मुगलकालीन इतिहास के स्रोतों का उल्लेख कीजिए - mugalakaaleen itihaas ke sroton ka ullekh keejie

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मुगलकालीनप्रमुखऐतिहासिकस्रोत

मुगल काल के इतिहास के अध्ययन के लिए विविध ऐतिहासिक स्रोत हैं जिनमें विविधता भी है। सल्तनतकालीन स्रोतों की लगभग सभी श्रेणियां मुगल काल में भी उपलब्ध है। कई प्रकार की रचनाएं मिलती है, जैसे-दरबारी इतिहासकारों की रचनाएं, क्षेत्रीय इतिहास से संबंधित रचनाएं आदि जिनसे हमें महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। एक पूर्णतः नई श्रेणी यूरोपीय यात्रियों के वृत्तांत के रूप में है। मुगलकालीन इतिहास लेखन की परंपरा भी सल्तनत काल से भिन्न है। मुगलकालीन इतिहास की जानकारी के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित है-

साहित्यिकसाक्ष्य

मुगल काल में अनेक साहित्यिक साक्ष्य उपलब्ध हैं, जो इस काल के इतिहास के सम्बन्ध में अतिमहत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराते हैं। उनमें से महत्वपूर्ण व संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-

तुजुक--बाबरी/बाबरनामा

  • तुजुक-ए-बाबरी/बाबरनामा बाबर की आत्मकथा है। बाबर ने इस कृृति की रचना तुर्की भाषा में की थी।
  • इस पुस्तक मे बाबर ने 5 मुस्लिम राज्यों-दिल्ली, बहमनी, बंगाल, गुजरात व मालवा तथा दो हिंदू राज्यों-विजयनगर व मेवाड़ का उल्लेख किया है।
  • चूंकि, बाबर प्रकृति प्रेमी था अतः वह ‘बाबरनामा’ में भारत की जलवायु का वर्णन भी करता है, लेकिन कहता है कि यहां नदियों और पहाड़ों के अलावा कुछ भी नहीं है।
  • ‘बाबरनामा’ के विषय में लैनपूल ने लिखा है-‘‘उसकी आत्मकथा उन बहुमूल्य लेखों में से एक है, जो समस्त युगों में बहुमूल्य रही है।’
  • ‘बाबरनामा’ की पंक्ति है- ‘‘भारतीय समाज में आकर्षण का अभाव है। लोग सुंदर नहीं हैं तथा सामाजिक वर्गों के बीच संपर्क नहीं है।’’

हुमायूंनामा

  • इस पुस्तक की रचना हुमायूं की बहन गुलबदन बेगम ने फारसी भाषा में की थी।
  • इसमें बाबर और हुमायूं के शासनकाल का विवरण है, और तत्कालीन समाज का उल्लेख किया गया है।

तारीख--फरिश्ता

  • इसकी रचना मुहम्मद कासिम फरिश्ता द्वारा की गई।
  • इस महत्वपूर्ण रचना से बाबर तथा हुमायूं के शासनकाल की अच्छी जानकारी मिलती है।
  • इसमें भारत की भौगोलिक स्थिति एवं जलवायु के बारे में भी लिखा गया है। इस पुस्तक में दिया हुआ विवरण संतुलित तथा सटीक है।

अकबरनामा

  • ‘अकबरनामा’ अबुल फजल की कृति है। यह फारसी भाषा में रचित मुगलकालीन भारत की महत्वपूर्ण रचना है। इसमें तात्कालिक परिस्थितियों के साथ-साथ मनोरंजन के साधनों, रहन-सहन, वेश-भूषा, खान-पान, धर्म आदि का वर्णन मिलता है।
  • इसके प्रथम भाग में बाबर व हुमायूं के शासनकाल का वर्णन है, दूसरे भाग में अकबर के शासनकाल के प्रथम 46 वर्षों का वर्णन है, जबकि तीसरे भाग को ‘आइन-ए-अकबरी’ कहा जाता है, जो अपने समय की अमूल्य धरोहर है।
  • अकबर के शासनकाल के बारे में जानने हेतु यह सबसे महत्वपूर्ण और मौलिक रचना है।

तुजुक--जहांगीरी

  • ये जहांगीर की आत्मकथा है। इस रचना को पूर्ण करने में मुतामिद खां और बक्शी का भी सहयोग था।
  • ‘तुजुक-ए-जहांगीरी’ में जहांगीर ने अपने बड़े बेटे खुसरो के विद्रोह के बारे में भी लिखा है।
  • तुजुक-ए-जहांगीर में तात्कालिक सामाजिक अवस्था एवं संस्कृति का सजीव वर्णन किया गया है।
  • जहांगीर ने अपने दैनिक जीवन की दिनचर्या, न्याय, अदालत में आयोजित समारोहों, राजपूतों और हिन्दुओं के साथ उसके व्यवहार, अपनी यात्राओं, अपने सैन्य अभियानों और नूरजहां के साथ उसकी शादी के बारे में लिखा है।

मध्यकालीनऐतिहासिकरचनाएँएवंउनकेरचनाकारों की सूची 

रचनाएँ

रचनाकार

किताब-उल-हिंद

अलबरूनी

राजतरंगिणी

कल्हण

गौडवहो

वाक्पति

तबकात--नासिरी

मिन्हाज-उस-सिराज

तारीख--फिरोजशाही

जियाउद्दीनबरनी

खजायन-उल-फुतूह

अमीरखुसरो

तुगलकनामा

अमीरखुसरो

फतवा--जहांदारी

जियाउद्दीनबरनी

किताब-उल-रेहला

इब्नबतूता (मोरक्कनअफ्रीकी)

अकबरनामा

अबुलफजल

पृथ्वीराजरासो

चंदबरदाई

मुगलकालीन इतिहास के निम्नलिखित में कौन से स्रोत हैं?

मध्यकाल ( 1200 ई . से 1700 ई ) के इतिहास को जानने के प्रमुख स्रोतों के रूप में मुस्लिम इतिहासकारों के ऐतिहासिक अभिलेख , यात्रा - विवरण , सुल्तानों तथा बादशाहों की आत्मकथाएँ आदि प्रमुख हैं । इनके अतिरिक्ति तत्कालीन सिक्कों तथा पुरातत्व सामग्री के माध्यम से भी मध्यकालीन इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है ।

मुगल इतिहास के स्रोत अकबरनामा और बादशाहनामा का वर्णन कीजिए?

अकबरनामा 1- अकबर के कहने पर उसके मित्र एवं दरबारी इतिहासकार अबुलफजल 'अकबरनामा' ग्रंथ का लेखन किया। 'आइन-ए-अकबरी' इसी ग्रंथ का एक भाग है। आइन-ए अकबरी' में अकबर के काल की छोटी-से-छोटी जानकारी भी मिलती है इसीलिए इस ग्रंथ को अकबर कालीन गजेटियर कहा जाता है।

मुगलकालीन व्यवसाय क्या क्या था?

1556 में, जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर, जो महान अकबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, के पदग्रहण के साथ इस साम्राज्य का उत्कर्ष शुरू हुआ और सम्राट औरंगज़ेब के निधन के साथ समाप्त हुआ, हालाँकि यह साम्राज्य और 150 साल तक चला। इस समय के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में एक उच्च केंद्रीकृत प्रशासन निर्मित किया गया था

मुगलकालीन प्रशासन की प्रमुख विशेषता क्या थी?

मीर-ए-आतिश या दरोगा-ए-तोपखाना - यह शाही तोपखाने का प्रधान था यह मंत्रिपद नहीं होता था। इसकी सिफारिश पर महत्त्वपूर्ण नगरों में केन्द्र द्वारा कोतवाल की नियुक्ति होती थी। साहिब-तौजीह- यह सैनिक लेखाधिकारी होता था। दीवान-ए-तन – यह वेतन और जागीरों से संबंधित अधिकारी होता था।