कोर्ट में प्रयोग होने वाले शब्द - kort mein prayog hone vaale shabd

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१५० साल पुराने इन शब्दों को अब कौन समझता है?

भोपाल। अगर आपका पुलिस-कोर्ट से वास्ता पड़ा है, तो ऐसे कई शब्द आपके सामने आए होंगे, जो शायद ही आपके पल्ले पड़े हों। जैसे-जिरह, मुल्तवी, इस्तगासा, तलवी आदि। 1860 में बनी आईपीसी(Indian Penal Code) यानी भारतीय दंड संहिता में ये शब्द शामिल किए गए थे। पीढ़ियां बदल गईं, लोगों के बोलचाल के तौर-तरीके बदल गए, लेकिन नहीं बदली तो सरकारी भाषा।

दुनिया भले ही 4जी के जमाने में जी रही हो, लेकिन भारत का पुलिस महकमा अभी भी 150 साल से इन शब्दों के साथ चल रहा है, जो किसी जमाने में हिन्दुस्तान की भाषा होती थी।
कोर्ट और पुलिस अभी भी अपराध को उर्दू में गुनहे किताब लिखती है। संदेशवाहक प्यादा कहलाता है।

आइए देखते हैं कि किस तरह के शब्द पुलिस केस में उपयोग होते हैं और उनके हिन्दी और अंग्रेजी में क्या मतलब हैं-

  • गुनहे किताब-यह उर्दू का शब्द है। इसका उपयोग अपराध के लिए किया जाता है। अंग्रेजी में इसे क्राइम कहते हैं।
  • पतारसी-अपराध की विवेचना में इस शब्द का उपयोग होता है। इसका मतलब है कि अपराध को ज्ञात करने के प्रयास जारी हैं।
  • रोजनामचा आम-यह पुलिस का सबसे सीक्रेट दस्तावेज होता है। इस रजिस्टर में थाने की हर गतिविधि लिखी होती है।
  • हिकमत अमली-केस की बारीकी से छानबीन करने को हिकमत अमली कहते हैं। इसे अंग्रेजी में टेक्टफुल डीलिंग कहते हैं।
  • देहाती नालसी-किसी भी थाने में जीरो पर प्रथम सूचना पत्र को देहाती नालसी कहते हैं।
  • खात्मा-जब चालान की फाइनल रिपोर्ट में कोई सुराग नहीं मिलता, तो खात्मा हो जाता है। इसे एफआर लिखा जाता है।
  • खारिजी-जब चालान की फाइनल रिपोर्ट में यह साबित होता है कि रिपोर्ट झूठी है, तो खारिजी हो जाती है। इसे ईआर लिखा जाता है। इसमें झूठी रिपोर्ट करने वाले पर आईपीसी के सेक्शन 182 और 211 के तहत मुकदमा दर्ज होता है।
  • हवाले साना-संदर्भित प्रविष्टि इसका प्रयोग रोजनामचा में किया जाता है। जब भी पुलिस किसी कार्रवाई के लिए जाती है, तो उसकी रवानगी डालने को हवाले साना लिखा जाता है।
  • माल वाजयाफ्ता-अपराधी से माल बरामद होने को माल वाजयाफ्ता कहा जाता है।

इन उर्दू शब्दों के हिंदी और अंग्रेजी अर्थ भी देखिए...

  1. मुचलका-बंधपत्र-बांड।
  2. जमानत-प्रतिभूति-बेल।
  3. इश्तिहार-उद्घोषणा-डिक्लेयरेशन।
  4. तहरीर-पत्र-लेटर।
  5. हिरासत-गिरफ्तारी-अरेस्टिंग।
  6. फरियादी-प्रार्थी-कंपलेंटेंट।
  7. मुल्जिम-आरोपी-एक्यूज्ड।
  8. मुलाजिम-कर्मचारी-एम्प्लाई।

कोर्ट में हो रहे हैं इस तरह के शब्द प्रयोग

उर्दू-हिन्दी-अंग्रेजी

  1. इस्तगासा-परिवाद-कंपलेंट।
  2. मुल्तवी- स्थगित-एडजॉर्नड।
  3. जिरह- प्रति परीक्षण- क्रास।
  4. इजरा- क्रियान्वयन -एक्जीक्यूशन।
  5. तलवी-सूचना प्रेषित-प्रोसेस फॉर नोटिस।
  6. किता-संख्या-नंबर।
  7. साहिल-पक्षकार-पार्टी।
  8. प्यादा-सूचना कर्मचारी-प्रोसेस सर्वर।
  9. हाजिर-उपस्थित-प्रेजेंट।
  10. मुंसिफ-दीवानी-सिविल।
  11. फौजदारी-आपराधिक-क्रिमिनल।
  12. जाहिर-खुली सूचना-आेपन इन्फार्मेशन।
  13. सबब-कारण-रीजन।
  14. दरख्वास्त-आवेदन-एप्लीकेशन।

इनका कहना है

FIR तो अब पूरी तरह हिन्दी में ही लिखी जा रही है। हम कोशिश करते हैं कि जो शब्द अब प्रचलन में हैं, उन्हीं का उपयोग करें। हालांकि कुछ शब्द तो हमें जैसे के तैसे ही लेने पड़ते हैं।
बृजेश भार्गव, टीआई, एमपीनगर

न्यायालय में बहुत सारे शब्द उर्दू के ही इस्तेमाल होते हैं। जिलास्तर पर तो हिन्दी और अंग्रेजी में काम हो जाता है, लेकिन तहसील स्तर पर 75% उर्दू के ही शब्द इस्तेमाल होते हैं। उत्तरप्रदेश में तो 75% कामकाज उर्दू में ही होता है। हमारे एक साथी के पास कानपुर से नोटिस आया है, जिसे पढ़ने में ही पसीने छूट रहे हैं, तो वे उसका जवाब क्या दें?
साधना पाठक, एडवोकेट