मारीच ने छल से राम के साथ क्या किया? - maareech ne chhal se raam ke saath kya kiya?

Important Questions for Class 6th सोने का हिरण बाल राम कथा Hindi

मारीच ने छल से राम के साथ क्या किया? - maareech ne chhal se raam ke saath kya kiya?


1. राम ने हिरण को जीवित पकड़ने का विचार क्यों त्याग दिया?

राम ने हिरण को जीवित पकड़ने का विचार इसलिए त्याग दिया क्योंकि जब भी राम उसे पकड़ने का प्रयास करते, वह भागकर और दूर चला जाता।

2. बाण लगते ही हिरण का क्या हाल हुआ?

बाण लगते ही हिरण धरती पर गिर पड़ा| धरती पर गिरते ही मारीच अपने असली रूप में आ गया|

3.मारीच ने रूप के साथ और क्या बदला?

मारीच ने रूप के साथ अपनी आवाज़ भी बदल ली थी| उसने अपनी आवाज़ राम जैसी बना ली थी |

4. रावण वृक्ष के पीछे खड़ा हो कर क्यों प्रसन्न हो रहा?

रावण इसलिए प्रसन्न हो रहा था क्योंकि उसकी चल सफल हो गई थी| मारीच ने अपनी भूमिका अच्छी तरह निभाई थी, अब तक सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा उसने सोचा था |

5. रावण को अकंपन की कौन सी बात याद आई?

रावण को अकंपन की सीता को हरण करने की बात याद आई जिससे राम के प्राण निकल जाएँगे |

6. राम को जब हिरण का षड्यंत्र समझ में आया तब उन्होंने किया?

राम को जब हिरण का षड्यंत्र समझ में तब जल्दी से कुटिया के तरफ़ भागने लगे क्योंकि वह हिरण का अगला चाल को विफल करना चाहते थे|

7. सीता ने आवाज़ सुनकर लक्ष्मण से क्या कहा?

सीता ने लक्ष्मण से कहा कि तुम जल्दी जाओ। जिस दिशा से आवाज़ आई है, तुम उस ओर जाओ । तुम्हारे भाई किसी कठिन संकट में फँस गए हैं। उन्होंने सहायता के लिए पुकारा है। उनकी ऐसी कातर आवाज़ मैंने कभी नहीं सुनी।

8. जब लक्ष्मण से सीता के आँसू देखे नहीं गए तब उन्होंने क्या किया?

लक्ष्मण ने सीता को प्रणाम किया और राम की खोज में निकल पड़े|

9. सीता ने जब रावण का साधु समझकर स्वागत किया तब रावण ने सीता से क्या कहा?

रावण ने सीता से कहा मैं रक्षासों का राजा लंकाधिपति हूँ| मेरा नाम लेने से लोग थरथरा उठते हैं| लेकिन तुम सुंदरी हो। सबसे अलग हो। तुम्हारे लिए मैं स्वयं चलकर आया हूँ। मेरे साथ चलो।

10. सीता रास्ते में क्या कर रही थीं ?

सीता रास्ते में आने वाले पशुओं , पक्षियों , पर्वतों , नदियों से कहती जा रही थीं कि कोई उनके राम को बता दे की रावण ने उनका हरण कर लिया है |

11. गिद्ध राज जटायु ने सीता का विलाप सुनकर क्या किया?

गिद्ध राज जटायु ने ऊँची उड़ान भरी और रावण के रथ पर हमला कर दिया| वृद्ध गिद्धराज ने रथ क्षत-विक्षत कर दिया और रावण को भी घायल कर दिया|

12. रावण ने क्रोध में आकर जटायु के साथ क्या किया?

रावण ने क्रोध में आकर जटायु के पंख काट दिए| जटायु अब उड़ नहीं सकता था| वह सीधे धरती पर आ गिरा था|

13. जब सीता को अपनी सहायता कि कोई संभवतः नहीं लगी तब वह क्या करने लगी थीं ?

जब सीता को अपनी सहायता कि कोई संभवतः नहीं लगी तब उन्होंने अपने आभूषण उतारकर फेंकना प्रारंभ कर दिया|

14. रावण ने सीता को कहाँ रखा?

रावण ने सीता को अशोक वाटिका में बंदी बनाकर रखा|

15. राम की प्रशंसा सुनकर जब रावण चिंतित हो गया तब उसने क्या किया?

राम की इतनी प्रशंसा सुनकर रावण कुछ चिंतित हो गया। उसने सोचा, खर-दूषण को मारने वाला अवश्य शक्तिशाली होगा। उसने तत्काल में अपने आठ सबसे बलिष्ठ राक्षसों को बुलाया कहा कि तुम लोग पंचवटी जाओ। उनका एक-एक समाचार मुझे मिलना चाहिए। दोनों पर निगरानी रखो। मौका मिलते ही उन्हें मार डालो।

16. सोने के हिरण ने सीता को कहाँ पहुँचा दिया?

सोने के हिरण ने सीता को सोने की लंका में पहुँचा दिया|

सोने का हिरण Notes

Bal Ram Katha Class 6 Questions and Answers Summary Chapter 7 सोने का हिरण

  • January 16, 2022
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  • NCERT 6 Hindi

Bal Ram Katha Class 6 Questions and Answers Summary Chapter 7 सोने का हिरण

These NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant & Bal Ram Katha Class 6 Questions and Answers Summary Chapter 7 सोने का हिरण are prepared by our highly skilled subject experts.

Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 7 Question Answers Summary सोने का हिरण

Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 7

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प्रश्न 1.
राम को कुटी से निकलते देख मायावी हिरण ने क्या किया?
उत्तर:
जैसे ही राम अपनी कुटी से बाहर निकले मायावी हिरण कुलाचें भरता हुआ जंगल की ओर दौड़ा। राम भी उसके पीछे दौड़े। उसने राम को बहुत छकाया। वह लुका-छिपी करता हुआ राम को बहुत दूर ले गया। जब भी राम उसे पकड़ने का प्रयास करते, वह भागकर दूर चला जाता। अपने सारे प्रयास विफल होते देख राम ने उसे जिंदा पकड़ने का विचार त्याग दिया और उस पर बाण चला दिया।

प्रश्न 2.
बाण लगने पर मायावी हिरण ने क्या किया?
उत्तर:
बाण लगने पर मायावी हिरण ने अपने रूप के साथ-साथ अपनी आवाज भी बदल ली। वह राम की आवाज बनाकर बोला-“हा सीते! हा लक्ष्मण!” बाण का प्रहार गहरा था। मारीच उसे अधिक देर तक सहन नहीं कर सका और जल्द ही उसके प्राण-पखेरू उड़ गए।

प्रश्न 3.
मारीच की पुकार सुनकर राम ने क्या किया?
उत्तर:
राम को समझते देर नहीं लगी। मायावी मारीच की पूरी चाल सामझ में आ गई थी। हिरण जानबूझकर उसे कुटिया से दूर ले जाने के लिए भागता रहा। राम षड्यंत्र का अगला चरण विफल करना चाहते थे। अतः वे तेज कदमों से कुटिया की ओर चल पड़े।

प्रश्न 4.
मायावी पुकार का लक्ष्मण पर क्या असर हुआ?
उत्तर:
मायावी पुकार सुनकर लक्ष्मण उसका रहस्य समझ गए। उन्होंने अपना धनुष संभाल लिया। वे राक्षसों की अगली चाल का सामना करने के लिए तैयार थे।

प्रश्न 5.
सीता मायावी हिरण की आवाज सुनकर विचलित क्यों हो गई?
उत्तर:
सीता को लगा कि राम के प्राण संकट में हैं। उन्होंने लक्ष्मण से तुरंत राम की सहायता के लिए जाने को कहा। लक्ष्मण ने सीता को बहुत समझाया, परन्तु सीता ने लक्ष्मण की एक न सुनी। सीता क्रोध से उबल पड़ी और लक्ष्मण पर तरह-तरह के लांछन लगाने लगी।

प्रश्न 6.
सीता ने लक्ष्मण पर क्या-क्या लांछन लगाए?
उत्तर:
सीता ने लक्ष्मण को फटकारते हुए कहा कि तुम्हारा मन पवित्र नहीं है। कलुषित है। पाप है उसमें। मैं समझ सकती हूँ कि तुम अपने भाई की सहायता के लिए क्यों नहीं जा रहे हो। सीता ने यहाँ तक कह दिया कि कहीं वे भरत के गुप्तचर तो नहीं हैं।

प्रश्न 7.
सीता की बातों का लक्ष्मण पर क्या असर हुआ?
उत्तर:
सीता की बातों से लक्ष्मण को गहरा आघात पहुँचा। उनका हृदय छलनी हो गया। उन्होंने पलटकर कोई और उत्तर नहीं दिया। सिर झुकाकर सब कुछ सुन लिया। वे सीता की पीड़ा को समझ रहे थे।

प्रश्न 8.
रावण ने पंचवटी में सीता के पास जाकर क्या प्रस्ताव रखा?
उत्तर:
रावण तपस्वी के वेश में सीता के पास पहुँचा। सीता ने साधु समझकर उसका स्वागत किया। रावण ने अपना परिचय देते हुए कहा-“सुमुखी! मैं राक्षसों का राजा रावण हूँ। मेरा नाम लेने पर लोग थरथरा उठते हैं। लेकिन तुम सबसे अलग हो सुंदरी। तुम्हारे लिए मैं स्वयं चलकर आया हूँ। मेरी रानी बनकर मेरे साथ चलो और सोने की लंका में रहो।”

प्रश्न 9.
रावण और जटायु के युद्ध का वर्णन करो।
उत्तर:
रावण के उड़ने वाले रथ पर सीता विलाप करती हुई जा रही थी। वह पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों से कह रही थी कि कोई उसके राम को बता दे कि रावण ने उसका हरण कर लिया है। गिद्धराज जटायु ने सीता का विलाप सुना तो उसने ऊँची उड़ान भरकर रावण के रथ पर हमला कर दिया। जटायु ने रथ को क्षत-विक्षत कर दिया। क्रोध में आकर रावण ने जटायु के पंख काट दिए। जटायु धरती पर गिर पड़ा।

प्रश्न 10.
सीता मार्ग में अपने आभूषण उतार-उतारकर क्यों फेंक रही थीं?
उत्तर:
सीता ने अपने आभूषण उतार-उतारकर इसलिए फेंकने शुरू कर दिए ताकि राम को पता चल जाए कि रावण सीता को किस ओर ले गया है।

प्रश्न 11.
रावण ने सीता को प्रभावित करने के लिए क्या-क्या किया?
उत्तर:
रावण ने सीता को अपने धन-वैभव से प्रभावित करना चाहा, परन्तु सीता पर कोई असर नहीं पड़ा। उसने सीता को अपने बल-पराक्रम का हवाला देकर डराया-धमकाया, परन्तु सीता पर कोई असर न होता देख उसे राक्षसियों के पहरे में अशोक वाटिका में बंदी बनाकर रख लिया।

Bal Ram Katha Class 6 Chapter 7 Summary

राम को कुटी से निकलते देखकर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा। वह लुकता-छिपता भागता रहा। इस प्रकार राम को बहुत दूर ले गया। राम ने उसको जिंदा पकड़ना असंभव जान उस पर बाण चलाया। बाण लगते ही वह गिर पड़ा और अपने असली रूप में आ गया। धरती पर पड़े वह करुण आवाज में “हा सीते! हा लक्ष्मण।” कहकर चिल्लाया। बाण का प्रहार गहरा था, अतः जल्दी ही उसके प्राण-पखेरू उड़ गए।

रावण एक वृक्ष के पीछे खड़ा होकर अपनी चाल सफल होते देख रहा था। मारीच की पुकार राम ने सुनी तो उन्हें समझते देर नहीं लगी। वे षड्यंत्र का अगला चरण विफल करना चाहते थे। वे जल्दी से कुटिया पर पहुँच जाना चाहते थे। यह मायावी पुकार सीता और लक्ष्मण ने भी सुनी थी। लक्ष्मण तत्काल रहस्य को समझ गए। वे राक्षसों की अगली चाल का सामना करने के लिए तैयार हो गए। सीता वह आवाज सुनकर विचलित हो गई थी। उसने लक्ष्मण को पुकारा कि जल्दी आओ, तुम्हारे भाई किसी भारी संकट में फँस गए हैं। लक्ष्मण ने सीता को समझाते हुए कहा कि राम संकट में नहीं हैं। यह मायावी राक्षसों की चाल है। लक्ष्मण को इस प्रकार शांत देखकर सीता क्रोध से उबल पड़ी। उसे लगा कि लक्ष्मण जानबूझकर राम को अपने रास्ते से हटाना चाहते हैं। उन्होंने लक्ष्मण से कहा कि तुम्हारा मन पवित्र नहीं है। तुम भरत के गुप्तचर हो। सीता की इन बातों का लक्ष्मण को गहरा आघात लगा। लक्ष्मण ने सीता को तरह-तरह से समझाना चाहा, परन्तु वह नहीं मानी।

लक्ष्मण राम की खोज में निकल पड़े, तभी वहाँ रावण आ पहुँचा। सीता ने साधु समझकर उसका स्वागत किया। रावण ने अपना परिचय देते हुए कहा कि तुम्हारे लिए मैं स्वयं चलकर आया हूँ। मेरे साथ चलो और सोने की लंका में रहो। सीता क्रोधित होकर बोली-मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊँगी। मैं राम की पत्नी हूँ। शायद तुमको उनकी शक्ति का अनुमान नहीं है। तुम चले जाओ, नहीं तो तुम्हारा सर्वनाश हो जाएगा। रावण ने सीता की बात को अनसुना करके उसे खींचकर रथ में बैठा लिया। सीता रावण से स्वयं को छुड़ाने का प्रयास करती रही। वह स्वयं को असहाय पाकर विलाप करने लगी। मार्ग में वह नदी, पर्वत, पशु-पक्षियों से बताती जा रही थी कि राम को बता दें कि रावण ने उसका हरण कर लिया है। गिद्धराज जटायु ने जब सीता का विलाप सुना तो वह ऊँची उड़ान भरकर रावण के रथ पर झपटा। रावण ने जटायु के पंख काट दिए। जटायु ने रावण का स्थ तोड़ दिया। रावण सीता को अपनी बगल में दबाकर दक्षिण दिशा की ओर उड़ने लगा। सीता को अब अपने बचाव की कोई आशा नहीं थी। उसने अपने आभूषण उतारकर फेंकने शुरू कर दिये ताकि राम को पता चल सके कि सीता किस मार्ग से गई है।

रावण ने लंका पहुँचकर सीता को धन-वैभव से प्रभावित करना चाहा। सीता के किसी भी प्रकार न मानने पर रावण ने उस पर राक्षसियों का पहरा बैठा दिया। उसने सीता से कहा कि मैं तुम्हें एक वर्ष का समय देता हूँ। निर्णय तुम्हें करना है। मेरी रानी बनकर लंका में राज करोगी या विलाप करते हुए जीवन बिताओगी। सीता रावण को राम की शक्ति के बारे में बताती रही व तरह-तरह से रावण को धिक्कारती रही। रावण भी सोचने लगा कि खर-दूषण को मारने वाला अवश्य ही शक्तिशाली होगा। रावण ने राम-लक्ष्मण को मारने के लिए अपने सबसे बलशाली राक्षसों को पंचवटी भेजा। रावण ने सीता को अशोक वाटिका में बंदी बना दिया। पहरा कड़ा कर दिया। राक्षसियों को आदेश दिया कि सीता को किसी भी तरह का शारीरिक कष्ट नहीं होना चाहिए। केवल इसके मन को दुख पहुँचाओ और अपमानित करो। रावण के सभी प्रयास विफल गए। वह रो-रोकर दिन काट रही थी। सोने के हिरण ने उन्हें सोने की लंका में पहुँचा दिया था।

राम की कुटी के समीप आकर मारीच ने क्या किया?

राम की कुटी के समीप जाकर मारीच ने सोने के हिरण का रूप धारण कर लिया तथा कुटी के आस-पास घूमने लगा। सीता उस सुंदर हिरण पर मुग्ध हो गई और राम से उसे पकड़कर लाने के लिए कहा। राम उसे पकड़ने के लिए बहुत दूर निकल गए। प्रश्न 7.

बाण लगने पर मारीच ने क्या किया?

उत्तर- मारीच ने जब बाण लगने के बाद अपनी मायावी आवाज़ में पुकारा तो सीता को लगा कि वह उनके स्वामी राम की आवाज़ हैं। आवाज़ सुनकर विचलित सीता दौड़ते हुए कूटी से बाहर आ गई।

मारीच ने राम को क्या समझाया?

उसने रावण को समझाया कि जिस कार्य को वह करने जा रहा है वह उसके विनाश का कारण बन सकता है क्योंकि माँ सीता स्वयं लक्ष्मी व श्रीराम नारायण का रूप है (Marich Ravan samvad)। उसने रावण को समझाया कि वह लंका का राजा है व सीता का अपहरण करके वह अपना राज्य को खो देगा (Marich ne Ravan ko kya samjhaya)।

मरने से पहले मारीच ने क्या किया आवाज सुनकर विचलित सीता ने लक्ष्मण से क्या कहा?

मारीच, राम को आकर्षित करने के लिए सोने के हिरण का रूप बनाकर कुटी के आसपास घूमने लगा। मायावी हिरण की आवाज़ सुनकर लक्ष्मण और चौकस हो गए। राक्षसों की अगली चाल का सामना करने के लिए उन्होंने बाण चढ़ाकर धनुष को मज़बूती से पकड़ लिया, पर उस आवाज़ को सुनकर सीता विचलित हो गईं। उन्होंने लक्ष्मण को राम की मदद के लिए जाने को कहा