भारत में कानून बनाने का अंतिम अधिकार किसके पास है?
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Answer (Detailed Solution Below)Option 3 : संसद Free CT : GK (Ancient History) 10 Questions 10 Marks 6 Mins सही उत्तर विकल्प 3 अर्थात् संसद है।
Last updated on Oct 27, 2022 The SSC MTS Tier II Admit Card has been released. The paper II will be held on 6th November 2022. Earlier, the result for the Tier I was released. The candidates who are qualified in the SSC MTS Paper I are eligible for the Paper II. A total of 7709 vacancies are released, out of which 3854 vacancies are for MTS Group age 18-25 years, 252 vacancies are for MTS Group age 18-27 years and 3603 vacancies are for Havaldar in CBIC.
कानून बनाना संसद का काम, अदालत कानून बनाने के लिए निर्देश नहीं दे सकती: अदालतडिसक्लेमर:यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।
| Updated: Feb 23, 2022, 3:03 PM नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि कानून बनाना संसद या राज्य विधानसभा का संप्रभु कार्य है और कोई अदालत कानून पारित करने के लिए निर्देश नहीं दे सकती। इसके साथ ही अदालत ने ‘व्हिसल ब्लोअर’ सुरक्षा अधिनियम 2014 को एक अधिसूचना के जरिये क्रियान्वित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य विधानसभा “लोगों की इच्छाओं” का प्रतिनिधित्व करती है और कानून बनाना संसद या राज्य विधानसभा के विवेक पर निर्भर करता है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य विधानसभा “लोगों की इच्छाओं” का प्रतिनिधित्व करती है और कानून बनाना संसद या राज्य विधानसभा के विवेक पर निर्भर करता है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, “कानून और कुछ नहीं बल्कि लोगों की इच्छा होती है तथा वे (राज्य विधानसभा) लोगों की इच्छा को लागू करते हैं। हम संसद के संप्रभु कार्य के लिए कोई नोटिस जारी नहीं कर सकते।” अदालत, डॉ मोहम्मद एजाजुर रहमान की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। रहमान यहां गुरु तेग बहादुर अस्पताल में वरिष्ठ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तौर पर तैनात हैं। याचिका में कहा गया था कि व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा कानून 2014 को एक अधिसूचना जारी कर लागू करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। पीठ ने कहा कि ऐसे बहुत से कानून हैं जिन्हें संसद ने पारित किया है लेकिन अभी उन्हें लागू नहीं किया गया। पीठ ने कहा कि कानून बनाना संसद के विवेक पर निर्भर करता है इसलिए वह प्राधिकारियों को कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादकानून बनाने का कार्य किसका होता है?सही उत्तर विकल्प 3 अर्थात् संसद है। भारत में कानून बनाने के लिए संसद का अंतिम अधिकार है।
कानून बनाने के लिए कौन जिम्मेदार है?कानून बनाने वाली संस्था के रूप में, संसद को कानून की जाँच करने और जाँच और बहस के बाद इसे पारित करने का काम सौंपा गया है। संसद का मूल कार्य कानून बनाना है। सभी विधायी प्रस्तावों को संसद के समक्ष विधेयकों के रूप में लाना होता है।
भारत में कानून कौन बनाता है?Solution : भारत में कानून बनाने का काम संसद का होता है और राष्ट्र स्तर पर कानूनों का निर्माण हमारी संसद करती है। राज्य स्तर पर कानूनों का निर्माण राज्य विधायिका करती है विधि निर्माण का कार्य विधेयक प्रस्ताव के द्वारा किया जाता है।
सरकार के कानून बनाने वाले को क्या कहते हैं?विधायिका का कार्य नए कानून बनाना, कार्यपालिका का कार्य कानूनों को लागू रखना तथा न्यायपालिका का कार्य झगड़ों में मध्यस्थता करना होता है।
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