आवा उपन्यास के प्रमुख पात्रों के नाम लिखिए - aava upanyaas ke pramukh paatron ke naam likhie

विषयसूची

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  • 1 आवा उपन्यास केंद्रीय पात्र कौन सा है?
  • 2 अमिता उपन्यास का निम्नलिखित कौनसा उद्देश स्पष्ट होता है?
  • 3 ग़बन किसकी रचना है?
  • 4 यशपाल द्वारा लिखित कौन सा उपन्यास नायिका प्रधान है?
  • 5 उपन्यास शिक्षण के उद्देश्य क्या है?
  • 6 भारत में आधुनिक उपन्यास का विकास कब हुआ?

आवा उपन्यास केंद्रीय पात्र कौन सा है?

इसे सुनेंरोकें’आवां’ की नायिका नमिता पांडे कामगार अघाड़ी में ट्रेड यूनियन का काम करने वाले मज़दूर नेता देवीशंकर पांडे की बेटी है, जो एक श्रमिक आंदोलन के दौरान हुए जानलेवा हमले में बच तो गए, लेकिन पक्षाघात के शिकार हो गए, चलने-फिरने तक से महरूम।

अमिता उपन्यास का निम्नलिखित कौनसा उद्देश स्पष्ट होता है?

इसे सुनेंरोकेंकलिंग पर अशोक के आक्रमण की घटना में परिवर्तन करके यशपाल ने इस उपन्यास का केन्द्र कलिंग की बालिका राजकुमारी अमिता को बनाया है। उपन्यास के माध्यम से वे जो सन्देश युद्ध-त्रस्त संसार को देना चाहते हैं, वह उन्हीं के शब्दों में : ‘मनुष्य ने अपने अनुभव और विकास से शान्ति की रक्षा का अधिक विश्वास योग्य उपाय खोज लिया है।

उपन्यास में चित्रित परिवेश कहाँ का है?

इसे सुनेंरोकेंउपन्यासकार उस सारे परिवेश को जीवंत बना देता है। वह ईश्वर के समान सारे पात्रों के मन में समा जाता है। वह सब कहीं व्याप्त है, पर दिखाई कहीं नहीं देता। वह परकाया प्रवेश करता है।

गबन का प्रकाशन वर्ष क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका ‘चाँद’ में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ।

ग़बन किसकी रचना है?

प्रेमचंदग़बन / लेखक

यशपाल द्वारा लिखित कौन सा उपन्यास नायिका प्रधान है?

इसे सुनेंरोकेंयशपाल जी का ‘दिव्या’ एक काल्पनिक ऐतिहासिक उपन्यास है। उन्होंने ने इसे मार्क्सवादी दृष्टिकोण से लिखा है। इस उपन्यास की नायिका दिव्या अनेक प्रकार के संघर्ष झेलती है। यह एक रोमांस विरोधी उपन्यास है।

चित्रा किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंचित्रा मुद्गल का उपन्यास ‘आवां’ आठ भाषाओं में अनुदित हो चुका है तथा यह देश के 6 प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत है। चित्रा मुद्गल (अंग्रेज़ी: Chitra Mudgal, जन्म- 10 सितम्बर, 1943, चैन्नई) आधुनिक हिंदी कथा साहित्य की बहुचर्चित और सम्मानित लेखिका हैं।

उपन्यास के उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआरंभ में उपन्यासों का उद्देश्य केवल मनोरंजन करना था। लेकिन साहित्य की अन्य विधाओं की तरह वर्तमान उपन्यास भी जीवन के यथार्थ को सामने रखने की कोशिश करता है। मनोवैज्ञानिक विश्लेषण द्वारा मानव मन का गहन व्याख्या का प्रयास इसमें किया जा रहा है। जीवन रहस्यों को, जीवन के अनुभवों को व्यक्त करने का कार्य उपन्यास करते है।

उपन्यास शिक्षण के उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउपन्यास-शिक्षण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं- 1. छात्रों में स्वाध्याय की आदत डालना। 2. स्वाध्याय में छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना।

भारत में आधुनिक उपन्यास का विकास कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंभारत में उपन्यास का आधुनिक रूप उन्नीसवीं सदी में विकसित हुआ। शुरु में भारतीय लेखकों ने अंग्रेजी उपन्यासों का अनुवाद करना शुरु किया। लेकिन जब इस काम से उन्हें संतुष्टि नहीं मिली तो कई लेखकों ने अपनी भाषा और यहाँ के सामाजिक परिवेश पर उपन्यास लिखना शुरु किया।

उपन्यास क्या है pdf?

इसे सुनेंरोकेंउपन्यास शब्द दो शब्दों के योग से बना है ‘उप’ और ‘न्यास । उप का अर्थ है गौण और न्यास का अर्थ है स्थापना करना। उपन्यासकार इस साहित्यिक विधा द्वारा अपने विचारों को की गौण सृष्टि करता है। हिंदी साहित्य में उपन्यास का आविर्भाव उन्नीसवीं शती के अंतिम दौर में हुआ।

विषयसूची

  • 1 उपन्यास के कितने प्रकार होते हैं?
  • 2 उपन्यास के कितने तत्व होते हैं नाम लिखिए?
  • 3 उपन्यास क्या है उपन्यास के विकास क्रम को समझाइए?
  • 4 कौन सा तत्व उपन्यास का तत्व है?
  • 5 आवा उपन्यास के शीर्षक का आशय क्या है?
  • 6 उपन्यास के प्रमुख तत्त्व कितने हैं?
  • 7 अमिता उपन्यास की रचना कितने भागों में विभाजित है?
  • 8 साहित्यकारों के अनुसार उपन्यास के कुल कितने तत्व होते हैं?

उपन्यास के कितने प्रकार होते हैं?

”मानव चरित्र पर प्रकाश डालना तथा उसके रहस्य को खोलना ही उपन्यास का मूल तत्व है।”…उपन्यास के प्रकार

  • सांस्कृतिक उपन्यास
  • सामाजिक उपन्यास
  • यथार्थ वादी उपन्यास
  • ऐतिहासिक उपन्यास
  • मनोवैज्ञानिक उपन्यास
  • राजनीतिक उपन्यास
  • प्रयागेात्मक उपन्यास
  • तिलस्मी जादुई उपन्यास

उपन्यास के कितने तत्व होते हैं नाम लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: उपन्यास साहित्य मानव जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है । ४४ Page 8 उपन्यास के तत्त्व : अधिक्तर विद्वानों ने उपन्यास के प्रमुख छः तत्त्व माने हैं । (१) कथानक / कथावस्तु (२) पात्र / चरित्र-चित्रण (३) कथोप कथन / संवाद (४) देशकाल / वातावरण (५) भाषा-शैली (६) उद्देश्य ।

उपन्यास के कौन कौन से तत्व हैं?

कथावस्तु उपन्यासों की दृष्टि से कथावस्तु को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है।

  • पात्र उपन्यास के कथा रूपी शरीर को गति देनेवाले अवयव पात्र कहलाते है।
  • संवाद योजना पात्रों के परस्पर वार्तालाप को संवाद योजना या कथोपकथन कहते है।
  • देशकाल वातावरण
  • 5 भाषाशैली
  • उद्देश्य
  • कथावस्तु उपन्यासों की दृष्टि से कथावस्तु को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है।

  • पात्र उपन्यास के कथा रूपी शरीर को गति देनेवाले अवयव पात्र कहलाते है।
  • संवाद योजना पात्रों के परस्पर वार्तालाप को संवाद योजना या कथोपकथन कहते है।
  • देशकाल वातावरण
  • 5 भाषाशैली
  • उद्देश्य
  • 1 घटना प्रधान उपन्यास

  • 2 चरित्र प्रधान उपन्यास
  • 3 ऐतिहासिक उपन्यास
  • 4 सामाजिक उपन्यास
  • 5 मनोवैज्ञानिक उपन्यास
  • 6 आंचलिक उपन्यास
  • उपन्यास का मूल तत्व क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंकथावस्तु तत्व उपन्यास का अनिवार्य तत्व हैं। कथा साहित्य में घटनाओं के संगठन को कथावस्तु या कथानक की संज्ञा दी जाती है। जीवन में अनेक प्रकार की घटनाएँ घटती रहती है। उपन्यासकार अपने उद्देश्य के अनुसार उनमें एक प्रकार की एकता लाता है और अपनी कल्पना के सहारे इन कथानकों की कल्पना की जाती है।

    उपन्यास क्या है उपन्यास के विकास क्रम को समझाइए?

    इसे सुनेंरोकेंहिंदी उपन्यास के विकास क्रम को मुख्य रूप से चार भागों बांटा गया है। पहला है भारतेन्दु युग जो की 1850 से लेकर 1915 तक चला था, जिसमे मौलिक उपन्यासो की शुरुवात हुई थी। उस वक्त में सबसे पहले लाला श्री निवास दास द्वारा पहला मौलिक उपन्यास जिसका नाम था परीक्षा गुरु था।

    कौन सा तत्व उपन्यास का तत्व है?

    इसे सुनेंरोकेंभाषा शैली उपन्यास का अनिवार्य तत्व भाषा शैली है। भाषा शैली की योजना करते समय उसमें छोटे-छोटे वाक्य, अलंकार, लाक्षणिकता, व्यंजक, मुहावरेदार, लोकोक्तियां आदि का भरपूर प्रयोग किया जाना चाहिए। इनके प्रयोग में कथानक का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। समय और परिस्थिति के अनुरूप भाषा शैली की उपयोगिता होनी चाहिए।

    उपन्यास के विकास क्रम को कितने भागों में बांटा गया है विकास क्रम को संक्षिप्त में समझाइए?

    इसे सुनेंरोकेंहिन्दी उपन्यास का विकास क्रम भारतेंदु युग मे सामाजिक, ऐतिहासिक, तिलिस्मी, ऐय्यारी, जासूसी तथा रोमानी उपन्यासों की रचना परंपरा का सूत्रपात हुआ। इस युग की प्रमुख अनूदित कृति है बंकिमचन्द्र की “दुर्गेशनंन्दिनी”।

    इनमें से हिंदी उपन्यास विधा के विकास क्रम के चरण कौन से है?

    इसे सुनेंरोकेंहिंदी उपन्यासों का प्रथम युग भाग्यवती के रचनाकाल 1877 ई. से आरंभ होता है। श्रद्धाराम फिल्लौरी कृत भाग्यवती एक सामाजिक उपन्यास है, जिसकी नायिका अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए अपना और अपने परिवार का जीवन सुखमय बनाती है। भारतवर्ष की नारियों को गृहस्थ धर्म की शिक्षा से अवगत करना भी इसका एक उद्देश्य है।

    आवा उपन्यास के शीर्षक का आशय क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंसुपरिचित कथाकार चित्रा मुद्गल का बृहद उपन्यास ‘आवाँ’ स्त्री–विमर्श का बृहद आख्यान है, जिसका देश–काल तो उनके पहले उपन्यास ‘एक जमीन अपनी’ की तरह साठ के बाद का मुंबई ही है, लेकिन इसके सरोकार उससे कहीं ज्यादा बड़े हैं, संपूर्ण–स्त्री विमर्श से भी ज्यादा श्रमिकों के जीवन और श्रमिक राजनीति के ढेर सारे उजले–काले कारनामों तक …

    उपन्यास के प्रमुख तत्त्व कितने हैं?

    उपन्यास के तत्व,उपन्यास के तत्वों की व्याख्या

    1. 1 कथानक किसी उपन्यास की मूल कहानी को कथावस्तु कहा जाता है।
    2. 2 चरित्र चित्रण और पात्र कथानक तत्व के पश्चात् उपन्यास का द्वितीय महत्त्वपूर्ण तत्व चरित्र चित्रण अथवा पात्र योजना है।
    3. 3 कथोपकथन
    4. 4 देशकाल वातावरण
    5. 5 भाषा शैली
    6. 6 उद्देश्य

    उपन्यास को मराठी में क्या कहा जाता है?

    इसे सुनेंरोकेंउपन्यास—पु. १ वस्तु, मुद्दा व्यवस्थित रीतीनें पुढें ठेवणें, मांडणें; विशद करणें; प्रतिपादन; स्पष्टीकरण; समोरासमोर ठेवणें, मांडणें.

    उपन्यास का तत्व क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंउपन्यास का अनिवार्य तत्व भाषा शैली है। भाषा शैली की योजना करते समय उसमें छोटे-छोटे वाक्य, अलंकार, लाक्षणिकता, व्यंजक, मुहावरेदार, लोकोक्तियां आदि का भरपूर प्रयोग किया जाना चाहिए। इनके प्रयोग में कथानक का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। समय और परिस्थिति के अनुरूप भाषा शैली की उपयोगिता होनी चाहिए।

    अमिता उपन्यास की रचना कितने भागों में विभाजित है?

    ‘अमिता’ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में कल्पना को आधार बनाकर लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास के प्राक्कथन में यशपाल स्वयं इसके मूल मन्तव्य की ओर इशारा करते हैं–’विश्वशान्ति के प्रयत्नों में सहयोग देने के लिए मुझे भी तीन वर्ष में दो बार यूरोप जाना पड़ा है।…

    अमिता (उपन्यास)
    पृष्ठ: 164
    भाषा हिंदी
    विधा उपन्यास
    मुखपृष्ठ रचना सजिल्द

    साहित्यकारों के अनुसार उपन्यास के कुल कितने तत्व होते हैं?

    इसे सुनेंरोकेंइसके प्रमुख 6 तत्व माने गए हैं जिस पर आधारित होकर संपूर्ण उपन्यास की रचना की जाती है।

    निम्नलिखित में से उपन्यास का तत्व कौनसा है?

    इसे सुनेंरोकेंउपन्यास में जीवन की सम्पूर्णता का चित्रण होता है। मानव जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को कथानक का आधार बनाकर उपन्यास का ताना-बाना बुना जाता है। उपन्यास गद्य साहित्य की एक प्रमुख विधा है। यह ‘उप’ और ‘न्यास’दो शब्दों से मिलकर बना है।

    मराठी में उपन्यास को कादम्बरी क्यों कहते है?

    इसे सुनेंरोकेंकादम्बरी का एक अन्य अर्थ है कदम्ब के फूलों से निर्मित शराब। मगर यह अर्थ उपन्यास के अर्थ से मेल नहीं खाता। मोनियर विलियम्स के अनुसार कादम्बरी पौराणिक पात्र चित्ररथ की पुत्री का नाम भी है।

    आवां उपन्यास का केंद्रीय पात्र कौन है?

    'आवां' की नायिका नमिता पांडे कामगार अघाड़ी में ट्रेड यूनियन का काम करने वाले मज़दूर नेता देवीशंकर पांडे की बेटी है, जो एक श्रमिक आंदोलन के दौरान हुए जानलेवा हमले में बच तो गए, लेकिन पक्षाघात के शिकार हो गए, चलने-फिरने तक से महरूम।

    आवा उपन्यास के रचनाकार कौन है?

    चित्रा मुद्गलआवां / लेखिकाnull

    आवा उपन्यास का उद्देश्य क्या है?

    प्रस्तुत उपन्यास का प्रमुख उद्देश्य नारी विमर्श रहा है। अतः अपने उद्देश्य की स्थापना लेखिका ने कथोपकथन अथवा संवादों द्वारा ही की है।

    आवा उपन्यास का केंद्रीय पात्र कौन सा है उसकी चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए?

    वे निरंतर समाज के छोटे-बड़े सभी लोगों को अपने घर आने पर अतिथि के रूप में स्वागत करते हैं। कहीं भी उनके कार्य व्यवहार में किसी प्रकार के स्वार्थ की गंध नहीं आती और ना किसी लोभ-लालच की ही। लोक कल्याणकारक उनकी सेवाएँ नि:स्वार्थ हैं।