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कैल्शियम हमारी हड्डियों और हमारे दांतों की मजबूती और इनके विकास के लिए जरूरी होता है। इसके जरिए ही आपके हार्मोन, रक्त वाहिकाओं और नसों को प्रबंधित किया जाता है। ऐसे में जब शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है तो इसका असर कई तरह से देखने को मिलता है जैसे
ऐंठन, मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ो में दर्द आदि। वहीं अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए और बिना उपचार के छोड़ दिया जाए तो यह ऑस्टियोपीनिया नामक स्थिति को पैदा कर सकता है, जो बेहद खतरनाक होती है। जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए भाग्यश्री ने बताईं ये 4 एक्सरसाइज, 52 की उम्र में भी इसलिए हैं इतनी एक्टिव झनझनाहट या सुन्न होनाशरीर में झनझनाहट और सुन्न होना भी शरीर में खनिज पदार्थ की कमी को दर्शाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक शरीर में झनझनाहट की समस्या मैग्नीशियम की कमी की वजह से हो सकती है। इसके अलावा उंगलियों में सुन्नपन और झनझनाहट की समस्या की वजह कैल्शियम की कमी
के कारण भी होती है। आयरन की कमीआपको बता दें कि आयरन की कमी की वजह से
रेड ब्लड सेल्स का निर्माण कम हो जाता है, जिससे फेफड़ों और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता। साथ ही आयरन के जरिए शरीर में माई ग्लोबिन नाम का प्रोटीन बनता है जो मांसपेशियों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि आयरन की कमी की वजह से शरीर के टिशू, मांसपेशियों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचता और शरीर में ऊर्जा की कमी पैदा हो जाती है। आयुर्वेद में बताया है खून की कमी का पक्का इलाज, काली किशमिश से लेकर मेथी के चावल दूर कर सकते हैं Anemia थकान और कमजोरी महसूस होनाशरीर में किसी भी तरह के खनिज पदार्थों की कमी होने पर आपको थकान, कमजोरी और आलस आने लगता है। ऐसा आमतौर पर आयरन की कमी और मैग्नीशियम की कमी की वजह से होता है। इन दोनों ही खनिज पदार्थों की कमी के चलते थकान रहने लगती है और आपको अपने रोजाना के काम करने में दिक्कत
आ सकती है। खासतौर से आयरन की कमी शरीर पर कई तरह से प्रभाव डालती है। अनियमित हार्ट बीटमैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम हमारे शरीर में कई प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में इनकी कमी का असर हमारी हार्ट बीट पर भी पड़ने लगता है। जब
शरीर में आयरन की कमी होती है तो इससे हीमोग्लोबिन कम बनता है जिसकी वजह से हृदय को शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त ब्लड पंप करना पड़ता है। इससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। इसके अलावा मैग्नीशियम की कमी की वजह से भी हृदय की धड़कन अधिक या कम हो सकती है।
ऐसा होने पर डॉक्टर से जांच जरूर कराएं। पेट फूलना, जी मिचलाना, भूख न लगना और उल्टी होनाहमारे शरीर को मिनरल्स की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। इसकी कमी की वजह से स्थिति कई बार बहुत खतरनाक भी जाती है और आप कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। जैसे पोटेशियम की कमी से
पेट में ब्लोटिंग और दर्द रहता है, वही जिंक की कमी के कारण उल्टी होना और भूख कम होने लगती है। इसके अलावा अन्य खनिज पदार्थों की कमी का असर रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ता है। जिसके कारण आप कई संक्रामक रोगों की चपेट में भी आने लगते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें मुर्गियों में खनिज एवं विटामिन की कमी से होने वाले रोग मुर्गी व्यवसाय में आज की बढ़ती स्पर्धा के बीच यदि मुर्गी पालक भाई मुर्गी पालन से संबंधित छोटी-छोटी जानकारियों पर ध्यान नहीं दें या विशेष जानकारियां नहीं रखें तो उनको ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। मुर्गियों द्वारा अंडों को फोड़ना: मुर्गियों
में पाया जाने वाला यह एक महत्वपूर्ण दोष होता है। इसमें मुर्गियां या तो अपने अंडों को अथवा दूसरी मुर्गियों के अंडों को तोड़ती रहती हैं। कैल्शियम की कमी होने पर मुर्गियां इस प्रकार के दोष से ग्रसित होती हैं। 4. मुर्गियों में टेढ़ी टांगें या पेरोसिस का होना: विटामिन ‘ए’ की कमी से होने वाले रोग: विटामिन ‘ए’ की कमी के कारण मुर्गियों को रतौंधी रोग हो जाता है।प्रभावित मुर्गियों को दिखायी नहीं पड़ता है। आंखों में माड़ा पड़ जाता है और आंखें सफेद हो जाती हैं। इस विटामिन की कमी के कारण मुर्गियां सर्दी तथा जुकाम से ग्रसित हो जाती हैं | आंख तथा नाक से पानी बहता रहता है तथा आंख एवं नाक में सूजन आने लगती है | विटामिन ‘ए’ की कमी से ग्रसित छोटी मुर्गियों को चक्कर आने लगते हैं तथा ये गिर पड़ती
हैं। इससे ग्रसित मुर्गियों को भूख कम लगती है। प्रभावित मुर्गियों का शारीरिक विकास रुक जाता है। विटामिन ‘ए’ की कमी से ग्रसित अंडे देने वाली मुर्गियों के अंडा उत्पादन में रोग के गिरावट आ जाती है। मुर्गियों के गुर्दा एवं मूत्र नलिकाओं में यूरिक एसिड जमा हो जाता है | विटामिन ‘ए’ की अधिक कमी होने पर मुर्गियों की मृत्यु हो जाती है। इसकी कमी से प्रभावित मुर्गियों के दाने में बिटाब्लेण्ड ए-डी-3 मिलाकर देना चाहिए अथवा बिटाब्लेण्ड लिक्विड पानी में मिलाकर देना चाहिए। विटामिन ‘ए’ की अत्याधिक कमी से प्रभावित मुर्गियों को प्रोपलीन फोर्ट, एरोविट या विटामिन ‘ए’ की सूई की 1/2 से 1 लाख युनिट मांस में सप्ताह में दो बार लगानी चाहिए। इसकी कमी से प्रभावित मर्गियों को हरी साग-सब्जियां अधिक मात्रा में देनी चाहिए। साथ ही साथ मछली के तेल की 2-4 बूंद सुबह-शाम पिलाते रहना चाहिए। प्रभावित मुर्गियों को कन्सीविट या कान्सीटोन की 10 मि.ली. मात्रा प्रति 1000 मुर्गियों को पानी के साथ सुबह-शाम 7 दिनों तक पिलानी चाहिए। विटामिक्स-एस की 25 ग्राम मात्रा को प्रति 10 कि.ग्रा. दाने में मिलाकर देते रहना चाहिए। विटामिन ‘ए’ की कमी से ग्रसित मुर्गियों को विटामिन ‘ए’ की 10 मि.ली. मात्रा, अंडे देने वाली मुर्गियों को 10 मि.ली. मात्रा ग्रोवर को तथा 2 मि.ली. मात्रा, चूजों को पीने के पानी के साथ 10 दिनों तक देनी चाहिए। 2. विटामिन बी, या राइबोफ्लेविन की कमी से होने वाले रोग 3. विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग: NB-अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नो 18004198800 पर संपर्क करे. Please follow and like us: Post navigationखनिज लवण की कमी से कौन सा रोग होता है?आयोडिन की कमी गलगण्ड और मन्दबुद्धि, तथा मैग्नेशियम की कमी कैन्सर का कारण बन सकती है। मैगनीज और क्रोमियम का भी हृदय-रोग से संबध है। सामान्य रक्त-शर्करा के स्तरों को बनाए रखने के लिए क्रोमियम की आवश्यकता है। पाचन-तंत्र में जस्ते की कमी से गंजापन, भूख न लगना और यौन-दुष्क्रिया के परिणाम हो सकते है।
लवण की कमी से क्या होता है?लौह लवण की कमी अधिकांशतया बालकों तथा महिलाओं में पायी जाती है। इसकी कमी से शरीर में क्षीणता आती है तथा अत्यधिक थकान महसूस होती है। अरक्तता की तीव्र अवस्था में ऑखों के सामने अँधेरा छा जाना, चक्कर आना, भूख नहीं लगना इत्यादि लक्षण पाये जाते हैं। यकृत लौह का सर्वोत्तम स्रोत है।
खनिज लवण में क्या पाया जाता है?शरीर में इन खनिज लवणों की मात्रा काफी कम होती है तथा यह कुल शरीर भार का सिर्फ 4-6 प्रतिशत भाग बनाते हैं। शरीर में पाए जाने वाले कुछ मुख्य खनिज लवण हैं— कैल्सियम, फ़ॉस्फ़ोरस, लौह तत्व, आयोडीन, सोडियम, पोटैशियम, जिंक तथा क्लोराइड । हमें इन सभी खनिज लवणों की प्राप्ति भोजन द्वारा होती है।
खनिज लवण का मुख्य स्रोत क्या है?दूध, पनीर, अण्डा, मछली, फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ खनिज लवणों का प्रमुख स्रोत हैं।
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