प्रेगनेंसी में दाहिने तरफ सोने से क्या होता है? - preganensee mein daahine taraph sone se kya hota hai?

प्रेग्नेंसी में एक ओर जहां खाने-पीने का खास ख्याल रखना होता है वहीं सोने, उठने और बैठने का भी पूरा ध्यान रखना होता है. एक छोटी सी लापरवाही भी मां और बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में अगर आप पीठ के बल सोती हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है लेकिन जैसे-जैसे महीने बीतते जाते हैं वैसे-वैसे शरीर का अगला हिस्सा भारी होने लग जाता है. गर्भ बढ़ने के साथ ही पीठ पर भी बल पड़ने लगता है. जब गर्भवती महिला पीठ के बल लेटती है तो गर्भाशय का पूरा भार शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बिगड़ सकता है.

इसके साथ ही जब कोई गर्भवती ज्यादा समय के लिए पीठ के बल सोती है तो दिल और फेफड़ों पर भी इसका असर पड़ता है. जिससे इन जरूरी अंगों पर दबाव बढ़ जाता है. इससे ऑक्सीजन का बैलेंस बिगड़ जाता है. इसके अलावा रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने से बैक-पेन की शिकायत भी हो जाती है, जिसकी वजह से नींद खराब होती है.

हालांकि प्रेग्नेंसी में बहुत देर के लिए एक ही पोजीशन में सोना भी खतरनाक हो सकता है. ऐसे में थोड़ी-थोड़ी देर पर पोजीशन चेंज करते रहनी चाहिए. इस दौरान बाएं करवट सोना सबसे अधि‍क फायदेमंद होता है. ज्यादा आराम के लिए आप पैरों के नीचे तकिया लगा सकती हैं. प्रेग्नेंसी में एक छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है ऐसे में कुछ भी करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.

प्रेगनेंसी में महिलाओं को बहुत सी आदतों को बदलना पड़ता है। महिलाओं को इस समय कैसे सोना है- इस पर भी कई तरह की बातें चलती रहती हैं। ऐसे में महिलाओं के मन में ये प्रश्न बार-बार उठता है कि प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें किस पोजीशन में या किस करवट सोना चाहिए, जो उनके और आने वाले शिशु, दोनों के लिए अच्छा हो। प्रेगनेंसी में महिला जिस करवट सोती है, उसका सीधा असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के बाद महिला को सोने में कुछ-कुछ परेशानियों का सामना करना शुरू हो जाता है। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के लिए बेस्ट स्लीपिंग पोजीशन कौन सी होती है। 

प्रेगनेंसी में किस करवट सोना चाहिए?

प्रेगनेंसी में किस करवट सोना चाहिए ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी प्रेगनेंसी का कौन सा महीना चल रहा है। प्रेगनेंसी के शुरुआती 3 महीनो में आप सीधा या किसी करवट लेकर आसानी से सो सकती हैं क्योंकि इस दौरान पेट का भार बहुत ज्यादा नहीं होता है। लेकिन दूसरी और तीसरी तिमाही में आपके लिए सीधा सोना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि पीठ के बल सोने पर यूटरस परदबाव पड़ता है, जो बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।

प्रेगनेंसी में पीठ के बल क्यों नहीं होना चाहिए?

प्रेगनेंसी में सीधा सोने से ब्लड सर्कुलेशन, अपच और पीठ दर्द आदि की समस्याएं हो सकती हैं। महिला को आखिरी ट्राइमेस्टर में सीधे सोने से हरगिज बचना चाहिए क्योंकि इस समय  भ्रूण पर जरा सा दबाव भी परेशानी का सबब बन सकता है। 

क्या है प्रेगनेंसी में सोने की सही पोजीशन?

प्रेगनेंसी में बाएं करवट सोना शिशु और मां दोनों की सेहत के लिए अच्छा होता है। बाएं करवट सोने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होता है। इस पोजिशन में सोने से बच्चे को सही मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है, जिससे बच्चा हेल्दी रहता है। बाएं करवट सोते समय महिला को अपने पैरों और घुटनों को मोड़कर रखना चाहिए। अच्छी नींद लेने के लिए महिला पैरों के बीच में तकिया भी रख सकती हैं। सही करवट सोने से कमर दर्द की समस्या भी दूर होती है। प्रेगनेंसी के समय हर महिला का अलग अनुभव हो सकता है। महिला को इस समय करीब 8 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। सही नींद बच्चे के विकास में मदद करती है। कोई समस्या होने पर डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें। 

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प्रेगनेंसी में दाहिने तरफ सोने से क्या होता है? - preganensee mein daahine taraph sone se kya hota hai?

खानपान का रखें विशेष ख्याल

प्रेगनेंसी में महिलाओं को हेल्दी खाने की सलाह दी जाती है, जो शिशु और मां दोनों के लिए फायदेमंद होती है। महिला को इस समय अपने खाने में साबुत अनाज, दालें, दूध, दही, फल और ड्राई फ्रूट्स आदि को अच्छी मात्रा में लेना चाहिए। ये खाना शिशु का गर्भ में सही से विकास करने में मदद करेगा। महिला को इस समय अपने हीमोग्लोबीन पर भी विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि कम हीमोग्लोबिन शिशु और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। इस समय कोई बीमारी होने पर खास डाइट डाइट लेने के बारे में डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें। 

एक गर्भवती माँ और उसके बच्चे के लिए शांतिपूर्ण और बिना बाधा के नींद महत्वपूर्ण है। यदि आप अच्छी नींद लेती हैं, तो बच्चा अच्छी तरह से विकसित हो सकता है। इस पर तो डॉक्टर भी गर्भवती महिलाओं से परामर्श के दौरान हमेशा जोर देते हैं।

आइए समझते हैं कि सोने की अलग-अलग स्थितियाँ आपकी गर्भावस्था की स्थिति को कैसे प्रभावित करती हैं:

बाएं करवट सोना

यह गर्भवती महिलाओं के लिए सोने की सबसे अच्‍छी स्थितियों में से एक है। इससे नीचे की ओर के वेना कावा (आईवीसी) से पर्याप्‍त मात्रा में खून बहती है जो वह नस होती है जो आपके दिल तक खून को लेकर जाती है। बाईं ओर सोने से आपके लीवर और कीडनियों पर दबाव नहीं पड़ता है। जिसके चलते, आपके पैरों, हाथों और एड़ियों में किसी सूजन का सामना नहीं करना पड़ता है।

दाहिने करवट सोना

आप अपने गर्भावस्‍था के पहले 3 महीनों में इस स्थिति में सो सकती हैं। यह सुरक्षित सोने की स्थिति है और अगर आपको ठीक लगता है तो आप ऐसा कर सकती हैं।

पीठ के बल सोना

पहले तीन महीने के दौरान पीठ के बल सोना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन बाद में इसके कारण कमर दर्द, पाचन संबंधी समस्‍याएं और रक्‍त के प्रवाह में समस्‍याएं हो सकती है। गर्भावस्‍था के बाद के चरणों में पीठ के बल सोने से बचना चाहिए।

निम्‍नलिखित गर्भावस्‍था के तीन-तीन महीनों के अनुसार सोने की सर्वश्रेष्‍ठ स्थितियां हैं

पहला तीन महीना

किसी भी पोजीशन में सो सकती है जब तक आपको अच्‍छी नींद आ रही हो। अपने कुल्‍हों और शरीर के निचले हिस्‍से को अधिक आराम देने के लिए आप अपने पैरों के बीच एक तकिया रख सकती हैं।

दूसरा तीन महीना

जब आपका गर्भाशय बढ़ने लगता है तो दूसरी तिमाही में करवट लेकर सोना ठीक रहता है। देख लें कि आपका गद्दा इतना सख्‍त हो की आपकी कमर पर जोर न पड़े।

तीसरा तीन महना

तीसरे तीन महीने में में बाईं ओर सोना आदर्श होता है जब आपको पेट बड़ा होता है।  बच्चे को उचित रक्त प्रवाह उसके स्वस्थ विकास को बनाए रखने में मदद करेगा।

आराम से सोने के लिए सुझाव:

  • सोने से पहले पैर या कंधे की मालिश जैसी आरामदेह गतिविधि आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है।
  • आरामदेह और शांत शयनकक्ष भी गहरी नींद सुनिश्चित करता है।
  • अपने पैरों के बीच और अपने पेट के नीचे तकिया रखने से बहुत मदद मिलती है। यदि आप सीने में ज़लन को रोकना चाहती हैं, तो अपने ऊपरी शरीर को ऊपर उठाने के लिए तकिए का उपयोग करें।
  • अगर आपको अभी भी अपने कमर में दर्द महसूस हो तो आप उस जगह पर Moov लगा सकती है। भारत के नं.1 दर्द निवारक क्रीम, Moov में प्रभावी प्राकृतिक गुण हैं जो आपको दर्द से राहत पाने में मदद कर सकती है। Moov और दर्द से उबरने में यह कितना प्रभावी है उसके बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें।

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हमने गर्भावस्था के दौरान सोने की सबसे अच्‍छी स्थितियों चर्चा की है, और हम आशा करते हैं कि वे आपको आराम से सोने में और इस खूबसूरत समय का आनंद लेने में मदद करेंगी।

प्रेगनेंसी में राइट साइड सोने से क्या होता है?

चूंकि, प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही में यूटरस का आकार अधिक बड़ा नहीं होता है, इसलिए इन तीनों पोजीशन में सोया जा सकता है. अधिक परेशानी भी महसूस नहीं होती है. हालांकि, आप दायीं तरफ होकर सोएंगी तो अधिक आराम महसूस होगा. प्रेग्नेंसी के 4-6 महीने के बीच पेट के बल सोने से बचना चाहिए.

गर्भवती होने पर मैं दाहिनी ओर क्यों नहीं सो सकती?

ऐसा इसलिए क्योंकि पीठ के बल सोने से आपका सार भार यूट्रस, बच्चे की पीठ, आंतों और शरीर की सबसे बड़ी नस पर पड़ने लगता है। इस दबाव से पीठ में दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसकी वजह से बवासीर भी हो सकता है। इतना ही नहीं इसकी वजह से लो ब्लड प्रेशर भी हो सकता है और आप थकान महसूस करती हैं।

गर्भ में लड़का होने की क्या पहचान है?

​बालों और त्‍वचा में बदलाव भ्रम : कहते हैं कि अगर पेट में लड़का हो तो स्किन पर दाने नहीं आते जबकि लड़की होने पर मां की स्किन खराब हो जाती है। वहीं लड़का होने पर बाल भी घने और सुंदर रहते हैं। तथ्‍य : हार्मोन के स्‍तर में बदलाव के कारण त्‍वचा और बालों में बदलाव आता है।

प्रेगनेंसी में कौन सी पोजीशन में सोना चाहिए?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बायीं करवट सोना फायदेमंद होता है क्योंकि यह परिसंचरण में सुधार करता है, हृदय से पोषक तत्वों से भरपूर रक्त की आपूर्ति गर्भाशय से जुड़े प्लेसेंटा तक सुनिश्चित करता है, जो बच्चे को पोषण देता है।