स्थानीय इतिहास का क्या महत्व है? - sthaaneey itihaas ka kya mahatv hai?

क्षेत्रीय इतिहास से बनता है देश का इतिहास

मेरठ : किसी क्षेत्र का इतिहास केवल उस क्षेत्र विशेष का इतिहास नहीं होता, वह पूरे देश का इतिहास होता

मेरठ : किसी क्षेत्र का इतिहास केवल उस क्षेत्र विशेष का इतिहास नहीं होता, वह पूरे देश का इतिहास होता है। मेरठ कालेज के इतिहास विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में यह बात इतिहासकारों ने कही।

पश्चिम उत्तर प्रदेश का क्षेत्रीय इतिहास और संस्कृति विषय पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि इतिहासकार डा. सतीश चंद्र मित्तल ने पश्चिम उत्तर प्रदेश, क्षेत्रीय इतिहास और संस्कृत को परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय इतिहास का अपना महत्व है। क्षेत्रीय इतिहास वास्तव में इतिहास के पिरामिड का सबसे ठोस आधार होता है। मेरठ जिले को महाभारत, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के लिए इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान हासिल है। 1857 की घटना पूरे भारतीय इतिहास को प्रभावित करती है। इसलिए इसका विशेष महत्व है। विशिष्ठ अतिथि व पूर्व विभागाध्यक्ष मेरठ कालेज डा. एसके मित्तल ने कहा कि क्षेत्र विशेष के इतिहास में शिक्षा के इतिहास को रेखांकित किय जाना चाहिए। उन्होंने इस दृष्टि से पश्चिम उत्तर प्रदेश में मेरठ कालेज के इतिहास को सबसे महत्वपूर्ण बताया। मेरठ कालेज के प्रो. बीआर चटर्जी की पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के कुछ अंश पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी आफ इंडिया में भी लिखे थे।

सेमिनार में इतिहासकार डा. केडी शर्मा ने सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कार्यकारिणी के अवैतनिक मंत्री डा. रामकुमार गुप्ता ने सभी का स्वागत करते हुए आश्वस्त किया कि भविष्य में संगोष्ठी या शोध कार्य में सहयोग करते रहेंगे। कालेज कार्यकारिणी के अध्यक्ष पीडी मित्तल ने आभार जताते हुए कहा कि मेरठ कालेज 124वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। ऐसे गौरवपूर्ण कालेज का इतिहास भी लिखा जाना चाहिए। कालेज के प्राचार्य डा. एनपी सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम के संयोजक विभागाध्यक्ष विध्नेश त्यागी रहे, संचालन आयोजन सचिव डा. अर्चना सिंह ने किया। मौके पर कालेज के अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे।

इतिहासकारों को मेमोरियल अवार्ड

मेरठ कालेज का पहला भारतीय प्राचार्य प्रो. बीआर चटर्जी मेमोरियल अवार्ड इतिहासकार प्रो. सतीश चंद्र मित्तल, डा. एसके मित्तल और डा. केडी शर्मा को दिया गया। इसके अलावा अन्य अतिथियों को स्मृति चिह्न दिए गए।

चार दर्जन शोध पढ़े गए

सेमिनार के दूसरे सत्र में छात्र- छात्राओं और विशेषज्ञों ने चार दर्जन शोध प्रस्तुत किए, जिसमें बुलंदशहर, मेरठ सहित आसपास के जिलों से संबंधित इतिहास पर प्रकाश डाला गया।

स्थानीय इतिहास को पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

This question was previously asked in

Official Paper 7: OTET 2016 Paper 1 (Hindi/ English)

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  1. शिक्षार्थी को विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों से परिचित कराना
  2. राज्य के विभिन्न स्थानों से परिचित कराना
  3. देश के विभिन्न स्थानों से परिचित होना
  4. अधिगमकर्ता का अपने वातावरण से परिचित होना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अधिगमकर्ता का अपने वातावरण से परिचित होना

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CT 1: Growth and Development - 1

10 Questions 10 Marks 10 Mins

स्थानीय इतिहास एक जगह के इतिहास को फिर से  संगठित करने का प्रयास करता है कि लोग किस तरह से समुदाय के वर्तमान और भविष्य से जुड़ते हैं। स्थानीय ज्ञान वह ज्ञान है जो किसी विशिष्ट समुदाय के व्यक्तियों या लोगों को समय के साथ अनुभव या विकसित होता है।

स्थानीय इतिहास का क्या महत्व है? - sthaaneey itihaas ka kya mahatv hai?
Important Points

स्थानीय इतिहास पढ़ाने के उद्देश्य: -

  • स्थानीय इतिहास एक शिक्षार्थी को अपने परिवेश से परिचित कराने में मदद करता है जो उससे संबंधित है।
  • शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में बच्चे, अपने परिवेश, समुदाय और मातृभाषा के स्थानीय ज्ञान से जुड़ते है जिससे यह प्रक्रिया अधिक संवादात्मक बन जाती है।
  • यह अधिगमकर्ता को उन घटनाओं की श्रृंखला समझने में मदद करता है जो विशेष समुदाय के उत्थान या पतन के लिए जिम्मेदार थीं और उन घटनाओं से सबक लेते हैं ताकि बेहतर भविष्य के लिए काम किया जा सके। उदाहरण के लिए, यूनाइटेड किंगडम में ब्रिटिश एसोसिएशन स्थानीय लोगों के लिए स्थानीय इतिहास शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए स्थानीय इतिहास की अकादमिक को बढ़ावा देता है।

इस प्रकार, उपर्युक्त बिंदुओं से, यह स्पष्ट है कि स्थानीय इतिहास को पढ़ाने का मुख्य उद्देश्य अधिगमकर्ता का अपने वातावरण से परिचित होना है।

स्थानीय इतिहास का क्या महत्व है? - sthaaneey itihaas ka kya mahatv hai?
Additional Information

  • बच्चे का समुदाय और स्थानीय परिवेश उसका शिक्षण संस्थान है जिसमे वह सीखता है, और जिसमें ज्ञान का महत्व समझता है। यह पर्यावरण के साथ बच्चे की अन्तः क्रिया है जिसमे बच्चा ज्ञान का निर्माण करता है और अर्थ प्राप्त करता है। इस क्षेत्र को आम तौर पर पाठ्यपुस्तकों की अवधारणा और शिक्षण पद्धतियों में उपेक्षित किया गया है।

Last updated on Sep 29, 2022

Rajasthan 3rd Grade Teacher Recruitment for Level 1 & Level 2 will be done through REET 2022 Scores. 48,000 vacancies have been released for this recruitment. Earlier, the REET 2022 Certificate Notice is out, for candidates on 6th December 2022! Candidates can download the certification through the official certificate link. REET 2022 Written Exam Result was out on 29th September 2022! The final answer key was also out with the result. The exam was conducted on the 23rd and 24th of July 2022. The candidates must go through the REET Result 2022 to get the direct link and detailed information on how to check the result. The candidates who will be finally selected for 3rd Grade Teachers are expected to receive Rs. 23,700 as salary. Then, the candidates will have to serve a probation period which will last for 2 years. Also, note during probation, the teachers will receive only the basic salary.

स्थानीय इतिहास का क्या तात्पर्य है?

स्थानीय इतिहास अतीत को आमतौर पर 'ऐतिहासिक-लेखन की विशिष्ट धारा जो भौगोलिक रूप में लघु क्षेत्र पर केन्द्रित, अव्यावसायिक इतिहास अतीतकारों द्वारा, अशैक्षिक श्रोताओं के लिए लगातार लिखा जाने वाला और उन पर केन्द्रित इतिहास अतीत माना जाता है।

स्थानीय इतिहास के शिक्षण से क्या लाभ है?

स्थानीय इतिहास पढ़ाने के उद्देश्य: - स्थानीय इतिहास एक शिक्षार्थी को अपने परिवेश से परिचित कराने में मदद करता है जो उससे संबंधित है। शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में बच्चे, अपने परिवेश, समुदाय और मातृभाषा के स्थानीय ज्ञान से जुड़ते है जिससे यह प्रक्रिया अधिक संवादात्मक बन जाती है।

इतिहास क्या है उसका महत्व बताइए?

सांस्कृतिक दृष्टि से भी इतिहास का व्यापक महत्व है क्योंकि यह मानव मस्तिष्क एवं आचरण को सुसंस्कृत बनाने का प्रमुख एंव प्रभावपूर्ण साधन है। इसके अध्ययन से छात्र अपने देश की अतीत कालीन सभ्यता एवं संस्कृति के आधार पर वर्तमान संस्कृति को समझने में समर्थ होते हैं और उसके क्रमिक विकास का ज्ञान प्राप्त करते हैं।

इतिहास से क्या समझते हैं इतिहास की प्रकृति और महत्व का वर्णन करें?

आइए विस्तार से बात करते हैंइतिहास की प्रकृति अतीत की घटनाओं, लोगों और संस्कृतियों का अध्ययन है। यह मानवीय अनुभव को समझने का एक तरीका है। इतिहास का उपयोग अतीत के विभिन्न पहलुओं, जैसे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक इतिहास का अध्ययन करने के लिए किया जा सकता है।