विषयसूची वालरा क्या है?इसे सुनेंरोकेंवालरा Meaning in Hindi – वालरा का मतलब हिंदी में उदाहरण – पहाड़ों के ढेलों आदि पर, जहाँ हल नहीं चलाए जा सकते, भील लोग जगह जगह लकड़ियाँ काटकर उनके ढेर लगाते और उनको जला देते हैं, जिसकी राख खाद का काम देती है फिर, वे लोग वहाँ की जमीन को खोदकर उसमें मक्का वगैरह अन्न बोते हैं । ऐसी खेती को वालरा (वल्लर) कहते हैं । राजस्थान की नवीनतम कृषि नीति कब लागू की गई?इसे सुनेंरोकेंराजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019. मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 17 दिसंबर, 2019 को प्रदेश में ‘राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 जारी की और किसान कल्याण कोष का गठन किया। राजस्थान में सबसे ज्यादा फसल कौन सी होती है?गेहूं राजस्थान में सर्वाधिक खाया जाने वाला और सर्वाधिक उत्पन्न होने वाला खाद्यान्न गेहंू है। राजस्थान में कुल सिंचित क्षेत्र कितना है? इसे सुनेंरोकेंराजस्थान का कृषि सिंचित क्षेत्रफल 61.35 लाख हेक्टेयर है जो राज्य के कुल सघन कृषि क्षेत्र का 31.90 प्रतिशत हैं। सकल बोये गये क्षेत्र का सिंचित क्षेत्र – 35 प्रतिशत हैं। चिमाता व दजिया क्या है? इसे सुनेंरोकेंझूमटी (दजिया)- भील जनजाति के द्वारा वनों की जलाकर की जाने वाली कृषि (झूमिंग कृषि) को झूमटी (दजिया) कहते है। चिमाता या वालरा- भील जनजाति के द्वारा पहाड़ी ढलानों पर की जाने वाली झूमिंग कृषि को चिमाता या वालरा कहते है। स्थानांतरित कृषि से आप क्या समझते हैं?इसे सुनेंरोकेंस्थानान्तरी कृषि अथवा स्थानान्तरणीय कृषि (अंग्रेज़ी: Shifting cultivation) कृषि का एक प्रकार है जिसमें कोई भूमि का टुकड़ा कुछ समय तक फसल लेने के लिये चुना जाता है और उपजाऊपन कम होने के बाद इसका परित्याग कर दूसरे टुकड़े को ऐसी ही कृषि के लिये चुन लिया जाता है। राजस्थान में कितने कृषि विश्वविद्यालय हैं?इसे सुनेंरोकेंराजस्थान मैं 5 कृषि यूनिवर्सिटी हैं। राजस्थान का पहला कृषि विश्वविद्यालय कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंस्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर में स्थित राजस्थान सरकार का एक कृषि विश्वविद्यालय है। इसका नाम पहले ‘राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय’ था। इसके पहले यह संस्थान मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर का भाग था। राजस्थान का मुख्य फसल क्या है? इसे सुनेंरोकेंराजस्थान में खरीफ की मुख्य फसलें बाजरा, मोठ, मूँग, ग्वार, तिलहन आदि हैं। रबी रबी की फसल सर्दी ऋतु की फसल है। रबी की फसल की बुआई अक्टूबर-नवम्बर के महीने में की जाती है। राजस्थान में रबी की मुख्य फसलें चना, सरसों, जौ, राई, गेहूँ, मूँगफली आदि हैं। Join Telegram Agriculture of Rajasthan ( राजस्थान की कृषि )rajasthan ki krishiराजस्थान में कृषि की महत्वपूर्ण विशेषताएँ
राजस्थान में कृषि पद्धतियों का वर्गीकरणशुष्क कृषि (बारानी)-
आर्द्र कृषि-
झूमिंग कृषि-
सिंचित कृषि-
राज्य की फसलों का वर्गीकरण खरीफ (सियालू) —
रबी (उनालू) —
जायद-
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राजस्थान में झूम कृषि को क्या कहते हैं?सही उत्तर वालरा है। झूम खेती को वालरा भी कहा जाता है और बर्न कृषि फसल उगाने वाली कृषि गतिविधि का एक रूप है।
झूम खेती का दूसरा नाम क्या है?स्थानांतरण कृषि या झूम कृषि (slash and burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है।
झूमिंग कृषि को दक्षिण पूर्वी राजस्थान में क्या कहा जाता है?(1) 'वालरा' या 'झूमिंग' कृषि पद्वति (Jhuming or Walra Farming) :- राजस्थान के दक्षिणी-पूर्वी भागों में भीलों गरासिया डामोर आदि द्वारा जंगलों को जलाकर उस राख युक्त (फास्फोरसमय) स्थान पर मक्का आदि की फसल वर्षा होने पर मेवाड़ एवं बागड़ प्रदेश में की जाती रही है।
राजस्थान में कौन सी कृषि की जाती है?सरसो, राई, तारामीरा, तिल, मूंगफली, अरण्डी, सोयाबीन, होहोबा राजस्थान में उत्पन्न होने वाली प्रमुख तिलहन फसले है। तिलहन उत्पादन में राजस्थान का तीसरा स्थान है। तिलहन उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम है। किन्तु सरसों व राई के उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान रखता है।
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