खीरे की फाँकें एक-एककर उठाकर सँधने के बाद नवाब साहब खिड़की से बाहर फेंकते गए। उन्होंने डकार ली और लेखक की ओर गुलाबी आँखों से इसलिए देखा क्योंकि उन्होंने लेखक को दिखा दिया था नवाब खीरे को कैसे खाते हैं। अपनी नवाबी का प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने खीरा खाने के बजाय फेंक दिया था। Show Practicing the Class 10 Hindi Kshitij Chapter 12 MCQ with Answers aids students to learn all the fundamental concepts and prepare effectively for the exams. MCQ of लखनवी अंदाज़ Class 10 with Answers are prepared based on the latest exam pattern & CBSE guidelines. x Here are the links available online for Free Download of Class 10 Hindi लखनवी अंदाज़ MCQ Multiple Choice Questions with Answers PDF. Question 1. Answer: (d) केन्द्रस्थ नगर के इर्द-गिर्द का स्थान। Question 2. Answer: (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों सत्य हैं Question 3. Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं. Question 4. Answer: (c) वे थककर सो गए। Question 5. Answer: (d) ‘a’ और ‘b’ कथन सत्य हैं। Question 6. Answer: (c) अपने प्रति नवाब की अरुचि देखकर। Question 7. Answer: (a) मिलने पर Question 8. Answer: (b) पतनशील सामंती वर्ग पर Question 9. Answer: (c) 1903 हिमाचल के काँगड़ा जिले में। Question 10. Answer: (c) लाहौर के नेशनल कालेज से। Question 11. Answer: (a) जंजीरें और दीवारें Question 12. Answer: (b) सेकंड क्लास। Question 13. Answer: (a) वे एकांत में बैठकर नई कहानी के विषय में सोचना चाहते थे। Question 14. Answer: (c) नवाब साहब के चिंतन में विघ्न पड़ गया था Question 15. Answer: (b) लेखक ने सोचा कि शायद ये भी किसी कहानी के बारे में सोच रहे हैं। गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) गाड़ी छूट रही थी। सेकंड क्लास के एक छोटे डिब्बे को खाली समझकर, जरा दौड़कर उसमें चढ़ गए। अनुमान के प्रतिकूल डिब्बा निर्जन नहीं था। एक बर्थ पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सफेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे। सामने दो ताजे-चिकने खीरे तौलिए पर रखे थे। डिब्बे में हमारे सहसा कूद जाने से सज्जन की आँखों में एकांत चिंतन में विघ्न का अंसतोष दिखाई दिया। सोचा, हो सकता है, यह भी कहानी के लिए सूझ की चिंता में हों या खीरे-जैसी अपदार्थ वस्तु का शौक करते देख जाने के संकोच में हों। नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया। हमने भी उनके सामने की बर्थ पर बैठकर आत्मसम्मान में आँखें चुरा ली। नवाब साहब की गुलाबी आंखें लेखक को क्या कह रही थी लेखक ने किस कारण सिर झुकाया?Answer: Explanation: खीरे की फाँकें एक-एककर उठाकर सँधने के बाद नवाब साहब खिड़की से बाहर फेंकते गए। उन्होंने डकार ली और लेखक की ओर गुलाबी आँखों से इसलिए देखा क्योंकि उन्होंने लेखक को दिखा दिया था नवाब खीरे को कैसे खाते हैं।
नवाब साहब की गुलाबी आँखें लेखक को क्या कह रही थी?नवाब साहब की गुलाबी आँखें लेखक को क्या कह रह थीं? उत्तर-नवाब साहब की गुलाबी आँखें लेखक को अपने खानदानी शौक और रईसी जीवन-शैली का अहसास करा रही थीं। वे बताना चाह रही थीं कि उनकी बात ही कुछ और है। वे सामान्य किस्म के आदमी नहीं हैं।
नवाब साहब ने गर्व से गुलाबी आँखों द्वारा लेखक की तरफ क्यों?नवाब साहब ने खीरे की सब फाँकों को खिड़की के बाहर फेंककर तौलिए से हाथ और होंठ पोंछ लिए और गर्व से गुलाबी आँखों से हमारी ओर देख लिया, मानो कह रहे हों - यह है खानदानी रईसों का तरीका! नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए। हमें तसलीम में सिर खम कर लेना पड़ा–यह है खानदानी तहज़ीब, नफ़ासत और नज़ाकत!
नवाब साहब की असुविधा और संकोच के क्या कारण थे?लेखक ने उनकी असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान लगाया कि नवाब साहब यह नहीं चाहते होंगे कि कोई उन्हें सेकंड क्लास में यात्रा करते देखें। यह उनकी रईसी के विरुद्ध था। नवाब साहब ने आम लोगों द्वारा खाए जाने वाले खीरे खरीद रखे थे। अब उन खीरों को लेखक के सामने खाने में संकोच आ रहा था।
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