Pad Parichay – पद-परिचय – इस लेख में हम पद-परिचय की सम्पूर्ण जानकारी हासिल करेंगे। अव्यय शब्द का पद परिचय। इन सभी के बारे में विस्तार पूर्वक उदाहरणों के साथ जानेंगे – Related –
Learn Hindi Grammar जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय, पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है। जैसे –
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पद परिचय कैसे पहचानते है? – सबसे पहले आपको संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, अवधारक (निपात), संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए। Related – Arth vichaar in Hindi इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है- 5 – अगर शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है, तो वह संबंधबोधक अव्यय है। जैसे – के पास, के ऊपर, से दूर, के कारण, के लिए, की ओर। 6 – अगर शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है, तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है। जैसे – और, अतएव, इसलिए, लेकिन। 7 – अगर शब्द किसी विस्मय, हर्ष, घृणा, दुःख, पीड़ा आदि भावों को प्रकट करते है, तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है। जैसे – अरे!, वाह!, अच्छा! आदि। 8 – अगर शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है, तो वह निपात है। जैसे – भी, तो, तक, केवल, ही। उदाहरण के लिए कुछ वाक्य निचे दिए जा रहे हैं, जिनमें कुछ शब्द रेखांकित किए गए हैं। आपको इन रेखांकित पदों के पद परिचय दिया गया है। 1) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है। विभीषणों (देशद्रोहियों) – संज्ञा (जातिवाचक), बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक (कारक ‘की) 2) रात में देर तक बारिश होती रहीं। देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) 3) हर्षिता निबंध लिख रही है। लिख रही है – क्रिया (संयुक्त), स्त्रीलिंग, एकवचन, धातु ‘लिख’, वर्तमान काल, क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’, क्रिया का कर्म ‘निबंध’ 4) इस पुस्तक में अनेक चित्र है । अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक), बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘चित्र ‘ 5) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे । आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) संज्ञा शब्द का पद परिचयकिसी भी संज्ञा पद के पद परिचय हेतु निम्न 5 बातें बतलानी होती है – संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध ‘कारक’के अनुसार जाना जा सकता है। राम पुस्तक पढ़ता है। उक्त वाक्य में राम तथा ‘पुस्तक’शब्द संज्ञाएँ हैं। यहाँ इनका पद परिचय उक्त पाँचों बातों के अनुसार निम्नानुसार होगा – राम – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एक वचन, कर्ता कारक, ‘पढ़ता है’क्रिया का कर्ता। पुस्तक – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘पढ़ता है’क्रिया का कर्म। Top सर्वनाम शब्द का पद परिचयकिसी सर्वनाम के पद परिचय निम्नलिखित बातों का
उल्लेख करना होता है – यह उसकी वही कार है, जिसे कोई चुराकर ले गया था। Top Important Questions and Answers विशेषण शब्द का पद परिचयकिसी विशेषण शब्द के पद परिचय हेतु निम्न बातों का उल्लेख करना होता है- वीर राम ने सब राक्षसों का वध कर दिया। उक्त वाक्य में ‘वीर’तथा ‘सब शब्द विशेषण हैं, इनका पद-परिचय निम्नानुसार होगा – वीर – गुणवाचक विशेषण, मूलावस्था, पुल्लिंग, एकवचन, ‘राम’ विशेष्य के गुण का बोध कराता है। सब – संख्यावाचक विशेषण, मूलावस्था, पुल्लिंग, बहुवचन, ‘राक्षसों’ विशेष्य की संख्या का बोध कराता है। Top क्रिया शब्द का पद परिचयक्रिया शब्द के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, लिंग, वचन, वाच्य, काल तथा वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों के साथ सम्बन्ध को बतलाया जाता है। राम ने रावण को मारा। मारा – क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। ‘मारा’ क्रिया का कर्ता राम तथा कर्म रावण। मैं सवेरे उठा। उठा – क्रिया, अकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। उठा क्रिया का कर्ता मैं, कर्म अन्वित। Top अव्यय शब्द का पद परिचयअव्यय शब्द चूंकि लिंग, वचन, कारक आदि से प्रभावित नहीं होता, अतः इनके पद परिचय में केवल अव्यय शब्द के प्रकार, उसकी विशेषता या सम्बन्ध ही बताया जाता है। (1) क्रियाविशेषण – क्रियाविशेषण के भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक) उस क्रिया का उल्लेख, जिसकी विशेषता बताई जा रही हो। मैं भीतर बैठी थी और बच्चे धीरे-धीरे पढ़ रहे थे। भीतर – क्रियाविशेषण, स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘बैठी’क्रिया के स्थान की विशेषता। धीरे-धीरे – क्रियाविशेषण, रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘पढ़ रहे थे’क्रिया की रीति की विशेषता। (2) संबंधबोधक – संबंधबोधक के भेद, किस संज्ञा/सर्वनाम से संबंद्ध है। कुरसी के नीचे बिल्ली बैठी है। के नीचे – संबंधबोधक, ‘कुरसी’ और ‘बिल्ली’ इसके संबंधी शब्द हैं। (3) समुच्चयबोधक – भेदों का उल्लेख, जुड़ने वाले पदों का उल्लेख। तुम कॉपी और किताब ले लो लेकिन फाड़ना नहीं। और – समुच्चयबोधक (समानाधिकरण) कॉपी-किताब शब्दों का संबंध करने वाला। (4) विस्मयादिबोधक – भेदों और भावों का उल्लेख। वाह! कितना सुंदर बग़ीचा है। ठीक! मैं रोज़ आऊँगा। वाह! – विस्मयादिबोधक, हर्ष – उल्लास कुछ अतिरिक्त उदाहरण – (1) अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया । (2) निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो । (3) यह पुस्तक मेरे मित्र की है। (4) नेहा यहाँ इसी मकान में रहती है। (5) अरे वाह! तुम भी पुस्तक पढ़ सकते हो। Top Recommended Read पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं क्लास १०?पद परिचय कितने प्रकार के होते है?. संज्ञा शब्द का पद परिचय. सर्वनाम शब्द का पद परिचय. विशेषण शब्द का पद परिचय. विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय. क्रिया विशेषण का पद परिचय. क्रिया शब्द का पद परिचय. पद परिचय कितने प्रकार के होते हैं?पद परिचय के प्रकार – Pad Parichay Ke Parkar in Hindi. 1 . संज्ञा शब्द का पद परिचय – ... . 2 . सर्वनाम शब्द का पद परिचय – ... . 3 . क्रिया शब्द का पद परिचय – ... . 5 . क्रिया विशेषण का पद परिचय – ... . 6 . संबंधबोधक अव्यय का पद परिचय – ... . 7 . समुच्चयबोधक अव्यय का पद परिचय – ... . 8 . विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय –. पद कितने प्रकार के होते हैं class 8?पद आठ प्रकार के होते हैं:. संज्ञा. सर्वनाम. क्रिया. विशेषण. क्रिया-विशेषण. संबंधबोधक. समुच्चयबोधक. विस्मयादिबोधक. पद किसे कहते हैं प्रत्येक पद में कितने तत्व होते हैं वर्णन कीजिए?जब दो या दो से अधिक व्यंजन मिलते हैं तो एक शब्द का निर्माण करते हैं लेकिन जब इसी शब्द का प्रयोग किसी वाक्य में किया जाता है तो उस शब्द को पद कहा जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो शब्द को जब वाक्य में प्रयोग किया जाता है तो वह पद कहलाता है और शब्द विभक्तरहित होते हैं जबकि पद विभक्तसहित होते हैं।
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