खीरा खाने का मन होने पर भी लेखक नवाब साहब को हाँ क्यों नहीं कर पाए? - kheera khaane ka man hone par bhee lekhak navaab saahab ko haan kyon nahin kar pae?

विषयसूची

  • 1 नवाब साहब ने खीरा क्यों खरीदा होगा क खाने के वलए ख अपनी रईसी ददखाने के वलए ग सफ़र में समय पास करने के वलए?
  • 2 ग्रेजुएट नवयुग से लेखक की क्या बातचीत हुई?
  • 3 नवाब साहब खीरा खाने के अपने ढंग के माध्यम से क्या बताना चाहते थे?
  • 4 लखनवी अंदाज निबंध को आप और क्या नाम देना चाहेंगे?
  • 5 सफेदपोश सज्जन कौन थे?
  • 6 नवाब साहब के झिझक का कारण क्या था एक वाक्य में उत्तर दें?

नवाब साहब ने खीरा क्यों खरीदा होगा क खाने के वलए ख अपनी रईसी ददखाने के वलए ग सफ़र में समय पास करने के वलए?

इसे सुनेंरोकेंवह अनुमान लगाता है कि नवाब साहब खीरे खाने का शौक रखते हैं और अकेले सफर का वक्त काटने के लिये ही खीरे खरीदे होंगे। खाली समय में लेखक को कल्पना करने की आदत थी। तरह-तरह के नए-नए विचार उनके मन में उत्पन्न होते रहते थे।

1 क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है यदि हाँ तो ऐसी सनक का उल्लेख करें?

इसे सुनेंरोकेंहाँ, सनक का सकारात्मक रूप भी होता है। प्रसिद्ध व्यक्तियों, वैज्ञानिकों की सफलता के पीछे उनकी सनक ही होती है। वे अपनी सनक के कारण ही अपना लक्ष्य पाए बिना नहीं रुकते हैं। बिहार के दशरथ माँझी ने अपनी सनक के कारण ही पहाड़ काटकर ऐसा रास्ता बना दिया जिससे वजीरगंज अस्पताल की दूरी सिमटकर एक चौथाई रह गई।

ग्रेजुएट नवयुग से लेखक की क्या बातचीत हुई?

इसे सुनेंरोकेंग्रेजुएट नवयुवक से लेखक की क्या बातचीत हुई? उत्तर: ग्रेजुएट नवयुवक ने लेखक को कन्याकुमारी के शिक्षित युवकों की बेकारी के बारे में बताया।

लेखक को देखकर नवाब साहब के चेहरे पर कैसे हाव भाव आए?

इसे सुनेंरोकेंलेखक को अपने डिब्बे में देखकर नवाब को अपनी रईसी याद आने लगी। इसीलिए उन्होंने खीरे को मात्र सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। नवाब साहब के ऐसा करने से ऐसा लगता है कि वे दिखावे की जिंदगी जी रहे हैं। वे दिखावा पसंद इंसान थे।

नवाब साहब खीरा खाने के अपने ढंग के माध्यम से क्या बताना चाहते थे?

इसे सुनेंरोकें(ख) नवाब खीरा खाने के अपने ढंग से यह दिखाना चाहते थे कि खीरा गरीबों का फल है और उसे खाना नवाबों की शान के खिलाफ है। इसलिये उन्होंने खीरे को काटकर भी नही खाया। (ग) नवाब ने खीरा काटने के बाद उसे फेंक कर अपनी खीज मिटाने के लिए बहाना बना दिया कि खीरा उनके पेट के लिए ठीक नहीं होता इसके लिए उन्होंने खीरा नही खाया।

नवाब साहब ने खीरा खाने की क्या तैयारी की?

इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब ने खीरा खाने की तैयारी कैसे की? नवाब साहब ने खीरों के नीचे रखा तौलिया झाड़कर अपने सामने बिछा लिया। सीट के नीचे से पानी का लोटा निकाल कर खीरों को खिड़की से बाहर धोया और तौलिए से पोंछ लिया। जेब से चाकू निकाल कर दोनों खीरों के सिर काटकर उन्हें गोदकर उनका झाग निकाला।

लखनवी अंदाज निबंध को आप और क्या नाम देना चाहेंगे?

इसे सुनेंरोकेंमैं इस निबंध को दूसरा नाम देना चाहूँगा–’रस्सी जल गई पर ऐंठन न गई’ या नवाबी दिखावा। इसका कारण यह कि नवाब साहब की नवाबी तो कब की छिन चुकी थी पर उनमें अभी नवाबों वाली ठसक और दिखावे की प्रवृत्ति थी। प्रश्न 5. (क) नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है।

नवाब साहब की खीरा सेवन की प्रक्रिया को देख कर लेखक के मन में क्या विचार आया?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: नवाब साहब को झूठी शान दिखाने की आदत रही होगी। वे खीरे को गरीबों का फल मानते होंगे और इसलिए किसी के सामने खीरे को खाने से बचना चाहते होंगे। वह यह भी दिखाना चाहते होंगे कि नफासत के मामले में उनका कोई सानी नहीं है।

सफेदपोश सज्जन कौन थे?

इसे सुनेंरोकें(क) एक सफेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे। (ख) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया। (ग) ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। (घ) अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।

नवाब साहब ने लेखक से संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया तो लेखक ने क्या किया?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: लेखक के अचानक डिब्बे में कूद पड़ने से नवाब-साहब की आँखों में एकांत चिंतन में विघ्न पड़ जाने का असंतोष दिखाई दिया तथा लेखक के प्रति नवाब साहब ने संगति के लिए कोई विशेष उत्साह नहीं दिखाया। इससे लेखक को स्वयं के प्रति नवाब साहब की उदासीनता का आभास हुआ।

नवाब साहब के झिझक का कारण क्या था एक वाक्य में उत्तर दें?

इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब को लेखक के सामने झिझक हो रही थी। नवाब साहब को देख कर ऐसा लगता था कि उनको एकांत में बैठना था और लेखक के आने से खलल पड़ गया। लेखक से बात करने के लिए, नवाब साहब कोई उत्साह प्रकट नहीं कर रहे थे। नवाब साहब खीरा खाना चाहते थे मगर लेखक के आने से संकोच करने लगे।

लेखक ट्रेन से सफर क्यों कर रहा था?

इसे सुनेंरोकेंलेखक ट्रेन में सेकंड क्लास में सफर क्यों कर रहे थे? (d) उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकट नहीं था। Answer: (b) डिब्बे को खाली देखकर। (d) लेखक को वहाँ बैठकर संकोच हो रहा था।