वायुमंडलीय अपवर्तन क्या है in hindi - vaayumandaleey apavartan kya hai in hindi

Solution : पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा प्रकाश के अपवर्तन को वायुमंडलीय अपवर्तन कहा जाता है। संभवतः आपने कभी आग या भट्ठी अथवा किसी ऊष्मीय विकिरक के ऊपर उठती गर्म वायु के विक्षुब्ध प्रवाह में धूल के कणों की आभासी, अनियमित अस्थिर गति अथवा छिलमिलाहट देखी होगी। आग के तुरंत ऊपर की वायु अपने ऊपर की वायु की तुलना में अधिक गर्म हो जाती है। गर्म वायु अपने ऊपर ठंडी वायु की तुलना में हलकी (कम सघन) होती है तथा इसका अपवर्तनांक ठंडी वायु की अपेक्षा थोड़ा कम होता है। क्योंकि अपवर्तक माध्यम (वायु) की भौतिक अवस्थाएँ स्थिर नहीं हैं, इसलिए गर्म वायु में से होकर देखने पर वस्तु की आभासी स्थिति परिवर्तित होती रहती है। इस प्रकार यह अस्थिरता हमारे स्थानीय पर्यावरण में लघु स्तर पर वायुमंडलीय अपवर्तन (पृथ्वी के वायुमंडल के कारण प्रकाश का अपवर्तन) का ही एक प्रभाव है। तारों का टिमटिमाना वृहत् स्तर की एक ऐसी ही परिघटना है। तारे की टिमटिमाहट उसके प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण होती है। हवा की परतों का घनत्व बदलते रहने के कारण तारों से चलने वाली प्रकाश की किरणें इन परतों से अपवर्तित होकर अपने मार्ग से कभी कम विचलित और कभी अधिक विचलित होती है। इससे आँखों में प्रकाश कभी कम पहुँचता है तो कभी अधिक जिससे तारे टिमटिमाते नजर आते हैं।

वायुमंडलीय अपवर्तन आप क्या समझते हैं ?एक उदहारण द्वारा इसे समझाइए।

( Vayumandaliye Apvartan Se Aap Kya Samajhte Hain )

यह साधारण अनुभव की बात है की जलते हुए चूल्हे या स्टोव के ठीक ऊपर की विक्षुब्ध गर्म हवा के दूसरी ओर की वस्तुओं को देखने पर वेबेतरतीब ढंग से हिलती हुई दिखाई पड़ती है। चूल्हे (या स्टोव )के ठीक ऊपर की हवा ,उसके और ऊपर की सघन (densor)हवा की अपेक्षा ,गर्म हवा हलकी और कम सघन होती है ,इसीलिए यहाँ भी प्रकाश का अपवर्तन होता है।यही कारण है कि हवा के अपवर्तनांक में परिवर्तन होने के कारण हवा के दूसरी ओर की वस्तुएँ कुछ हिलती हुई दिखाई पड़ती है।वायुमंडलीय अपवर्तन (अर्थात पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा प्रकाश का अपवर्तन) के कारण भी कुछ इसी प्रकार का प्रभाव देखने को मिलता है।वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण निम्न घटनाएँ मुख्य है 

1.तारों का टिमटिमाना

जब हम तारों को देखते हैं तो उनकी चमक घटती-बढ़ती प्रतीत होती है और तब हम कहते हैं की तारे टिमटिमा (Twinkle) रहे हैं।तारों की चमक में यह घट-बढ़ वायुमंडल की असमानता (nonuniformity)के कारण होती है। 

पृथ्वी का वायुमंडल शांत कभी नहीं होता है ,गर्म तथा ठंडी हवा की धाराएँ हमेशा बहती रहती हैं।ठंडी हवा की धाराएँ हमेशा बहती रहती हैं।ठंडी हवा की अपेक्षा गर्म हवा का घनत्व और अपवर्तनांक कम होता है।इसीलिए तारों से प्रेक्षक तक पहुँचनेवाली किरणें वायुमंडल के अपवर्तनांक में होनेवाले परिवर्तनों के कारण अगल-बगल मुड़ जाती  हैं।कभी -कभी मध्यवर्ती वायुमंडल में एकाएक परिवर्तन होने के कारण किरणें एक ओर अधिक विचलित हो जाती हैं जिससे प्रकाश प्रेक्षक से बहुत थोड़े समय के लिए अंशतः (या कभी -कभी पूर्णतः) कट जाता है।इसीलिए तारा कभी कम प्रकाश और कभी अधिक प्रकाश देता हुआ मालूम पड़ता है,अर्थात टिमटिमाता है। 

तारे टिमटिमाते हैं ,किन्तु चंद्रमा तथा ग्रह नहीं टिमटिमाते ,क्यों ?(Taare Kyon Timtimate Hain Evam Grah Kyon Nahi?)

 हमजानते हैं की तारों की तुलना में चन्द्रमा तथा ग्रह पृथ्वी के बहुत निकट हैं। फलस्वरूप ,तारों को प्रकाश का लगभग बिंदु-स्रोत समझा जा सकता है,जबकि चन्द्रमा या ग्रह फैला हुआ अर्थात विस्तृत पिंड (extended object)जैसा होता है। इसीलिए चन्द्रमा या ग्रह से आती किरणों में वायुमंडलीय घाट -बढ़ के कारण हुआ थोड़ा विचलन मालूम नहीं पड़ता है।

2. सूर्योदय तथा सूर्यास्त के आभासी समय-

पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल है। वायुमंडल का घनत्व पृथ्वी की सतह पर अधिकतम है और ज्यों-ज्यों हम ऊपर  जाते हैं,घनत्व घटता जाता है। जब सूर्य की किरणें लगभग पूर्ण निर्वात(शून्य) से वायुमंडल में प्रवेश करती हैं तो किरणें अपवर्तित हो जाती हैं।विचलन तब महत्तम होगा जब किरणें वायुमंडल की सतह पर लगभग पृष्ठसर्पी आपतन (grazing incidence) पर पड़ती है ,अर्थात जब सूर्य क्षितिज (horizon) पर होता है। अपवर्तन के कारण किरणें नीचे की ओर मुड़ जाती हैं। अतः ,सूर्य अपनी वास्तविक ऊँचाई से अधिक ऊँचा दिखाई पड़ता है।   फलस्वरूप,सूर्य उस समय दिखाई देने लगता है जब वह क्षितिज से थोड़ा नीचे ही होता है। उसी प्रकार सूर्यास्त के समय सूर्य क्षितिज से नीचे चले जाने के कुछ समय बाद तक दिखाई देता है। इस कारण सूर्योदय (sunrise)तथा (sunset) के बीच का समय लगभग 4 मिनट बढ़ जाता है। 

वायुमंडलीय अपवर्तन क्या है in hindi - vaayumandaleey apavartan kya hai in hindi

पुनः ,जब सूर्य क्षितिज के निकट रहता है तो वह अंडाकार (चिपटा )दिखाई पड़ता है ,क्योंकि निचली कोर की किरणें वायुमंडल के अधिक होता है। इसीलिए ,सूर्य का उर्ध्वाकार व्यास छोटा मालूम पड़ता है। 

प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण 

जब प्रिज्म द्वारा सूर्य के प्रकाश (sunlight) का अपवर्तन होता है ,तो कुछ अद्भुत घटना देखने को  मिलती है। इसकी जानकारी के लिए नीचे का प्रयोग देखिये।

क्रियाकलाप-1 

एक समतल दर्पण को इस प्रकार व्यवस्थित करते हैं की सूर्य का प्रकाश उससे परावर्तित होकर एक ऐसे कमरे में प्रवेश करे जिसके अन्य खिड़की-दरवाजे बंद हों। प्रकाश के पथ में एक ऐसे गत्ते को रखते हैं की जिसमें एक महीन छिद्र बना हो। इससे सूर्य के प्रकाश की एक पतली किरणपुंज प्राप्त होती है।

अब एक प्रिज्म को इस प्रकार व्यवस्थित करते हैं कि प्रकाश की किरणपुंज प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठ पर पड़े ,अर्थात आपतित हो और अपवर्तित होकर प्रिज्म के दूसरे अपवर्तक पृष्ठ से बाहर निकले।प्रिज्म के दूसरे अपवर्तक पृष्ठ के निकट एक सफेद कागज इस प्रकार रखते हैं कि जिससे निर्गत किरणपुंज इस कागज (पर्दा) पर पड़े।पर्दे पर एक रंगीन पट्टी प्राप्त होती है।रंगीन प्रकाश की इस पट्टी को स्पेक्ट्रम या वर्णपट कहते हैं।इस स्पेक्ट्रम (वर्णपट) का एक सिरा बैंगनी रंग का तथा दूसरा सिरा लाल रंग का होता है। 

वायुमंडलीय अपवर्तन क्या है in hindi - vaayumandaleey apavartan kya hai in hindi

प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का कारण समझाइए 

प्रसिद्ध वैज्ञानिक न्यूटन (1642 -1727) ने ही सर्वप्रथम प्रिज्म की सहायता से सूर्य के प्रकाश को प्रिज्म की सहायता से सूर्य के प्रकाश का स्पेक्ट्रम प्राप्त किया था।उन्होंने एक दूसरे प्रिज्म द्वारा स्पेक्ट्रम के रंगों को और विभाजित करने का प्रयास किया।उन्होंने पाया की दूसरा प्रिज्म उन रंगों को और अधिक रंगों में विभाजित नहीं करता।फिर ,उन्होंने दूसरे प्रिज्म को पहले प्रिज्म के विपरीत रखा और पाया कि दूसरे प्रिज्म से निर्गत प्रकाश श्वेत प्रकाश था।इससे उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि सूर्य का प्रकाश स्पेक्ट्रम रंगों से ही बना है।कोई भी प्रकाश जो सूर्य के प्रकाश जैसा स्पेक्ट्रम दे ,श्वेत प्रकाश कहलाता है।

वायुमंडलीय अपवर्तन क्या है in hindi - vaayumandaleey apavartan kya hai in hindi


 
प्रकाश का विक्षेपण किसे कहा जाता है

 श्वेत प्रकाश के इसके विभिन्न रंगों में विभक्त होने की घटना को प्रकाश का वर्ण -विक्षेपण (dispersion) कहते हैं। 

कांच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण


प्रिज्म द्वारा प्रकाश का वर्ण विक्षेपण चित्र बनाकर स्पष्ट कीजिए
वर्ण विक्षेपण का सूत्र-comming soon

विक्षेपण का क्या कारण होता है
प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का कारण समझाइए

वायुमंडलीय अपवर्तन से आप क्या समझते हैं?

Solution : पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा प्रकाश के अपवर्तन को वायुमंडलीय अपवर्तन कहा जाता है। संभवतः आपने कभी आग या भट्ठी अथवा किसी ऊष्मीय विकिरक के ऊपर उठती गर्म वायु के विक्षुब्ध प्रवाह में धूल के कणों की आभासी, अनियमित अस्थिर गति अथवा छिलमिलाहट देखी होगी।

10 तारे क्यों टिमटिमाते हैं?

10: तारे क्यों टिमटिमाते हैं? उत्तर : हमारे नेत्रों को तारों के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते से लगते हैंतारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के पश्चात् पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने तक लगातार अपवर्तित होता है।

तारों का टिमटिमाना क्या कहलाता है?

तारों का टिमटिमाना तारों के प्रकाश का वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण होता है। इसका कारण यह है कि कुछ प्रकाश किरणें सीधे हम तक पहुँचती हैं और कुछ हमसे दूर और हमारी ओर बंकन करती हैं। यह इतनी तेजी से यह एक टिमटिमाहट प्रभाव देता है कि क्या होता है।