Show लेखक के दूसरे मित्र ने बाजार से क्या खरीदा?बाजा़र का जादू उन पर असर नहीं कर पाता क्योंकि वे खाली मन बाजा़र नहीं जाते। वे घर से सोचकर बाजार जाते हैं कि उनको क्या लेना है (काला नमक और जीरा)। वे पंसारी की दुकान पर जाकर वे ही चीजें खरीदते हैं और लौट आते हैं।
बाज़ार दर्शन पाठ में लेखक ने किसका वर्णन किया है?बाजार दर्शन पाठ का उद्देश्य
लेखक अपने दूसरे मित्र की बात बताते है कि वह बाज़ार जाता है और खाली हाथ वह वापिस आ जाता है। उसे समझ नहीं आता की कोन सी चीज़ खरीदूं और रहने दूँ । अपनी चाह का पता न हो तो ऐसे ही होता है कि क्या सामान खरीदें। यदि हम अपनी आवश्यकताओं को ठीक-ठीक समझकर बाजार का उपयोग करें तो उसका लाभ उठा सकते हैं।
लेखक के अनुसार पैसा क्या है?लेखक ने पैसे को पावर कहा है। उसने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि पैसे में बड़ी शक्ति हैँ। पैसा ही क्रयशक्ति पैदा करता है। खरीदने की क्षमता बढ़ने पर व्यक्ति नई-नई चीजों को खरीदने के लिए लालायित होता है।
बाजारूपन का क्या अर्थ है?'बाजा़रूपन' से तात्पर्य है दिखावे के लिए बाजार का उपयोग करना। जब हम अपनी क्रय शक्ति के गर्व मे अपने पैसे से केवल विनाशक शक्ति-शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति बाजार को देते हैं तब हम बाजार का बाजा़रूपन बढ़ाते हैं। इस प्रवृत्ति से न हम बाजार से लाभ उठा पाते हैं और न बाजा़र कौ सच्चा लाभ देते हैं।
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