समास किसे कहते हैं Class 8 - samaas kise kahate hain chlass 8

प्रिय पाठक! स्वागत है आपका the eNotes के एक नए आर्टिकल में, इसमें हम पढ़ेंगे की समास किसे कहते हैं (Samas kise kahate hain) इससे पहले हिन्दी व्याकरण के अंतर्गत हमने संधि-विच्छेद, लिंग तथा वचन आदि के बारे में पढ़ चुके हैं।

हिन्दी व्याकरण में समास को शब्द विचार के अंतर्गत पढ़ा जाता है, बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओं में समास से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, तो इस पोस्ट में हम पढेंगे कि समास किसे कहते हैं और साथ ही समास के प्रकार के बारे में जानेंगे।

इस आर्टिकल के हेडलाइन पढ़ें - show

1. समास किसे कहते हैं? Samas kise kahate hain

2. समास के प्रकार -Samas ke Prakar

2.1. 1. अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं- Avyayibhav Samas

2.2. 2. तत्पुरुष समास किसे कहते हैं- Tatpurush Samas

2.2.1. तत्पुरुष समास के भेद- Tatpurush Samas ke bhed

2.3. 3. कर्मधारय समास किसे कहते हैं- Karmdharay Samas

2.4. 4. द्विगु समास किसे कहते हैं- Dvigu Samas

2.5. 5. द्वन्द समास किसे कहते हैं- Dvand Samas

2.6. 6. बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं- Bahuvrihi Samas

2.6.1. लेख के बारे में-

समास किसे कहते हैं? Samas kise kahate hain

दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक समूह को समास कहते हैं। समास शब्द का शाब्दिक अर्थ संक्षेप होता है, समास प्रक्रिया में शब्दों का संक्षिप्तिकरण किया जाता है। अगर कोई आपसे पूछे की समास किसे कहते हैं तो यह भी बता सकते हैं कि “कम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों के सार्थक समूह को समास कहते हैं। ” जैसे-

  • चरणकमल – कमल के समान चरण
  • नीलकंठ– नीला है जो कंठ
  • चौराहा- चार राहों का समूह
  • लम्बोदर- लम्बा है उदर जिनका (गणेश)
  • मृतुन्जय- मृत्यु को जितने वाला (शंकर)

समास किसे कहते हैं Class 8 - samaas kise kahate hain chlass 8

प्रायः समास रचना में दो शब्द होते हैं, पूर्वपद और उत्तरपद | किसी समास शब्द में पहला शब्द पूर्वपद तथा दूसरा शब्द उत्तरपद कहलाता है | उपर्युक्त उदाहारण के अनुसार “चरणकमल” में ‘चरण’ पूर्वपद तथा ‘कमल’ उत्तरपद है | सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है |

समास के प्रकार -Samas ke Prakar

समास के मुख्य छः (6) भेद होते हैं |

  1. अव्ययीभाव समास (Adverbial Compound)
  2. तत्पुरुष समास (Determinative Compound)
  3. कर्मधारय समास (Appositional Compound)
  4. द्विगु समास (Numeral Compound)
  5. द्वन्द समास (Copulative Compound)
  6. बहुव्रीहि समास (Attributive Compound)

1. अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं- Avyayibhav Samas

अव्ययीभाव समास में प्रथम पद अव्यय होता है तथा उसका अर्थ प्रधान होता है। इसमें अव्यय पद का प्रारूप लिंग, वचन, कारक, में नहीं बदलता है वो हमेशा एक जैसा रहता है।

पहचान – अव्ययीभाव समास के प्रथम पद में  ‘अनु, आ, प्रति, भर, यथा, यावत, हर’ आदि होता है | जैसे –

विग्रहसमस्त-पदरूप के योग्यअनुरूपइच्छा के विरुद्धप्रतिकूलपेट भर केभरपेटप्रत्येक दिनप्रतिदिनजैसा संभव होयथासंभव

2. तत्पुरुष समास किसे कहते हैं- Tatpurush Samas

तत्पुरुष समास में बाद का पद (उत्तरपद) प्रधान होता है, इसमें दोनों पदों के बीच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता है | जैसे- चिड़ीमार- चिड़ियों को मारने वाला

तत्पुरुष समास के उदाहरण | Tatpurush samas ke udaharan

विग्रहसमस्त पदधर्म का ग्रन्थधर्मग्रन्थस्नान के लिए घरस्नानघरमन से चाहामनचाहाराजा का पुत्रराजपुत्रविद्या का सागरविद्यासागर

तत्पुरुष समास के भेद- Tatpurush Samas ke bhed

विभक्तियों के नामों के अनुसार तत्पुरुष समास के छः (6) भेद होते हैं |

  1. कर्म तत्पुरुष– इसमें कर्म कारक की विभक्ति ‘को’ का लोप होता है। जैसे: यशप्राप्त- यश को प्राप्त
  2. करण तत्पुरुष- ‘से’ और ‘के द्वारा’ के लोप से यह समास बनता है। जैसे: मदांध- मन से अँधा
  3. सम्प्रदान तत्पुरुष– ‘के लिए’ का लोप होने से यह समास बनता है। जैसे: गौशाला- गौ के लिए शाला
  4. अपादान तत्पुरुष– ‘से’ का लोप होने से यह समास बनता है। जैसे: गुणहीन- गुण से हीन
  5. सम्बन्ध तत्पुरुष– ‘का’, ‘के’, ‘की’ आदि का लोप होने से यह समास बनता है। जैसे: शिवालय- शिव का आलय
  6. अधिकरण तत्पुरुष– ‘में’ और ‘पर’ का लोप होने से यह समास बनता है। जैसे: गृहप्रवेश- गृह में प्रवेश

समास किसे कहते हैं Class 8 - samaas kise kahate hain chlass 8

3. कर्मधारय समास किसे कहते हैं- Karmdharay Samas

कर्मधारय समास में उत्तरपद प्रधान होता है, तथा इसमें पूर्व और उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य, अथवा उपमान-उपमेय का संबध होता है | जैसे- महान हैं जो देव- महादेव

कर्मधारय समास के उदाहरण : Karmdharay Samas ke udaharan

विग्रहसमस्त पदआधा है जो मराअधमरापरम है जो आनंदपरमानन्दलाल है जो मणिलालमणिकनक की-सी लताकनकलताचन्द्र के समान मुखचंद्रमुख

4. द्विगु समास किसे कहते हैं- Dvigu Samas

द्विगु समास में पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण होता है, इसमें समूह अथवा समाहार का ज्ञान होता है | जैसे- चार राहों का समूह- चौराहा

द्विगु समास से उदाहरण : Dvigu Samas ke udaharan

विग्रहसमस्त पदतीन रंगों का समूहतिरंगातीन कोणों का समूहत्रिकोणसात ऋषियों का समूहसप्तऋषिनौ रात्रियों का समूहनवरात्रसात दिनों का समूहसप्ताह

5. द्वन्द समास किसे कहते हैं- Dvand Samas

द्वन्द समास में दोनों पद प्रधान होते हैं, तथा इन्हें विग्रह करने पर ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ अदि का प्रयोग किया जाता है | द्वन्द समास के दोनों पदों के बीच योजक चिन्ह (-) लगा होता है | जैसे- राधा-कृष्ण : राधा और कृष्णा

द्वन्द समास के उदाहरण – Dvand Samas ke udaharan

विग्रहसमस्त पदनदी और नालेनदी-नालेऊँच या नीचऊँच-नीचपाप और पुण्यपाप-पुण्यदेश और विदेशदेश और विदेशआगे और पीछेआगे-पीछे

6. बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं- Bahuvrihi Samas

बहुव्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नही होता है, इसमें दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं | जैसे- नीलकंठ- नीला है कंठ जिनका (शिव)

बहुव्रीहि समास के उदाहरण : Bahuvrihi Samas ke Udaharan

विग्रहसमस्त पदपीताम्बरपीत है अम्बर जिनका (कृष्ण)घनश्यामघन के समान श्याम हैं जो (कृष्ण)गिरिधरगिरि को धारण करने वाला (कृष्ण)दशाननदस है आनन जिनके (रावण)त्रिलोचनतीन है लोचन जिनके (शिव)

लेख के बारे में-

इस आर्टिकल में हमने “Samas kise kahate hain” समास के बारे में पढ़ा तथा समास के प्रकार को समझा, हिन्दी व्याकरण से सम्बंधित और भी आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए हमे टेलीग्राम पर फॉलो करें तथा इस लेख के बारे में अपने विचार कमेंट में लिखें।

समास किसे कहते हैं और कितने भेद होते हैं?

समास किसे कहते है :- दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है। समास रचना में दो पद होते हैं पहले पद को 'पूर्वपद ' कहा जाता है और दूसरे पद को 'उत्तरपद ' कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।

समास कितने प्रकार के होते हैं class 8?

समास के मुख्य चार भेद हैं.
अव्ययीभाव समास.
तत्पुरुष समास.
द्वंद्व समास.
बहुब्रीहि समास.

समास क्या है class 9?

समास का अर्थ है-संक्षेपीकरण। इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक पदों को मिलाकर विभिन्न तरीकों से एक नए शब्द की रचना की जाती है। इस क्रम में शब्दों की विभक्तियों, योजक शब्दों आदि को हटाकर बचे शब्दों को पास-पास लाया जाता है। इसी प्रक्रिया को समास कहा जाता है।

समास के कितने भेद हैं example?

कारक लोप के आधार पर कर्म से अधिकरण तक तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं। इस समास में कर्ता तथा संबोधन कारक को छोड़कर शेष सभी कारकों के विभक्ति-चिन्हों का लोप हो जाता है। तत्पुरुष समास के लिंग, वचन अंतिम पद के अनुसार ही प्रयुक्त होते हैं। प्रथम पद मात्र विशेषण का कार्य करता है, इसलिए वह दूसरे पद विशेष्य पर निर्भर करता है।