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जानिए जब कोई आपके पैर छुए तो आपको क्या-क्या करना चाहिएकिसी के पैर छूने का मतलब है उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार खत्म हो जाता है। पुराने समय से ही परंपरा चली आ रही है कि जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छुते हैं। इस परंपरा को मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। यह बात तो सभी जानते हैं कि बड़ों के पैर छुना चाहिए, लेकिन यह बात कम ही लोग जानते हैं कि जब कोई हमारे पैर छुए तो हमें क्या करना चाहिए। पैर छुना महत्वपूर्ण परंपरा है और आज भी इसका पालन काफी लोग करते हैं। इस परंपरा के संबंध में कई नियम भी हैं। इस परंपरा के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक, दोनों ही कारण बताए गए हैं। जब भी कोई व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, आपके पैर छुए तो उन्हें आर्शीवाद तो देना चाहिए, साथ ही भगवान का नाम भी लेना चाहिए। आमतौर पर हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि हमारा पैर किसी को ना लगे। ऐसा होने पर हमें दोष लगता है और जब कोई हमारे पैर छुता है तब भी हमें दोष लगता है। अत: इस दोष से बचने के लिए यहां दिए गए उपाय अवश्य करना चाहिए। शास्त्रों में लिखा है कि- अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।। इस श्लोक का अर्थ यह है कि जो व्यक्ति रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम और चरण स्पर्श करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और शक्ति बढ़ती जाती है। जब भी कोई हमारे पैर छूता है तो उस समय भगवान का नाम लेने से पैर छूने वाले व्यक्ति को भी सकारात्मक फल मिलते हैं। आशीर्वाद देने से पैर छूने वाले व्यक्ति की समस्याएं खत्म होती हैं, उम्र बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों से उसकी रक्षा होती है। हमारे द्वारा किए गए शुभ कर्मों का अच्छा असर पैर छुने वाले व्यक्ति पर भी होता है। जब हम भगवान को याद करते हुए किसी को सच्चे मन से आशीर्वाद देते हैं तो उसे लाभ अवश्य मिलता है। किसी के लिए अच्छा सोचने पर हमारा पुण्य भी बढ़ता है। पैर छूना या प्रणाम करना, केवल एक परंपरा नहीं है, यह एक वैज्ञानिक क्रिया है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ी है। पैर छूने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता, बल्कि बड़ों के स्वभाव की अच्छी बातें भी हमारे अंदर उतर जाती है। पैर छूने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे शारीरिक कसरत होती है। आमतौर पर तीन तरीकों से पैर छुए जाते हैं। पहला तरीका- झुककर पैर छूना। दूसरा तरीका- घुटने के बल बैठकर पैर छूना। तीसरा तरीका- साष्टांग प्रणाम करना। क्या है फायदे झुककर पैर छूना– झुककर पैर छूने से हमारी कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। घुटने के बल बैठकर पैर छूना- इस विधि से पैर छूने पर हमारे शरीर के जोड़ों पर बल पड़ता है, जिससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। साष्टांग प्रणाम– इस विधि में शरीर के सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए सीधे तन जाते हैं, जिससे शरीर का स्ट्रेस दूर होता है। इसके अलावा, झुकने से सिर का रक्त प्रवाह व्यवस्थित होता है जो हमारी आंखों के साथ ही पूरे शरीर के लिए लाभदायक है। पैर छूने के तीसरे तरीके का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार खत्म होता है। किसी के पैर छूने का मतलब है उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार खत्म हो जाता है। Edited By: Preeti jha
पुरानी परंपरा है कि बड़ों के पैर छूना चाहिए, इसे उनका मान-सम्मान बढ़ता है, बड़ों के आशीर्वाद से बढ़ता है हमारा आत्मविश्वास
रिलिजन डेस्क। पुराने समय से ही परंपरा चली आ रही है कि जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छूते हैं। इस परंपरा को मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। ये बात तो सभी जानते हैं कि बड़ों के पैर छूना चाहिए, लेकिन जब कोई हमारे पैर छुए तो हमें क्या-क्या करना चाहिए, यहां जानिए… कोई हमारे पैर छूता है तो हमें लगता है दोष > इस परंपरा का पालन आज भी काफी लोग करते हैं। चरण स्पर्श करने से धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। > जब भी कोई व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, हमारे पैर छुए तो उन्हें आशीर्वाद तो देना ही चाहिए, साथ ही भगवान या अपने इष्टदेव को भी याद करना चाहिए। > आमतौर पर हम यही प्रयास करते है कि हमारा पैर किसी को न लगे, क्योंकि ये अशुभ कर्म माना गया है। जब कोई हमारे पैर छूता है तो हमें इससे भी दोष लगता है। इस दोष से बचने के लिए मन ही मन भगवान से क्षमा मांगनी चाहिए। शास्त्रों में लिखा है कि- अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।। इस श्लोक का अर्थ यह है कि जो व्यक्ति रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम और चरण स्पर्श करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और शक्ति बढ़ती जाती है। जब कोई आपके पैर छुए तो ध्यान रखें ये बातें जब भी कोई हमारे पैर छूता है तो उस समय भगवान का नाम लेने से पैर छूने वाले व्यक्ति को भी सकारात्मक फल मिलते हैं। आशीर्वाद देने से पैर छूने वाले व्यक्ति की समस्याएं खत्म होती हैं, उम्र बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों से उसकी रक्षा होती है। हमारे द्वारा किए गए शुभ कर्मों का अच्छा असर पैर छुने वाले व्यक्ति पर भी होता है। जब हम भगवान को याद करते हुए किसी को सच्चे मन से आशीर्वाद देते हैं तो उसे लाभ अवश्य मिलता है। किसी के लिए अच्छा सोचने पर हमारा पुण्य भी बढ़ता है। पत्नी के पैर छूने से क्या होता है?क्युकी वह आपकी पत्नी की बड़ी बहन ही तो उनके पैर छूना आदर सूचक हैं इसलिए और उनका आशीर्वाद लेने के लिए भी ऐसा करना अच्छा है। मेरा तो मानना हे की अपनी पत्नी के चरण स्पर्श करना भी भाग्य वर्धक होता है, और में तो ऐसा करता था ( जब भी अवसर मिलता था)।
स्त्री के पैर दबाने से क्या होता है?ऐसा कहा जाता है कि पुरुष शरीर की सभी नसें पैरों पर समाप्त होती हैं और महिला शरीर की सभी नसें हाथों में शुरू होती हैं इसलिए जब महिला अपने पति के पैर दबाती है तो यह उसके पति को उसके सभी तनावों से मुक्त कर देती है। तीसरा कारण है धार्मिक/पौराणिक। शास्त्रों में लिखा है कि पति के पैर दबाना पत्नी का कर्तव्य है.
लड़कियों के पैर छूने से मना क्यों किया जाता है?कन्याओं से अपने पैरों का स्पर्श क्यों नहीं कराना चाहिए? - Quora. क्योंकि स्त्री अपने सभी रूपो में पुरुष से श्रेस्ठ है भले ही पुरुष कितना भी श्रेस्ठ क्यों न हो … श्रेस्ठ जनो के चरण छूने की परम्परा है … यदि श्रेस्ठ जन आपके चरण छूते है तो आप की संस्कार एवम मर्यादा की हानि होती है …
पति के पैर छूने से क्या लाभ होता है?शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बड़े लोगों के पैर छूने से हमारे पुण्य में बढ़ोतरी होती है।. पहला कारण ज्योतिषीय है। ऐसा कहा जाता है कि जब पत्नी अपने पति के पैर दबाती है, तो धन, सुख और समृद्धि का निर्माण होता है।. दूसरा कारण आयुर्वेदिक है। ... . तीसरा कारण है धार्मिक/पौराणिक।. |