दादी माँ पाठ में पुराने लोगो की विशेषता बताकर आज के युवाओ के लिए क्या संदेश दिया गया है - daadee maan paath mein puraane logo kee visheshata bataakar aaj ke yuvao ke lie kya sandesh diya gaya hai

"दादी माँ" पाठ लेखक अपनी दादी माँ के बारे में बताते हैं कि किस तरह उसकी दादी उसका ध्यान रखती थी। इस पाठ में बताया गया है कि जब लेखक को अपनी दादी की मृत्यु की खबर मिलती है तो लेखक बहुत दुखी हो जाता है। लेखक याद करते हैं कि वह गंदे पानी में स्नान करने से अक्सर बीमार हो जाता था और किस तरह उसकी दादी लेखक की सेवा करती थी। दादी को पचासों दवाई के नाम पता था और गाँव में किसी भी बीमार व्यक्ति का ध्यान अपने परिवार के सदस्यों की तरह करती थी। उसकी हर चीज का ध्यान रखती थी। लेखक कहता आज भी जब बीमार होते हैं, वह डॉक्टर और नौकर की सेवाएँ से ठीक तो हो जाते हैं लेकिन उन्हे अपनी दादी की बहुत याद आती है। मृत्यु के बाद भी वह अपनी दादी माँ को याद करते हैं।

दादी माँ पाठ में पुराने लोगों की विशेषता बताकर आज के युवाओं के लिए क्या संदेश दिया गया है?

Answer. Answer: दादी माँ पाठ में पुराने लोगों की विशेषता बता कर आज के युवकों के लिए यह संदेश दिया है कि दादी माँ का सेवा, संरक्षण, परोपकारी व दादी के प्यार भरे उस गुस्से से सब को डांटना उन सरल स्वभाव आदि के कारण ही वे दूसरों के मन जीतने में हमेसा सफल रहीं।

दादी माँ पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है?

पाठ 'दादी माँ' हमें यह प्रेरणा देता है कि बड़ों की सीख सदैव महत्त्वपूर्ण होती है। हमें अपने बुजुर्गों की भावनाओं को समझकर उनका सम्मान करना चाहिए। हमें सदैव उनका पूरा खयाल रखना चाहिए। जिस प्रकार उन्होंने हमारी चिंता व परवाह की, वैसे ही हमें उनकी बुढ़ापे में करनी चाहिए।

दादी माँ के स्वभाव की विशेषताएं क्या क्या है?

दादी माँ का स्वभाव दयालु है। उनके स्वभाव का यही पक्ष सबसे अच्छा लगता हैदादी माँ अपने घर के सदस्य से लेकर गरीबों तक की मदद करने से पीछे नहीं हटती हैं। जैसे - (i) रामी चाची के उधार न चुकाने पर भी दादी माँ उनकी बेटी की शादी में आर्थिक सहायता करती हैं।

दादी माँ के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों class 7?

दादी माँ के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों? उत्तर:- दादी माँ के स्वभाव का सेवा, संरक्षण, परोपकारी व सरल स्वभाव आदि का पक्ष हमें सबसे अच्छा लगता है। दादी माँ मुँह से भले कड़वी लगती थी परन्तु घर के सदस्यों तथा दूसरों की आर्थिक मदद के लिए हर समय तैयार रहती थी।