राजस्थान में राज्यपाल का वेतन कितना है? - raajasthaan mein raajyapaal ka vetan kitana hai?

राज्यपाल का वेतन rajyapal ki salary rajyapal ka vetan kitna hai राजस्थान के राज्यपाल का वेतन राज्यपाल का वेतन कितना है rajyapal ka vetan kitna hota hai राज्यपाल का वेतन कितना है :-  भारतीय संविधान में हर राज्य मैं एक राज्यपाल को चयनित किया जाता है। राज्यपाल को राज्य का प्रमुख कहा जाता है। उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा होती है। राज्यपाल एक राज्य की संवैधानिक रूप से प्रमुख होता है तथा केंद्र सरकार का एजेंट होता है। राज्यपाल को 5 साल के लिए चुना जाता है। 5 साल के पश्चात पुनः नए राज्यपाल का चुनाव होता है। राज्यपाल को कई कारणों की वजह से राष्ट्रपति कार्यकाल पूर्ण होने से पहले बर्खास्त कर सकते हैं। राज्यपाल खुद भी इस पद से इस्तीफा दे सकता है। इतना ही नहीं कई बार किसी कारण से राज्यपाल के कार्यकाल की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। यह राज्यपाल को दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जा सकता है। राज्यपाल का वेतन कितना है राजस्थान के राज्यपाल का वेतन कितना है ,rajasthan ke rajyapal ka vetan , rajasthan ke rajyapal ka vetan kitna hai , राज्यपाल का वेतन और भत्ता किस कोष से आता है , rajyapal ka vetan kitna hai , rajyapal ki salary , कुलपति की सैलरी कितनी होती है , governor ki salary

राजस्थान सरकार राज्यपाल को उनके पद से नहीं हटा सकती हैं। क्योंकि राजस्थान का मुख्य राज्यपाल है। राज्यपाल को पद से हटाने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति को ही शक्ति प्रदान की गई है। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से राज्यपाल को कितनी सैलरी मिलती , राज्यपाल के वेतन एवं भत्ते , राज्यपाल की सैलरी 2020 , राजस्थान के राज्यपाल का वेतन , राज्यपाल का वेतन और भत्ता किस कोष से आता है , राज्यपाल का पेंशन , राज्यपाल का वेतन कितना है 2020 , Governor Salary in Rajasthan, है इसके बारे में बात करेंगे।

राज्यपाल के कार्य:- 

  • राज्य के प्रमुख के तौर पर राज्यपाल का चुनाव 5 साल के कार्यकाल के लिए किया जाता है। राज्यपाल का चुनाव विधानसभा सदस्यों द्वारा होता है।
  • राज्य के राज्यपाल को उसके पद से राष्ट्रपति के अलावा कोई नहीं हटा सकता है।
  • राज्य की राज्यपाल बनने के लिए वह भारत का नागरिक होना जरूरी है और उसकी उम्र 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा वह राज्य विधान मंडल का सदस्य होना आवश्यक है।
  • राज्यपाल किसी भी राज्य का मुख्य कार्यकारी होता है। राज्य सरकार की सभी शक्तियां राज्यपाल के हाथ में होती है। उसके नाम पर निर्णय लिया जा सकता है।
  • राज्यपाल मुख्यमंत्री को शपथ दिलाता है। मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के सदस्यों को बर्खास्त राज्यपाल का सकता है। राज्यपाल मंत्री परिषद के सदस्यों को विभागों का वितरण प्रदान कर सकता है।
  • अपने राज्य में राज्यपाल कई महत्वपूर्ण पदों पर लोगों को नियुक्त करता है। जैसे :- महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इत्यादि।
  • राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों की सारी गतिविधियों जिनकी रिपोर्ट राज्यपाल मान सकता है और उसके पश्चात विकास कार्यों की सारी गतिविधियों की रिपोर्ट राष्ट्रपति तक भेजने का कार्य राज्यपाल करता है। राज्यपाल राज्य के विकास कार्यो की रिपोर्ट अनुच्छेद 356 के तहत भेजता है। इसके अलावा कई राज्यों में किसी कारणवश आपातकाल लगाने का कार्य भी राज्यपाल ही संपन्न करता है।
  • राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति का कार्य करता है।
  • राज्यपाल राज्य की विधायिका का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। राज्य की विधानसभा की सारी शक्तियां राज्यपाल की हाथ में होती है। राज्यपाल किसी भी समय विधानसभा को भंग कर सकता है।
  • न्यायलय द्वारा किसी भी दोषी को सजा देने के पश्चात राज्यपाल उसे समाधान भी सकता है।
  • राजस्थान राज्य का राज्यपाल विधान सभा के सदस्यों को संबोधित कर सकता है। उन्हें संदेश भेज सकता है। इतना ही नहीं राज्य में किसी प्रकार का कानून राज्यपाल के बिना नहीं पड़ता है। राज्यपाल विधानसभा में कानून पास होने के पश्चात खुद उस कानून के बारे में पूरी जानकारी लेता है। उसके पश्चात उसे पास करके राज्य में लागू करता है।

राजस्थान के राज्यपाल की सैलरी:- 
राजस्थान का मुख्य राज्यपाल को कहा जाता है और राज्य का मुखिया होने के नाते राजस्थान के राज्यपाल पद पर कार्यरत व्यक्ति की सैलरी राजस्थान की बाकी सभी सरकारी कर्मचारियों से अधिक होती है। साल 2016 में पूरे देश भर में सातवां वेतन आयोग लगाया गया। उसके पश्चात सभी सरकारी पदों पर कार्यरत व्यक्तियों की सैलरी में बढ़ोतरी हुई। उसी सातवें वेतन आयोग के पश्चात राजस्थान के राज्यपाल पद पर कार्यरत व्यक्ति की सैलरी में भी बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान के राज्यपाल की सैलरी ₹350000 प्रति महीना है।

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कोरोना से लड़ाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से की गई पहल में सहयोग के लिए प्रदेशभर से लोग आगे आए हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के प्रयासों के लिए अपना एक माह का वेतन दिया है। राज्यपाल ने राज्यपाल राहत कोष से भी बीस लाख रुपए की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष के कोविड-19 के फण्ड में भेजी है । राज्यपाल की इस पहल पर राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपना एक दिन का वेतन कोरोना वायरस से बचाव के लिए देने का निर्णय लिया है । राज्यपाल का एक माह का वेतन 3.50 लाख रुपए है । राजभवन के अधिकारियों व कर्मचारियों का एक दिन का वेतन 2.25 लाख रुपए है । सीएम अशाेक गहलाेत ने निर्णय लिया है कि सरकार के सभी मंत्री राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता काेष काेविड-19 राहत में एक एक लाख रुपये देंगे। कांग्रेस के सभी एमएलए एक-एक महीने का वेतन देंगे। श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने एक माह का वेतन अाैर विधायक काेष से 10 लाख रुपए अलवर के एक अस्पताल में उपकरण खरीद के लिए दिए है।

विधायकाें ने 1-1 लाख रुपए विधायक काेष से देने के लिए कलेक्टराें काे लिखे पत्र: विधायकाें ने कलेक्टराें काे पत्र भेजकर एक लाख रुपए के मास्क अाैर सेनेटाइजर खरीद के लिए स्वीकृति जारी करने के लिए कहा है। अारएलपी के नारायण बेनीवाल सहित तीनाें विधायकाें, नदबई के जाेगेंदर अवाना सहित कई विधायकाें ने साेश्यल मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी दी।

अाईएएस अाैर अन्य संगठनाें ने दिया एक दिन का वेतन

प्रदेश में तैनात आईएएस भी काेराेना संक्रमण की राेकथाम के लिए मुख्यमंत्री राहत काेष में अपना एक दिन का वेतन देंगे। अाईएएस एसाेसिएशन के सचिव राजेश यादव ने इसकी पुष्टि की है। राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा परिसंघ ने एक दिन का वेतन काटने के लिए सीएम को पत्र लिखा है। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत काेष में देंगे। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ. नारायण लाल गुप्ता ने की। विधानसभा सचिवालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कोरोना वायरस संक्रमण के विरुद्ध युद्ध में भागीदारी निभाने के क्रम में अपना एक दिन का मूल वेतन कोविड 19 मुख्यमंत्री आपदा कोष में दिया है। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के सचिव आरसी बगडिया और प्रश्न पत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष बीके गुप्ता ने बताया कि ओपन स्कूल के सभी अधिकारी-कर्मचारी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष यतीशचंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश के शारीरिक शिक्षक मार्च के वेतन में से एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में जमा कराएंगे। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शशिभूषण शर्मा ने कहा कि उनके संगठन से जुड़े सभी शिक्षक एक दिन का वेतन देंगे। राजस्थान शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष त्रिलोक सिंह ने कहा कि संगठन से जुड़े शिक्षक-अधिकारी एक दिन का वेतन देने देंगे। राजस्थान विद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी और प्रदेश संयोजक अशोक सिहाग ने बताया कि प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायक एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराएंंगे। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश मंत्री रवि आचार्य ने बताया कि संगठन से जुड़े सभी शिक्षकों का एक दिन का वेतन देंगे। अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ (अरस्तु) की ओर से 11,000 रुपए दिए जाएंगे। साथ ही इस संगठन से जुड़े सभी शिक्षक एक दिन का वेतन देंगे। राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) के मुख्य महामंत्री सुमेर खटाणा ने बताया कि सभी व्याख्याता अपने एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में देंगे। राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ (रेस्टा) से जुड़े शिक्षकों ने एक दिन का वेतन सीएम राहत कोष में देने का एलान किया है।

तीनों डिस्कॉम के 45 हजारअफसर और कर्मचारियों ने सीएमराहत कोष में दिया 5 करोड़ रुपए

जयपुर| प्रदेश की जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम के करीब 45 हजार अधिकारियों व कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है।

एक दिन का मूल वेतन करीब पांच करोड़ रुपए है। जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने सोमवार को पहल करते हुए पहले इंजीनियरों व कर्मचारी संगठनों से बात की, इसके बाद सभी चीफ इंजीनियर व लेखा विंग के अधिकारियों को एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के आदेश दे दिया। इसके बाद अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों ने भी पहल की है।

कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एक दिन का वेतन सीएम सहायता कोष में देंगे

कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी स्वेच्छा से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष में देंगे। राजस्थान एग्रीकल्चर सर्विसेज एसोसिएशन के सचिव सीताराम जाट ने बताया कि राजस्थान एग्रीकल्चर सर्विसेज एसोसिएशन, अखिल राजस्थान राज्य कृषि पर्यवेक्षक संगठन, राजस्थान एग्रीकल्चर ग्रेजुएट्स एसोसिएशन व अन्य संगठनों के सभी सदस्य अधिकारी-कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देने की सहमति प्रदान की है।

वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल का वेतन कितना है?

राजस्थान के राज्यपाल की सैलरी:- उसी सातवें वेतन आयोग के पश्चात राजस्थान के राज्यपाल पद पर कार्यरत व्यक्ति की सैलरी में भी बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान के राज्यपाल की सैलरी ₹350000 प्रति महीना है।

राज्यपाल बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए?

Solution : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 157 के अनुसार, कोई व्यक्ति राज्यपाल नियुक्त होने का पात्र तभी होगा यदि वह भारत का नागरिक है और पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है। राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा पाँच वर्ष की अवधि के लिए की जाती है।

राज्यपाल को पेंशन कौन देता है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि 1982 के अधिनियम के तरह राज्यपाल को पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है. जब तक राज्यपाल अपने पद पर होता है, तब तक उस राज्य की संचित निधि से उसको वेतन और भत्ते दिए जाते हैं.

राज्यपाल बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

राज्यपाल की योग्यता.
वह भारत का नागरिक हो,.
वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो,.
वह राज्य सरकार या केन्द्र सरकार या इन राज्यों के नियंत्रण के अधीन किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ के पद पर न हो,.
वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।.
वह पागल या दिवालिया घोषित न किया जा चुका हो।.