Ketu Upay। भारतीय ज्योतिष में राहु और केतु और छाया ग्रह माना गया है और इसके प्रभाव से जातक के जीवन में कई परेशानियां आ सकती है। यदि आपकी लग्न कुंडली में भी केतु बलवान स्थिति में है और जीवन में कुछ दिक्कतें आ रही हैं तो केतु को शांत करने के लिए ये उपाय आजमा सकते हैं - Show मूल, माघ या अश्विनी नक्षत्र का स्वामी है केतुकेतु एक ऐसा ग्रह, जिससे हर व्यक्ति को भय लगता है। हालांकि कुंडली में केतु की अनुकूल स्थिति कई बार फायदा भी पहुंचाती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु स्थिरता, शोहरत, नाम और सकारात्मकता का प्रतीक है। ज्योतिष में यह मान्यता है कि केतु मूल, माघ और अश्विनी नक्षत्र का स्वामी होता है। केतु दूसरे ग्रहों से अलग है क्योंकि दूसरे ग्रह किसी न किसी राशि के स्वामी होते हैं, लेकिन केतु किसी भी राशि का स्वामी नहीं है। केतु मिथुन और वृषभ राशि में नीच का और धनु और वृश्चिक राशि में उच्च का होता है। केतु के नकारात्मक प्रभाव- केतु जन्म कुंडली में बलवान हो तो आप नकारात्मकता से भर सकते हैं। साथ ही दूसरों के बहकावे में जल्दी आ जाएंगे। Surya Gochar 2022: सूर्य देव 16 दिसंबर से धनु राशि में करेंगे गोचर, इन राशियों के लोगों को रहना होगा सावधान यह भी पढ़ें- ऐसे लोगों को अपनी दुर्बलता या कमजोरी किसी को नहीं बतानी चाहिए अन्यथा बाद में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। - केतु के दुष्प्रभाव से पैरों, रीढ़ की हड्डी, कानों और जातक के गुप्तांग में बीमारियां भी हो सकती हैं। इन संकेतों को समझ कर केतु का उपाय जरूर करना चाहिए। Shukra Gochar 2022: नए साल से पहले शुक्र दो बार बदलेंगे अपनी चाल, इन राशि वालों को मिलेंगे मनचाहे परिणाम यह भी पढ़ें- जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा और केतु की युति होती है, उनके ऊपर अपनी माता जी का काफी दबाव रहता है। केतु दोष दूर करने के लिए करें ये उपाय- केतु का प्रभाव कम करना है तो कभी भी नंगे पांव नहीं रहना चाहिए। Astrology Tips: घर से निकलते वक्त करें गौ माता के दर्शन, बनेंगे सभी काम यह भी पढ़ें- प्रतिदिन कुत्तों को भोजन कराएं - दामाद और जीजा से अच्छे रिश्ते बना कर रखें। - घर में कुत्ता पालने से भी केतु का प्रभाव कम होता है। डिसक्लेमर 'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।' Rahu Ketu Upay: राहु-केतु को ज्योतिष में भले ही छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है, लेकिन जब इन दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव किसी जातक की कुंडली पर पड़ता है तो वह तमाम तरह की कठिनाइयोंं से घिर जाता है. उसके जीवन पर सकंट का छाया मंडराने लगता है. करियर में असफलता, बीमारी, आर्थिक समस्या और मानसिक तनाव जैसी कई तरह की दिक्कतों का सामना कुंडली में राहु-केतु दोष से कारण करना पड़ता है. आप राहु-केतु के अशुभ लक्षण को पहचान कर इससे जुड़े उपाय कर सकते हैं. इन उपायों से राहु-केतु का अशुभ प्रभाव कम होता है और शुभ फलों में वृद्धि होती है. ज्योतिष में इन उपायों को बेहद आसान और चमत्कारी भी बताया गया है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं राहु-केतु दोष के निवारण के उपायों के बारे में. Ketu Grah Upay: ज्योतिषशास्त्र (Astrology) में राहु और केतु (Rahu Ketu)को पाप ग्रह माना गया है. जिनकी कुंडली में केतु दोष (Ketu Dosh) होता है, उनके अंदर बुरी आदतें पनपती हैं, काम में बाधा आने लगती है. सिर के बाल गिरने लगते हैं, पथरी की समस्या हो जाती है. केतु और राहु के कारण कालसर्प योग भी बनता है. इन सबसे बचने के लिए आपको केतु को अच्छा रखना होगा. इसके लिए कुछ ज्योतिष उपाय हैं, जिनको करने से केतु दोष से मुक्ति मिलती है और पद, प्रतिष्ठा बढ़ती है, संतान सुख मिलता है. जिनकी कुंडली में केतु दोष होता है वे केतु के रत्न या उपरत्न को भी धारण कर सकते हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में. केतु दोष से मुक्ति के 7 ज्योतिष उपाय1. यदि आपकी कुंडली में केतु दोष है, तो आपको शनिवार व्रत करना चाहिए. आपको कम से कम 18 शनिवार का व्रत रखना चाहिए. 2. केतु दोष को दूर करने या केतु की शांति के लिए ओम स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए. आप इस मंत्र का 18, 11 या 05 माला जाप कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: राहु दोष निवारण के लिए करें ये 8 आसान उपाय, रुकावटें होंगी दूर 3. राहु दोष से मुक्ति के उपायों और खाद्य पदार्थों से जुड़ी बातें केतु दोष में भी लागू होती हैं. आपको शनिवार व्रत वाले दिन एक पात्र में कुशा और दूर्वा रखकर पानी भर लें और पीपल के जड़ में अर्पित करना होगा. 4. केतु दोष से मुक्ति के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना भी लाभकारी माना जाता है. 5. केतु दोष से मुक्ति के लिए कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़े, कस्तूरी, लहसुनिया आदि का दान करना चाहिए. 6. केतु दोष के निवारण के लिए आप उसके रत्न लहसुनिया को धारण कर सकते हैं. यदि यह नहीं मिलता है तो केतु के उपरत्न फिरोजा, संघीय या गोदंत को पहन सकते हैं. यह भी पढ़ें: मजबूत मंगल करेगा आपका भाग्योदय, करें ये 10 आसान ज्योतिष उपाय 7. केतु दोष से मुक्त होना है तो अपनी संतान के साथ अच्छा व्यवहार करें. गणेश जी की पूजा करें. कुत्ता पालना या कुत्ते की सेवा करना भी लाभकारी होता है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें) केतु खराब होने से क्या होता है?केतु हो खराब तो होती हैं ये परेशानियां
पथरी संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। जोड़ों में दर्द और चर्म रोग की भी आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा कान में समस्या के कारण सुनने की क्षमता कम होना। अक्सर खांसी आती है।
केतु को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए?केतु की शांति के लिए पीपल के वृक्ष के नीचे प्रतिदिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। गणेशजी की रोजाना पूजा करें और सेवा करें। गणेश द्वादश नाम स्त्रोत का पाठ करने से केतु शांत होता है। कपिला गाय, लोहा, तिल, तेल, सप्तधान्य शस्त्र, नारियल, उड़द आदि का दान करने से केतु ग्रह की शांति होती है।
केतु का प्रभाव कैसे कम करें?राहु-केतु दोष को दूर करने के उपाय
पूजा के दौरान 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे भी राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होता है. राहु-केतु से संबंधित बीज मंत्रों का जाप करने से भी दोष दूर होते हैं. किसी गरीब कन्या का विवाह कराने या विवाह में सहयोग करने से भी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
केतु ग्रह से कौन सी बीमारी होती है?केतु और बीमारियां-
- आमतौर पर त्वचा की और रक्त की विचित्र बीमारियों के पीछे यही होता है. - इसकी बीमारियों का कारण और निवारण समझ नहीं आता. - यह कल्पना की बीमारियां भी देता है.
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