सबसे पहला गाना कौन सा है? - sabase pahala gaana kaun sa hai?

पटना/आरा: स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से हर संगीत प्रेमी दुखी है। ऐसे मौके पर लोग अपने-अपने तरीके से लता दीदी को लोग याद कर रहे हैं। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे भोजपुरी भाषी प्रदेश में लता मंगेशकर अपने जीवन काल में एकाध पर ही आईं, लेकिन इसके बाद भी यहां उनके फैन फॉलोअर की कोई कमी नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि भारत में बनी पहली भोजपुरी फिल्म 'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो' का टाइटल सॉन्ग भी लता मंगेशकर ने ही गाया है। इस गाने में लता मंगेशकर के साथ उनकी बहन उषा मंगेशकर ने भी अपनी आवाज दी हैं। फिल्म 'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो' और लता मंगेशकर के गाए टाइटल सॉन्ग से जुड़ा किस्सा बेहद दिलचस्प और यादगार है। आइए इस मौके पर उस किस्से को याद कर लता मंगेशकर को एक श्रद्धांजलि देने की कोशिश करते हैं।

देश के पहले राष्ट्रपति के अनुरोध पर लता जी ने गाया था वो गाना
साल 1950 में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने बतौर पहले राष्ट्रपति कार्यभार संभाला था। राष्ट्रपति बनने के बाद भी राजेंद्र प्रसाद का ज्यादातर समय पटना के सदाकत आश्रम में बितता। इस दौरान भोजपुरी समाज के कई लोग उनसे मिलने आते। इन्हीं मुलाकातों के दौरान किसी ने राजेंद्र प्रसाद से कहा कि बॉलीवुड में इतनी सारी सामाजिक मुद्दों पर अलग-अलग भाषाओं में फिल्में बनती हैं तो क्या भोजपुरी में कोई फिल्म रिलीज नहीं की जा सकती है। यह बात राजेंद्र प्रसाद के मन में बैठ गई। राजेंद्र प्रसाद जब मुंबई एक कार्यक्रम में गए तो उनकी मुलाकात नाजिर हुसैन से हुई। नाजिर हुसैन ने भी राजेंद्र प्रसाद के सामने भोजपुरी फिल्म बनाने की बात कही। देश के पहले राष्ट्रपति ने नाजिर हुसैन को पहली भोजपुरी फिल्म बनाने का जिम्मा सौंप दिया। साथ ही राजेंद्र प्रसाद ने आश्वासन दिया कि फिल्म निर्माण में किसी भी किस्म की मदद की जरूरत होगी तो वह उसके लिए तैयार हैं।

बिहार के रहने वाले नाजिर हुसैन के सामने पहली भोजपुरी फिल्म बनाने में सबसे बड़ी चुनौती पैसों की थी। इसी बीच उनकी मुलाकात स्टूडियो और सिनेमा हॉल का कारोबार करने वाले कारोबारी विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी से हुई। नाजिर हुसैन और विश्वनाथ प्रसाद के बीच हुई कई दौर की बातचीत में तय हुआ कि पहली भोजपुरी फिल्म डायरेक्ट करने का जिमा विमल रॉय को सौंपा जाए, लेकिन बात नहीं बन पाई। इसके बाद डायरेक्शन के काम के लिए कुंदन कुमार को फाइनल किया गया।
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कच्‍ची उम्र में ही Lata Mangeshkar ने सीख लिया था हालात से लड़ना, बचपन से ही भाई-बहनों पर लुटाया जीवन

पहली भोजपुरी फिल्म में संगीत भी यहीं की मिट्टी से जुड़ा हो इसका ख्याल रखने के लिए आरा के रहने वाले संगीतकार शैलेंद्र को फाइनल किया गया। राजेंद्र प्रसाद की सलाह पर फिल्म का मुर्हूत शॉट पटना के शहीद स्मारक में लिया गया। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग बिहटा में हुई। कुछ सीन गोलघर और आरा के रेलवे स्टेशन पर भी शूट किए गए। करीब एक साल में यह फिल्म बनकर तैयार हुई।


उस दौर में अगर किसी फिल्म में लता मंगेशकर के गाए गाने नहीं होते तो उसकी सफलता की गारंटी कम हो जाती थी। फिल्म निर्माताओं के कहने पर राजेंद्र प्रसाद ने खुद लता मंगेशकर से अनुरोध किया कि वह फिल्म 'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो' के गाने में अपनी आवाज दें। राजेंद्र प्रसाद के अनुरोध को लता मंगेशकर टाल नहीं पाईं और उन्होंने फिल्म का टाइटल सॉन्ग गाया।



फिल्म के साथ लता मंगेशकर का गाया गाना हुआ सुपरहिट
22 फरवरी 1963 को यह फिल्म पटना के वीणा सिनेमा हॉल में रिलीज हुई। रिलीज से पहले फिल्म की स्क्रिनिंग पटना के सदाकत आश्रम में की गई। यहां राजेंद्र प्रसाद ने यह फिल्म देखकर इसकी काफी तारीफ की। मधुर संगीत और विधवा पुनर्विवाह जैसे मुद्दों पर सशक्त स्क्रिनप्ले की बदौलत इस फिल्म ने ना केवल भोजपुर बेल्ट में बल्कि पूरी हिन्दुस्तान में हिट हुई। पांच लाख रुपये की लागत में बनी इस प्रादेशिक फिल्म ने इससे कई गुना ज्यादा कमाई की। वाराणसी, पटना जैसे शहरों में यह फिल्म गोल्डन जुबली रही तो कोलकाता जैसे महानगर में सिल्वर जुबली रही। फिल्म का मधुर संगीत हर गली-मोहल्ले और चौक-चौराहों पर गूंजने लगा। यूं कह सकते हैं कि इस फिल्म के गानों की वजह से ही लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, उषा मंगेशकर जैसे महान गायक भोजपुरी बोलने वाले गांव-कस्बे के लोगों के दिलों में छा गए।
सबसे पहला गाना कौन सा है? - sabase pahala gaana kaun sa hai?
Lata Mangeshkar Bhojpuri Song: लता मंगेशकर का वो भोजपुरी गाना, जिसे आज तक कोई पछाड़ ना पाया

फिल्म में बॉलीवुड के उस वक्त के स्टार कलाकारों को लिया गयाा था। हिरोइन के रूप में कुमकुम तो पुरुष लीड रोल में अश्विन कुमार को लिया गया। इसके अलावा रामायण तिवारी, भगवान सिन्हा, मदन सिन्हा, कोइलवर के गीतकार एसएस बिहारी, छायाकार द्रोणाचार्य आदि थे।

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आज पूरे देश की आंखें नम हैं. सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. लता मंगेशकर के निधन से हर कोई सदमे है. लता मंगेशकर को कोराना हुआ था. कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 

6 महीने की उम्र में संगीत से प्यार?
मंगेशकर परिवार मानता है कि लता ने अपने संगीत की तरफ रुझान का संकेत बोल फूटने से पहले ही दे दिया था. कहा जाता है कि लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर पोर्च में बैठकर सारंगी बजा रहे थे, तभी उनकी नजर नन्ही लता पर गई. 6 महीने की वो बच्ची मुट्ठी भर मिट्टी अपने मुंह में डालने ही वाली थी. उन्होंने सारंगी उठाकर उसे प्यार से झिड़कना चाहा. लेकिन वे हैरान रह गए जब उस बच्ची ने सांरगी के तार को ठीक उसी तरह छेड़ दिया, जिस तरह वे बजा रहे थे. पिता नि:शब्द थे.

लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी लता मंगेशकर

लता मंगेशकर भले ही इस दुनिया से रुखसत हो गई हैं. लेकिन वो और उनके खूबसूरत गाने हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे, क्योंकि लता मंगेशकर ने अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों में एक ऐसी खास जगह बनाई है जो कभी मिट नहीं सकती. 

5 साल की उम्र में शुरू की थी सिंगिंग

कम ही लोग जानते हैं कि सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने 5 साल की छोटी उम्र से ही सिंगिंग शुरू कर दी थी. लेकिन जब लता मंगेशकर ने फिल्म इंडस्ट्री में एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर एंट्री की तो उस समय उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था, क्योंकि उस समय लता की आवाज को काफी पतला समझा गया था. 

क्यों कभी रिलीज नहीं हुआ लता मंगेशकर का पहला गाना?

लता मंगेशकर ने हजारों गाने गाए हैं. लेकिन उनका गाया पहला गाना कभी रिलीज नहीं हुआ. इस गाने का नाम था Naachu Yaa Gade, Khelu Saari Mani Haus Bhaari. गाने को सदाशिवराव नेवरेकर ने मराठी फिल्म किट्टी हसल के लिए 1942 में कम्पोज किया था. गाना डब तो हुआ लता की आवाज में लेकिन फिल्म के फाइनल कट में उसे हटा दिया गया. इसलिए वो गाना कभी रिलीज नहीं हो सका. 

 लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दें

इसके बाद लता मंगेशकर का जो गाना रिलीज हुआ वो था Natali Chaitraachi Navalaai" जिसे दादा चंदेडकर ने बनाया था. ये गाना 1942 में आई मराठी फिल्म  Pahili Mangalaa-gaur में लिया गया था. इस फिल्म में लता जी ने बतौर एक्टर छोटा सा रोल भी किया था. 

यहां सुनें लता के पहले गाने का वीडियो:  

यह था लता मंगेशर का पहला हिंदी गाना

अब बारी आती है लता के हिंदी गानों के सफर की, जिसकी शुरुआत हुई 1946 में आई फिल्म आपकी सेवा में. इसमें लता ने गाना गाया जिसकी शुरुआत थी, "Paa Lagoon Kar Jori. 

सबसे पहला गाना कौन सा बना?

सबसे पहली फिल्म आलम आरा थी जोकि 1931 में बनी थी तथा इस फिल्म में 7 गाने थे। इस लिए फिल्म इंडस्ट्री का पहला गाना था-.
बोल - दे दे खुदा के नाम पे प्यारे.
फिल्म- आलम आरा 1931..
गायक- वजीर मोहम्मद खान.
श्रेणी - प्रार्थना.

भारत का सबसे पुराना गाना कौन सा है?

भारत का पहला गाना कौन सा है इसका निश्चित जवाब देना मुश्किल है । ... .
लेकिन ठहरिए , यह सबसे पुराना गाना नहीं है। ... .
(स्रोत: सामवेद संहिता, 1912 , रामस्वरूप शर्मा).
यदि आपका तात्पर्य , प्रथम रिकार्डेड भारतीय गाने से है तो , इस कसौटी पर पहला रिकार्डेड गाना जो आज भी उपलब्ध है और आप सुन सकते हैं वह है , गौहर जान की आवाज़ में -.