ऑनलाइन हिन्दी
प्रशिक्षण हेतु लीला प्रबोध , प्रवीण एवं प्राज्ञ के नए पाठ्यक्रम सी-डैक पुणे के तकनीकी सहयोग से विकसित एवं राजभाषा विभाग द्वारा प्रायोजित ऑनलाइन हिन्दी प्रशिक्षण हेतु लीला सॉफ्टवेयर हिन्दी भाषा प्रशिक्षार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है । इसके इस्तेमाल से प्रशिक्षार्थियों को घर बैठे ही भाषा के सूक्ष्मातिसूक्ष्म अंगों (जैसे वर्ण परिचय , वर्णो का स्वर और व्यंजनों मे वर्गीकरण,उच्चारण भेद,अनुनासिक,अनुस्वार एवं संयुक्त व्यंजनों का स्वरूप, काल विभाजन,कारक
चिन्हों का सटीक प्रयोग सहित मानक वर्तनी आदि) की जानकारी सहज रूप से हो जाती है। दृश्य एवं श्रव्य उपकरणों की सहायता से प्रयोगकर्ता अपनी मातृभाषा में ही लक्ष्यभाषा हिन्दी को बड़ी आसानी से सीख सकता है। यदि आप भी अपनी मातृभाषा के माध्यम से हिन्दी सीखना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें - http://lilappp.cdac.in/newhome.asp तथा अपना पंजीकरण करवाएँ । यह सेवा बिल्कुल निशुल्क है तथा तीनों ही पाठयक्रमों को एक साथ भी सीखा जा सकता है
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"हिन्दी शब्द संसाधन" (Hindi Word Processor) केंद्रीय हिन्दी प्रशिक्षण संस्थान(राजभाषा विभाग) द्वारा तैयार की गई एक ऐसी मार्गदर्शक पुस्तिका है , जो कंप्यूटर की कोई भी बुनियादी जानकारी न रखने वाले व्यक्ति को भी कंप्यूटर के कई तकनीकी पहलुओं से न केवल परिचित करा सकती है ,बल्कि इसे पढ़ने के बाद वे स्वयं भी अपना काम कंप्यूटर पर करने मे समर्थ हो सकते हैं। आसान भाषा में और सचित्र ब्यौरों के साथ पाठों की विषयवस्तु को इतनी सरलता से समझाया गया है कि पाठक को समझने में कहीं भी कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। चूंकि आलोच्य पुस्तक के लेखक त्रय सर्वश्री दिनेश चंद्र,मुकेश कुमार और राकेश कुमार वर्मा सहायक निदेशक के रूप में टंकण और आशुलिपि प्रशिक्षण से ही जुड़े हुए हैं इसलिए सीखने सिखाने में आने वाली परेशानियों से भी वे भलीभाँति परिचित है ,यही कारण है कि विषय प्रतिपदान में उन्होने अपने कार्यगत अनुभव और ज्ञान का बखूबी इस्तेमाल किया है । कंप्यूटर की बेसिक जानकारी ,एमएस वर्ड , यूनिकोड ,ट्रेडीशनल इनस्क्रिप्ट तथा फोनेटिक टायपिंग के तरीके , गति अभ्यास , इन्टरनेट और ईमेल जैसे विषयों को कुल 15 अध्यायों में औ भारत में नागर विमानन के सौ वर्ष
आदिम युग से मनुष्य लगातार अपने में परामानवीय शक्तियों के विकास की इच्छा लेकर नित नवीन प्रयोग करता रहा है। जल में चलने की अभिलाषा ने डोंगी से नाव और नाव से जलजहाज का विकास किया। खुले आकाश में उड़ते पंछियों को देखकर इंसान को भी उड़ने की हसरत ज़रूर हुई होगी तभी तो राइट बंधुओं ने उड़ने की कोशिश में अपनी जान को खतरे में डाला होगा। प्राचीन ग्रन्थों में भी हम इस बात का उल्लेख पाते हैं कि देवताओं और असुरों के पास उड़ने की नैसर्गिक शक्ति थी। तुलसीदासकृत “ श्री राम चरित मानस ” में भी इस बात का उल्लेख है कि लंका नरेश रावण सीता माता का अपहरण कर अपने पुष्पक विमान में बिठाकर आकाश मार्ग से लंका ले जाता है। भगवान श्रीराम लंका विजय कर जब सीताजी को लेकर इसी पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे ते हैं तो - आवत देखि लोग सब कृपासिंधु भगवान। नगर निकट प्रभु प्रेरेउ भूमि बिमान।। ( 4 क/उत्तरकाण्ड) ( भावार्थ - कृपासागर भगवान् श्रीरामचन्द्रजी ने सब लोगों को आते देखा , तो उन्होने विमान को नगर के समीप उतरने को प्रेरित किया। तब वह विमान पृथ्वी पर उतरा।) इसीतरह- लीला हिंदी प्रपोज राजभाषा सॉफ्टवेयर में कितने अध्याय हैं?लीला हिंदी प्रबोध में 26 अध्याय हैं और शब्दकोश मॉडयूल के साथ प्राथमिक स्तर का पाठ्यक्रम है।
69 लीला हिन्दी प्रबोध राजभाषा सॉफ्टवेयर में कितने अध्याय हैं A 24 B 25 C 26 D 26?आलोचनात्मक ग्रंथ – मिट्टी की ओर, पंत-प्रसाद और मैथिलीशरण, काव्य की भूमिका सांस्कृतिक ग्रंथ – संस्कृति के चार अध्याय, हमारी सांस्कृतिक एकता, भारतीय एकता, राष्ट्रभाषा तथा राष्ट्रीय एकता निबंध साहित्य – अर्धनारीश्वर, वट पीपल, साहित्य मुखी, राष्ट्र भाषा आंदोलन और गांधी जी, विवाह की मुसीबतें, आधुनिक बोध आदि ।
प्रबोध परीक्षा क्या है?यह प्रशिक्षण प्रारंभिक स्तर का है। इसमें कन्नड़, तमिल, मलयालम, तेलुगु, अंग्रेजी, मणिपुरी, मिजो, भाषा-भाषी अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं । वे सभी अधिकारी / कर्मचारी जिन्हें प्राइमरी स्तर की हिंदी का ज्ञान नहीं है, प्रबोध प्रशिक्षण के पात्र हैं।
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