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क्रमादेश या कम्प्यूटर प्रोग्राम किसी विशेष कार्य को संगणक द्वारा कराने अथवा करने के लिये संगणक को समझ आने वाली भाषा में दिये गए निर्देशो का समूह होता है। संगणक को कोई भी काम करने के लिये प्रोग्राम या क्रमादेश की आवश्यकता होती है। क्रमादेशों को प्रोग्रामिंग भाषा मे लिखा जाता है। इन भाषाओँ को अक्सर इंसानों के समझने योग्य बनाया जाता है। अपने मूल रूप मे, ज़्यादतर प्रोग्रामिंग भाषाओं मे लिखे गए प्रोग्रामों को, संगणक/कंप्यूटर समझ नही सकते, और उनमे लिखे गए निर्देशों का पलन नही कर सकते। इस काम के लिये "कंपाइलर" और "इंटर्प्रेटर" सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। "कंपाइलर" और "इंटर्प्रेटर" खुद प्रोग्राम होते हैं जो प्रोग्रामिंग भाषा मे लिखे गए प्रोग्राम, जो इंसानों के समझने योग्य है, को कंप्यूटर द्वारा चलाने मे मदद करते हैं। प्रोग्रामिंग भाषा मे लिखे गए प्रोग्राम का उधाहरण तस्वीर मे दिया गया है। इस उदाहरण मे प्रोग्राम, अंगरेज़ी मे लिखा गया है, जैसे कि ज्यादातर प्रोग्राम लिखे जाते है। हालांकी अंगरेज़ी का उपयोग होता है, लेकिन प्रोग्राम लिखने के लिये अधिक अंगरॆज़ी की आवश्यकता नही है। क्रमानुदेशन के विभिन्न चरण[संपादित करें]किसी भी प्रोग्राम की क्रमानुदेशन करने के लिये सर्वप्रथम प्रोग्राम के समस्त निर्दिष्टीकरण को भली-भाँति समझ लिया जाता है। प्रोग्राम में प्रयोग की गई सभी शर्तो का अनुपालन सही प्रकार से हो रहा है या नही, यह भी जांच लिया जाता है। अब प्रोग्राम के सभी निर्दिष्टीकरण को जांचने-समझने के उपरांत प्रोग्राम के शुरू से वांछित परिणाम प्राप्त होने तक के सभी निर्देशो को विधिवत क्रमबध्द कर लिया जाता है अर्थात प्रोग्रामो की डिजाइनिंग कर ली जाती है। प्रोग्राम की डिजाइन को भली-भांति जांचकर, प्रोग्राम की कोडिंग की जाती है एवं प्रोग्राम को कम्पाईल किया जाता है। प्रोग्राम को टेस्ट डाटा इनपुट करके प्रोग्राम की जांच की जाती है कि वास्तव में सही परिणाम प्राप्त हो रहा है या नही। यदि परिणाम सही नहीं होते हैं तो इसका अर्थ है कि प्रोग्राम के किसी निर्देश का क्रम गलत है अथवा निर्देश किसी स्थान पर गलत दिया गया है। यदि परिणाम सही प्राप्त होता है तो प्रोग्राम में दिये गये निर्देशो के क्रम को एकबध्द कर लिया जाता है एवं निर्देशो के इस क्रम को संगणक मे स्थापित कर दिया जाता है। इस प्रकार क्रमानुदेशन की सम्पूर्ण प्रक्रिया सम्पन्न होती है। प्रोग्राम के लक्षण[संपादित करें]किसी भी उच्च कोटि के प्रोग्राम में निम्नांकित लक्षण वांछनीय होते हैं-
संगणक क्रमानुदेशन किस प्रकार की जाती है?[संपादित करें]संगणक के कार्य करने की प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है। संगणक की अपनी स्मृति तो होती है
लेकिन बुद्धि नहीं होती। संगणक मात्र वही कार्य करता है, जिसका कि उसे निर्देश दिया जाता है;अर्थात संगणक को कार्य की बुद्धि क्रमबद्ध निर्देशो अथवा प्रोग्राम द्वारा दी जाती है। संगणक मे प्रोग्राम कुंजीपटल पर टाईप करके फीड किया जाता है, प्रोग्राम में संगणक को क्या क्या, किस प्रक्रार करना है, यह स्पष्ट एवं क्रमबद्ध रूप में
लिखा जाता है। क्रमानुदेशन मे ध्यान रखने योग्य बाते[संपादित करें]
संगणक अपनी भाषा किस प्रकार समझता है[संपादित करें]संगणक केवल मशीनी भाषा समझता है। विभिन्न क्रमानुदेशन भाषा में लिखे गए प्रोग्राम में निर्देशो को
Assembler, compiler अथवा Interpreter की सहायता से मशीनी भाषा में परिवर्तित करके संगणक के माईकोप्रोसेसर में भेजा जाता है। तभी संगणक इन निर्देशो का पालन कर उपयुक्त परिणाम प्रस्तुत करता है। मशीनी भाषा मात्र बायनरी अंको अर्थात 0 से १ के समूहो से बनी होती है जिसे संगणक का माईकोप्रोसेसर सीधे समझ सकता है। संगणक को निर्देश किस प्रकार देते हैं[संपादित करें]संगणक को निर्देश प्रोग्राम तरीके से, अत्यन्त स्पष्ट भाषा में एवं विस्तार से देना अत्यन्त आवश्यक होता है। संगणक को कार्य विशेष करने के लिये एक प्रोग्राम बनाकर देना होता है। दिया गया प्रोग्राम जितना स्पष्ट, विस्तृत और सटीक होगा, संगणक उतने ही सुचारू रूप से कार्य करेगा, उतनी ही कम गलतिया करेगा और उतने ही सही उत्तर देगा। यदि प्रोग्राम अस्पष्ट होगा और उसमे समुचित विवरण एवं स्पष्ट निर्देश नहीं होंगे तो यह संभव है कि संगणक बिना परिणाम निकाले ही गणना करता रहे अथवा उससे प्राप्त परिणाम अस्पष्ट और निरर्थक हो। अतः प्रोग्राम अत्यन्त सावधानी और एकाग्रचित होकर तैयार करना चाहिये। संगणक की सम्पूर्ण कार्यक्षमता योजनेवालाअर्थात प्रोग्राम बनाने वाले व्यक्ति की क्षमता पर निर्भर होती है। संगणक मे अपनी कोइ बुध्दि नहीं होती। यह एक मस्तिष्क रहित एवं अत्यन्त आज्ञाकारी मशीन है। यदि उसे कोइ निर्देश नहीं दिया जाता अथवा अस्पष्ट निर्देश दिया जाता है तब भी वह कोइ आपत्ति नहीं करता और दिए गए निर्देशानुसार ही कार्य करता है। अतः प्रोग्राम बनाते समय अत्यन्त सावधानी बरतनी पडती है। संगणक पर प्रोग्राम बनाते समय निम्न बातो को ध्यान में रखना आवध्यक है:-
प्रोग्राम में दिये जाने वाले निर्देशो को एक प्रवाह तालिका के रूप में प्रस्तुत करना उचित होता है। इसमे यह स्पष्ट होना चाहिये कि संगणक को कब और क्या करना है एवं उसे विभिन्न क्रियाये किस रूप में करनी है। प्रोग्राम को ऊपर से नीचे की ओर प्रवाह चित्र के रूप में दर्शाया जाता है एवं जहां तर्क आदि करना होता है वहां यह दो भागो में विभक्त कर दिया जाता है। प्रोग्राम में निर्देशो को संगणक की समझ में आने वाली भाषा में लिखना आवश्यक होता है; ताकि संगणक प्रदत्त निर्देशो को समझ सके और उनके अनुसार कार्य करके वांछित परिणाम प्रस्तुत कर सके। एक बार प्रोग्राम को संगणक भाषा में लिखने के बाद इसे संगणक की स्मृति में अर्थात फ्लॉपी, चुम्बकीय फीते, छिद्रित कार्ड आदि निवेश युक्तियो पर अंकित कर दिया जाता है। साथ ही यह समस्या को हल करने के लिये आवश्यक डाटा भी
संगणक की इनपुट यूनिट को प्रदान किया जाता है। अब संगणक उस प्रोग्राम के अनुसार कार्य करके इनपुट डाटा का विश्लेषण प्रदर्शित करके उचित परिणाम प्रस्तुत करता है। यदि प्रोग्राम में प्राप्त परिणामो को मॉनीटर स्क्रीन पर प्रदर्शित करने अथवा फ्लॉपी, हार्डडिस्क या चुम्बकीय फीते पर अंकित करने के निर्देश दिये गए हैं तब संगणक प्राप्त परिणामो को वहीं अंकित कर देता है। शब्दावली[संपादित करें]प्रोग्राम अनुवादक एक कंप्यूटर सटीक है लेकिन यदि गणना का परिणाम गलत है तो इसका मुख्य कारण क्या है?ये उन डिजिटल परिमाणों का संसाधन करते हैं, जिनमें विभिन्न मूल्यमान होते हैं। अधिकांश कंप्यूटर इसी पद्धति पर कार्य करते हैं। अन्य तकनीकों की तुलना में यह तकनीक तीव्र गति से शुद्ध परिणाम देती है। कंप्यूटर के मुख्य भाग कंप्यूटर सिस्टम के दो मुख्य भाग होते हैं - हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ।
सॉफ्टवेयर में बाघ और विफलताएं क्यों होती हैं?मोबाइल एंटीवायरस फ़ायरवॉल कनेक्शन को ब्लॉक कर रहा है। सॉफ्टवेयर विफलता। गलत राउटर सेटिंग्स।
कंप्यूटर का दूसरा नाम क्या है?कंप्यूटर (अंग्रेजी: Computer) (अन्य हिन्दी नाम - अभिकलित्र, संगणक, अभिकलक, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है।
कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है?COMPUTER (कंप्यूटर) ka full form: Common Operating Machine Purposely used for Technological and Educational research (कॉमन ऑपरेटिंग मशीन पर्पसली यूज्ड फॉर टेक्नोलॉजिकल एंड एजुकेशनल रिसर्च)
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