मायावी हिरण का क्या नाम था ? - maayaavee hiran ka kya naam tha ?

उत्तर- सोने का हिरण मारीच बना था ।

प्रश्न-2 राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण ने क्या किया?

उत्तर- राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा ।

प्रश्न-3 हिरण किस प्रकार चालाक था?

उत्तर - हिरण चालाक था क्योंकि वह इतनी दूर कभी नहीं जाता था कि वह राम के पहुँच से बाहर हो जाए ।

प्रश्न-4 राम के सारे प्रयास क्यों विफल हो गए और अंत में उन्होंने क्या किया? 

उत्तर - राम के सारे प्रयास विफल हो गए क्योंकि वो हिरण को नहीं पकड़ पाए । अंत में उन्होंने अपना धनुष उठाया और एक बाण उस पर छोड़ दिया । बाण लगते ही हिरण गिर पड़ा ।

प्रश्न-5 बाण से धरती पर गिरते ही मारीच ने क्या किया?

उत्तर - मारीच राम जैसी आवाज़ में ज़ोर से चिल्लाया, “हा सीते! हा लक्ष्मण!” ध्वनि ऐसी थी जैसे बाण राम को लगा हो और वो सहायता के लिए पुकार रहे हों ।

प्रश्न-6 मारीच की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर - मारीच ने हिरण का रूप धारण किया था । जब राम ने हिरण पर बाण चलाया, हिरण बाण लगने से गिर गया । मारीच अपने असली रूप में आ गया पर जल्दी ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए ।

प्रश्न-7 मारीच हिरण के रूप में क्यों भागता रहा?

उत्तर - मारीच हिरण के रूप में राम को कुटिया से दूर ले जाने के लिए भागता रहा ।

प्रश्न-8 राम कुटिया तक जल्दी क्यों पहुँचना चाहते थे?

उत्तर - मायावी मारीच की पूरी चाल राम को समझ आ गई थी इसलिए वह कुटिया तक जल्दी पहुँचना चाहते थे जिससे की वह षड्यंत्र का अगला चरण विफल कर सकें ।

प्रश्न-1 मायावी पुकार सुनते ही लक्ष्मण ने क्या किया?

उत्तर- मायावी पुकार का रहस्य लक्ष्मण तत्काल समझ गए इसलिए उन्होंने बाण चढ़ाकर धनुष ढृढ़ता से पकड़ लिया और चौकसी बढ़ा दी । वे राक्षसों की अगली चाल का सामना करने के लिए तैयार हो गए ।

प्रश्न-2 राम ने लक्ष्मण को क्या आदेश दिया था?

उत्तर- राम ने लक्ष्मण को उनके लौटने तक सीता की रक्षा का आदेश दिया था ।

प्रश्न-3 सीता क्या सुनकर विचलित हो गईं ?

उत्तर - सीता मायावी पुकार सुनकर विचलित हो गईं  ।

प्रश्न-4 सीता को विचलित देख लक्ष्मण ने उनसे क्या कहा?

उत्तर - लक्ष्मण ने सीता से कहा कि राम संकट में हो ही नहीं सकते हैं । उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । हमने जो आवाज़ सुनी है, वह बनावटी है ।

प्रश्न-5 सीता क्रोध से क्यों उबल पड़ीं ?

उत्तर - सीता क्रोध से इसलिए उबल पड़ीं क्योंकि राम की पुकार सुन कर भी लक्ष्मण शांत खड़े रहे ।

प्रश्न-6 राम की आवाज सुनकर भी लक्ष्मण को शांत खड़े देखकर सीता ने क्या सोचा?

उत्तर - सीता को इसके पीछे लक्ष्मण का षड्यंत्र लगा । सीता को लगा कि लक्ष्मण राम का भला नहीं चाहते हैं । वो चाहते हैं कि राम मारे जाएँ ताकि राजपाठ दोनों भाईयों का हो जाए ।

प्रश्न-7 सीता के कटु शब्दों का लक्ष्मण पर क्या असर हुआ?

उत्तर - सीता की बातों से लक्ष्मण को गहरा आघात पहुँचा । उनका हृदय छलनी हो गया । पर उन्होंने पलटकर उत्तर नहीं दिया । सयम बनाए रखा ।

प्रश्न-8 किसने किससे कहा?

i. “तुम जल्दी जाओ । जिस दिशा से आवाज़ आई है, उसी ओर ।”

सीता ने लक्ष्मण से कहा ।

ii. “आप चिंता न करें माते ।”

लक्ष्मण ने सीता से कहा ।

iii. “तुम्हारा मन पवित्र नहीं है । कलुषित है । पाप है उसमें ।”

सीता ने लक्ष्मण से कहा ।

iv. “हे देवी! यह राक्षसों का छल है । खर दूषण के मारे जाने के बाद वे बौखला गए हैं ।”

लक्ष्मण ने सीता से कहा ।

प्रश्न-1 किस डर की आशंका से सीता की आँखों से आँसू बहने लगे?

उत्तर- सीता की आँखों से आँसू बहने लगे क्योंकि उन्हें डर था कि कहिं वह राम से बिछड़ न जाएँ ।

प्रश्न-2 “लक्ष्मण राम के लिए राम की आज्ञा का उल्लंघन कर रहे थे ।” स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर- राम ने लक्ष्मण को सीता की रक्षा करने का आदेश दिया था पर सीता के कहने पर लक्ष्मण को उनको छोड़ कर राम को ढूंढने जंगल में जाना पड़ा ।

प्रश्न-3 लक्ष्मण के जाते ही कौन आ पहुँचा?

उत्तर - लक्ष्मण के जाते ही रावण आ पहुँचा ।

प्रश्न-4 रावण किस वेश में आया था?

उत्तर - रावण तपस्वियों के वेश में आया था ।

प्रश्न-5 रावण ने सीता के किन गुणों की प्रशंसा की?

उत्तर - रावण ने सीता के स्वरुप, संस्कार और साहस की प्रशंसा की ।

प्रश्न-6 जब सीता ने रावण के साथ जाने से इंकार कर दिया तब रावण ने क्या किया?

उत्तर - रावण ने सीता की बात अनसुनी कर दी और खींच कर रथ पर बैठा लिया ।

प्रश्न-7 सीता जी किसे -किसे अपनी सूचना रामजी तक पहुँचाने को कह रहीं थीं?

उत्तर - सीता जी पशुओं, पक्षियों, पर्वतों, नदियों से अपनी सूचना रामजी तक पहुँचाने को कह रहीं थीं ।

प्रश्न-8 जटायु ने किस प्रकार सीताजी की सहायता की?

उत्तर - जटायु ने सीता का विलाप सुना । उसने ऊँची उड़ान भरी और रावण के रथ पर हमला कर दिया । वृद्ध गिद्धराज ने रथ क्षत - विक्षत कर दिया और रावण को भी घायल कर दिया ।

प्रश्न-9 क्रोधित रावण ने जटायु के साथ क्या किया?

उत्तर - क्रोधित रावण ने जटायु के पंख काट दिए ।

प्रश्न-10 रथ टूट जाने पर रावण किस प्रकार सीता को ले गया?

उत्तर - रथ टूट जाने पर रावण तत्काल सीता को  दक्षिण दिशा की ओर लेकर उड़ने लगा ।

प्रश्न-11 किसने किससे कहा?

i. “राम से बिछुड़कर मैं नहीं रह सकती मैं जान दे दूँगी ।”

सीता ने लक्ष्मण से कहा ।

ii. “मैं प्राण त्याग दूँगी लेकिन तुम्हारे साथ नहीं जाऊँगी ।”

सीता ने रावण से कहा ।

iii. “सुमुखी! मैं रावण हूँ ।राक्षसों का राजा ।लंकाधिपति ।मेरा नाम लेने पर लोग थरथरा उठते हैं ।”

रावण ने सीता से कहा ।

प्रश्न-1 सीता ने रथ से अपने आभूषण उतारकर फेंकने क्यों प्रारंभ कर दिए?

उत्तर- सीता ने रथ से अपने आभूषण उतारकर फेंकने इसलिए प्रारंभ कर दिए जिससे राम को उन आभषूणों को देख कर पता चल जाए कि वह किस मार्ग से गई हैं ।

प्रश्न-2 रावण ने सीता को आभूषण फेंकने से क्यों नहीं रोका?

उत्तर- रावण ने सीता को आभूषण फेंकने से इसलिए नहीं रोका क्योंकि उसे लगा कि सीता शोक में ऐसा कर रही हैं ।

प्रश्न-3 रावण सीता को लेकर सीधे कहाँ गया?

उत्तर - रावण सीता को लेकर सीधे अपने अंतःपुर में गया।

प्रश्न-4 राम की प्रशंसा सुनकर रावण की क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर - राम की प्रशंसा सुनकर रावण कुछ चिंतित हो गया। उसने सोचा, खर-दूषण को मारने वाला अवश्य शक्तिशाली होगा।

प्रश्न-5 रावण ने कितने राक्षसों को राम और लक्ष्मण की निगरानी के लिए भेजा था?

उत्तर - रावण ने आठ सबसे बलिष्ठ राक्षसों को राम और लक्ष्मण की निगरानी के लिए भेजा था।

प्रश्न-6 सीता जी को लंका में कहाँ रखा गया था और रावण ने राक्षस-राक्षसियों को सीताजी से संबंधित क्या निर्देष दिए थे?

उत्तर - सीता जी को अशोक वाटिका में बंदी बना दिया गया। राक्षस-राक्षसियों को सीताजी से संबंधित निर्देष दिए गए कि उन्हें कोई शारीरिक कष्ट न हो ।सीता को अपमानित किया जाए लेकिन उसे कोई हाथ न लगाए।

प्रश्न-7 सीता किस प्रकार अशोक वाटिका में अपने दिन काट रही थीं?

उत्तर - सीता रो-रोकर अशोक वाटिका में अपने दिन काट रही थीं ।

प्रश्न-8 किसने किससे कहा?

i. “सुंदरी! मैं तुम्हें एक वर्ष का समय देता हूँ । निर्णय तुन्हे करना है । मेरी रानी बनकर लंका पर राज करोगी या विलाप करते हुए जीवन बिताओगी ।”

रावण ने सीता से कहा ।

ii. “तुम्हारा राम यहाँ कभी नहीं पहुँच सकता । तुम्हें कोई नहीं बचा सकता ।”

रावण ने सीता से कहा ।

iii. “तुम लोग पंचवटी जाओ। राम और लक्ष्मण वहीं रहते हैं । उनका एक-एक समाचार मुझे मिलना चाहिए ।”

रावण ने राक्षसों से कहा ।

जय हिन्द : जय हिंदी

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मायावी हिरण का नाम क्या था?

उत्तर - मारीच ने हिरण का रूप धारण किया था । जब राम ने हिरण पर बाण चलाया, हिरण बाण लगने से गिर गया । मारीच अपने असली रूप में आ गया पर जल्दी ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए । प्रश्न-7 मारीच हिरण के रूप में क्यों भागता रहा?

सोने का हिरण कौन मायावी राक्षस था?

उत्तर- सोने का हिरण मारीच बना था । प्रश्न-2 राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण ने क्या किया? उत्तर- राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा ।

रामायण में हिरण का क्या नाम था?

रामायण में रावण सोने का हिरण बना था। सीता जी का हरण करने के लिये उसने सोने का हिरण वेश बना रखा था

प्रश्न 1 सोने का हिरण कौन बना था?

1. मारीच ने अपने आप को किस जीव के रूप में परिवर्तित कर लिया था? उत्तर- मारीच ने अपने आप को सोने के हिरण के रूप में परिवर्तित कर लिया था