शनि देव हनुमान जी से क्यों डरते हैं? - shani dev hanumaan jee se kyon darate hain?

आज हम आपको शनि देव के हनुमान जी डरने की वो रोचक कथा बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको शायद ही पता हो।  

Shani Dev And Hanuman: शनिवार के दिन कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले शनि देव की पूजा का विधान है। शनि देव से जुड़ी कई रोचक कथाएं हैं जिनका जिक्र हिन्दू धर्म ग्रंथों में मिलता है। उन्हीं में से एक है शनि देव के हनुमान जी डरने के पीछे की कथा। 

यह तो सभी जानते हैं कि शनिदेव हनुमान जी से डरते हैं और इसी कारण से शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए मंगलवार के साथ साथ शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने के लिए ज्योतिष और धर्म जानकारों द्वारा बोला जाता है लेकिन शनि देव के हनुमान जी से डरने का कारण शायद ही आपको पता हो। 

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वार दी गई जानकारी के आधार पर आपको बताते हैं शनिदेव के हनुमान जी से भयभीत रहने के पीछे की रोचक कथा के बारे में। साथ ही, हम आपको शनि देव द्वारा हनुमान जी को वरदान दिए जाने के बारे में भी जानकारी साझा करेंगे।  

कथा 1 

  • शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार हनुमान जी श्री राम का ध्यान कर रहे थे कि तभी वहां शनि देव आ गए। शनि देव के आगमन पर हनुमान जी ने उनका किसी भी प्रकार का कोई स्वागत नहीं किया जिसके पीछे का कारण स्पष्ट है कि वह राम नाम में लीन थे। 

shani dev hanuman

  • शनि देव को यह देख क्रोध आया और उन्होंने हनुमान जी का ध्यान भंग करने की कोशिश की। हनुमान जी ने शनि देव को कई संकेत दिए लेकिन शनि देव ने हनुमान जी के ध्यान में विघ्न डालना जारी रखा।
  • हनुमान जी (हनुमान जी के 12 नाम) ने क्रोध में आकर शनि देव को अपनी पूंछ में लपेट कर जमीन पर पटका और फिर आकाश में फेंक दिया जिसके बाद शनि देव को अपनी भूल का एहसास हुआ और उन्होंने हनुमान जी से क्षमा मांगी साथ जी ये वरदान भी दिया कि शनिवार के दिन जो भी व्यक्ति हनुमान जी को तेल चढ़ाएगा उसके जीवन के सभी कष्ट शनि देव हर लेंगे।  

कथा 2

  • पौराणिक कथा के अनुसार, जब त्रेता युग में हनुमान जी श्री राम के वनवास के दौरान माता सीता की खोज के लिए लंका पहुंचे तब उन्होंने रावण की लंका के एक छोटे से तहखाने में शनि देव को बंधी बना पाया। 

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  • हनुमान जी शनिदेव के पास पहुंचे तो शनिदेव ने उन्हें सारा वृत्तांत सुनाया कि कैसे शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए रावण ने उन्हें बंदी बनाकर एक छोटे से तहखाने में छुपा दिया जिससे कोई भी देवी देवता उनकी सहायता के लिए उन्हें खोज न पाएं।
  • यह सुनकर हनुमान जी को बड़ा दुख हुआ और उन्होंने शनि देव की विनती पर रावण की कैद से उन्हें मुक्त करा दिया। माना जाता है कि शनि देव के कारण ही हनुमान जी लंका दहन की घटना को अंजाम दे पाए थे। 
  • दरअसल, जब हनुमान जी ने शनि देव को रावण के अत्याचार से मुक्त कराया तब शनि देव ने समूची लंका पर अपनी वक्र दृष्टि डाली जिसके बाद हनुमान जी के लिए लंका का दहन करना सहज हो गया। 

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  • इसके अलावा, हनुमान जी के शनि देव को मुक्त कराए जाने पर शनि देव (शनि देव की कृपा पाने के उपाय) हनुमान जी से प्रसन्न थे जिसके बाद उन्होंने हनुमान जी को यह वरदान दिया कि जो भी कोई व्यक्ति हनुमान जी की पूजा करेगा और शनिवार के दिन उनके मंत्रों का जाप करेगा शनि देव उसे कभी परेशान नहीं करेंगे और न ही उस व्यक्ति पर अपनी वक्र दृष्टि डालेंगे। 

तो ये थी शनि देव के हनुमान जी से डरने के पीछे की कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। 

Image Credit: Freepik, Herzindagi

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जब राम जी का कार्य ख़त्म हुआ तब उन्हें शनिदेवजी का ख्याल आया और तब उन्होंने शनिदेव को आजाद किया। शनिदेव जी को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने हनुमानजी से माफ़ी मांगी कि वे कभी भी राम और हनुमान जी के कार्यों में कोई विघ्न नहीं डालेंगे और श्री राम और हनुमान जी के भक्तों को उनका विशेष आशीष प्राप्त होगा।

शनिदेव जी ने भगवान श्री हनुमान से सरसों का तेल मांगा जिसे वह अपने घावों
पर लगा सके और जल्द ही चोटों से उभर सकें। हनुमानजी ने उन्हें वो तेल उपलब्ध करवाया और इस तरह शनिदेव के जख्म ठीक हुए।

तब शनिदेव जी ने कहा की इस स्मृति में जो भी भक्त शनिवार के दिन मुझपर सरसों का तेल चढ़ाएगा उसे मेरा विशेष आशीष प्राप्त होगा।

एक कथा के अनुसार अहंकारी लंकापति रावण ने शनिदेव जो को कैद कर लिया और उन्हें लंका में एक जेल में डाल दिया। जब तक हनुमानजी लंका नहीं पंहुचे तब तक शनिदेव उसी जेल में कैद रहे।

जब हनुमान सीता मैया की खोज में लंका में आए तब मां जानकी को खोजते-खोजते उन्हें भगवान शनि देव जेल में कैद मिले। हनुमानजी ने तब शनि भगवान को आजाद करवाया। आजादी के बाद उन्होंने हनुमानजी को धन्यवाद दिया और उनके भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखने का वचन दिया।

शनिदेव हनुमान जी से क्यों डरते हैं?

शनिदेव को कर्मों का हिसाब करने वाला माना जाता है। जिस भी व्यक्ति पर शनि देव की वक्र दृष्टि पड़ जाती है, उसे बहुत सारे कष्ट झेलना पड़ते हैं। पर एक सच यह भी होता है, कि हनुमान जी के आगे शनिदेव की नहीं चलती। माना जाता है, कि जो भी हनुमान जी पूजा- अर्चना सच्चे मन से करता है, शनिदेव उसका बाल भी बांका नहीं कर सकते।

क्या शनि हनुमान से डरते हैं?

यह तो सभी जानते हैं कि शनिदेव हनुमान जी से डरते हैं और इसी कारण से शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए मंगलवार के साथ साथ शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने के लिए ज्योतिष और धर्म जानकारों द्वारा बोला जाता है लेकिन शनि देव के हनुमान जी से डरने का कारण शायद ही आपको पता हो।

हनुमान जी और शनिदेव का क्या संबंध है?

बजरंगबली की पूजा से शनि का प्रकोप शांत होता है लेकिन हनुमान जी की पूजा से यूं ही खुश नहीं हो जाते शनि महाराज। इनकी पूजा करने से सूर्य व मंगल के साथ शनि की शत्रुता व योगों के कारण उत्पन्न कष्ट भी दूर हो जाते हैं। हनुमान जयंती के अलावा मंगलवार-शनिवार हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए आदर्श दिन माने गए हैं।

हनुमान जी के नीचे कौन है?

हनुमानजी के पैर तले स्त्री रूप में विराजे हैं शनिदेव | हनुमानजी के पैर तले स्त्री रूप में विराजे हैं शनिदेव - Dainik Bhaskar.