आंतों का ऑपरेशन कैसे किया जाता है? - aanton ka opareshan kaise kiya jaata hai?

शहर में बुधवार को पहली बार दूरबीन से बड़ी आंत की सीकम (आंत के अंत का हिस्सा) पर कैंसर की गांठ का ऑपरेशन सफल हुआ। वरिष्ठ सर्जन डॉ. देवेंद्र शिवाच ने अपनी टीम के साथ मिलकर जीवन अस्पताल में ही 30 अगस्त को ऑपरेशन किया। ऑपरेशन करीब ढाई घंटे तक चला। जिसमें कैंसर की गांठ को शरीर से बाहर निकाला गया। अब मरीज स्वस्थ है। हालांकि, अभी कुछ दिन चिकित्सकीय ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा।

गांव कादराबाद निवासी रवि आर्य की पत्नी प्रीति आर्य छह महीने से पेट के दर्द को सहन कर रही थी। दवाओं का भी असर नहीं हो रहा था। जिसके बाद उन्होंने डॉ. देवेंद्र शिवाच से परामर्श लिया। उन्होंने पहले प्रीति का अल्ट्रासाउंड कराया। जिसमें ज्ञात हुआ कि प्रीति को अपेंडिक्स की समस्या है। जिसके लिए ऑपरेशन जरूरी था। डॉ. देवेंद्र शिवाच द्वारा प्रीति को दूरबीन के ऑपरेशन के लिए 30 अगस्त तारीख दी गई। 30 अगस्त की सुबह अॅापरेशन शुरू हुआ। चूंकि अपेंडिक्स बड़ी आंत पर थी। इसलिए उसी स्थान पर सर्जरी शुरू हई। लेकिन, ऑपरेशन के दौरान ज्ञात हुआ कि बड़ी आंत की सीकम (आंत के अंत का हिस्सा) पर गांठ बनी हुई है। वह कैंसर की गांठ जैसी ही प्रतीत हो रही थी। करीब डेढ़ घंटे तक ऑपरेशन चला। जिसमें उस गांठ को सीकम से हटाकर शरीर से निकाला गया। डॉ. देवेंद्र शिवाच ने बताया कि शहर में पहली बार सीकम पर कैंसर की गांठ का ऑपरेशन दूरबीन से सफल हुआ है। यह उनके लिए गर्व की बात है।

जमशेदपुर: ऑपरेशन के बाद ज्यादा मात्रा में बहे खून का पेट में जमाव के कारण मानगो के सुखदेव राम की मौत हो गयी. मौत का कारण हेमरेज ऑफ शॉक बताया जा रहा है. पेट में खून भरने के कारण ही ऑपरेशन के बाद मरीज का पेट फूलने लगा था, जिसको लेकर डॉक्टरों ने पेट का एक्स-रे भी करवाया था, लेकिन पेट में खून भरे होने के कारण सही जानकारी नहीं मिल सकी थी. इसके बाद डॉक्टरों ने भी इसको लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखायी. इस बात का खुलासा सुखदेव राम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई है. पोस्टमार्टम विभाग ने ये रिपोर्ट साकची थाना को भेज दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सुखदेव राम की इलाज में डॉक्टरों द्वारा घोर लापरवाही बरती गयी.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब सुखदेव राम का पेट पोस्टमार्टम के लिए खोला गया, तो पूरा पेट खून से भरा हुआ था. खून को देख कर पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टर पहले तो परेशान हो गये, लेकिन बाद में उसकी पोस्टमार्टम काफी गंभीरता से की गयी. जांच के दौरान जानकारी मिली कि ऑपरेशन के दौरान मरीज के आंत के पास कट लग गया था. जिसे ऑपरेशन के दौरान ध्यान से देखा नहीं गया और बिना ठीक किये ही आंत को पेट के अंदर घुसा दिया गया. ऐसा करने के कारण कटे हुए अंग से खून निकल कर पेट में जमा हो गया और यही सुखदेव राम की मौत का कारण बना.

पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भी लापरवाही

सूत्रों ने बताया कि अगर डॉक्टर और सर्जरी यूनिट के सदस्य ऑपरेशन के बाद भी सुखदेव राम की देखभाल ठीक से करते, तो उसे बचाया जा सकता था, लेकिन ऑपरेशन के पूर्व और बाद में सुखदेव राम की ठीक से देखभाल नहीं की गयी. साथ ही पोस्ट आॅपरेटिव वार्ड में भी मरीज का देख-रेख ठीक ढंग से नहीं किया गया. अगर देख-रेख ठीक ढंग से होता तो पेट में खून को जमा नहीं होने दिया जाता. रिपोर्ट को देखने से यही लगता है कि सुखदेव राम की मौत सर्जरी विभाग के डॉक्टर और कर्मचारियों के कारण हुई है.

रांची सदर अस्पताल में पलामू के 85 वर्षीय मरीज आदित्यनाथ पाठक की जटिल सर्जरी कर डॉक्टरों ने जान बचायी...

आंतों का ऑपरेशन कैसे किया जाता है? - aanton ka opareshan kaise kiya jaata hai?

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 25 Jun 2021 10:00 PM

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लेप्रोटोमी सर्जरी :::::::::::::::::::::::::::::::::::::

रांची। संवाददाता

रांची सदर अस्पताल में पलामू के 85 वर्षीय मरीज आदित्यनाथ पाठक की जटिल सर्जरी कर डॉक्टरों ने जान बचायी है। मरीज की बड़ी आंत छोटी आंत में बुरी तरह फंस गई थी। जिससे बड़ी आंत चढ़ने लगी थी और मल मार्ग ब्लॉक हो गया था। मरीज को लगातार 10 दिन से दर्द था। जिसके बाद उन्होंने पलामू में स्थानीय डॉक्टर से दिखाया, जहां से उन्हें रांची रेफर कर दिया गया।

रांची सदर अस्पताल में एनेस्थेटिक ने सर्जन डॉक्टर अजीत से दिखाने की सलाह दी। जिसके बाद डॉक्टर ने सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। रिपोर्ट में पाया गया कि बड़ी आंत छोटी आंत में बुरी तरह फंसी हुई है। जिसके बाद डॉ अजीत ने प्रबंधन से सलाह लेने के बाद लेप्रोटोमी सर्जरी की। सर्जरी कर मरीज के बड़ी आंत को काट कर हटा दिया गया। पेट की तरफ से कोलोस्टॉमी (पखाना का रास्ता बनाना) की गई है।

लेप्रोटोमी सबसे जटिल सर्जरी में एक

डॉ अजीत ने बताया कि लेप्रोटोमी सबसे जटिल सर्जरी में से एक है। उन्होंने बताया कि मरीज को 3 माह तक पेट के रास्ते से ही मल निकासी करनी होगी। उसके बाद फिर से दोबारा ऑपरेशन कर मल मार्ग को ठीक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में देर होने से मरीज की जान भी जा सकती थी। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन करीब 3 घंटे तक चली। इसमें सदर अस्पताल के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और ओटी के कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

इसे सुनेंरोकेंपहले यह ऑपरेशन चीरा लगाकर करना पड़ता था लेकिन दूरबीन पद्धति से सर्जरी टीम ने आहार नली को छोटे-छोटे छेद कर कैंसर सहित छाती व पेट से निकाला गया। इसके बाद पेट की आंत से नई आहारनली बनाई गई। डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि पहली बार प्रदेश में दूरबीन पद्धति से यह ऑपरेशन किया गया।

आंत्र के फैले हुए छोरों का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंक्षोभी आंत्र विकार या इरीटेबल बाउल सिंड्रोम आँतों का रोग है जिसमें पेट में दर्द, बेचैनी व मल-निकास में परेशानी आदि होते हैं। इसे स्पैस्टिक कोलन, इरिटेबल कोलन, म्यूकस कोइलटिस जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह आंतों को खराब तो नहीं करता लेकिन उसके संकेत देने लगता है।

आंतों की रुकावट क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबाउल ऑब्स्ट्रक्शन (bowel obstruction) आंतों में होने वाली एक रुकावट है जिस से खाने-पीने वाले पदार्थ को छोटी आंत या बड़ी आंत से निकलने में मुश्किल होती है। रुकावट आंशिक या पूरी तरह हो सकती है और ये शारीरिक रुकावट या आंत (bowel) की मांसपेशियों या नसों में परेशानी के कारण हो सकती है।

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छोटी आंत का ऑपरेशन कैसे किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंदो तरह से संभव प्रत्यारोपण छोटी आंत का प्रत्यारोपण दो तरह से हो सकता है। इसे लाइव डोनर और मस्तिष्क मृत शरीर से भी लिया जा सकता है। बीएल कपूर अस्पताल ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. बीपी भल्ला ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति भी अपनी छोटी आंत का एक हिस्सा दान कर सकता है, जबकि दूसरा विकल्प मस्तिष्क मृत शरीर का है।

आंतों की कमजोरी को कैसे दूर करें?

आंतों को कैसे मजबूत बनाएं?

  1. रोजाना एक ही तरह का खाना न खाएं, बल्कि विभिन्न प्रकार के भोजन का सेवन करें
  2. तनाव में न रहें
  3. अगर तनाव है, तो इसे कम करने के लिए मेडिटेशन और मानसिक योगा करें
  4. शराब का सेवन न करें
  5. कैफीन और मसालेदार खाने का सेवन न करें
  6. 7-8 घंटे की बेहतर नींद लें

आंतों में रुकावट क्या है इसके कारण लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंइलिअस : पेट में मवाद या संक्रमण, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन जैसे शरीर में पोटेशियम की कमी, यूरेमिया, कुछ प्रमुख दवाओं के दुष्प्रभाव से इसका कार्य सही से न हो पाना। रुकावट से कैसी जटिलताएं हो सकती हैं? आंतों की रुकावट से इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन, किडनी खराब होने, आंतों में छेद या सडऩ होने से ब्लड इंफेक्शन हो सकता है।

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सर्जरी कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकें’सुश्रुत संहिता’ में 125 प्रकार के सर्जरी के औजार और 300 से अधिक प्रकार की सर्जरी के बारे में लिखा गया है। इनमें प्लास्टिक सर्जरी, मोतियािबिंद, मधुमेह और प्रसव आदि शामिल है। आयुर्वेद में ब्रेस्ट कैंसर, ट्यूमर, गैंगरीन, डिलीवरी, थायरॉइड, हर्निया, अपेंडिक्स व गॉलब्लैडर संबंधी सर्जरी की जाती हैं।

आंत में रुकावट क्या है?

सर्जन डॉक्टर क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसर्जन एक डॉक्टर ही होता है। लेकिन यह वह डॉक्टर होता है जो ऑपरेशन थियेटर में रोगी का ऑपरेशन (सर्जरी, चीर-फाड़, शल्य चिकित्सा) करता है। एक सर्जन का पेशा बहुत ही रिस्क भरा होता है। क्योंकि मरीज के शरीर की चिर-फाड़ (सर्जरी) करना कोई आसान काम नहीं है।

पेट की आंत का ऑपरेशन कैसे होता है?

पहले यह ऑपरेशन चीरा लगाकर करना पड़ता था लेकिन दूरबीन पद्धति से सर्जरी टीम ने आहार नली को छोटे-छोटे छेद कर कैंसर सहित छाती व पेट से निकाला गया। इसके बाद पेट की आंत से नई आहारनली बनाई गई। डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि पहली बार प्रदेश में दूरबीन पद्धति से यह ऑपरेशन किया गया।

ऑपरेशन के बाद कितने दिन ठीक होता है?

ऑपरेशन के कुछ साइड इफेक्ट आपको अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही बेहतर होने लगेंगे, मगर पूरी तरह ठीक होने में छह से आठ हफ्तों का समय लग सकता है।

छोटी आंत का ऑपरेशन कैसे होता है?

दो तरह से संभव प्रत्यारोपण छोटी आंत का प्रत्यारोपण दो तरह से हो सकता है। इसे लाइव डोनर और मस्तिष्क मृत शरीर से भी लिया जा सकता है। बीएल कपूर अस्पताल ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. बीपी भल्ला ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति भी अपनी छोटी आंत का एक हिस्सा दान कर सकता है, जबकि दूसरा विकल्प मस्तिष्क मृत शरीर का है।

आंत फटने से क्या होता है?

आंत फटने के अलावा लीवर और तिल्ली के बढ़ने के कारण भी तेज पेट दर्द हो सकता है। वहीं, अपेन्डिक्स की सूजन और पेट का छाला फटना भी इसके रिस्क फैक्टर में शामिल हैं। अल्सर की बीमारी से ग्रसित पेशेंट्स में यह छाला फटता है। यह प्रॉब्लम उन लोगों में सामान्य है, जो गठिया या अन्य बीमारियों में पेन किलर जरूरत से ज्यादा खाते हैं।