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Question 'बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। बुढ़िया अमीना बालिका अमाना बन गई।' इस कथन में बूढ़े 'हामिद' और 'बालिका अमीना' से लेखक का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।Open in App Solution हामिद बहुत छोटा था। वह अन्य बच्चों के समान ही था। उसकी उम्र पैसे की अहमियत और घरवालों की जरूरतों को समझने की नहीं थी। उसने फिर भी यह समझा और उन पैसों को व्यर्थ में नष्ट नहीं किया। अपनी दादी के काम को सरल बनाने के लिए चिमटा खरीदा। प्रायः बच्चे खाने-पीने तथा खिलौने खरीदते समय पैसों की बर्बादी करते हैं। हामिद ने ऐसा नहीं किया। एक बड़े व्यक्ति के समान घर की ज़रूरत पर ही पैसा खर्च किया। तब वह एक बूढ़ा हामिद बन गया था। उसे अपनी ज़िम्मेदारियों का तथा घर की हालत के विषय में पता था। इधर दूसरी ओर अपने पोते द्वारा किए गए कार्य से दादी प्रसन्न हो गई। वह जहाँ दुखी थी, वहीं एक बच्चे के समान हैरान थी। अतः वह बच्चों के समान रोने लगी। वह भूल गई कि वह उम्र में हामिद से बहुत बड़ी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});‘बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गयी ‘ ऐसा क्यों कहा गया ह| ‘बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गयी ‘ ऐसा क्यों कहा गया है? Please scroll down to see the correct answer and solution guide. Right Answer is:SOLUTIONमेले या तीज-त्योहार के अवसर पर बालक-बालिकाएँ खिलौने अथवा उपहार को अभिलाषा रखते हैं| खिलौनों का आकर्षण बालकों तक ही सीमित है|हामिद ने अपने लिए कोई खिलौना नहीं लिया है अपितु वह अपनी दादी अमीना के लिए लोहे का चिमटा लाया था| हामिद ने विषम परिस्थितियों में अपनी उम्र से अधिक जिम्मेदारी का निर्वाह किया है|अमीना को इसकी बहुत आवश्यकता थी| इसे पाकर जहाँ उसको इस बात की प्रसन्नता है कि उसके पौत्र में कितनी त्याग भावना है|उसके प्रति कितना सद्भाव है, वह कितना विवेकी है, अमीना चिमटा पाकर बालक के समान ही प्रसन्न हो रही थी| इसी आधार पर लेखक ने यह कहा है कि ‘बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गयी|’ Related QuestionsSolutions For All Chapters Antra Class 11 प्रश्न-अभ्यासQuestion 1: ‘ईदगाह’ कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है। Answer : इस प्रसंग में ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है- रोज़ ईद का नाम रटते थे आज वह आ गई। अब जल्दी पड़ी है कि लोग ईदगाह क्यों नहीं चलते। इन्हें गृहस्थी की चिंताओं से क्या प्रयोजन। सेवैयों के लिए दूध और शक्कर घर में है या नहीं, इनकी बला से, ये तो सेवैयाँ खाएँगे। वह क्या जानें कि अब्बाजान क्यों बदहवास चौधरी कायमअली के घर दौड़े जा रहे हैं। उन्हें क्या खबर की चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए। उनकी अपनी जेबों में तो कुबेर का धन भरा हुआ है। बार-बार जेब से अपना खज़ाना निकालकर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं। Question 2: ‘उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।’- इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। Answer : जीवन में आशा का प्रकाश सदैव फैला रहता है। आशा रूपी प्रकाश हमें निराशा के क्षणों से बाहर ले जाता है और हमें जीवन में आगे बढ़ाता है। कई बार ऐसी विषम परिस्थितियाँ सामने आ खड़ी होती हैं कि मनुष्य की सोचने-समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है। ऐसे में आशा की किरण उसे विषम परिस्थतियों से बाहर निकाल लेती है। जो व्यक्ति निराशावादी है, वह आगे नहीं बढ़ सकता है। वह हार मान जाता है और लड़ना छोड़ देता है। मगर जिस मनुष्य ने आशा का दामन थाम लिया है, वह कभी हार नहीं मानता और निरंतर आगे बढ़ता चला जाता है। वह जानता है कि उसकी मेहनत रंग अवश्य दिखाएगी। बस यही आशावादी सोच उसे बाहर निकाल लेती है और वह जीवन में निरंतर प्रेरणा स्रोत पाता है। हामिद के माता-पिता उसके संग नहीं हैं। उसके पास यह आशा है कि एक दिन उसके माता-पिता अवश्य लौटकर आएँगे। यही किरण उसे सदैव प्रसन्न रखे हुए है। वह अभावों की जिंदगी जी रहा है मगर उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह जानता है कि एक दिन उसके दिन अवश्य बदलेंगे। उसका यही विश्वास विपत्ति को उसके आगे घुटने टेकने पर विवश कर देता है। Question 3: ‘उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए।’- इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। Answer : गाँव के सभी चौधरी से पैसे उधार लेते हैं। चौधरी से उधार लेकर ही उनके घर में त्यौहार मनाया जाता है। यदि चौधरी किसी बात पर नाराज़ हो जाए, तो उन्हें वह पैसे उधार देने से इनकार कर सकता है। उसकी नाराज़गी उनके त्योहार को नष्ट कर सकती है। घर में शोक का वातावरण छा सकता है। अतः चौधरी के इनकार को बताने के लिए लेखक ने यह कथन लिखा है कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए। Question 4: ‘मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।’ इस कथन के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि ‘धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है।’ Answer : ईद में नमाज़ अदा करते हुए सभी लोग एक पंक्ति में बैठकर नमाज़ पढ़ रहे हैं। प्रत्येक पंक्ति के पीछे उसी तरह अन्य और पंक्तियाँ हैं। जब सभी नमाज़ पढ़ते हुए एक साथ झुकते और उठते हैं, तो लगता है कि मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है। नमाज पढ़ने का एक ही समय और तरीका सभी मनुष्यों को आपस में जोड़ देता है। वे एक साथ मिलकर प्रार्थना करते हैं। किसी के मन में किसी दूसरे को लेकर शत्रुता का भाव नहीं है। कोई किसी से नफरत नहीं करता, सबके मन अहंकार से रहित और श्रद्धा से युक्त हैं। सब उस समय भाई-भाई हो जाते हैं। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है। वह कभी किसी को लड़ने तथा शत्रुता रखने का संदेश नहीं देता है। उसकी हर रीति तथा उपदेश में मनुष्यों को आपस में जोड़े रखने का प्रयास किया जाता है। Question 5: निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- Answer
: (ख)
प्रसंग- यह गद्यांश प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी ‘ईदगाह’ से लिया गया है। इस गद्यांश में अमीना अपने पोते हामिद के हाथ में चिमटा देखकर हैरत और शोक में पड़ जाती है। एक छोटा-सा बच्चा खाने-खिलौने के लालच को छोड़कर उसके लिए एक चिमटा खरीद लाया है। Question 6: हामिद के चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए? Answer
: हामिद ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए- Question 7: गाँव से शहर जानेवाले रास्ते के मध्य पड़नेवाले स्थलों का ऐसा वर्णन लेखक ने किया है मानो आँखों के सामने चित्र उपस्थित हो रहा हो। अपने घर और विद्यालय के मध्य पड़नेवाले स्थानों का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए। Answer : मेरे घर और विद्यालय के मध्य 5 किलोमीटर का फासला है। मैं सरकारी कॉलोनी में रहता हूँ। ये दो मंजिला वाली छोटी इमारतों का समूह हैं। इसके मध्य में हमारे इलाके का मुख्य बाज़ार पड़ता है। हम अपने मकान की गली से निकलकर इस मुख्य बाज़ार की सड़क पर पहुँच जाते हैं। इसके दोनों ओर आमवाले तथा केलेवाले ठेला लगाकर बैठे रहते हैं। गली से दाँई और मुड़ने पर मुख्य सड़क आती है। इसकी एक ओर छोटे-छोटे ढाबे बने हुए हैं। जहाँ पर बाज़ार में काम करने वाले मज़दूर दोपहर के समय खाना खाने आते हैं। हम जब सुबह जाते हैं, तो यह सब सुनसान होता है। लेकिन विद्यालय से लौटते समय यहाँ पर बहुत भीड़ होती है। कुछ दूरी पर जाने पर हमें फिर दाँई और जाना पड़ता है, जिससे एक और मुख्य सड़क आती है। यह मुख्य सड़क बहुत लंबी है। इसके दोनों और सरकारी कॉलोनियों की कतारें हैं। इसी सड़क पर आगे चलकर बाँई और एक माता का गुलाबी रंग का मंदिर है। उस मंदिर के बाहर पानी का बरमा बना हुआ है। बच्चे प्रायः इसे चलाकर भाग जाते हैं। आगे चलने पर इसी सड़क के ऊपर एक बहुत बड़ा पुल बना हुआ है, जिस पर से गड़ियाँ गुजकर जाती हैं। यहाँ पर दोनों ओर कचौरी तथा रसगुल्ले वाले साइकिल पर अपना सामान लेकर खड़े मिलते हैं। यहाँ पर छाया होती है। अतः यह स्थान उनके आराम से बैठने के लिए उचित है। उसके 100 कदमों की दूरी पर हमारा विद्यालय आता है। यही मेरे घर से विद्यालय तक का मार्ग है। Question 8: ‘बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था। बुढ़िया अमीना बालिका अमाना बन गई।’ इस कथन में बूढ़े ‘हामिद’ और ‘बालिका अमीना’ से लेखक का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए। Answer : हामिद बहुत छोटा था। वह अन्य बच्चों के समान ही था। उसकी उम्र पैसे की अहमियत और घरवालों की जरूरतों को समझने की नहीं थी। उसने फिर भी यह समझा और उन पैसों को व्यर्थ में नष्ट नहीं किया। अपनी दादी के काम को सरल बनाने के लिए चिमटा खरीदा। प्रायः बच्चे खाने-पीने तथा खिलौने खरीदते समय पैसों की बर्बादी करते हैं। हामिद ने ऐसा नहीं किया। एक बड़े व्यक्ति के समान घर की ज़रूरत पर ही पैसा खर्च किया। तब वह एक बूढ़ा हामिद बन गया था। उसे अपनी ज़िम्मेदारियों का तथा घर की हालत के विषय में पता था। इधर दूसरी ओर अपने पोते द्वारा किए गए कार्य से दादी प्रसन्न हो गई। वह जहाँ दुखी थी, वहीं एक बच्चे के समान हैरान थी। अतः वह बच्चों के समान रोने लगी। वह भूल गई कि वह उम्र में हामिद से बहुत बड़ी है। Question 9: ‘दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी। हामिद इसका रहस्य क्या समझता!’ – लेखक के अनुसार हामिद अमीना की दुआओं और आँसुओं के रहस्य को क्यों नहीं समझ पाया? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए। Answer : अमीना ने हामिद को उसके माता-पिता के संबंध में झूठ बोला था। हामिद को यही पता था कि उसके पिता व्यापार के लिए बाहर गए हैं तथा उसकी माँ अल्लाह मियाँ के यहाँ गई हैं। वहाँ से वह उसके लिए अच्छी चीज़ें लाने गई है। अतः जीवन के हर तंग हाल में वह यही तर्क देकर स्वयं को सतुंष्ट कर देता कि वे दोनों लौटकर आएँगे, तो वह भी अन्य बच्चों के समान मज़े से रहेगा। जब हामिद ने अमीना को चिमटा दिया, तो अमीना का दिल भर आया। वह उस बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए अल्लाह से दुआएँ करने लगी और रोने लगी। वह जानती थी कि हामिद के सिर से माता-पिता का साया हट गया है। यदि उसके माता-पिता होते, तो उसका भविष्य ऐसा नहीं होता। अतः वह अल्लाह से दुआएँ करने लगी और रोने लगी। यही कारण था कि हामिद इस रहस्य से अनजाना था। योग्यता-विस्तारQuestion 2: इस कहानी में लोक प्रचलित मुहावरों की भरमार है, जैसे- नानी मरना, छक्के छूटना आदि। इसमें आए मुहावरों की एक
सूची तैयार कीजिए। • आँखें बदलना- मुकर जाना या धोखा देना |