शब्दकोशः अतिविस्तृतो वर्तते। विश्वस्मिन्नपि विश्वे संस्कृतभाषा एव तादृशी वर्तते। यस्यामनन्तकोटिशब्दाः सन्ति। संख्यादृशापि सर्वाधिकशब्दाः संस्कृतभाषायामेव विद्यन्ते। संस्कृतशब्दाः विशिष्टाः रम्याः वैज्ञानिकाश्चापि भवन्ति। अत्र हि संस्कृतहिन्दीशब्दकोशः प्रस्तूयते। Show
संस्कृतभाषायां वाक्यरचना किं वा पद्यरचना चापि विशिष्टा वर्तते। तद्यथा- कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति। सः तत्र गजान् सेवते। त्वं तेन सह तत्र गन्तुम् शक्नोषि। अस्माकं नृपः दयालुः अस्ति , तुभ्यम् अवश्यमेव कार्यं दास्यति । अत्राधः संस्कृतशब्दाः हिन्दीभाषानुवादेन सहिताः प्रस्तुताः। "भ" से शुरु होने वाले संस्कृत शब्द[सम्पाद्यताम्]शङ्करः --- शंकर शक्तिचालिनी --- आसन तंत्रिका शक्ति "ष" से शुरु होने वाले संस्कृत शब्द[सम्पाद्यताम्]षड् --- छह "स" से शुरु होने वाले संस्कृत शब्द[सम्पाद्यताम्]स --- वह "ह" से शुरु होने वाले संस्कृत शब्द[सम्पाद्यताम्]ह --- सूरज "क्ष" से शुरु होने वाले शब्द[सम्पाद्यताम्]क्षणं --- एक दूसरे "ज्ञ" से शुरु होने वाले शब्द[सम्पाद्यताम्]ज्ञ --- कौन जानता है (प्रत्यय) इन्हें भी देखें[सम्पाद्यताम्]
सन्दर्भ[सम्पाद्यताम्]लिखते को संस्कृत में क्या कहते हैं?Expert-Verified Answer
वह पत्र लिखता है का संस्कृत में अनुवाद "स: पत्रं लिखति"।
लेख लिखने वाला को संस्कृत में क्या कहते हैं?लेखक को संस्कृत में क्या कहते हैं? - Quora. लेखकः - “लिख्” धातु से पाणिनि के “ण्वुलतृचौ” सूत्र से “ण्वुल्' प्रत्यय अनुबंध लोप “युवोरनाकौ” से अक आदेश “पुगन्तलघूपधस्य च' से गुण करके स्वादिकार्य के पश्चात् “लेखकः” शब्द बनता है मूल रूप से यह संस्कृत का शब्द है हिन्दी में भी प्रयुक्त है जिसे “तत्सम” शब्द कहेंगे ।
संस्कृत शब्द कैसे बनाते हैं?सम् + स + कृत = संस्कृत ।
संस्कृत शब्द का अर्थ क्या है?“संस्कृत” शब्द का अर्थ है संस्कार की गयी अर्थात परिमार्जित(सुधारी हुई भाषा). सम – भली प्रकार,कृत -बने गयी जो भाषा ,वह संस्कृत भाषा. महर्षि यास्क तथा आचार्य पाणिनी के समय में भी संस्कृत भाषा लोक भाषा थी ,किन्तु उस समय केवल इसके लिए “भाषा शब्द का प्रयोग होता था “संस्कृत” का नहीं.
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