मंगल की दिशा दक्षिण मानी गई है। नीम का पेड़ मंगल की स्थिति तय करता है कि मंगल शुभ असर देगा या नहीं। अत: दक्षिण दिशा में नीम का एक बड़ा सा वृक्ष जरूर होना चाहिए। यदि दक्षिणमुखी मकान के सामने द्वार से दोगुनी दूरी पर स्थित नीम का हराभरा वृक्ष है या मकान से दोगना बड़ा कोई दूसरा मकान है तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाएगा। आओ जानते हैं नीम के पेड़ की पूजा करने के 5 फायदे। Show
1. नीम का पेड़ साक्षात मंगलदेव है। इसकी पूजा करने से मंगलदोष दूर होते हैं। 2. मंगलवार को नीम के पेड़ में शाम को जल चढ़ाएं और चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा कम से कम 11 मंगलवार करें। इससे हनुमानजी की कृपा प्राप्त होगी। घर के पास नीम का पेड़ लगाने और नित्य इसमें जल अर्पित करने से हनुमानजी की भी कृपा बनी रहती है। 3. इस पेड़ की सेवा करने से आपके जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होगा और मंगलदोष दूर हो जाएगा। 5. नीम की पूजा करने और इसकी दातून करने से शनिदोष भी समाप्त हो जाता है। 5. ज्योतिष में कहीं कहीं नीम का संबंध शनि और कहीं कहीं केतु से जोड़ा गया है। इसलिए दोनों ही ग्रहों की शांति हेतु उचित दिशा में नीम का पेड़ लगाया जा सकता है। नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है। इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। नीम की लड़की की माला धारण करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है। यदि आपका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है या आपकी राशि मकर या कुंभ राशि है तो नीम का पेड़ लगाने बहुत ही शुभफलदायी होगा। Authored by Parag sharma| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Apr 23, 2022, 8:45 PM मानव का प्रकृति, वृक्ष और पौधों के साथ सदियों से अटूट रिश्ता रहा है। पेड़-पौधों से ना केवल घर की सजावट होती है बल्कि यह आपके घर का वास्तु भी ठीक करते हैं। वैसे तो हर पेड़ का अपना महत्व है लेकिन नीम के पेड़ का औषधीय के साथ-साथ धार्मिक महत्त्व भी है। लाल किताब में नीम के पेड़ के कई फायदे बताए गए हैं। आइए जानते हैं नीम के पेड़ के चमत्कारिक फायदे....
पीपल से नीम तक, जानिए किन वृक्षों में कौन से देवता करते हैं वास?वृक्ष की पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. हम सभी कभी पीपल की तो कभी केले के वृक्ष की पूजा करते आए हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कौन से वृक्ष में कौन से देवता का वास होता है.हिन्दू धर्म में पीपल को जल चढ़ाने, तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने, बरगद की पूजा करने का विधान है. आपने भी ऐसा किया होगा. वेदों और पुराणों में वृक्ष के पूजा करने के बारे में लिखा भी गया है. ऐसा माना जाता है कि वृक्ष में देवता का वास होता है. हर वृक्ष में अलग-अलग देवता वास करते हैं. उन्हें प्रसन्न करने के लिए वृक्ष के माध्यम से उनकी आराधना की जाती है. वृक्ष की पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. हम सभी कभी पीपल की तो कभी केले के वृक्ष की पूजा करते आए हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कौन से वृक्ष में कौन से देवता का वास होता है. 1) पीपल के वृक्ष किस देवता का वास होता है?हिन्दू धर्म में पीपल के वृक्ष को सबसे पवित्र वृक्ष माना गया है. पीपल के वृक्ष को नियमित जल चढ़ाने के बारे में भी आपको किसी ब्राह्मण ने परामर्श दिया होगा. पीपल के वृक्ष को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है. स्कन्द पुराण के अनुसार पीपल के मूल में विष्णु भगवान, ताने में केशव, शाखाओं में नारायण और पत्तों में भगवान श्री हरी होते हैं. पीपल के फल में सभी देवताओं का वास होता है. इसे कलियुग का कल्पवृक्ष भी माना गया है. पीपल में देवताओं के साथ-साथ पितरों का वास भी होता है. 2) बरगद के वृक्ष में किस देवता का वास होता है?बरगद के वृक्ष को भी हिन्दू धर्म में एक पवित्र वृक्ष माना गया है जिसमें देवताओं का वास होता है. बरगद का वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक होता है. इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. इस वृक्ष को अक्षयवट भी कहा जाता है. अग्निपुराण के अनुसार ये वृक्ष उत्सर्जन को दर्शाता है. जिन लोगों को संतान की इच्छा होती है वो इस वृक्ष की पूजा करते हैं. इसे भगवान शंकर का पशुपति रूप भी माना गया है. ज्योतिष के अनुसार इसकी पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है. 3) तुलसी के पौधे में कौन से देवता का वास होता है?सुबह उठकर स्नान करने के बाद एक लोटा जल तुलसी को अर्पित करना ये तो हर घर में होता होगा. अधितकर महिलाएं सुबह-सुबह पूजा करने के दौरान तुलसी की पूजा करती हैं और उन्हें जल अर्पित करती हैं. तुलसी के पौधे में माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं. कोई भी व्यक्ति जो तुलसी की पूजा करता है माँ लक्ष्मी उससे प्रसन्न होती है. साथ ही उस पर भगवान विष्णु की भी कृपा होती है. 4) केले के पेड़ में कौन से देवता वास करते हैं?काफी सारे लोगों को आपने केले के वृक्ष की पूजा करते और केले के वृक्ष को जल अर्पित करते हुए भी देखा होगा. ज्योतिष के अनुसार केले के पेड़ का संबंध बृहस्पति से होता है. जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति दोष होते हैं वो केले के पेड़ की पूजा करते हैं. केले में बृहस्पति देवता का वास होता है. 5) शमी के पेड़ में कौन से देवता वास करते हैं?काफी सारे लोगों से आपने शमी के वृक्ष की पूजा के बारे में सुना होगा और काफी सारे लोगो को इसकी पूजा करते भी देखा होगा. शमी वृक्ष में शनि देवता का वास होता है. शमी के वृक्ष की पूजा करने से शनि का प्रकोप कम होता है. शमी की पूजा शनि की शांति के लिए एक प्रमुख उपाय है. 6) नीम के पेड़ में कौन से देवता वास करते हैं?नीम का पेड़ अपने औषधीय गुण के कारण जाना जाता है. इससे कई तरह की औषधि बनाई जाती है जो कई रोगों को जड़ से खत्म करने का काम करती है. लेकिन नीम का धार्मिक महत्व भी है. नीम के पेड़ में माँ दुर्गा का वास माना जाता है. इस पेड़ की पत्तियों के धुएँ से बुरी प्रेत आत्माओं से रक्षा होती है. हिन्दू धर्म में हर वृक्ष का अपना महत्व होता है. पूजा में भी काफी सारे वृक्ष के पत्तों और लकड़ियों का उपयोग किया जाता है. यह भी पढ़ें : Gotra in Hindi: गोत्र क्या होता है, अपना गोत्र कैसे जाने? Panchak in Hindi: पंचक क्या होता है? पंचक में मौत और जन्म को कैसे समझें? Pitra Dosh Upay: कैसे पता चलता है पितृदोष, क्या है पितृदोष के उपाय? नीम के पेड़ में कौन सा भगवान रहता है?नीम का पेड़ साक्षात मंगलदेव है। इसकी पूजा करने से मंगलदोष दूर होते हैं।
नीम में किसका वास होता है?नीम के पेड़ में देवी शक्तियों का वास माना जाता है। नीम के पेड़ की पूजा करने से आयु बढ़ती है और व्यक्ति निरोग रहता है।
नीम के पेड़ की पूजा करने से क्या होता है?ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीम की पूजा करने से भगवान हनुमान भी जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए रोजाना जल जरूर अर्पित करें। घर या फिर के बाहर नीम का पेड़ जरूर लगाएं।
घर के सामने नीम का पेड़ होने से क्या होता है?घर या घर के आसपास नीम का पेड़ होना शुभ माना जाता है। यह पॉजिटिव एनर्जी प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पीपल का पेड़ लगाना उचित नहीं माना जाता है। पीपल का पेड़ घर में होने से धन की हानि हो सकती है।
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