प्रेगनेंसी के सातवें महीने में क्या खाना चाहिए - preganensee ke saataven maheene mein kya khaana chaahie

तीसरी तिमाही आपकी गर्भावस्था का अंतिम चरण होता है । अब आप धीरे-धीरे उस दिन की ओर कदम रख रही हैं जिसका आपको बेसब्री से इंतजार है। आपके शरीर और आपके बच्चे दोनों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। इस बदलाव के चलते आपका वजन बढ़ना शुरू हो जाएगा, और आप अपने बढ़ते वजन को कम करने के लिए अपने आहार में बदलाव लाने के बारे में सोचने लगेंगी। अपने आहार को बदलने के बजाय, इस तरह से अपनाएं और उसे संरचित करें कि वह इस अवस्था में आपके पोषण की जरूरतों को पूरा करने के अनुरूप कार्य करे और अपने वजन की जांच भी नियमित रूप से करती रहें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कम से कम 450 कैलोरी अतिरिक्त लेने की सलाह देते हैं ताकि आपके बच्चे को इस स्तर पर आवश्यक पोषण प्राप्त हो। तो, बड़ा सवाल यह है, कि पोषण और वजन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आपको क्या खाना चाहिए। यहाँ बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

गर्भावस्था के सातवें महीने में जरूरी पोषक तत्व

गर्भावस्था के दौरान तीसरी तिमाही में लिए जाने वाले पौष्टिक आहार में कई तत्व शामिल होते हैं। आपकी भोजन योजना को नीरस न बनाते हुए इस बात का ख्याल रखें कि इसमें सभी पोषक तत्व अवश्य शामिल होने चाहिए। इसका प्रमुख उद्देश्य संतुलित मात्रा में भोजन करना है! विशेषकर, जरूरत से ज्यादा भोजन करने से बचें क्योंकि इस अवधि के दौरान आप अत्यधिक भूख महसूस करेंगी। सातवें महीने की गर्भावस्था के दौरान आपको कौन से खाद्य पदार्थ लेने चाहिए, इसे नीचे सूचीबद्ध किया गया है, जिसे पढ़ कर आप अधिक जानकारी ले सकती हैं:

1. लौह तत्व और प्रोटीन

प्रसव के दौरान एनीमिया (रक्त की कमी), रक्तस्राव और यहाँ तक कि अपरिपक्व प्रसव से बचने के लिए लौह तत्व की एक अतिरिक्त खुराक लेना जरूरी है। आपको रोजाना, लगभग 27 मि.ग्रा. लौह तत्व की आवश्यकता होती है। हरी सब्जियां जैसे पालक, शलजम के पत्ते, सूखे मेवे जैसे किशमिश और खुबानी, लौकी और तिल, सोयाबीन, लाल मांस और चिकन आदि सभी लौह तत्व से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। आपके बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए प्रोटीन भी महत्वपूर्ण है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मांस, मसूर की दाल, चने , दालें और दुग्ध उत्पादों में मौजूद अमीनो अम्ल, आपको एक दिन में आवश्यक 75 -100 ग्राम प्रोटीन प्रदान करेंगे।

2. कैल्शियम

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में कैल्शियम का सेवन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आपके आहार में कैल्शियम आपके बच्चे के कंकाल तंत्र के स्वस्थ विकास और हड्डियों की एक मजबूत संरचना में मददगार होता है। आपको अपने आहार के माध्यम से, रोजाना 1000 ग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। दूध, चीज़, पनीर और दही जैसे सभी दुग्ध उत्पाद कैल्शियम से परिपूर्ण होते हैं।

3. मैग्नीशियम

आपके द्वारा लिए जाने वाले कैल्शियम को पचाने के लिए, आपको अपने शरीर में उतनी ही आनुपातिक मात्रा में मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है। मैग्नीशियम पैरों की ऐंठन को कम करता है, मांसपेशियों को आराम देता है और समय पूर्व प्रसव से भी बचाव करता है। आपके द्वारा लिए जाने वाले प्रत्येक 1000 ग्राम कैल्शियम के लिए, आपको 400 मि.ग्रा. मैग्नीशियम के सेवन की आवश्यकता होती है। काली सेम, जई (ओट्स) का चोकर, जौ, बादाम और कद्दू के बीज आदि मैग्नीशियम का समृद्ध स्रोत होते हैं।

4. डी.एच.ए

अगर आप एक होशियार और तंदुरुस्त बच्चे को जन्म देना चाहती हैं तो वसीय अम्ल, डी.एच.ए का सेवन बेहद जरूरी है ।बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए रोजाना इसकी 200 मि.ग्रा. मात्रा लेने की सलाह दी जाती है। मछली का तेल, वसा युक्त मछली जैसे ट्यूना, अखरोट और अलसी के बीज आदि सभी डी.एच.ए से परिपूर्ण होते हैं।

5. फोलिक अम्ल

फोलिक अम्ल, तंत्रिका नली में होने वाली किसी भी क्षति के खतरे को कम करने और एक स्वस्थ तंत्रिका तंत्र के विकास में मददगार होता है। प्रतिदिन कम से कम 600-800 मि.ग्रा. फोलिक अम्ल युक्त भोजन लें। अनुशंसित खुराक प्राप्त करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों, संतरे, ओट्स , साबुत अनाज की ब्रेड और फोर्टिफाइड सीरियल जैसे आहार से फोलिक अम्ल की पूर्ति करें।

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6. फाइबर

फाइबर युक्त आहार पित्त को साफ करने और कब्ज को रोकने में मदद करता है। फाइबर युक्त पदार्थों के सेवन से आपके पाचन तंत्र में मौजूद पानी अवशोषित हो जाता है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीती रहें। तीसरी तिमाही में कब्ज होना आम बात है इसलिए अपने भोजन में ताजे फल और सब्जियां, फलियां और साबुत अनाज शामिल करें।

7. विटामिन ‘सी’

विटामिन ‘सी’ के सेवन की मात्रा बढ़ाने से यह लौह तत्व का पर्याप्त रूप से अवशोषण करने में मदद करेगा। रसीले फल जैसे नींबू, संतरा और खरबूज, हरी मिर्च और हरी फूलगोभी (ब्रोकोली) आदि को अपने आहार में शामिल करें क्योंकि यह विटामिन ‘सी’ के समृद्ध स्रोत हैं।

गर्भावस्था का सातवां महीना – क्या न खाएं ?

जब आप यह जानती हैं कि आपको क्या खाना है, तो आपके लिए यह जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि इस अवस्था में आपको क्या नहीं खाना चाहिए । सीने में जलन, पैरों और हाथों में सूजन, थकान और कब्ज कुछ ऐसे सामान्य लक्षण हैं जिन्हें आप इस स्तर पर अनुभव करेंगी। कुछ विशेष खाद्य पदार्थ निश्चित रूप से इन समस्याओं को और बढ़ा सकते हैं, ऐसे में उन्हें अपने भोजन से दूर रखना ही बेहतर है।

  • उच्च वसा और मसालेदार भोजन: उच्च वसा और मसालेदार खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से तला हुआ भोजन सीने में जलन को बढ़ाता है। ये पचाने में मुश्किल होते हैं और इसके कारण आपकी नींद में बाधा पड़ सकती है । रात में तले हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से खासकर बचें।
  • सोडियम से परिपूर्ण खाद्य पदार्थ: गर्भावस्था के इस चरण में अपने सोडियम के सेवन पर नजर रखना बहुत महत्वपूर्ण है। सोडियम के अधिक सेवन से शरीर में सूजन और पेट फूलने की सम्भावना बढ़ सकती है। कुरकुरे, अचार, सॉस, डिब्बाबंद भोजन और केचप जैसे खाद्य पदार्थों से बचें। अपने शरीर में सोडियम के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए तरल पदार्थों और पानी का सेवन अधिक से अधिक करें।
  • कैफीन और गैस युक्त पेय पदार्थ: कॉफी और चाय के सेवन से बचें। आप इसका सेवन दिन में केवल एक बार ही करें,क्योंकि इससे कब्ज होने का खतरा बढ़ सकता है। गैस युक्त पेय में कृत्रिम चीनी का प्रयोग किया जाता है और ये आपको किसी प्रकार का कोई पोषण प्रदान नहीं करते हैं।
  • शराब: निश्चित रूप से आपकी गर्भावस्था के किसी भी चरण में शराब पीने की सलाह नहीं दी जाती है। इस अवस्था में, यह जरूरी है कि आप इसका सेवन करने के बारे में सोचे भी नहीं, क्योंकि यह आपकी प्रसव प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकती है।
  • जंक फूड: हो सकता है आपको बाहर की कई नामी जगहों से तले हुए चिकन और बर्गर खाने की इच्छा होती हो, लेकिन इनसे दूर रहना ही आपके लिए लाभकारी होगा। इसके बजाय घर के बने स्नैक्स जैसे सैंडविच, उपमा, ढोकला आदि का सेवन करें।

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सातवें माह की गर्भावस्था के लिए आहार संबंधी सुझाव

  • सुबह का भोजन: अपने सुबह के नाश्ते में ताजे फलों को शामिल करें। शरीर में लौह तत्व की मात्रा बढ़ाने के लिए भोजन में कुछ ठोस अनाज शामिल करें। आप प्रोटीन के लिए कुछ उबली हुए फलियां भी ले सकती हैं। अंडे, सूखे मेवे और दूध दैनिक आधार पर ले सकती हैं। भारी नाश्ते का सेवन करें क्योंकि आपके शरीर को इसे पचाने के लिए पूरा दिन होता है।
  • दोपहर का भोजन: दोपहर के भोजन में पकी हुई सब्जियों, सलाद,, रोटी और चावल की संतुलित मात्रा शामिल होनी चाहिए। शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ, जो अस्वास्थकर कैलोरी बढ़ाते हैं इन्हें लेने के बजाय स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें। अपने दोपहर के भोजन में भी प्रोटीन शामिल करें।
  • रात का भोजन: रात के समय हल्का भोजन ही लें, क्योंकि इससे आपको सीने में जलन और कब्ज जैसी परेशानी की संभावना कम रहेगी। रात में अच्छी नींद के लिए सलाद और ताजे फलों का सेवन नियमित रूप से करती रहें।

एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार न केवल आपको बल्कि आपके बच्चे को भी फायदा पहुँचाता है। चूंकि अब आपका वजन भी बढ़ रहा है, इसलिए कैलोरी को जलाने और वजन को नियंत्रित रखने के लिए कुछ व्यायाम करना एक बेहतर विकल्प है। किसी के निर्देशन में किया गया योग, तैराकी, पैदल चलने आदि से यह आपके वजन को नियंत्रित तो रखेगा ही साथ में ये आपको सामान्य प्रसव के लिए मजबूत और तन्दुरुस्त बनाए रखने में भी मदद करेगा।

7 महीने की प्रेगनेंसी में क्या nahi खाना चाहिए?

तीन बार पेट भरकर भोजन करने की बजाय, पूरे दिन समय-समय पर छोटे-छोटे भोजन लेती रहें। मसालेदार, वसायुक्त और तले हुए भोजन न खाएं। इनसे आपको एसिडिटी और गर्मी में असहजता हो सकती है। ठंडे खाद्य पदार्थ जैसे सैंडविच, कर्ड राइस, खीरे की सलाद या रायता, फलों का योगर्ट, फलों की चाट, ठंडी पास्ता सलाद, चिकन सलाद या ठंडे सूप आदि लें।

गर्भवती महिला को सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं खाली पेट प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन कर सकती हैं. इससे ना केवल शिशु का शारीरिक विकास हो सकता है बल्कि मानसिक विकास होने में भी मदद मिल सकती है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डेरी उत्पाद चीजें जैसे दूध, दही, छाछ आदि का सेवन जरूर करना चाहिए.

7 महीने की प्रेगनेंसी में क्या होता है?

आपकी प्रेगनेंसी का सातवां महीना मतलब गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही की शुरुआत हो चुकी है। इस समय आपके बच्‍चे का दिन दूना रात चौगुना विकास हो रहा है। जैसे-जैसे बच्‍चे का विकास होगा वैसे-वैसे वह आपके पेट में ज्‍यादा जगह घेरेगा और आपकी असहजता बढ़ेगी। हालांकि, मां बनने की खुशी आपकी अधिकतर परेशानियों को आपसे दूर ही रखेगी।

सातवें महीने में कैसे सोना चाहिए?

​प्रेग्‍नेंसी में किस पोजीशन में सोना चाहिए दाईं या बाईं करवट सो सकती हैं, दोनों ही पोजीशन में शिशु को ब्‍लड सप्‍लाई अच्‍छी मिलती है। दूसरी सेफ पोजीशन है कि आप कमर और छाती के नीचे तकिया लगाकर लेटें। इससे शरीर को आराम मिलेगा और नींद आने में भी आसानी होगी।