क्यों जहाज पानी और सुई सिंक पर तैरता है? - kyon jahaaj paanee aur suee sink par tairata hai?

क्यों जहाज पानी और सुई सिंक पर तैरता है? - kyon jahaaj paanee aur suee sink par tairata hai?

क्यों जहाज पानी और सुई सिंक पर तैरता है? - kyon jahaaj paanee aur suee sink par tairata hai?

आर्किमिडीज के सिद्धांत के अनुसार कोई भी वस्तु जल पर रखने पर अपने क्षेत्रफल के अनुसार जल को हटाती है यदि हटाया गया जल वस्तु के भार से कम है तो वस्तु डूब जाएगी और यदि हटाया गया जल वस्तु के भार से अधिक है तो वस्तु तैरेगी।

सूई का आकार छोटा होने के कारण उसका क्षेत्रफल कम हो जाता है इसीलिए वह कम पानी को हटा पाती है, उसके द्वारा हटाया गया जल सूई के भार से कम होता है,और सूई डूब जाती है इसके विपरीत बड़े बड़े जहाज जिनका क्षेत्रफल बहुत अधिक होता है उनके द्वारा हटाया गया जल उस जहाज के से अधिक भारी होता है इसीलिए बड़े बड़े जहाज पानी पर तैरते रहते हैं।

क्यों जहाज पानी और सुई सिंक पर तैरता है? - kyon jahaaj paanee aur suee sink par tairata hai?

बताने की जरूरत नहीं कि पानी के एक जहाज में हजारों की ले लगी होती है। पानी पर तैरने वाले जहाज का वजन कई हजार टन होता है। पूरी एक कॉलोनी पानी के जहाज में एक साथ सफर कर रही होती है। या फिर एक मालगाड़ी के बराबर सामान पानी के जहाज में ट्रांसपोर्ट किया जाता है। सवाल यह है कि जब लोहे की एक छोटी सी की पानी में डूब जाती है तो फिर लोहे से बना हुआ हजारों टन वजन का पानी का जहाज पानी में डूबता क्यों नहीं। पानी की सतह पर तैरता क्यों रहता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं:- 

दिल्ली के विशाल खंडेलवाल इस सवाल का जवाब तलाश कर लाए हैं। विशाल बताते हैं कि लोहे की नाव या भारी भरकम जहाज पानी में इसलिए नहीं डूबता क्योंकि उसके पीछे आर्कमिडीज का सिद्धांत काम कर रहा होता है। जब भी हम लोहे की कोई वस्तु पानी में डालते हैं। तो उस वस्तु के द्वारा हटाए गए जल का भार उस वस्तु के भार के बराबर होता है। और हटाए गए पानी की ताकत उसे ऊपर की ओर उछालती है। और वह आयतन तैरता रहता है।

इसलिए जब हम कोई लोहे का टुकड़ा पानी में डालते हैं। तो उसके द्वारा हटाए गए पानी के ऊपर से लगने वाली शक्ति को छोटा आकार मिलता है। इसलिए लोहे का छोटा सा टुकड़ा पानी में डूब जाता है लेकिन यदि उसी लोहे के टुकड़े को एक प्लेट बना दिया जाए तो पानी के नीचे से लगने वाली शक्ति को बड़ा आकार मिल जाता है। और वह तैरने लगती है। इसी कारण छोटा सा लोहे का टुकड़ा पानी में डूब जाता है जबकि बड़े-बड़े जहाज पानी में नहीं डूबते।

TO THE POINT: 'आर्कमिडीज का सिद्धांत' यह वाक्य याद कर लीजिए। इसके कारण आप उन तमाम सवालों के जवाब दे पाएंगे जो आपको दूसरों से स्पेशल बना देंगे और सरल शब्दों में सिर्फ इतना की पानी का जहाज या मोटर बोट इंजन बंद होने के बाद भी पानी की सतह पर रहते हैं, पानी के अंदर डूबते नहीं है क्योंकि उनकी बनावट विशेष प्रकार से की जाती है। यदि पानी की सतह पर खड़े जहाज को बीच में से दो टुकड़े कर दिया जाए तो वह दोनों टुकड़े पलक झपकते ही पानी के अंदर डूब जाएंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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1. क्या कारण है कि लोहे का विशाल जहाज पानी में तैरता रहता है जबकि एक छोटी सी सुई डूब जाती है?
प्लवन के सिद्धांत के अनुसार कोई भी वस्तु पानी में तभी तैरेगी, जब उसका वजन उसके द्वारा हटाए गए पानी के उस भाग के बराबर होगा। एक सुई या स्टीन की गेंद इसलिए पानी में डूब जाती है क्योंकि इसका वजन इसके द्वारा हटाए गए पानी के वजन से ज्यादा होता है। लेकिन लोहे का विशाल जहाज जितने बड़े आकार का होता है। यह उतना ही पानी को विस्थापित करता है। इसी कारण से यह पानी में तैरता है।

2. क्या कारण है कि चींटी के काटने पर तेल जलन होती है?
चींटी के डंक में फॉर्मिक अम्ल होता है। अत: चींटी के काटन से फॉर्मिक अम्ल त्वचा में प्रवेश कर जाता है। जिससे त्वचा में तेल जलन महसूस होती है।

3. प्राय वर्षा के दिनों में ही फंफूंदी दिखती है, क्यों?
फंफूंद अपने तंतुओं द्वारा सड़े-गले पदार्थों से कार्बनिक पदार्थ का अवशोषण करता है। जिसके लिए इन पदार्थों का घुलित अवस्था में होना जरूरी है, वर्षा के दिना में नमी पर्याप्त मात्रा में होने के कारण यह अधिक मात्रा में दिखती है।

4. मेढ़क जल व थल दोनों स्थानों पर रह सकता है पंरतु मछली जल से बाहर निकलते ही मर जाती है, क्यों?
वास्तव में यह कथन सत्य है कि मेढ़क जल व थल दोनों स्थलों पर रह सकता है परंतु मछली जल से बाहर निकलने पर मर जाती है। क्योंकि मेंढ़क अपनी श्वसन क्रिया त्वचा तथा फेफड़ों की सहायता करता है। अर्थात् मेंढ़क जब जल में होता है तो वह श्वसन क्रिया फेफड़ों की सहायता करता है। इसके विपरीत मछली अपनी श्वसन क्रिया गिलों की सहायता से करती है।

जहाज पानी और सुई के सिंक पर क्यों तैरता है?

अतः, जब सूई पानी में डुबाई जाती है, तो सूई कम पानी विस्थापित करती है और इसलिए विस्थापित पानी का भार सूई के भार से कम होता है, जिसके कारण सूई डूब जाती है। इसके विपरीत, जहाज का आयतन बड़ा होता है और विस्थापित पानी का भार उसके भार से अधिक होता है। अतः, जहाज पानी की सतह पर तैरता है।

सुई के पानी पर तैरने का कारण क्या है?

जब लोहे की सुई को पानी पर रखा जाता है तो पानी की फैली हुई झिल्ली लोहे की कील को डूबने से रोकती है। फैली हुई झिल्ली पानी के पृष्ठीय तनाव के कारण होती है।

लोहे की जहाज पानी में क्यों नहीं डूबता?

विशाल बताते हैं कि लोहे की नाव या भारी भरकम जहाज पानी में इसलिए नहीं डूबता क्योंकि उसके पीछे आर्कमिडीज का सिद्धांत काम कर रहा होता है। जब भी हम लोहे की कोई वस्तु पानी में डालते हैं। तो उस वस्तु के द्वारा हटाए गए जल का भार उस वस्तु के भार के बराबर होता है। और हटाए गए पानी की ताकत उसे ऊपर की ओर उछालती है।

क्या सुई पानी में तैर सकती है?

एक वस्तु तैरती है अगर वह पानी की मात्रा को विस्थापित कर सकती है जो उसके वजन के बराबर होगी। एक सुई विस्थापित पानी की मात्रा बहुत कम है और इस प्रकार सुई के वजन से अधिक नहीं है। जहाज, क्योंकि यह ठोस पानी नहीं है यह वजन के बराबर होने के लिए पर्याप्त पानी है, इसलिए यह तैरता है।