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जेम्स मिल (1773-1836) स्कॉटलैण्ड के इतिहासकार, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक थे। डेविड रिकार्डो के साथ उन्हें क्लासिकल अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है। वे जॉन स्टूवर्ट मिल के पिता थे। परिचय[संपादित करें]जेम्स मिल 'इंडोलोजी' की उस प्रवृत्ति के अग्रदूत थे जिसने संस्कृत भाषा, साहित्य, दर्शन, हिंदू धर्म, हिंदू समाज व्यवस्था और ब्राह्मणों की निंदा शुरू की। जेम्स मिल ने 1817 में ‘ब्रिटिश भारत के इतिहास’ व्यवस्थित ढंग से रखा। इसे भारत का पहला प्रामाणिक इतिहास मान लिया गया। जेम्स मिल 1819 में कंपनी के ‘बोर्ड’ में नियुक्त हुए और दस वर्षों के भीतर ही भारत का संपूर्ण ब्रिटिश प्रशासन उनके अधीन आ गया। उनकी पुस्तक कंपनी सरकार के हर कर्मचारी को पढ़नी पड़ती थी। उसी आधार पर भारत का शासन चलता था। मिल भारत कभी नहीं आए। उन्होंने मनुस्मृति के एक भ्रष्ट अनुवाद और हालहेडकृत ‘ए कोड आॅफ गेंटू लॉज’ के प्रमाण पर हिंदू विरोधी, भारत विरोधी, ब्राह्मण विरोधी और संस्कृत विरोधी स्थापनाएं कर डालीं जो बहुत प्रभावी हुर्इं। इस कारण उन्हें साम्राज्यवादी इतिहासकार माना जाता है। उन्होंने व्यापार, शिक्षा, प्रेस की स्वतंत्रता, तथा कारागार अनुशासन पर बहुत लेख लिखे। परन्तु उनकी प्रमुख रचनाएँ तीन पुस्तकें थीं जिनके विषय थे- भारत का इतिहास, राजनीतिक अर्थशास्त्र के तत्व और मन का विश्लेषण। इतिहास ग्रंथ में उन्होंने अंग्रेजों द्वारा भारत पर विजय एवं शासन के संचालकों के व्यवहार की कड़ी आलोचना की। परिणामस्वरूप यह इंग्लैंड के इंडिया हाउस के अधिकारी और फिर संचालक नियुक्त कर दिए गए। उन्होंने इंग्लैंड की राजनीति के दार्शनिक परिवर्तनवाद (philosophical redicalism) की स्थापना की और मताधिकार के विस्तृत विस्तार द्वारा सुराज्य की सुरक्षा का पक्ष लिया। उन्होंने प्रसिद्ध दार्शनिक बेंथम के सिद्धांतों का समर्थन करते हुए उनके मनोवैज्ञानिक पक्ष का विकास किया और साहचर्यवाद को मानसिक यांत्रिकी का रूप देकर सर्वोत्कर्ष पर पहुँचा दिया। उन्होंने सभी मानसिक घटनाओं को साहचर्य से और समस्त साहचर्य को अव्यवधान अर्थात एक साथ घटित होने से उत्पन्न प्रतिपादित किया।इन्होने भारतीय इतिहास का विभाजन हिन्दू काल , मुस्लिम काल और ब्रिटिश काल मे किया| सन्दर्भ[संपादित करें]संदर्भ ग्रंथ[संपादित करें]Elements of political economy, 1826
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
जेम्स मिल ने 3 साल खंडों में कौन सी किताब लिखी?1817 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन विशाल खंडों में ए हिस्ट्री ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया (ब्रिटिश भारत का इतिहास) नामक एक किताब लिखी। इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को हिंदू, मुसलिम और ब्रिटिश इन तीन काल खंडों में बाँटा था।
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को कितने भाग में लिखा?Solution : जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को तीन कालखण्डों-हिन्दू, मुस्लिम तथा ब्रिटिश में बाँटा उसके अनुसार भारत में अंग्रेजों के आने से पहले यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिम तानाशाहों का ही राज चलता था।
जे एस मिल का पूरा नाम क्या है?जॉन स्टूवर्ट मिल (John Stuart Mill) (1806 - 1873) प्रसिद्ध आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, एवं दार्शनिक चिन्तक तथा प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता और अर्थशास्त्री जेम्स मिल का पुत्र।
जेम्स मिल ने अपनी पुस्तक ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया का प्रकाशन कब किया था?1854 में ईस्ट इंडिया कंपनी के लंदन स्थित कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स ने भारतीय गवर्नर जनरल को शिक्षा के विषय में एक नोट भेजा।
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