ससंद मुख्यतया कानून बनाने वाली संस्था है। कोर्इ भी प्रस्तावित कानून, संसद में एक विधेयक के रूप में प्रतिस्थापित किया जाता है। संसद में पारित होने तथा राष्ट्रपति की स्वीकृति के पश्चात यह कानून बन जाता है। अब हम यह अध्ययन करेगे कि संसद किस प्रकार कानून बनाती है । ससंद के समक्ष आने वाले विधेयक दो प्रकार के होते है। Show
अब हम इन दोनों प्रकार के विधेयको को काननू बनाने की प्रक्रिया का वर्णन करेगें साधारण विधेयक-संसद के प्रत्येक सदस्य को साधारण विधेयक प्रस्ताविक करने का अधिकार है प्रस्तावित करने के आधार पर विधेयक दो प्रकार के होते है -सरकारी विधेयक और गरै -सरकारी विधेयक मंत्री सरकारी विधयेक प्रस्तावित करते है और जो विधेयक किसी मंत्री द्वारा पेश नहीं किया जाता है। वह गैर-सरकारी विधेयक होता है। जिसका अर्थ यह है कि गैर सरकारी विधेयक किसी सांसद द्वारा प्रस्तावित किया गया होता है न कि किसी मंत्री द्वारा। संसद का अधिकतर समय सरकारी विधये कों को निपटाने में लग जाता है। विधयेक को कर्इ अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। क. प्रथम वाचन: –विधेयक की प्रतिस्थापना के साथ साथ विधेयक का प्रथम वाचन प्रारम्भ हो जाता है। यह अवस्था बडी सरल होती है। जिस मंत्री को विधेयक प्रस्तावित करना होता है वह अध्यक्ष को सूचित करता है। अध्यक्ष यह प्रश्न सदन के समक्ष रखता है। जब स्वीकृति प्राप्त हो जाती है, जो सामान्यतया ध्वनि मत से हो जाती हैं, तो संबंधित मंत्री को विधेयक को प्रतिस्थापित करने के लिए बुलाया जाता है। ख. द्वितीय वाचन : –यह सबसे महत्वपूर्ण अवस्था है। सामान्य चर्चा के पश्चात सदन के पास चार विकल्प होते है :
यदि विधेयक प्रवर समिति को सौपा जाता है। तो संबंधित समिति विधेयक का विस्तृत निरीक्षण करती प्रत्येक धारा का निरीक्षण किया जाता है। समिति चाहे तो वह विषय विशेषज्ञों तथा विधिवेताओं से भी उनकी राय ले सकती है। पूरे विचार विमर्श के पश्चात समिति अपनी रिपोर्ट सदन को भेज देती है। ग. तृतीय वाचन : –द्वितीय वाचन पूरा हो जाने के पश्चात, मंत्री विधेयक को पारित करने के लिए सदन से अनुरोध करता है। इस अवस्था में प्राय: कोर्इ चर्चा नहीं की जाती। सदस्य केवल विधेयक विरोध या पारित करने के लिए विधेयक का समर्थन अथवा उसका विरोध कर सकते हैं। इसके लिए उपस्थित तथा मतदान करने वाल सदस्यों का साधारण बहुमत आवश्यक है। द्वितीय सदन में विधेयक :-किसी एक सदन से विधेयक पारित हो जाने के पश्चात उसे दूसरे सदन में भेज दिया जाता है । यहां पर भी वही तीन वाचनों वाली प्रक्रिया अपनार्इ जाती है। जिस का परिणाम इस प्रकार हो सकता है :-
इस दशा में विधेयक इसी सदन को वापिस भेजा जाता है वहां प्रारम्भ हुआ था। परन्तु यदि दोनों सदन राष्ट्रपति के सुझाव मान लें या न मानें और विधेयक पुन: पारित करके राष्ट्रपति को भेज दे तो राष्ट्रपति के पास स्वीकृति प्रदान करने के अतिरिक्त और कोर्इ विकल्प नहीं है। नोट:-अगर आप इसे pdf में download करना चाहते है तो download button पर क्लिक करें धन विधेयक/वित्त विधेयक-वे विधेयक जिनका संबंध वित्त या धन से होता है जैसे टैक्स लगाना, सरकारी व्यय करना, ऋण प्राप्त करना आदि, धन विधेयक कहलाते है । यदि निणर्य न हो पाए कि कोर्इ विधेयक धन विधेयक है या नहीं, तो अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है । साधारण विधेयक की तरह, धन विधेयक को पारित करने के लिए भी उन्ही तीन अवस्थाओं से गजु राना पडत़ा है। परन्तु इसमें कुछ अन्य शर्ते जुड़ी है । वे हैं-
संसद में कानून बनाने की प्रक्रिया(Law Making Procedure) Notesदोस्तों यहाँ हमने इस Law Making Procedure के बारे में डिटेल बना दी है इससे आपको ये idea हो जायेगा की ये कितने mb में है और इसमें कितने pages हैं और ये notes लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी हैं जैसे की ssc, Upsc, up police आदि इसके अलवा इन notes कई ऐसे प्रश्न उपलब्ध है हैं जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं और आगे भी पूछे जा सकते हैं. तो इसीलिए आप सभी को ये notes एक बार ज़रूर पढ़ने चाहिये- जरुर पढ़े…
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संसद में कानून कैसे बनाया जाता है?कानून बनाना संसद का प्रमुख काम माना जाता है। इसके लिए पहल अधिकांशतया कार्यपालिका द्वारा की जाती है। सरकार विधायी प्रस्ताव पेश करती है। उस पर चर्चा तथा वाद विवाद के पश्चात संसद उस पर अनुमोदन की अपनी मुहर लगाती है।
संसद से आप क्या समझते हैं वर्णन कीजिए?संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन - राज्य सभा (राज्यों की परिषद) एवं लोकसभा (लोगों का सदन) होते हैं। राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या स्थगित करने अथवा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है।
विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया कहाँ से ली गई?2. ब्रिटेन - इस देश से संसद की शासन प्रणाली, नागरिकता और विधि निर्माण प्रक्रिया, मंत्रिमंडल प्रणाली को लिया गया है।
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