जैव तथा अजैव संसाधन क्या है - jaiv tatha ajaiv sansaadhan kya hai

जैव तथा अजैव संसाधन क्या है - jaiv tatha ajaiv sansaadhan kya hai
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें।

जैव संसाधन: जो संसाधन जैव मण्डल(जीवमंडल) से आते हैं उन्हें जैव संसाधन कहते हैं।

[1] उदाहरण: मनुष्य, वनस्पति, मछलियाँ, प्राणिजात, पशुधन, आदि।

अनुक्रम

  • 1 वर्गीकरण
  • 2 विशेषताएं
  • 3 प्रमुख विषय
  • 4 उपयोगिता

वर्गीकरण[संपादित करें]

मोटे तौर पर इसे दो भागों में बांटा गया है। १. वनस्पती जात संसाधन २. जन्तु या प्राणी जात संसाधन

विशेषताएं[संपादित करें]

मनुष्य जो इसमें आता है, सबसे बुद्धिमान प्राणी है। वह ही अन्य सभी प्रकार के संसाधनों को अपने विवेक से काम में लेता है।

प्रमुख विषय[संपादित करें]

विज्ञान, भूगोल, सामाजिक विज्ञान आदि विषयों में इनका अध्ययन किया जाता है।

उपयोगिता[संपादित करें]

मानव के लिए यही संसाधन सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं।

  1. https://www.excellup.com/classten/sstenHindi/10_geography_hindi_chapter_1_ncert_solution.aspx#:~:text=%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0%3A%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B5%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8%3A%20%E0%A4%9C%E0%A5%8B%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%A8%20%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B5%20%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B2%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A5%87,%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A5%A4%20%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%A3%3A%20%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%80%2C%20%E0%A4%B9%E0%A4%B5%E0%A4%BE%2C%20%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80%2C%20%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%81%2C%20%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%B0%2C%20%E0%A4%86%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A5%A4

जैव संसाधन- इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमे जीवन व्याप्त होता है, उदाहरण- मनुष्य, वनस्पतिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि। 
अजैव संसाधन- वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है। ये दो प्रकार के होते है समाप्य और असमाप्य l उदाहरण- चट्टानें और धातुएँ।

जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दें।

प्रश्न। 

जैव और अजैव  संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दें।

( अध्याय - 1- संसाधन एवं विकास, कक्षा  X NCERT समकालीन भारत-2 )

उत्तर।

ऐसी चीजें जो मनुष्य के लिए उपयोगी हैं और तकनीकी रूप से सुलभ, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य हैं, संसाधन कहलाते हैं। संसाधनों के उदाहरण वन, जल, मानव, मिट्टी आदि हैं।

उत्पत्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते हैं-जैविक ( जैव ) और अजैविक ( अजैव )।

जैव तथा अजैव संसाधन क्या है - jaiv tatha ajaiv sansaadhan kya hai

जैव संसाधन वे संसाधन हैं जो जीवमंडल से प्राप्त होते हैं और उनमें जीवन होता है जैसे कि जानवर, पौधे, मनुष्य और सूक्ष्म जीव। जैविक संसाधनों के उदाहरण वन, मछलियां, वन्य पशु, फसलें, मानव, पशुधन आदि हैं।

अजैविक संसाधन वे संसाधन हैं जो निर्जीव वस्तुओं से बने होते हैं। अजैविक संसाधनों के उदाहरण चट्टानें, जलवायु, वर्षा, धूप, आर्द्रता, धातु, मिट्टी, जल, वायु आदि हैं।

You may like also:

  • What are the biotic and abiotic resources? Give some examples.
  • सामाजिक विज्ञान | समकालीन भारत-2 | दसवीं कक्षा एनसीईआरटी | प्रश्न हल
  • Social Science | Contemporary India -II | Class X NCERT | Questions Solutions

  • Tweet
  • Share
  • Share
  • Share
  • Share

जैव संसाधन

हमारे पर्यावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ जिनमें जीवन है, जैव संसाधन कहलाती है। जैव संसाधन हमें जीवमंडल से मिलती हैं।

उदाहरण-मनुष्य सहित सभी प्राणि। इसके अंतर्गत मत्स्य जीव, पशुधन, मनुष्य, पक्षी आदि आते हैं।

Table of Contents

  • जैव संसाधन
  • अजैव संसाधन
  • समाप्यता के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण
  • स्वामित्व के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण
  • विकास के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

अजैव संसाधन

हमारे वातावरण में उपस्थित वैसे सभी संसाधन जिनमें जीवन व्याप्त नहीं हैं अर्थात निर्जीव हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं।

उदाहरण-चट्टान, पर्वत, नदी, तालाब, समुद्र, धातुएँ, हवा, सभी गैसें, सूर्य का प्रकाश, आदि।

समाप्यता के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

समाप्यता के आधार पर हमारे वातावरण में उपस्थित सभी वस्तुओं को जो दो वर्गों में बाँटा जा सकता है:-

इन्हें भी पढ़ें:- संसाधन और विकास पाठ-1 Ncrt Class 10

  • नवीकरण योग्य (Renewable)
  • अनवीकरण योग्य (Non-renewable)

नवीकरण योग्य संसाधन वैसे संसाधन जिन्हे फिर से निर्माण किया जा सकता है, नवीकरण योग्य संसाधन कहलाते है। जैसे- सौर उर्जा, पवन उर्जा, जल, वन तथा वन्य जीव। इस संसाधनों को इनके सतत प्रवाह के कारण नवीकरण योग्य संसाधन के अंतर्गत रखा गया है।

अनवीकरण योग्य संसाधन वातावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ, जिन्हें उपयोग के बाद निर्माण नहीं किया जा सकता है या उनके विकास अर्थात उन्हें बनने में लाखों करोड़ों वर्ष लगते हैं, अनवीकरण योग्य संसाधन कहलाते हैं।

जैव तथा अजैव संसाधन क्या है - jaiv tatha ajaiv sansaadhan kya hai

स्वामित्व के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

स्वामित्व के आधार पर संसाधनों को चार वर्गों में बाँटा जा सकता है:-

  1. व्यक्तिगत संसाधन
  2. सामुदायिक संसाधन

व्यक्तिगत संसाधन वैसे संसाधन, जो व्यक्तियों के निजी स्वामित्व में हों, व्यक्तिगत संसाधन कहलाते हैं। जैसे घर, व्यक्तिगत तालाब, व्यक्तिगत निजी चारागाह, व्यक्तिगत कुँए आदि। तत्वों या वस्तुओं के निर्माण में सहायक कारकों के आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में विभाजित करते हैं-

इन्हें भी पढ़ें:- मेंडलीफ की आवर्त सारणी-

  • प्राकृतिक संसाधन
  • मानव संसाधन

सामुदायिक संसाधनवैसे संसाधन, जो गाँव या शहर के समुदाय अर्थात सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हों, सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन कहलाते हैं। जैसे- सार्वजनिक पार्क, सार्वजनिक खेल का मैदान, सार्वजनिक चरागाह, श्मशान, सार्वजनिक तालाब, नदी, आदि ।

विकास के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

विकास के आधार पर संसाधनों को चार भाग में बाँटा गया है।

  1. संभावी संसाधन
  2. विकसित संसाधन

सम्भावी संसाधन – वैसे संसाधन जो विद्यमान तो हैं परंतु उनके उपयोग की तकनीकि का सही विकास नहीं होने के कारण उनका उपयोग नहीं किया गया है, संभावी संसाधन कहलाते हैं। जैसे- राजस्थान तथा गुजरात में पवन और सौर उर्जा की अपार संभावना है, परंतु उनका उपयोग पूरी तरह नहीं किया जा रहा है। कारण कि उनके उपयोग की सही एवं प्रभावी तकनिकी अभी विकसित नहीं हुई है।

विकसित संसाधन – वैसे संसाधन जिनके उपयोग के लिए प्रभावी तकनीकि उपलब्ध हैं तथा उनके उपयोग के लिए सर्वेक्षण, गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है, विकसित संसाधन कहलाते हैं।

इन्हें भी पढ़ें:- भूकंप की परिभाषा क्या है?

Recommended

  • सुनामी किसे कहते हैं?
  • विनिमय का अर्थ एवं विशेषताएं बताइए-
  • मुद्रा और साख-
  • छिपी बेरोजगारी क्या है?
  • सामाजिक न्याय से आप क्या समझते हैं?
  • रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण
  • पत्र-लेखन (औपचारिक/अनौपचारिक पत्र)
  • औद्योगिक क्रांति के लाभ बताइए।

जैव और अजैव संसाधन क्या होती है?

जैव संसाधन- इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमे जीवन व्याप्त होता है, उदाहरण- मनुष्य, वनस्पतिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि। अजैव संसाधन- वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है। ये दो प्रकार के होते है समाप्य और असमाप्य l उदाहरण- चट्टानें और धातुएँ।

जैव संसाधन से आप क्या समझते हैं?

जैव संसाधन: जो संसाधन जैव मण्डल(जीवमंडल) से आते हैं उन्हें जैव संसाधन कहते हैं। उदाहरण: मनुष्य, वनस्पति, मछलियाँ, प्राणिजात, पशुधन, आदि।

इनमें कौन अजैव संसाधन है?

अजैव संसाधन:जो संसाधन निर्जीव पदार्थों से आते हैं उन्हें अजैव संसाधन कहते हैं। उदाहरण: मिट्टी, हवा, पानी, धातु, पत्थर, आदि।

चाहिए IV जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं कुछ उदाहरण दें?

संसाधनों के प्रकार उत्पत्ति के आधार पर - जैव संसाधन इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमें जीवन व्याप्त है, जैसे मनुष्य, वनस्पतिजात, प्राणिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि । - - अजैव संसाधन वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं। उदाहरणार्थ, चट्टानें और धातुएँ।