ज्यादा पाद आए तो क्या करना चाहिए? - jyaada paad aae to kya karana chaahie?

ज्यादा पाद आए तो क्या करना चाहिए? - jyaada paad aae to kya karana chaahie?

ज्यादा पाद आए तो क्या करना चाहिए? - jyaada paad aae to kya karana chaahie?

Excessive Farting: पाद आना या पेट से गैस निकलना एक सामान्‍य शारीरिक क्रिया है। शरीर से हवा का पास होना जरूरी होता है। यह डकार के रूप में भी बाहर निकलती है। मगर कई बार पाचन खराब होने के कारण पेट से बार-बार गैस निकलती है। जो बदबूदार भी हो सकती है। जोकि खराब डाइजेशन का संकेत है। यह अक्‍सर अधिक तेल-मसालों वाले तले-भुने खाद्य पदार्थों के कारण होता है। इस प्रकार के भोजन आपके डाइजेशन को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करते हैं। ऐसे में अगर आप बार-बार पाद आने से परेशान हैं तो यहां हम आपको कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे में बता रहे हैं, जो न सिर्फ आपकी इस समस्‍या का समाधान करेंगे बल्कि आपकी पाचन समस्‍या को हमेशा के लिए दूर कर देंगे।

ज्यादा पाद आए तो क्या करना चाहिए? - jyaada paad aae to kya karana chaahie?

पेट में गैस बनने के कारण

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं। खासकर जब कुछ खाते या पीते हैं तो पेट से हवा निकलती है। पेट की गैस सबसे ज्‍यादा तब निकलती है जब डकार लेते हैं। इसके अलावा बड़ी आंत में मौजूद बैक्टीरिया कार्बोहाइड्रेट, फाइबर के अलावा कुछ स्टार्च और शर्करा जो छोटी आंत में आसानी से नहीं पचते हैं, उनका किण्‍वन बड़ी आंत में होता है, जिससे गैस बनती है। मगर ज्‍यादा गैस बनना और उसका दुर्गंध में बदल जाना कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का संकेत हो सकता है।

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आयुर्वेद की क्‍या है राय

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर के अधिकांश रोगों का कारण पेट की खराबी से होता है। गलत खानपान पेट में कई जीर्ण रोगों का कारण बनता जो आगे चलकर शरीर की विभिन्‍न बीमारियों में तब्‍दील हो जाता है। इसीलिए, आयुर्वेद में पाचन तंत्र पर खास ध्‍यान देने की सलाह दी गई है। पाचन को दुरुस्‍त रखने के लिए मार्केट में तमाम तरह के टैबलेट और सिरप मौजूद हैं, मगर इन्‍हें आप बिना किसी एक्‍सपर्ट की सलाह के नहीं ले सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी डाइट में सुधार कर पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं। यहां हम आपको कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे में बता रहे हैं, जिनके उपयोग से आपका खराब पाचन ठीक होगा साथ ही गैस या बार-बार पाद आने की समस्‍या का समाधान होगा।

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गैस या बार-बार पाद आने की समस्‍या का घरेलू उपचार

  • अजवाइन: यह एक औषधि है। जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में हमारी मदद करती है। नियमित रूप से अजवाइन का सेवन करने से पेट हल्‍का रहता है। आप रोजाना सुबह खाली पेट अजवाइन का पानी पी सकते हैं।
  • अदरक: अदरक औषधीय गुणों से भरपूर होता है। सीमित मात्रा में अदरक सेवन रोजाना करना चाहिए। इसे सब्‍जी में या काढ़े में डालकर पीने से पाचन ठीक रहता है। गैस बनने की समस्‍या दूर होती है।
  • नींबू का रस: नींबू विटामिन सी से युक्‍त होता है। यह इम्‍यूनिटी बूस्‍ट करने में हमारी मदद करता है। एक ग्‍लास पानी में एक नींबू का रस और एक चम्‍मच बेकिंग सोडा डालकर पीने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। हालांकि, इसके सेवन से पहले एक्‍सपर्ट की सलाह लें।
  • पुदीना के पत्‍ते: इन पत्‍तों को उबालकर पीने से पेट में गैस नही बनती है। इसके अलावा जी मचलाना और पेट दर्द की समस्‍या को दूर करता है। यह खाना पचाने में मददगार हैैं। 

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लोग गैस क्यों छोड़ते हैं और क्या इसे रोका जा सकता है?

  • भरत शर्मा
  • बीबीसी संवाददाता

21 फ़रवरी 2018

ज्यादा पाद आए तो क्या करना चाहिए? - jyaada paad aae to kya karana chaahie?

इमेज स्रोत, Getty Images

एक ख़बर काफ़ी देर से हंसा रही है. यूरोप में एक विमान को इसलिए आपात स्थिति में उतारना पड़ा क्योंकि उसमें सवार एक मुसाफ़िर ने बार-बार दुर्गंध फैलाकर साथ सफ़र कर रहे लोगों को बेहाल कर दिया.

विमान दुबई से नीदरलैंड्स जा रहा था और हालात इतने बिगड़ गए कि बीच ऑस्ट्रिया में उसे उतारना पड़ा. इसे 'फ़ार्ट अटैक' का नाम दिया गया है. घटना ट्रांसेविया एयरलाइन की एक फ़्लाइट में हुई.

  • ऐसी दुर्गंध फैलाई कि विमान की हुई इमरजेंसी लैंडिंग

लेकिन इस ख़बर पर हंसने के अलावा उस यात्री के साथ सहानुभूति भी जताई जानी चाहिए, जिसकी वजह से विमान को उतारना पड़ा.

ये कौन सी गैस छोड़ते हैं हम?

उस शख़्स ने क्योंकि ऐसा जानबूझकर तो किया नहीं होगा.

लेकिन इसका निदान क्या है? फ़ार्ट क्या है? क्या ये इंसानी काबू में आ सकता है? क्या इसे रोका जा सकता है?

हेल्थलाइन के मुताबिक़ पाद या फ़ार्ट असल में इंटेस्टाइनल गैस निकालने की प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप खाना पचाया जाता है.

  • गायों की डकार धरती के लिए खतरा

ये गैस हमारे पूरे डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में पाई जाती है जिसमें पेट, छोटी आंत, कोलोन और रेक्टम शामिल है.

इंसान इसलिए फ़ार्ट करता है क्योंकि हमारे शरीर में गैस बढ़ती जाती है और इसके कारण ये रहे:

  • दिन भर हमारे शरीर में हवा जाती रहती है. कार्बोनेटेड बेवरेज के ज़रिए या फिर चबाने के दौरान भी.

  • इसका एक कारण छोटी आंत में बैक्टीरिया का ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाना भी है और इसकी कई वजह हो सकती हैं जिनमें टाइप 2 डायबिटीज़, सेलिआक, लिवर की बीमारी शामिल हैं.

  • गैस बनने का एक कारण वो कार्बोहाइड्रेट हैं जो पूरी तरह पच नहीं पाते. ऐसा होता है कि छोटी आंत में मौजूद एंज़ाइम सारा खाना पचा नहीं पाते. जब कम पचा हुआ कार्बोहाइड्रेट कोलोन या मलाशय में पहुंचता है, तो बैक्टीरिया उस खाने को हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड में बदल देता है.

कब होता है पेटदर्द?

ये सभी गैसें कहीं न कहीं तो जाएंगी ही. इनमें से कुछ को इंसानी शरीर सोख लेता है. लेकिन जब इसका बड़ा हिस्सा मलाशय के ऊपरी हिस्से में इकट्ठा हो जाता है और कोलोन वॉल पर दबाव बढ़ने लगता है तो पेट में दर्द महसूस होता है या फिर छाती में भी दिक्कत होती है.

ऐसे में फ़ार्ट इन गैसों को शरीर से बाहर निकालने का तरीक़ा है.

और अगर इस गैस को रोकने की कोशिश की जाए तो क्या होता है?

आम तौर पर इन्हें रोकना नहीं चाहिए. रोकने पर हालांकि ज़्यादा नुकसान भी नहीं होता. लेकिन ये जान लेना चाहिए कि ये गैस है और अभी नहीं तो कुछ वक़्त बाद निकलनी है क्योंकि शरीर ऐसा चाहता है.

दिन भर जो हम गैस बनाने वाला खाना खाते हैं और हवा लेते हैं, वो आम तौर पर शाम को परेशान करती है.

इसके अलावा फ़ार्ट आने की संभावनाएं तब बढ़ जाती हैं जब आंतों की मांसपेशियां उमेठती हैं.

लेकिन क्या ये चिंता का विषय है?

यही वजह है कि जब पेट साफ़ करने जाते हैं तो भी हवा पास होती है.

इसके अलावा कुछ लोगों के मामले में व्यायाम करते वक़्त और खांसते वक़्त भी गैस पास करने की आदत देखी जाती है.

दरअसल, फ़ार्ट आना कोई चिंता का विषय नहीं है.

ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ स्कीम (NHS) की वेबसाइट के मुताबिक़ हर व्यक्ति फ़ार्ट मारता है, लेकिन कुछ दूसरों की तुलना में ज़्यादा करते हैं.

आमतौर पर एक व्यक्ति दिन में 5-15 बार गैस छोड़ता है.

लेकिन कुछ लोगों के लिए सामान्य-सी बात दूसरों के लिए अलग या चिंता की बात बन सकती है.

अगर किसी को लगता है कि ये आम से कुछ ज़्यादा हो रहा है, तो इस बारे में विचार किया जाना चाहिए. लेकिन क्या इन्हें रोका भी जा सकता है?

खाना-पीना सुधारने की ज़रूरत?

गैस से बचना है तो डाइट को एडजस्ट करने की ज़रूरत है.

अगर आपका शरीर लैक्टोस को पसंद नहीं करता तो डॉक्टर आपको दूध-आधारित सामान कम खाने की सलाह दे सकता है. लैक्टोस सप्लीमेंट इस्तेमाल करने से एंज़ाइम डेयरी उत्पादों को आसानी से पचाने का ज़रिया दे सकते हैं.

गैस को घटाना चाहते हैं तो कार्बोनेटेड बेवरेज भी कम करना होगा.

लेकिन ऐसे हालात होने पर अचानक फ़ाइबर की मात्रा न बढ़ाएं क्योंकि इससे गैस की दिक्कतें बढ़ सकती हैं.

लेकिन बदबूदार फ़ार्ट से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?

  • कम-कम खाया जाए और खाना चबाकर खाया जाए, तो अच्छा है.
  • इसके अलावा व्यायाम करना ज़रूरी है, क्योंकि उसकी मदद से खाना पचाना आसान होता है. जब आप जल्दी-जल्दी खाते हैं तो ज़्यादा हवा शरीर में जाती है. चहलकदमी करते हुए खाना भी इसलिए मना किया जाता है.
  • ज़्यादा चुइंगम खाने से भी ये दिक्कत पेश आ सकती है. जो लोग दिन भर चुइंगम चबाते रहते हैं, वो ज़्यादा हवा खींचते हैं, जिससे शरीर में गैस ज़्यादा बनती है.
  • ऐसा खाना खाने से बचें जो ज़्यादा गैस पैदा करते हैं. इसके लिए कुछ ख़ास कार्बोहाइड्रेट ज़्यादा ज़िम्मेदार हैं, इनमें फ़्रुक्टोज़, लैक्टोज़, इनसॉल्यूबर फ़ाइबर और स्टार्च शामिल हैं. ये सभी चीज़ें आंत में जाती हैं और बाद में खाना पचाने में समस्याएं पैदा करती हैं.

  • सोडा, बीयर और दूसरे कार्बोनेटेड बेवरेज भी शरीर में गैस बनाने का काम करते हैं. इनमें जो बुलबुले उठते हैं, वो शरीर में जाकर फ़ार्ट में बदल सकते हैं. इनमें से कुछ हवा डाइजेस्टिव ट्रैक्ट तक पहुंच जाती है और रेक्टम के ज़रिए बाहर निकल जाती है. इनके स्थान पर पानी, चाय, वाइन या जूस पिया जा सकता है.
  • हमारे पाचन तंत्र में ऐसे स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया होते हैं जो खाना पचाने का काम करते हैं. लेकिन इनमें से कुछ हाइड्रोजन गैस को ज़्यादा असरदार तरीके से ख़त्म करते हैं. प्रोबायोटिक फ़ूड ऐसे ही बैक्टीरिया पाए जाते हैं.
  • सिगरेट ज़्यादा पीने वालों को भी गैस की दिक्कत होती है. इसके अलावा जब मल ज़्यादा वक़्त तक मलाशय में रहता है तो उसका सड़ना तय है और तब गैस ज़्यादा बनती है. यही वजह है कि पेट ख़राब होने पर मल आम दिनों से ज़्यादा दुर्गंध लिए होते हैं.

लेकिन डॉक्टर के पास कब जाएं?

गैस बनना या ज़्यादा हवा पास करना कोई गंभीर बात नहीं है. लाइफ़ स्टाइल में ज़रा-बहुत बदलाव या आम दवाइयों से भी ये ठीक हो जाता है.

लेकिन कई बार ऐसा होता है कि इसके साथ दूसरे साइन नज़र आते हैं.

अगर ये सब लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है:

  • दर्द

  • चक्कर आना

  • उल्टी आना

  • डाइरिया

उम्मीद है ये कहानी पढ़ने के बाद अगर आपको कोई पाद या फ़ार्ट से मुश्किल में डालेगा तो गुस्से के साथ-साथ आप उसकी तकलीफ़ भी कुछ हद तक समझेंगे.

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ज्यादा पाद निकलने से क्या होता है?

ऐसा कहा जाता है कि दिन में 25 बार तक पाद मारना बिल्कुल सामान्य होता है। हालांकि इससे ज्यादा गैस पास करनेको बहुत ज्यादा माना जाता है। अगर आप सामान्य के मुकाबले ज्यादा पाद मार रहे हैं तो यह पेट फूलने, सूजन व दर्द और डकार जैसे लक्षणों के साथ आपको परेशान कर सकता है।

पेट की गैस को तुरंत कैसे खत्म करें?

गैस से कैसे पाएं छुटकारा हर्बल टी के सेवन से भी पेट की गैस से तुरंत राहत मिल सकती है. ऐसे में आप विकल्प के रूप में पुदीना, अदरक या कैमोमाइल टी का सेवन कर सकते हैं. जीरा और सौंफ की चाय भी पेट में गैस की समस्या को दूर कर सकती है. ऐसे में आप चाय बनाकर गुनगुना करके इस समस्या से राहत पा सकते हैं.

ज्यादा गैस बनने से कौन सी बीमारी होती है?

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गैस की समस्या बवासीर, वजन कम होना, कब्ज, डायरिया और उल्टी या मतली जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। आपके पाचन तंत्र में गैस पाचन की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। डकार लेना या फार्ट पेट की अतिरिक्त गैस से छुटकारा पाने के सामान्य तरीके हैं।