१५० साल पुराने इन शब्दों को अब कौन समझता है?
भोपाल। अगर आपका पुलिस-कोर्ट से वास्ता पड़ा है, तो ऐसे कई शब्द आपके सामने आए होंगे, जो शायद ही आपके पल्ले पड़े हों। जैसे-जिरह, मुल्तवी, इस्तगासा, तलवी आदि। 1860 में बनी आईपीसी(Indian Penal Code) यानी भारतीय दंड संहिता में ये शब्द शामिल किए गए थे। पीढ़ियां बदल गईं, लोगों के बोलचाल के तौर-तरीके बदल गए, लेकिन नहीं बदली तो सरकारी भाषा। दुनिया
भले ही 4जी के जमाने में जी रही हो, लेकिन भारत का पुलिस महकमा अभी भी 150 साल से इन शब्दों के साथ चल रहा है, जो किसी जमाने में हिन्दुस्तान की भाषा होती थी। आइए देखते हैं कि किस तरह के शब्द पुलिस केस में उपयोग होते हैं और उनके हिन्दी और अंग्रेजी में क्या मतलब हैं-
इन उर्दू शब्दों के हिंदी और अंग्रेजी अर्थ भी देखिए...
कोर्ट में हो रहे हैं इस तरह के शब्द प्रयोग उर्दू-हिन्दी-अंग्रेजी
इनका कहना है FIR तो अब पूरी तरह हिन्दी में ही लिखी जा रही है। हम कोशिश करते हैं कि जो शब्द अब प्रचलन में हैं, उन्हीं का उपयोग करें। हालांकि कुछ शब्द तो हमें जैसे के तैसे ही लेने पड़ते हैं। न्यायालय में बहुत सारे शब्द उर्दू के ही इस्तेमाल होते हैं। जिलास्तर पर तो हिन्दी और अंग्रेजी में काम हो जाता है, लेकिन तहसील स्तर पर 75% उर्दू के ही शब्द इस्तेमाल होते हैं। उत्तरप्रदेश में तो 75% कामकाज उर्दू में ही होता है। हमारे एक साथी
के पास कानपुर से नोटिस आया है, जिसे पढ़ने में ही पसीने छूट रहे हैं, तो वे उसका जवाब क्या दें? |