारण विश्व के सामने अनेक समस्याये उत्पन्न हो गयी उसी बीच गुटनिरपेक्ष नाम का प्रथक गट बना जिसमे ...