आज हम आपको शनि देव के हनुमान जी डरने की वो रोचक कथा बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको शायद ही पता हो। Show Shani Dev And Hanuman: शनिवार के दिन कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले शनि देव की पूजा का विधान है। शनि देव से जुड़ी कई रोचक कथाएं हैं जिनका जिक्र हिन्दू धर्म ग्रंथों में मिलता है। उन्हीं में से एक है शनि देव के हनुमान जी डरने के पीछे की कथा। यह तो सभी जानते हैं कि शनिदेव हनुमान जी से डरते हैं और इसी कारण से शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए मंगलवार के साथ साथ शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने के लिए ज्योतिष और धर्म जानकारों द्वारा बोला जाता है लेकिन शनि देव के हनुमान जी से डरने का कारण शायद ही आपको पता हो। हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वार दी गई जानकारी के आधार पर आपको बताते हैं शनिदेव के हनुमान जी से भयभीत रहने के पीछे की रोचक कथा के बारे में। साथ ही, हम आपको शनि देव द्वारा हनुमान जी को वरदान दिए जाने के बारे में भी जानकारी साझा करेंगे। कथा 1
कथा 2
तो ये थी शनि देव के हनुमान जी से डरने के पीछे की कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। Image Credit: Freepik, Herzindagi क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें। जब राम जी का कार्य ख़त्म हुआ तब उन्हें शनिदेवजी का ख्याल आया और तब उन्होंने शनिदेव को आजाद किया। शनिदेव जी को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने हनुमानजी से माफ़ी मांगी कि वे कभी भी राम और हनुमान जी के कार्यों में कोई विघ्न नहीं डालेंगे और श्री राम और हनुमान जी के भक्तों को उनका विशेष आशीष प्राप्त होगा। शनिदेव जी ने भगवान श्री हनुमान से सरसों का तेल मांगा जिसे वह अपने घावों तब शनिदेव जी ने कहा की इस स्मृति में जो भी भक्त शनिवार के दिन मुझपर सरसों का तेल चढ़ाएगा उसे मेरा विशेष आशीष प्राप्त होगा। एक कथा के अनुसार अहंकारी लंकापति रावण ने शनिदेव जो को कैद कर लिया और उन्हें लंका में एक जेल में डाल दिया। जब तक हनुमानजी लंका नहीं पंहुचे तब तक शनिदेव उसी जेल में कैद रहे। जब हनुमान सीता मैया की खोज में लंका में आए तब मां जानकी को खोजते-खोजते उन्हें भगवान शनि देव जेल में कैद मिले। हनुमानजी ने तब शनि भगवान को आजाद करवाया। आजादी के बाद उन्होंने हनुमानजी को धन्यवाद दिया और उनके भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखने का वचन दिया। शनिदेव हनुमान जी से क्यों डरते हैं?शनिदेव को कर्मों का हिसाब करने वाला माना जाता है। जिस भी व्यक्ति पर शनि देव की वक्र दृष्टि पड़ जाती है, उसे बहुत सारे कष्ट झेलना पड़ते हैं। पर एक सच यह भी होता है, कि हनुमान जी के आगे शनिदेव की नहीं चलती। माना जाता है, कि जो भी हनुमान जी पूजा- अर्चना सच्चे मन से करता है, शनिदेव उसका बाल भी बांका नहीं कर सकते।
क्या शनि हनुमान से डरते हैं?यह तो सभी जानते हैं कि शनिदेव हनुमान जी से डरते हैं और इसी कारण से शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए मंगलवार के साथ साथ शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने के लिए ज्योतिष और धर्म जानकारों द्वारा बोला जाता है लेकिन शनि देव के हनुमान जी से डरने का कारण शायद ही आपको पता हो।
हनुमान जी और शनिदेव का क्या संबंध है?बजरंगबली की पूजा से शनि का प्रकोप शांत होता है लेकिन हनुमान जी की पूजा से यूं ही खुश नहीं हो जाते शनि महाराज। इनकी पूजा करने से सूर्य व मंगल के साथ शनि की शत्रुता व योगों के कारण उत्पन्न कष्ट भी दूर हो जाते हैं। हनुमान जयंती के अलावा मंगलवार-शनिवार हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए आदर्श दिन माने गए हैं।
हनुमान जी के नीचे कौन है?हनुमानजी के पैर तले स्त्री रूप में विराजे हैं शनिदेव | हनुमानजी के पैर तले स्त्री रूप में विराजे हैं शनिदेव - Dainik Bhaskar.
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